व्यक्तित्व और उसका मापन | व्यक्तित्व की परिभाषाएं इसके अंग, निर्धारक तत्व, अंतर्मुखी एवं बहिर्मुखी व्यक्तित्व, संतुलित व्यक्तित्व | Personality and its measurement introvert and extrovert personality
इस लेख में शिक्षक चयन परीक्षाओं की तैयारी के लिए व्यक्तित्व मापन इसकी प्रविधियाँ ,अंतर्मुखी एवं बहिर्मुखी व्यक्तित्व के बारे में जानकारी दी गई है।
Read moreबहुआयामी बुद्धि (Multi-Dimensional Intelligence) किसे कहते हैं | बहुआयामी बुद्धि सिद्धांत | बहुआयामी बुद्धि से लाभ
इस लेख में शिक्षक चयन परीक्षाओं की तैयारी हेतु बालविकास एवं शिक्षाशास्त्र के अंतर्गत बहुआयामी बुद्धि क्या होती है इसके बारे में विस्तार के साथ जानकारी दी गई है।
Read moreसौन्दर्य विकास (aesthetic development) क्या है? | सौन्दर्य विकास के सिद्धांत, लक्ष्य, विषय क्षेत्र, पाठ्यचर्या एवं गतिविधियाँ | सौन्दर्य विकास को प्रभावित करने वाले कारक
इस लेख में सौन्दर्य विकास (aesthetic development) क्या है? सौन्दर्य विकास के सिद्धांत, लक्ष्य, विषय क्षेत्र, पाठ्यचर्या एवं गतिविधियाँ और सौन्दर्य विकास को प्रभावित करने वाले कारकों के बारे में जानकारी दी गई है।
Read moreसृजनात्मक विकास (Srijnatmak Vikas) क्या है? | सृजनात्मकता (Rachanashilta) का महत्व | बच्चों की रचनाशीलता को प्रभावित करने वाले कारक
इस लेख में सृजनात्मक विकास क्या है? बालकों में इसके विकास का महत्व, बालक के सृजनात्मक विकास को प्रभावित करने वाले कारकों के बारे में विस्तार के साथ जानकारी दी गई है।
Read moreनैतिक या मूल्य परक विकास (Moral Development) भिन्न-भिन्न अवस्थाओं में नैतिक विकास || प्रभाव डालने वाले कारक|| TET and CTET exams teachers selection
इस लेख में शिक्षक चयन परीक्षाओं जैसे CTET एवं TET हेतु बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र के अंतर्गत नैतिक अर्थात मूल्य परक विकास के बारे में विस्तार के साथ जानकारी दी गई है।
Read moreSamajik Vikas ka arth, paribhasha kya hai | सामाजिक विकास के अभिकरण एवं इसे प्रभावित करने वाले कारक | CTET TET exams Child development
इस भाग में शिक्षक चयन परीक्षाओं की तैयारी हेतु Samajik Vikas ka arth, paribhasha kya hai सामाजिक विकास के अभिकरण एवं इसे प्रभावित करने वाले कारक के बारे में जानकारी दी गई है।
Read moreभाषा विकास (Lingual Development) | भाषा अर्थ एवं परिभाषा, विकास के चरण एवं प्रभावित करने वाले कारक | Bhasha vikas Teachers Selection (TET CTET) Exam
इस लेख में बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र के अंतर्गत भाषा विकास का अर्थ, परिभाषा, इसके चरण एवं प्रभावित करने वाले कारकों के बारे में जानकारी दी गई है।
Read moreएक शिक्षक के अनुभव की बात—विद्यालय के प्रति अपने बच्चे का भय दूर कैसे करें? || How to overcome your child's fear of school?
अक्सर छोटे बच्चे जिनका नाम विद्यालय में दर्ज कराना हो, उनमें विद्यालय के प्रति भय होता है। इस डर को कैसे दूर किया जाए?
