10 राष्ट्र भक्ति गीत (गणतंत्र दिवस सांस्कृतिक कार्यक्रम) || Rashtra Bhakti geet (Rashtriy geet)
गणतंत्र दिवस के सांस्कृतिक कार्यक्रम हेतु महत्वपूर्ण राष्ट्रीय गीतों की श्रंखला यहाँ दी गई है।
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Read moreगणतंत्र दिवस के अवसर पर भाषण किस प्रकार दिए जाने चाहिए? भाषण के मुख्य अंश क्या-क्या होने चाहिए? दिए गए लेख को पूरा पढ़ें।
Read moreगणतंत्र दिवस पर्व में विद्यार्थियों द्वारा किस तरह से भाषण तैयार किया जाना चाहिए? यहाँ पर एक आदर्श प्रारूप दिया गया है।
Read moreहेलो का क्या अर्थ है। इसका संक्षिप्त इतिहास पढ़ें।
Read moreश्री हरितालिका तीजा व्रत कथा के साथ माता पार्वती एवं शिवजी की आरती (Haritalika Teeja Vrat Katha)।
Read moreमध्यप्रदेश में विभिन्न प्रकार की जातियों के लोग निवास करते हैं। प्राचीन काल से इन जातियों के लोगों के पूर्वज अपने-अपने व्यवसाय करते हैं।
Read moreयहाँ अभ्यर्थियों (उम्मीदवारों) के लिए के लिये उनके व्यवहारों (आचरणों) हेतु बिन्दु दिए गए हैं, जिसका विवरण इस प्रकार है-
Read moreकिसी व्यक्ति की जन्म तिथि हिन्दी भाषा में जब अंकों में लिखने के पश्चात शब्दों में (in words) लिखी जाती है तो प्रायः जैसा अंकों में लिखा जाता है उसी तरह से शब्दों में भी लिखा जाता है।
Read moreमध्यप्रदेश शासन सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग मंत्रालय, भोपाल दिव्यांग, कल्याणी एवं अविवाहिता पेंशन स्वीकृति के अधिकारों को प्रत्यायोजित करने के सम्बंध में निर्देश जारी किए हैं।
Read moreसिवनी को 'मोगली' के कारण विश्व में एक पहचान मिली और जब भी इस जिले की ऐतिहासिक क्षेत्र में बात होती है तो 'मोगली' का नाम सामने अवश्य आता है।
Read moreशिक्षक का कार्य केवल पढ़ाना नहीं, ज्ञान के सृजन में सहयोग करना भी होता है ।अपने विषय में दक्ष, तत्व चिंतक, कार्य को संतुष्टि के साथ करने वाला, पक्षपात रहित, अल्प आरंंभी और अल्प परिग्रही, बच्चों को वास्तव में समझने वाला, वात्सल्य गुण का धारक, अपने शिष्यों के प्रति सकारात्मकता रखने वाला, धैर्य पूर्वक सुनने की क्षमता वाला, दर्पण के समान स्वच्छ और विद्यार्थियों के प्रति निष्पक्ष भाव वाला, दोष मार्जक, गंभीर, स्वस्थ, प्रतिफल की इच्छा से रहित, सदैव विद्यार्थी की उन्नति की भावना वाला, निःस्वार्थ और अध्यनशील शिक्षक ही सफल शिक्षण कर सकते हैं। ऐसे शिक्षक की अच्छे विद्यालयों की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं। 'बसंत पंचमी' के दिन विद्या की देवी 'सरस्वती' का पूजन किया जाता है। यह भारतीय संस्कृति में 'विद्यारंभ दिवस' भी है। 'बसंत पंचमी' सरस्वती का 'प्रकटोत्सव दिवस' है। माँ सरस्वती परमचेतना हैं, जो हमारी बुद्धि, प्रज्ञा और मनोवृत्तियों की संरक्षिका है। ज्ञान और कौशल की देवी माँ सरस्वती के 'जन्मदिवस' को 'विद्यालय दिवस' के रूप में देना अंततः भारतीय संस्कृति को प्रोत्साहित करना है।
Read moreHere are some reasons why you have to make your own blogging website from scratch.
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