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विषयवस्तु विवरण



म.प्र. की जातियाँ एवं उनके परम्परागत व्यवसाय (काम-धन्धे) - पिछड़ा वर्ग संवर्ग || MP OBC castes and their traditional occupations.

मध्यप्रदेश में विभिन्न प्रकार की जातियों के लोग निवास करते हैं। प्राचीन काल से इन जातियों के लोगों के पूर्वज अपने-अपने व्यवसाय करते हैं। वर्तमान में सभी जातियों के लोग तरह-तरह का व्यवसाय कर रहे हैं किन्तु पूर्वजों के द्वारा किये जाने वाले व्यवसाय जो कि परमपरागत व्यवसाय (काम-धन्धे) कहलाते हैं। इन्हीं परम्परागत व्यवसायों एवं जातियाँ जो कि पिछड़ा वर्ग (OBC) के अन्तर्गत आती हैं, नीचे क्रमशः जानकारी दी गई है।

1. (i) जाति - अहीर, ब्रजवासी, गवली, गोली, जादव (यादव), बरगाही, बरगाह, ठेठवार, राउत, गोवारी (ग्वारी) गोवरा, गवारी, ग्वारा, गोवारी महाकुल (राउत) महकुल, गोप ग्वाली, लिंगायत गोपाल।
(ii) व्यवसाय - पशुपालन व दूध विक्रेता का व्यवसाय करने वाली जाति।
टीप - यादव अहीर जाति की उपजाति के रूप में शामिल की गई है अधिकांश अहीर व उसकी उपजातियां अपने को यादव कहती हैं व लिखती है, यादव राजपूत इसमें शामिल नहीं है। यह जाति म.प्र. के इंदौर एवं खंडवा जिलों में निवासरत है।

2. (i) जाति - असारा, असाड़ा।
(ii) व्यवसाय - कृषि कार्य।

3. (i) जाति - बैरागी (वैष्णव)।
(ii) व्यवसाय - धार्मिक भिक्षावृत्ति करने वाली जाति।
टीप - वैष्णव को बैरागी की उपजाति के रूप में शामिल किया गया है, ब्राम्हण जाति के बैरागी शामिल नहीं किये गये हैं।

4. (i) जाति - बंजारा, बंजारी, मथुरा, नायक, नायकड़ा, धरिया लभाना, लबाना, लामने।
(ii) व्यवसाय - घुम्मकड़ बैलों को हाँककर व्यवसाय करने वाली जाति।
टीप - नायक को बंजारा जाति की उपजाति के रूप में सम्मिलित किया है, नायक ब्राम्हण शामिल नहीं है।

5. (i) जाति - बरई, तमोली, तम्बोली, कुमावट, कुमावत, बारई, चौरसिया।
(ii) व्यवसाय - पान उत्पादक व विक्रेता।
टीप - बरई तथा तमोली जाति के लोग अपने को चौरसिया कहते हैं।

6. (i) जाति - बढ़ई, सुतार, दवेज, कुन्देर (विश्वकर्मा)।
(ii) व्यवसाय - कृषि कार्य हेतु लकड़ी के औजार बनाना, लकड़ी का फर्नीचर तैयार करना।
टीप - विश्वकर्मा को बढई की उपजाति के रूप में सम्मिलित किया गया है।

7. (i) जाति - बारी।
(ii) व्यवसाय - पत्तों से पत्तल बनाने वाली जाति।

8. (i) जाति - वसुदेव, वसुदेवा, वासुदेव, वासुदेवा, हरबोला कापड़िया, कापड़ी, गोधली, थारवार।
(ii) व्यवसाय - विरुदावली गाना एवं बैल भैंसा का व्यापार करना व धार्मिक भिक्षावृत्ति।
टीप - इस क्रमांक में वसुदेव जाति की सभी उपजातियों को शामिल किया गया।