Read moreसंवेग कौन कौन से हैं? संवेगात्मक विकास और इसे विकास को प्रभावित करने वाले कारक || Emotional Development and Factors Affecting Emotional Development
संवेगात्मक विकास मानव जीवन को प्रभावित करता है। जब भी संवेग की स्थिति आती है, व्यक्ति में बैचेनी आ जाती है। वह कुछ असामान्य व्यवहार प्रकट कर सकता है।
Read moreमानसिक विकास एवं मानसिक विकास को प्रभावित करने वाले कारक || mental development and affecting factors of mental development
शिक्षक चयन परीक्षाओं ctet/tet परीक्षाओं की तैयारी के लिए मानसिक विकास एवं मानसिक विकास को प्रभावित करने वाले कारक की जानकारियों को पढ़ें।
Read moreविज्ञान कक्षा 6 वीं अभ्यास प्रश्न पत्र सत्र 2022-23 || Solved Practice Question Paper Science Class 6th Annual Exam 2023
वार्षिक परीक्षा सत्र 2022-23 की तैयारी हेतु कक्षा छठवीं विषय विज्ञान का प्रश्न पत्र यहाँ दिया गया है।
Read moreगामक विकास (Dynamical Development) परिभाषा एवं विशेषताएँ || गामक विकास को प्रभावित करने वाले कारक || Child Development and Pedagogy
गामक विकास शारीरिक विकास से ही जुड़ा एक प्रत्यय है। इसके अन्तर्गत मांस-पेशियों एवं हड्डियों की सक्षमता के साथ-साथ उनपर नियन्त्रण शामिल है।
Read moreशारीरिक विकास - विभिन्न शारीरिक अंगों का विकास, अभिवृद्धि चक्र || शारीरिक विकास को प्रभावित करने वाले कारक || Physical Development
शारीरिक विकास प्रक्रिया में अनेक आन्तरिक बाह्य अंगों एवं मांसपेशियों का विकास होता है। परिपक्वता की विभिन्न अवस्थाओं में अभिवृद्धि की गति में अन्तर होता है।
Read moreअध्याय-2 विकास क्या है? इसकी परिभाषा || विकास के आयाम (पहलू) || शिक्षक चयन परीक्षाओं (CTET / TET) हेतु || What is development?
मानव के शारीरिक एवं मानसिक गुणों तथा विशेषताओं की नियमित उत्पत्ति देखी जाती है, इसे ही विकास कहा जाता है।
Read moreविकास का अधिगम से सम्बंध || Relation of Development to Learning || For CTET and TET exam
बालविकास और अधिगम एक दूसरे के पूरक हैं। एक के बगैर दूसरा अपूर्ण है। यदि बालक आयु बढ़ने के साथ-साथ आवश्यक व्यवहारों को सीख रहा है तो उसका यही सच्चा अधिगम कहलाएगा।
Read moreअधिगम क्या है? || अधिगम की परिभाषाएँ एवं विशेषताएँ || What is Learning - Definitions and Characteristics
अधिगम क्या है? विद्वानों के द्वारा दी गई अधिगम की परिभाषाएँ। अधिगम की कौन-कौन सी विशेषताएँ हैं पढ़ें।
Read moreप्रौढावस्था एवं वृद्धावस्था काल || Adulthood and Old age Stage || Child Development and Pedagogy
Child Development and Pedagogy के अन्तर्गत प्रौढ़ावस्था एवं वृद्धावस्था काल (Aulthood and Old age Stage) का वर्णन भी आवश्यक है।
Read moreकिशोरावस्था का स्वरूप || Form of adolescence || Kishoravastha ka swaroop || CTET and TET Exam
किशोरावस्था में शरीर में अनेक क्रान्तिकारी परिवर्तन होते हैं। विशेषकर उनकी मानसिक शक्तियों का सर्वोत्तम और अधिकतम विकास हो।
Read moreकिशोरावस्था- किशोरावस्था की विशेषताएँ | Adolescence - Characteristics of adolescence
बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र के अंतर्गत किशोरावस्था एवं किशोरावस्था की विशेषताओं के बारे में जानना आवश्यक है।
Read moreChildhood - Child Development and Pedagogy | बाल्यावस्था- बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र
Childhood begins after infancy. वास्तव में मानव जीवन का वह स्वर्णिम समय है जिसमें उसका सर्वागीण विकास होता है।
Read moreशैशवावस्था इसका स्वरूप, महत्व एवं विशेषताएँ | बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र
बालक के जन्म के पश्चात 5 वर्ष की अवस्था शैशवकाल होती है। बालक की इस अवस्था को “बालक का निर्माण काल” माना जाता है।
Read moreGarbhavastha kal ke charan | गर्भावस्था काल की अवधियाँ
