
राष्ट्रभाषा जहाँ अन्य भाषा-भाषी राज्यों के बीच सेतु का काम करती है वहीं राजभाषा, राज्य के प्रशासनिक काम-काज को भाषा है।
राजभाषा – वह भाषा जो किसी राज्य के कामकाज की भाषा हो जिससे किसी राज्य के प्रशासनिक कार्य, लेनदेन, व्यवहार, व्यापार आदि होते हों, वह राजभाषा कहलाती है।
राष्ट्र भाषा– वह भाषा जो किसी देश के समस्त भागों, प्रांतों की भाषा हो और सभी प्रांतों एवं समुदायों को एक सूत्र में बाँधने का कार्य करती हो राष्ट्रभाषा कहलाती है।
राष्ट्रभाषा का दायरा बहुत विस्तृत होता है यह पूरे देश की भाषा केवल एक भाषा होती है।
राष्ट्रभाषा जहाँ अन्य भाषा-भाषी राज्यों के बीच सेतु का काम करती है वहीं राजभाषा, राज्य के प्रशासनिक काम-काज को भाषा है। राजभाषा अधिनियम के अनुसार क्षेत्रीय भाषा के साथ-साथ हिन्दी में अनुवाद स्वीकार होता है। राजभाषा से तात्पर्य है, जो राजकीय व्यवहार की भाषा हो। किसी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिल जाने पर उसका महत्व बढ़ जाता है। शासकीय सेवा में उस भाषा का ज्ञान आवश्यक होता है।
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उदाहरण स्वरूप तमिलनाडु में तमिल और महाराष्ट्र में मराठी राजभाषाएँ हैं। मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार, उत्तरप्रदेश आदि में हिन्दी ही राजभाषा है। उनका सरकारी पत्र व्यवहार हिन्दी में होता है।
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