9. (i) जाति - भड़भूंजा, भुंजवा, भुर्जी, घुरी या घूरी।
(ii) व्यवसाय - चना लाई ज्वार इत्यादि खाद्यान्न का भाड़ में भूंजना।
टीप - इसमें वैश्य जाति से अपने को संबद्ध करने वाली जाति शामिल नहीं है।

10. (i) जाति - भाट, चारण, सुतिया, सालवी, राव, जनमालोंधी, जसोंधी, मरूसोनिया।
(ii) व्यवसाय - राजा के सम्मान में प्रशंसात्मक कविता पाठ व विरुदावली का गायन करना।

11. (i) जाति - छीपा, भावसार, नीलगर, जीनगर, निराली, रंगारी, मनधाव।
(ii) व्यवसाय - कपड़ों में छपाई व रंगाई।

12. (i) जाति - ढीमर, भोई, कहार, कहरा, धीवर/ मल्लाह / नावडा/ तुरहा, केवट, (कश्यप, निषाद, रायकवार, बाथम), कीर, ब्रितिया (वृत्तिया) सिंगरहा जालारी, सोंधिया।
(ii) व्यवसाय - मछली पकड़ना, पालकी ढोना, घरेलू नौकरी करना, सिंघाड़ा व कमल गटआ उगाना, पानी भरना, नाव चलाना।
टीप - (क) बाथम, कश्यप, रायकवार, भोई जाति की उपजातियां इसी रूप में सम्मिलित की गयी है।
(ख) राजगढ़, गुना, शाजापुर उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, नीमच, धार, इंदौर, झाबुआ एवं अलीराजपुर जिलों में निवासरत सौंधिया जाति का परंपरागत व्यवसाय कृषि कार्य एवं पशुपालन है, इसमें राजपूत शामिल नही होंगे।

13. (i) जाति - पंवार, पोवार, भोयर, भोयार।
(ii) व्यवसाय - कृषि एवं कृषि मजदूरी।
टीप - इसमें पंवार / पवार राजपूत शामिल नहीं।

14. (i) जाति - भुर्तिया, भुतिया।
(ii) व्यवसाय - पशुपालन व दुग्ध व्यवसाय।

15. (i) जाति - भोपा, मानभाव।
(ii) व्यवसाय - धार्मिक भिक्षावृत्ति।
टीप - इस जाति का वह समुदाय जो गैर ब्राहम्ण है, सूची में शामिल किया गया।

16. (i) जाति - भटियारा
(ii) व्यवसाय - भट्टी लगाकर सार्वजनिक उपयोग के लिये खाद्य पदार्थ तैयार करना है।

17. (i) जाति - चुनकर, चुनगर, कुलबंधया, राजगिर।
(ii) व्यवसाय - चूना गारा का कार्य करने व भवन निर्माण इत्यादि में कारीगरी का कार्य करना।

18. (i) जाति - चितारी।
(ii) व्यवसाय - दीवालों पर चित्रकारी करना।

19. (i) जाति - दर्जी, छीपी, छिपी, शिपी., मावी, (नामदेव)।
(ii) व्यवसाय - कपड़ा सिलाई करना।

20. (i) जाति - धोबी (भोपाल, रायसेन, सीहोर जिलों को छोड़कर) बट्ठी, बरेठा, रजक।
(ii) व्यवसाय - कपड़ा साफ करना।
टीप - धोबी, भोपाल, रायसेन व सीहोर जिले में अनु. जाति में शामिल हैं।

21. (i) जाति - मीना (रावत) देशवाली, मेवाती मीणा (विदिशा जिले की सिरोंज एवं लटेरी तहसील को छोड़कर)।
(ii) व्यवसाय - कृषक।
टीप - रावत मीना जाति की उपजाति है जो ब्राहम्ण नहीं है। मीणा / मीना सिरोज तहसील में अनु. जनजाति में घोषित है।

22. (i) जाति - किरार, किराड़, धाकड़।
(ii) व्यवसाय - कृषक।
टीप - राजपूत इसमें शामिल नहीं है।

