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बहुआयामी बुद्धि (Multi-Dimensional Intelligence) किसे कहते हैं | बहुआयामी बुद्धि सिद्धांत | बहुआयामी बुद्धि से लाभ

बुद्धि क्या है? ― सामान्य रूप से कहा जाये तो बुद्धि एक व्यक्ति के मस्तिष्क की वह क्षमता होती है जिसमें सोच-विचार कर व्यक्ति का कार्य-व्यवहार निर्धारित होता हो। सबसे पहली बार बोरिंग ने 1923 में बुद्धि को एक औपचारिक परिभाषा दिया। उन्होंने कहा― "बुद्धि परीक्षण जो मापता है, वही बुद्धि है।" अर्थात "Intelligence is what intelligence measure."

बहुआयामी बुद्धि (Multi-Dimensional Intelligence) क्या है?― बहुआयामी शब्द को तोड़ने पर बहु+आयामी होगा। यहाँ 'बहु' का आशय 'अधिक' (ज्यादा) तथा 'आयामी' का आशय 'कार्यक्षेत्र' से है अर्थात अलग-अलग दिशाओं में कार्य निष्पादन की क्षमता। इस तरह बहुआयामी बुद्धि के बारे में हम कह सकते हैं कि व्यक्ति की वह बौद्धिक क्षमता जो अलग-अलग क्षेत्र के कार्यों को निष्पादित करने में सक्षम हो बहुआयामी बुद्धि कहलाती है। हम समाज में देखते हैं कि किसी व्यक्ति में सामाजिक समझ, राजनैतिक समझ, समस्या समाधान से संबंधित समझ, नेतृत्व आदि के गुण एक साथ पाए जाते हैं अर्थात इस प्रकार की कार्यों को संपादित करने की बुद्धि उनके अंदर होती है इसी बुद्धि को हम बहुआयामी में बुद्धि का सकते हैं।
बहुआयामी बुद्धि होने के कारण ही कुछ लोग कई प्रकार के कौशलों में एक साथ निपुण होते हैं। इस तरह की बुद्धि को अंग्रेजी में multitasking or multitalented (मल्टीटास्किंग या मल्टीटैलेंटेट) भी कहा जाता है।

कैली व र्थसटन ने बताया कि बुद्धि का निर्माण प्राथमिक मानासिक योग्यताओं के द्वारा होता है। कैली के अनुसार 5 मानसिक योग्यताओं द्वारा बुद्धि का निर्माण के बारे में और र्थसटन ने सात 7 मानसिक योग्यताओं से बुद्धि का निर्माण के बारे में बताया।
अधिकतर मनोवैज्ञानिको ने कैली व र्थसटन द्वारा दिए गए सिद्धांतों की अलोचना की किंतु अधिकार मनोवैज्ञानिकों ने इस बात से सहमत हैं कि बुद्धि का बहुआयामी होना सम्भव है।

कैसे होते हैं बहुआयामी बुद्धि वाले लोग- जैसा कि ऊपर परिभाषित किया गया है ऐसे लोग कई तरह के कार्यों को करने में सक्षम होते हैं। ऐसे लोगों के बुद्धि तीक्ष्ण होती है और हर क्षेत्र में उपलब्धि को प्राप्त करते हैं। अपवादों को छोड़ दिया जाए तो ऐसे लोग प्रायः सफल जीवन जीते हैं।

बहुआयामी बुद्धि सिद्धांत

गिलफोर्ड का बुद्धि संक्रिया उत्पादन सिद्धांत— दक्षिणी कैलीफोर्निया की लॉस एंजिल्स स्थित मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला में गिलफोर्ड एवं उसके साथियों में अपना विश्लेषण तैयार किया। गिलफोर्ड के अनुसार मन या बुद्धि की संरचना कम से कम तीन आयामों द्वारा हुई है न कि बुद्धि के बहुआयामी प्रतिमान। प्रतिमान बौद्धिक योग्यताओं का त्रिमार्गीय वर्गीकरण है, जैसे- संक्रियाएंँ, विषय-वस्तु तथा उत्पाद।

गिलफोर्ड के अनुसार— प्रत्येक बौद्धिक आयाम भिन्नता लिये हुए है, जिसकी प्रामाणिकता तत्व विश्लेषण द्वारा संभव है।
बुद्धि के तीन आयाम है—(1) संक्रियाएँ (2) विषय-वस्तु (3) उत्पाद का वर्गीकरण।

(1) संक्रियाएँ— इसके अन्तर्गत बौद्धिक योग्यताओं को पाँच वर्गों में बाँटा गया है—
(i) संज्ञान (ज्ञान का होना) या जानकारी होना।
(ⅱ) स्मृति (सीखी हुई बात को बाद रखती है।
(iii) अपसारी चिंतन (इसके अन्तर्गत व्यक्ति का विभिन्न दिशाओं में चिंतन करना एवं नवीनता ग्रहण करना।)
(iv) अभिसारी चितन (मान्य सूचनाओं का चिन्तन करना।)
(v) मूल्यांकन (किसी बात को परखने हेतु प्रयास करना।)

