
विश्रामावकाश विभाग में कार्यरत शैक्षणिक संवर्गों को अवकाश की सुविधा || वित्त विभाग का 16 जून 2008 का आदेश
मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के पूर्व में जारी किए गए आदेश में मुख्यतः छह बिंदुओं में विवरण दिया गया है। दिशा निर्देश में जो जानकारी दी गई है, उसे अक्षरशः नीचे पढ़ें।
मध्य प्रदेश शासन वित्त विभाग के 16 जून 2008 दिशा निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि दिनांक 16 सितंबर 1980 के द्वारा राज्य शासन ने अपने कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के समय उनके खाते में जमा अर्जित अवकाश के नगदीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई है, जिसकी अधिकतम सीमा 240 दिन है। विश्रामावकाश विभाग के शैक्षणिक संवर्गों जिन्हें विश्रामावकाश अवधि में ड्यूटी पर बुलाये जाने के फलस्वरूप अवकाश के बदले देय अर्जित अवकाश को सेवा निवृत्ति के समय नगरीकरण का प्रस्ताव शासन के विचाराधीन था। उपरोक्त के संबंध में राज्य शासन द्वारा विचारोपरांत निर्णय लिया गया है कि
(1) अर्जित अवकाश की गणना के प्रयोजन हेतु विश्रामावकाश की अवधि 45 दिन निर्धारित की जाती है। डयूटी पर रहने से विश्रामावकाश का लाभ लेने से वंचित होने की स्थिति में अर्जित अवकाश की पात्रता 30 दिन को अधिकतम सीमा के अधीन उतने दिन की ही हो जितने दिन ड्यूटी पर रहने से विश्रामावकाश का लाभ नहीं लिया जा सका। यदि अन्य कारणों से अतिरिक्त विश्रामावकाश की सुविधा देय है तो वह अर्जित अवकाश की पात्रता के प्रयोजन हेतु गणना में नहीं ली जाएगी। यह व्यवस्था दिनांक 1 जनवरी 2008 से लागू की जाती है।
(2) दिनांक 1 जनवरी 2008 से पूर्व में प्रकरणों में अर्जित अवकाश को की स्वीकार्यता मध्य प्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 1977 के दिनांक 1 जनवरी 2008 के पूर्व प्रभाव से नियम 27 (2) के अनुसार होगी। अर्थात ऐसे शासकीय कर्मचारी जिसे संपूर्ण विश्राम अवकाश का लाभ उठाने से वंचित कर दिया गया है, स्वीकार्य अर्जित अवकाश 30 दिन के अर्जित अवकाश का वह अनुपात होगा, जो उपभोग न किए गए विश्रामावकाश के दिनों तथा संपूर्ण विश्राम अवकाश के दिनों में से होगा। यदि किसी वक्त विश्रामावकाश का लाभ नहीं उठाया जाता है तो उसके 1 वर्ष के लिए नियम 25 के प्रावधानों के अनुसार अर्जित अवकाश ही कार्य होगा।
(3) विश्रामावकाश विभाग के शैक्षणिक संवर्गों को को विश्रामावकाश का लाभ देने से वंचित होने की स्थिति में उनके खाते में जमा अर्जित अवकाश के नगदीकरण की पात्रता अन्य विभागों के कर्मचारियों के समान दी जाए।
(4) स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शैक्षणिक संवर्ग को को 10 दिन का अतिरिक्त अर्जित अवकाश दिए जाने संबंधी आदेश क्रमांक एफ-44-बी-2 /बीस/97 दिनांक 27 फरवरी 1998 भूतलक्षी प्रभाव से निरस्त किया जाता है। स्कूल शिक्षा विभाग के उक्त आदेश दिनांक 27 फरवरी 1998 के निरस्त होने के फलस्वरूप सेवारत शिक्षकों के अवकाश खातों में आवश्यक सुधार किया जाए। दिनांक 1 जनवरी 2008 के पूर्व सेवानिवृत्त हो सके शिक्षकों के अवकाश खाते पुनः न खोले जाए भले ही उनके स्वत्वों का निराकरण दिनांक 1 जनवरी 2008 के पश्चात किया गया या जाना हो।
(5) शैक्षणिक संवर्गों को विश्रामावकाश से वंचित किए जाने के बदले प्राप्त होने वाले अवकाश का लेखा अर्जित अवकाश के लेखे की तरह ही रखा जाये।
(6) शैक्षणिक संवर्ग को मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक 1642/4106/ नि 1/82 चार दिनांक 17 दिसंबर 1982 के अनुसार ब्लाक अवकाश के अतिरिक्त प्राप्त 10 दिन प्रतिवर्ष के अवकाश का लेखा लघुकृत अवकाश के रूप में ही संधारित किया जाए तथा इस लघुकृत अवकाश के नगदीकरण की पात्रता किसी भी कर्मचारी को नहीं होने से इसके नगदीकरण की सुविधा शैक्षणिक संवर्ग को भी उपलब्ध नहीं होगी।
नीचे दिशा निर्देश की प्रति का अवलोकन करें।
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com
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