23. (i) जाति - गड़रिया, धनगर, कुरमार, हटगर हटकर, हाटकार, गाडरी, धारिया, घोषी (गड़रिया) गारी, गायरी, गड़रिया (पाल बघेले)
(ii) व्यवसाय - भेड़ बकरी पालना।
टीप - गड़रिया जाति व उसकी उपजातियाँ अपने को पाल व बघेले भी कहते हैं पाल व बघेले गड़रिया जाति को उप जाति के रूप में शामिल किये गये हैं. बघेल राजपूत पिछड़ी जाति में शामिल नहीं हैं।

24. (i) जाति - कडेरे, धुनकर, धुनिया, धनका, कोड़ार।
(ii) व्यवसाय - कपास की रुई धुनकने का कार्य करना कडेरे आतिशबाजी बनाने का कार्य भी करते हैं।

25. (i) जाति - कोष्टा कोष्टी (देवांगन ) कोष्टा, माला, पदमशाली, साली, सुतसाली सलेवार, सालवी, देवांग, कोरकाटी, कोरकाटी (लिंगायत) गढ़वाल गढ़वाल, गरेवार, गरवार, बुकर, कोल्हाटी।
(ii) व्यवसाय - बुनकर।
टीप - इस समूह में सम्मिलित बुकर कोल्हाटी कर्तव्य व कसरत का प्रदर्शन करते हैं।

26. (i) जाति - धोली/डफाली/ड़फली / ढोली, दमामी, गुरव।
(ii) व्यवसाय - गांव पुरोहित का कार्य शिव मंदिरों में पूजा व उपजातियाँ ढोल बजाने का कार्य करती है।
टीप - इस समूह में ब्राम्हण समूह शामिल नहीं है।

27. (i) जाति - गुसाई, गोस्वामी।
(ii) व्यवसाय - धार्मिक भिक्षावृत्ति, मंदिरों में महंती।
टीप - ब्राम्हण जाति से संबंधित कहने वाले लोग इस समूह में सम्मिलित नहीं है।

28. (i) जाति - गूजर (गुर्जर)।
(ii) व्यवसाय - कृषक, पशुपालन।
टीप - राजपूत व क्षत्रिय कहलाने वाले सम्मिलित नहीं है।

29. (i) जाति - लोहार, लुहार, लोहपीटा, गड़ोले, हुंगा लौहार, लोहपटा, गड़ोला, लोहार (विश्वकर्मा)।
(ii) व्यवसाय - लोहे के औजार बनाने का कार्य करना।
टीप - विश्वकर्मा में ब्राम्हण वर्ग सम्मिलित नहीं हैं।

30. (i) जाति - गारपगारी, नाथ-जोगी, जोगीनाथ, हरिदास।
(ii) व्यवसाय - गारपगारी ओलावृष्टि की रोक करके फसल की रक्षा का कार्य करते हैं। जोगी व इस समूह की अन्य जातियाँ धार्मिक भिक्षावृत्ति का व्यवसाय करते हैं।
टीप - जोगी धार्मिक भिक्षावृत्ति करते हैं लेकिन इस समूह में जो ब्राम्हण है, वे शामिल नहीं हैं।

31. (i) जाति - घोषी।
(ii) व्यवसाय - भैंस पालक व पशुपालक।
टीप - इसमें राजपूत क्षत्रिय शामिल नहीं है।

32. (i) जाति - सोनार, सुनार, झाणी झाड़ी (स्वर्णकार) अवधिया औधिया, सोनी (स्वर्णकार)।
(ii) व्यवसाय - स्वर्ण एवं चांदी के आभूषण उगढ़ने व बनाने का कार्य करना।
टीप - इस समूह में सोना-चांदी के व्यापारी वर्ग या ज्वेलर्स सम्मिलित नहीं हैं।