गर्भावस्था काल लगभग 9 माह या 280 दिन का होता है। यह अवस्था बालक के गर्भधारण से उसके जन्म तक अवधि मानी जाती है।
Read moreबालविकास की अवस्थाएँ | Stages of child development in hindi
विकास या मानव विकास की विभिन्न अवस्थाओं का वर्गीकरण- परम्परागत एवं आधुनिक विचारधारा के आधार पर किया गया है।
Read moreबालविकास एवं शिक्षाशास्त्र : वृद्धि और विकास में अन्तर(Balvikas : Vriddhi & Vikas me antar) Child Development and Pedagogy : Difference between Growth and Development
वृद्धि, विवृद्धि या अभिवृद्धि तीनों समानार्थक शब्द है। जिसका अर्थ शारीरिक शिराओं, अवयवों एवं विभिन्न संस्थानों में बढ़ाव को प्राप्त करने से होता है एवं उनके आकार और परिमाण में परिवर्तन होने से है। शरीर में बढ़ाव होने से शरीर के आंतरिक एवं बाह्य अंगों के विकास से है।
Growth, growth or growth are all three synonyms. Which means attaining physical veins, components and elongation in different institutions and changes in their size and magnitude. The increase in the body is due to the development of internal and external organs of the body.
विकास के स्वरूप (बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र)<br> Nature of development- Child Development and Pedagogy
(1) आकार में परिवर्तन (Change in the Size):–
बालक के शारीरिक विकास क्रम में आयु बढ़ने के साथ-साथ शरीर के आकार एवं वजन में निरंतर परिवर्तन होते रहते हैं।
(As the age progresses in the physical development of the child, there are constant changes in body size and weight.)
Read moreउद्योतन सामग्री क्या होती है? सामग्री के प्रमुख उदाहरण<br> What is Uddyotan Samagri (Stimulating Material) content? Major examples of content material
■■ उद्योतन का अर्थ (Meaning of Udyotan) :-
उद्योतन का अर्थ है, प्रकाशित होना, चमकना या किसी चीज को प्रकटीकरण/प्रस्तुतिकरण होना।
(Udyotana means to be illuminated, shined or disclosed / presented to something.)
वह सामग्री जिसका उपयोग एक शिक्षक छात्रों की कल्पना को प्रखर करने हेतु, उनके विचारों को उत्प्रेरित करने के लिए, भावनाओं को उद्दीप्त करने के लिए करता है, उसे उद्दोतन सामग्री कहा जाता है। शिक्षक अध्यापन के वक्त बालक की श्रवणेन्दिद्रयों को ही नहीं वरन् अन्य इन्द्रियों को भी प्रशिक्षित करता है।
(The material that a teacher uses to spark the imagination of students, to stimulate their thoughts, to stimulate emotions, is called stimulating material. The teacher not only trains the child's hearing while teaching but also other senses.)
बालविकास के अध्ययन में ध्यान रखे जाने वाली मुख्य बातें।<br> The main things to be kept in mind in the study of child development
(1) बालक के जन्म से पूर्व एवं जन्म के बाद से परिपक्व होने तक बालक में होने वाले परिवर्तनों की प्रकृति क्या है?
(What is the nature of changes that occur in a child before the child is born and after birth?)
(2) बालक में होने वाले परिवर्तनों का उसके आयु के साथ किस प्रकार का संबंध होता है?
(What kind of relationship does the child have with his age?)
Read moreविकास के अध्ययन की उपयोगिता- 'बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र'<br> Child Development and Pedagogy- Usefulness of study of Development
(अ) बाल पोषण का ज्ञान:-
(Knowledge of child nutrition) : -
बाल विकास के अध्ययन ने समाज के समक्ष दो पहलू प्रस्तुत किए हैं।
The main goal of the study of child development is that how the development of the child is so that normal behavior can be seen in it. Normal mental and physical development of the child. This study of child development motivates parents to be able to become useful to society only when their children's behavior and development is normal.