(2) विषयवस्तु— विषय वस्तु में चार बिंदु है—
(i) आकृति- जिन बातों को हम सुन सकते हैं और जिन्हें हम छू सकते है वह अन्य प्रकार की विषय सम्बधी आकृति प्रदान करती है।
(ii) प्रतिकात्मक— यह अंक अक्षर एवं परस्परागत चिन्हों आदि की व्यवस्था के संगठन हेतु किया जाता है।
(iii) शब्दार्थ विषयक— यह शब्दो एवं विचारों के रूप होते है। इस हेतु उदाहरण आवश्यक है।
(iv) व्यवहारात्मक— इसके द्वारा मानव व्यवहार एवं अंतरक्रियाओ का अवबोध होता है।

(3) उत्पाद— विषय वस्तु हेतु छः प्रकार के उत्पाद उपस्थित रहते है।—
(1) ईकाईयाँ
(2) वर्ग (स्वयं के गुण के आधार पर वर्गीकृत पद
(3) संबद्ध-विभिन्न बिंदुओं के सूचना के पद
(4) व्यवस्थाएँ
(5) रूपांतरण
(6) अभिग्रस्तताएँ - अपेक्षाओं अथवा भविष्यवाणियों जानी हुई या संसय युक्त पूर्वघटनाओ सहचरो या परिणाम के रूप में सूचना के बहिर्वेश अभिग्रस्ताएं होती है।

प्राथमिक मानसिक योग्यताओं द्वारा बुद्धि का निर्माण— इस सम्बंध में केली व स्टैंडर्ड नामक विद्वानों में अपना मत का प्रदर्शन किया।
केली के अनुसार— बुद्धि का निर्माण-वाचिक योग्यता, गामक योग्यता, सांख्यिक योग्यता, यांत्रिक योग्यता, सामाजिक योग्यता, संगीतात्मक योग्यता स्थानिक योग्यता (स्थानिक संबंध के साथ उचित ढंग से व्यवहार करने की योग्यता), रूचि एवं शारीरिक योग्यता से होता है।

थर्सटन के अनुसार— बुद्धि प्रत्यक्षीकरण संबंधी योग्यता, तार्किक एवं वाचिक योग्यता, सांख्यिकी योग्यता स्थानिक योग्यता, समस्या समाधान योग्यता, स्मृति सबधी योग्यता, आगमनात्मक योग्यता एवं निगमनात्मक योग्यता आदि प्राथमिक मानसिक योग्यताओं का एक समूह होता है।

बहुआयामी बुद्धि से लाभ— बहु‌आयामी बुद्धि से लोग कई तरह के कौशलों में निपुण होते हैं एवं कई तरह के कार्यों को करने में कुशल होते हैं।

आलोचना— कई मनोविज्ञानियों द्वारा केली एवं थर्सटन के बुद्धि के सिद्धांतों की आलोचना हुई। परन्तु मनोवैज्ञानिकों ने मान लिया है कि बुद्धि का बहुआयामी होना सम्भव है।

वैकल्पिक प्रश्नोत्तरी

(1) गिलफोर्ड के अनुसार बुद्धि के आयाम हैं।
(i) एक
(ⅱ) दो
(iii) तीन
(ⅳ) चार

(2) 'अपसारी चिन्तन' के अन्तर्गत व्यक्ति—
(ⅰ) एक ही दिशा में सोचता है।
(ii) विविध क्षेत्रों में सोचता है।
(iii) व्यक्ति अपने लक्ष्य के बारे में सोचता है।
(iv) उपरोक्त कोई नही।

(3) विषय-वस्तु के अन्तर्गत आकृति का अर्थ है—
(ⅰ) विभिन्न वस्तुए जिन्हें हम छू सकते हैं।
(ii) जिन्हें हम सुन सकते हैं।
(iii) जिन्हें हम महसूस कर सकते हैं।
(iv) उपरोक्त सभी

(4) बुद्धि के तीसरे आयाम उत्पाद में विभेद है।
(i) इकाईयाँ एवं वर्ग।
(ⅱ) संबंध एवं व्यवस्थाएँ।
(iii) रुपान्तरण एवं अभिग्रस्ततायें।
(iv) उपरोक्त सभी।

(5) प्राथमिक मानसिक योग्यताओं द्वारा बुद्धि का निर्माण हुआ है यह मत है—
(ⅰ) केली का
(ii) थर्सटन का
(iii) दोनों का
(iv) दोनों का नहीं

(6) केली के अनुसार बहुआयामी बुद्धि के कारण—
(i) लोगों में विविध कौशल होते हैं।
(ii) लोग विभिन्न गर के कार्य करने में सक्षम होते है।
(iii) लोगों मे भिन्न प्रवृतिया पाई जाती हैं।
(iv) उपरोक्त सभी

(7) बहुआयामी बुद्धि से लोग—
(i) विभिन्न कौशलों में निपुण होते हैं।
(ⅱ) दूसरों को शिक्षा देने में निपुणता हासिल कर सकते हैं।
(iii) अक्सर मन्द बुद्धि के लोग होते हैं।
(iv) संकीर्ण विचारधारा वाले लोग होते हैं।

उत्तर शीट

(1) का (iii) तीन
(2) का (ii) विविध क्षेत्रों में सोचता है।
(3) का (iv) उपरोक्त सभी
(4) का (iv) उपरोक्त सभी
(5) का (iii) दोनों का
(6) का (iv) उपरोक्त सभी
(7) का (i) विभिन्न कौशलों में निपुण होते हैं।

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I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com

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