33. (i) जाति - (अ) काछ (कुशवाहा, शाक्य, मौर्य) कोयरी या कोइरी (कुशवाहा) पनारा मुराई, सोनकर कोहरी।
(ब) माली (सैनी), मरार, फूलमाली
(ii) व्यवसाय - शाक-सब्जी उत्पादन व साग-सब्जी तथा फूल उत्पादन व बागवानी। कृषि कार्य एवं मजदूरी।
टीप - कुशवाहा काछी कोयरी व कोइरी जाति की उपजाति हैं. काछी जाति के शाक्य व मौर्य भी उपजातियाँ हैं। यह जाति मध्यप्रदेश के बालाघाट एवं सिवनी जिलों में पाई जाती है. कुशवाह राजपूत इसमें शामिल नहीं है।

34. (i) जाति - जोशी (भड्डरी) डकोचा, डकोता।
(ii) व्यवसाय - ज्योतिष का व्यवसाय व शनि का दान लेना।
टीप - शनिदेव के नाम पर भिक्षावृत्ति व मृत्यु दान लेना। जोशी जाति के लोग करते हैं, जोशी ब्राहम्ण इसमें शामिल नहीं हैं।

35. (i) जाति - लखेरा, लखेर कचेरा, कचेर।
(ii) व्यवसाय - लाख का कार्य करना, काँच की चूडियाँ बेचना।

36. (i) जाति - ठठेरा, कसार, कसेरा, तमेरा, तम्बटकर, ओटारी, ताम्रकार, तमेर, घड़वा, झारिया, कसेर।
(ii) व्यवसाय - ताँबा, पीतल व काँसा के बर्तन बनाना।

37. (i) जाति - खातिया, खाटिया, खाती।
(ii) व्यवसाय - कृषक।

38. (i) जाति - कुम्हार (प्रजापति), कुंभार (छतरपुर, दतिया, पन्ना, टीकमगढ, सतना, रीवा, सीधी व शहडोल जिलों को छोड़कर)।
(ii) व्यवसाय - मिट्टी के बर्तन बनाना।
टीप - कुम्हार जाति छतरपुर, दतिया, पन्ना, टीकमगढ, सतना, रीवा, सीधी व शहडोल जिलों में अनुसूचित जाति में शामिल हैं।

39. (i) जाति - कुरमी कुरमार, कुनबी कुर्मी, पाटीदार (कुलमी, कुल्मी, कुलम्बी) कुर्मवंशी, चन्द्राकर, चन्द्रानाहू, कुंभी गवैल (गर्मल) सिरवी।
(ii) व्यवसाय - कृषक, कृषि मजदूरी।

40. (i) जाति - कमरिया।
(ii) व्यवसाय - पशुपालक व दुग्ध विक्रेता।

41. (i) जाति - कौरव, कांवरे।
(ii) व्यवसाय - कृषक।

42. (i) जाति - कलार (जायसवाल ) कलाल, डड़सेना।
(ii) व्यवसाय - मदिरा (शराब) बेचना।

43. (i) जाति - कलौता, कलीटा, कोलता, कोलटा।
(ii) व्यवसाय - कृषक।

44. (i) जाति - लोनिया, लुनिया, ओड़, ओडे, ओड़िया, नौनिया, मुरहा, मुराहा, मुडहा, मुडाहा।
(ii) व्यवसाय - ज्रमक बनाना व साफ करना, मिट्टी खोदना।

45. (i) जाति - नाई (सेन, सविता उसरेटे श्रीवास) महाली, नाव्ही, उसरेटे।
(ii) व्यवसाय - बाल बनाना, विवाह शादी में संस्कार सम्पन्न कराना।
टीप - सेन, सविता श्रीवास, उसरेटे नाई की उपजातियों के रूप में सम्मिलित की गई हैं।

46. (i) जाति - नायटा नायड़ा।
(ii) व्यवसाय - लघु कृषक, कृषि मजदूरी।

47. (i) जाति - पनका, पनिका (छतरपुर, पन्ना, दतिया, टीकमगढ़, सतना, रीवा, सीधी, शहडोल जिलों को छोड़कर)।
(ii) व्यवसाय - मजदूरी करना गाँव की चौकीदारी करना बुनकर।