1. व्यवहारिक।
2. सैद्धांतिक।
समाज में प्रत्येक शिक्षक एवं अभिभावक दोनों के लिए उक्त दोनों तरह के पक्षों का ज्ञान होना अति आवश्यक है। बाल विकास का क्रमिक ज्ञान भावी माता-पिता एवं उसके संरक्षक को को होगा तो वे उसकी उचित देखभाल कर सकेंगे। मातृत्व पितृत्व जैसे उत्तरदायित्व, आधारभूत प्रश्नों का उत्तर, बाल विकास के गंभीर अध्ययन से ही प्राप्त होता है।
समाजीकरण का अर्थ- शिक्षक चयन परीक्षापयोगी जानकारी ~ <p> Meaning of Socialization ~ Teacher Selection Exam Useful Information
समाजीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा मानव को सामाजिक- सांस्कृतिक संसार से न सिर्फ परिचित कराया जाता है बल्कि एक पीढी से दूसरी पीढी तक हस्तांतरित भी किया जाता है।प्रमुख समाज-शास्त्रियों के अनुसार इसकी अवधारणा का प्रयोग दो अर्थों मे किया जाता है- एक अर्थ में बच्चों द्वारा की जाने वाली- 'सामाजिक अनुकूलन की प्रक्रिया' से है तथा दूसरे अर्थ में 'संस्कृति की सीख' को महत्वपूर्ण माना है। ◆ समाजीकरण की विशेषताएँ-
(Characteristics of socialization)
(1) समाजीकरण सीखने की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
Socialization is an important learning process.
(2) यह जन्म से मृत्यु तक चलने वाली एक निरंतर प्रक्रिया है।
It is a continuous process lasting from birth to death.
(3) इससे समाजिक परिवेश से अनुकूलन तथा व्यकितत्व को विकसित करने की क्षमता प्रदान की जाती है।
शिक्षा मनोविज्ञान (Educational Psychology) प्रकृति एवं उद्देश्य(Nature and Aims)
शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान के सिद्धांतों का शिक्षा के क्षेत्र में प्रयोग है। शिक्षा मनोविज्ञान दो शब्दों से मिलकर बना है- 'शिक्षा' और 'मनोविज्ञान' । अतः इसका शाब्दिक अर्थ है-'शिक्षा संबंधी मनोविज्ञान'।So in other words we can say that it is the practical and main form of psychology and it is a science to study human behaviour in the process of education.
Read moreCharacteristics of Child Development बाल विकास की विशेषताएँ।
(1) विकास व्यक्ति या प्राणी में निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।
(2) विकास व्यक्ति के गर्भाधान से लेकर परिपक्वता की स्थिति तक होने वाले परिवर्तन है।
(3) The rate of development does not run the same in all persons are beings persons are beings.
(4) Changes due to evolution vary due to genetics and environment.
(5) Development is a gradual arrangement, it is a progressive series.
Read moreसंप्रेषण क्या है? इसकी महत्ता What is communication? Its Importance.
संप्रेषण तकनीकी की 'रीढ़ की हड्डी' है। बिना संप्रेषण के शिक्षण एवं अधिगम दोनों की ही कल्पना नहीं की जा सकती। Communication means the exchange of Information and ideas. As a teacher when we say something to our principal or to students or students tell us something, respond, order, praise or criticize, it means that the process of communication is going on.
Read moreबाल विकास क्या है? इसकी अवधारणा, परिभाषाएँ। What is Child Development? Its Concepts anf Definitions.
(1) जेम्स ड्रेवर के अनुसार :- "विकास प्राणी में प्रगतिशील परिवर्तन है, जो किसी निश्चित लक्ष्य की ओर निरंतर निर्देशित रहता है।"
(2) According to Gassel :-
"Development is not just a direct or perception but development can be observed, evaluated and measured. Measurement of growth from physical, mental and behavioural three points of view, can be done."
What is Multilingualism | बहुभाषिकता क्या है | Bhasha shiksha shastra
नाम से ही स्पष्ट है, 'बहुभाषिकता' इस शब्द में 'बहु' शब्द से आशय 'एक से अधिक' और 'भाषिकता' शब्द से आशय भाषाओं का प्रयोग।
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