48. (i) जाति - पटका, पटकी, पटवा।
(ii) व्यवसाय - सिल्क के धागे कपडे सत बनाना।
टीप - जैन धर्म के लोगों को छोड़कर।

49. (i) जाति - लोधी, लोधा, लोध।
(ii) व्यवसाय - कृषक।

50. (i) जाति - सिकलीगर
(ii) व्यवसाय - शस्त्र सफाई लोहे के औजारों की धार तेज करना।

51. (i) जाति - तेली ( ठाठ, साहू, राठौर)।
(ii) व्यवसाय - तेल पेरना व बेचने का व्यवसाय करना।
टीप - तेली जाति के लोग अपने को साहू व राठौर कहते है. राठौर का तेली की उपजाति में सम्मिलित किया गया है, राठौर राजपूत इसमें शामिल नहीं है।

52. (i) जाति - तुरहा, तिरवाली, बड्ड़र।
(ii) व्यवसाय - मिट्टी खोदने का काम करना, पत्थर तरासना।

53. (i) जाति - किसड़ी, कसड़ी।
(ii) व्यवसाय - नाच-गाकर मनोरंजन करने वाले।

54. (i) जाति - बोवरिया।
(ii) व्यवसाय - मजदूरी।
टीप - अनुसूचित जनजाति कोरकू की उपजाति है, बैतूल जिले की भंवरगढ़ क्षेत्र में निवास करती है।

55. (i) जाति - रोतिया रौतिया।
(ii) व्यवसाय - जो कृषि कार्य करती है। पूर्व में सैनिक वृत्ति करती थीं।
टीप - सरगुजा तथा जसपुर क्षेत्र में पाई जाती है।

56. (i) जाति - मानकर, नहाल।
(ii) व्यवसाय - जंगली जनजाति मजदूरी करना।
टीप - मैनकर की उपजाति निहाल अनुसूचित जनजाति में शामिल है।

57. (i) जाति - कोटवार, कोटवाल (भिण्ड, घार, देवास, गुना ग्वालियर, इन्दौर, झाबुआ, खरगौन, मंदसौर मुरैना, राजगढ, रतलाम, शाजापुर, शिवपुरी, उज्जैन एवं विदिशा जिलों को छोड़कर)।
(ii) व्यवसाय - ग्राम चौकीदारी।
टीप - कोटवाल जाति की भिण्ड, धार, देवास, गुना ग्वालियर, इन्दौर, झाबुआ, खरगौन, मंदसौर, मुरैना, राजगढ, रतलाम, शाजापुर, शिवपुरी, उज्जैन एवं विदिशा जिलों में अनुसूचित जाति में शामिल किया गया है।

58. (i) जाति - खैरुवा।
(ii) व्यवसाय - कत्था बनाना।
टीप - खैरुवा, खैरवार की उपजाति है। खेरवार अनु. जनजाति में शामिल हैं।

59. (i) जाति - लोढा (तंबर)।
(ii) व्यवसाय - कृषक, मजदूरी, लकड़ी बेचकर जीवन यापन करना।

60. (i) जाति - मोवार।
(ii) व्यवसाय - जंगली जानवरों का शिकार व मजदूरी।
टीप - एक अघोषित आदिम जजा।

61. (i) जाति - रजवार।
(ii) व्यवसाय - कृषक, कृषि मजदूरी।

62. (i) जाति - अघरिया।
(ii) व्यवसाय - कृषक, कृषि मजदूरी।
टीप - यह जाति अगरिया जनजाति से भिन्न जाति है।

63. (i) जाति - तिउर, तूरी।
(ii) व्यवसाय - मछली पकड़ना एवं इसका व्यवसाय करना नाविक बांस एवं बैंत का सामान बनाने का कार्य करना।

64. (i) जाति - भारूड़।
(ii) व्यवसाय - पशुओं की पीठ पर लदान द्वारा माल ढोना।
टीप - मुगलकाल में फौज की रसद ढोने का कार्य भी करते थे।

65. (i) जाति - सुत सारथी-सईस/सहीस।
(ii) व्यवसाय - घोड़ों की देखरेख, घोड़ागाडी हाँकना।

66. (i) जाति - तेलंगा, तिलगा।
(ii) व्यवसाय - कृषि श्रमिक।
टीप - जंगली आदिम जाति जो तेलुगु भाषी है। विशेषकर बस्तर जिलें में पाई जाती हैं।

67. (i) जाति - राघवी।
(ii) व्यवसाय - कृषि कार्य करना।

68. (i) जाति - रजभर, राजभर।
(ii) व्यवसाय - कृषि मजदूरी।

69. (i) जाति - खारोल।
(ii) व्यवसाय - कृषि मजदूरी।

70. (i) जाति - विलोपित।
टीप - विलोपित

71. (i) जाति - गोलान, गवलान, गौलान।
(ii) व्यवसाय - गाय, भैंस पालना और दूध का व्यवसाय करना।

72. (i) जाति - रज्जड़, रजझड़।
(ii) व्यवसाय - कृषि मजदूरी।

73. (i) जाति - जादम।
(ii) व्यवसाय - कृषि मजदूरी।

74. (i) जाति - दांगी / डांगी।
(ii) व्यवसाय - कृषक।
टीप - राजपूत इस सूची में सम्मिलित नहीं है।

75. (i) जाति - गयार / परधनिया।
(ii) व्यवसाय - कृषि मजदूर एवं पालतू पक्षी पकड़कर बेचने वाले।
टीप - रायगढ जिले में अधिकतर पाये जाते हैं।

76. (i) जाति - कुड़मी।
(ii) व्यवसाय - कृषक।
टीप - अधिकतर बैतूल जिले में निवास करते हैं।

77. (i) जाति - मेर।
(ii) व्यवसाय - कृषि मजदूर।
टीप - गुना जिले में आबाद हैं।

78. (i) जाति - वया महरा / कौशल, वया।
(ii) व्यवसाय - बुनकर।
टीप - अधिकांशतः दुर्ग जिले में निवास करते हैं।

79. (i) जाति - पिंजारा (हिन्दू)।

80. (i) जाति - विलोपित

81. (i) जाति - अनुसूचित जातियाँ जिन्होंने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया है।
(ii) व्यवसाय - पेशा वही है जो धर्म परिवर्तन के पूर्व करते आ रहे हैं।
टीप - अनु जातियाँ जिन्होंने ईसाई व बौद्ध धर्म करते आ रहे हैं। स्वीकार कर लिया है, उनको आयोग द्वारा पिछड़े वर्ग में शामिल कर लिया गया है।

82. (i) जाति - अंजना।

83. (i) जाति - थोरिया।

84. (i) जाति - गेहलोत मेवाड़ा।

85. (i) जाति - रेवारी

86. (i) जाति - रूवाला / रूहेला।

87. (i) जाति - बेसवार।
(ii) व्यवसाय - कृषि एवं कृषि मजदूरी करना।

88. (i) जाति - वाणी।
(ii) व्यवसाय - आदिवासी अंचलों में वनोपज का | व्यवसाय एवं ग्रामीण अंचलों में लगने वाले हाट बाजारों में सड़क के किनारे दुकाने लगाने का छोटा मोटा व्यवसाय करने वाले।

89. (i) जाति - विश्नोई, जाट।
(ii) व्यवसाय - कृषि एवं कृषि मजदूरी।

90. (i) जाति - राठौर जाति।
(ii) व्यवसाय - कृषि एवं कृषि मजदूरी।
टीप - 1. यह जाति मध्यप्रदेश में मुख्यतः डिण्डौरी, उमरिया व शहडोल जिलों में निवासरत है। 2. क्षत्रिय राजपूत राठौर इसमें शामिल नहीं होंगे।

91. (i) जाति - बहावलपुरी।
(ii) व्यवसाय - कृषि, मजदूरी।
टीप - पाकिस्तान के बहावलपुर प्रान्त से विस्थापित होकर सीहोर शहर व बुदनी नगर में बसाये गये मूल परिवार के लोगों को पिछड़ा वर्ग मान्य किया जाता है।

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SC एवं ST वर्ग में सम्मिलित जातियाँ

92. मुस्लिम धर्मावलम्बी वर्ग / समूह

(1) (i) जाति - रंगरेज।
(ii) व्यवसाय - कपड़ों की रंगाई।
टीप - हिन्दू छीपा जाति के समान व्यवहार।

(2) (i) जाति - भिश्ती, अब्बासी "सक्का"।
(ii) व्यवसाय - पानी भरने का काम।
टीप - हिन्दुओं की कहार जाति के समान धंधा।

(3) (i) जाति - छीपा।
(ii) व्यवसाय - कपड़ों में छपाई करना।
टीप - हिन्दू छीपा जाति के समान व्यवहार।

(4) (i) जाति - हेला।
(ii) व्यवसाय - सफाई का कार्य।
टीप - हिन्दू मेहत्तर जाति की तरह कार्य।

(5) (i) जाति - भटियारा।
(ii) व्यवसाय - भोजन बनाने का कार्य।

(6) (i) जाति - धोबी।
(ii) व्यवसाय - कपडा धोने का कार्य।
टीप - हिन्दुओं की धोबी जाति के समान व्यवस्था।

(7) (i) जाति - मेवाती।
(ii) व्यवसाय - कृषि, पशुपालन कार्य के समान कार्य।
टीप - हिन्दू मेवैंती जाति के समान कार्य।

(8) (i) जाति - पिंजारा, नद्दाक, बेहना, धुनिया, धुनकर, फकीर, शाह, सांई, कब्रखोद।
(ii) व्यवसाय - रुई धुनाई का कार्य भिक्षावृत्ति एवं कब्र खोदना।
टीप - हिन्दुओं को कडेरा जाति के समान।

(9) (i) जाति - कुंजड़ा, राईन।
(ii) व्यवसाय - साग सब्जी फल इत्यादि बेचना।
टीप - हिन्दुओं की काछी जाति के समान साग सब्जी का कार्य।

(10) (i) जाति - मनिहार।
(ii) व्यवसाय - काँच की चूड़ियाँ व बिसैंत खाने का सामान बेचना।
टीप - हिन्दुओं की कचेर जाति के समान धंधा।

(11) (i) जाति - कसाई, कस्साव।
(ii) व्यवसाय - पशुओं का वध एवं उनका मांस / गोश्त बेचने का कार्य।
टीप - हिन्दू खटिक जाति के समान धंधा।

(12) (i) जाति - मिरासी।
(ii) व्यवसाय - विरुदावली यशोगान का वर्णन करना।
टीप - हिन्दू भाट जाति के तरह पेशा।

(13) (i) जाति - मिरधा।
(ii) व्यवसाय - चौकीदारी / रखवाली।
टीप - हिन्दुओं की मिरधा की तरह व्यवसाय।

(14) (i) जाति - बढई (कारपेन्टर), खरादी कमलीगर।
(ii) व्यवसाय - लकड़ी का सामान एवं फर्नीचर बनाने का काम। खरादी कमलीगर लकड़ी पर खरादी कर कार्य तथा लाख का कार्य करना।
टीप - हिन्दू बढई जाति के समान पेशा।

(15) (i) जाति - हज्जाम (बारबर)।
(ii) व्यवसाय - बाल बनाने का कार्य।
टीप - हिन्दुओं की नाई जाति के समान पेशा करने वाले।

(16) (i) जाति - हम्माल।
(ii) व्यवसाय - वजन ढोना व पल्लेदारी करना।

(17) (i) जाति - मोमिन जुलाहा (वे जुलाहे जो मोमिन हैं)।
(ii) व्यवसाय - कपड़ा बुनाई का कार्य।
टीप - हिन्दू कोस्टी/कोष्टा जाति के समान पेशा।

(18) (i) जाति - लुहार, नागौरी।
(ii) व्यवसाय - लोहे के औजार व अन्य सामान बनाना।
टीप - हिन्दुओं के लुहार/लोहार जाति की तरह पेशा करने वाले।

(19) (i) जाति - तड़वी।
(ii) व्यवसाय - कृषि कार्य।

(20) (i) जाति - बंजारा।
(ii) व्यवसाय - घुमक्कड़ जाति / समूह बैलगाड़ी से सामान ढोना तथा पशुओं को बेचने का व्यवसाय।
टीप - हिन्दुओं में बंजारा जाति के समान व्यवसाय।

(21) (i) जाति - मोची।
(ii) व्यवसाय - चमड़े के जूते चप्पल आदि बनाना।
टीप - हिन्दुओं में चमार जाति के समान व्यवसाय करने वाले।

(22) (i) जाति - तेली, नायता, पिंडारी (पिंडारा) कांकर।
(ii) व्यवसाय - कोल्हू से पेरकर तेल निकालना व बेचना।
टीप - हिन्दू तेली जाति के समान पेशा करने वाले।

(23) (i) जाति - पेमदी।
(ii) व्यवसाय - पेड़ पौधों की कलम लगाने का धंधा।

(24) (i) जाति - कलईगर।
(ii) व्यवसाय - बर्तनों व अन्य सामान में कलई करना।

(25) (i) जाति - नालबन्द।
(ii) व्यवसाय - बैलों व घोड़ों के पैरों में नाल बांधने का काम।

(26) (i) जाति - शीशगर।

(27) (i) जाति - गोली।
(ii) व्यवसाय - पशुपालन व दूध विक्रेता का व्यवसाय करना।
टीप - क्रमांक-1 पर हिन्दू गोली के समकक्ष जाति।

(28) (i) जाति - राजगीर।
(ii) व्यवसाय - ईंट की जुड़ाई चूनागारा भवन निर्माण कार्य करना।
टीप - क्रमांक-17 पर हिन्दू राजगिर के समकक्ष जाति।

(29) (i) जाति - डफाली।
(ii) व्यवसाय - मांगना।
टीप - क्रमांक- 26 पर हिन्दू ड़फाली के समकक्ष जाति।

(30) (i) जाति - घोषी व गवली, गोली
(ii) व्यवसाय - दूध बेचना व पशु चराना।
टीप - क्रमांक-31 पर हिन्दू घोषी के समकक्ष जाति।

(31) (i) जाति - सिकलीगर।
(ii) व्यवसाय - आजारों पर धार लगाना।
टीप - क्रमांक 50 पर हिन्दू सिकलीगर के समकक्ष जाति।

(32) (i) जाति - संतरास।
(ii) व्यवसाय - पत्थर की जुड़ाई एवं कटाई।
टीप - सूची क्रमांक-52 पर हिन्दुओं के समकक्ष मुस्लिम संतरास पत्थर तराशने का कार्य करते हैं।

(33) (i) जाति - नट।
(ii) व्यवसाय - कलाबाजी दिखाना।
टीप - अनुसूचित जाति में सम्मिलित नट जाति के समक्ष जाति।

(34) (i) जाति - शेख मेहतर।
(ii) व्यवसाय - सफाई करना। कामगार के रूप में कार्य।
टीप - अनुसूचित जाति में सम्मिलित हिन्दू मेहतर के समकक्ष जाति।

(35) (i) जाति - नियारगर।
(ii) व्यवसाय - सुनार व सड़क की धूल कचरे व नदी नाले की मिट्टी एकत्रित कर उसे धोकर उसमें से धातू को एकत्रित कर सुनारों के पास बेंचना।

(36) (i) जाति - मुकेरी, मकरानी।
(ii) व्यवसाय - पशुपालन, कृषि तथा मजदूरी।

(37) (i) जाति - गद्दी।
(ii) व्यवसाय - पशु पालन एवं पशु व्यवसाय।

(38) (i) जाति - भांड, नक्काल।
(ii) व्यवसाय - पशु पालन एवं पशु व्यवसाय।

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I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com

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