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चिन्तन व तर्क में अन्तर | गणित शिक्षण में तर्क शक्ति का विकास एवं विकसित करने के उपाय | गणित अध्यापन के उद्देश्य | प्राथमिक स्तर हेतु गणित का पाठ्यक्रम

चिन्तन व तर्क में अन्तर― चिन्तन व तर्क शक्ति में अन्तर है चिन्तन किसी क्षेत्र में कार्य करने के लिए सोचना होता है जबकि तर्क शक्ति किसी कार्य क्षेत्र में भिन्न तथ्यों का विश्लेषण करना एवं विचार करना होता है। आखिर उसमें ऐसा है तो क्यों? एवं ऐसा नहीं है तो क्यों ?
तार्किक चिन्तन वह प्रक्रिया होती है जिसमें निष्कर्ष पर पहुँचने के लिए एक व्यक्ति को समुचित ढंग से अपनी तार्किक शक्ति का प्रयोग करना पड़‌ता है। विभिन्न तरह की संरचनाओं एवं तथ्यों में तार्किक रूप से अपने विश्लेषण की श्रृंखला को विकसित कर समस्याओं एवं परिस्थितियों को हल किया जाता है।

डॉ काले अल्ब्रेट का मानना है कि श्रृंखलाबद्ध सोच सभी तार्किक चिन्तन का आधार है। व्यक्ति का चरणों में सोचना ही तार्किक रूप से सोचना होता है। यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि तार्किक रूप से सोचने की प्रक्रिया इंसान को हाजिर जवाब एवं होशियार बना देती है। यदि किसी बच्चे में तार्किक सोच है तो वह नकारने की प्रवृति का परित्याग कर देता अतः वह हर सवाल का जवाब देने की‌ समझ रखता है।

गणित की मूल दक्षता तार्किकता― गणित की सबसे महत्वपूर्ण एवं मूल दक्षता तार्किक सोच है। जिसका विकास एक शिक्षक विभिन्न तरीकों को अपना कर कर सकता है। जैस– ऐसे प्रश्न पूछना जिसमें बालकों को तर्क-वितर्क करने की आवश्यकता पड़े। उनकी सोच व समझ को विकसित करते हेतु विविध तरह के पैटर्न, पजल (माथापच्ची) की गतिविधियाँ करवाये ताकि बच्चे में तार्किक चिन्तन का विकास हो सके।

बच्चों में तार्किक सोच विकसित करने के उपाय

प्राथमिक स्तर हेतु गणित का पाठ्यक्रम― गणित में प्राथमिक स्तर के पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए विषयवस्तु को छ: अधिगम क्षेत्रों में विभाजित किया गया है—
(1) संख्या पद्धति
(2) मापन (लम्बाई, बजन, धारिता)
(3) परिमाप व क्षेत्रफल, ऐकिक नियम, औसत, प्रतिशत, लाभ-हानि, साधारण ब्याज
(4) ज्यामितीय आकृतियाँ
(5) समय एवं
(6) मुद्रा।

उपर्युक्त पाठ्यक्र‌म के माध्यम से प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों में बच्चों में तार्किक सोच का विकास करना परमावश्यक है तभी बच्चे उच्च गणितीय क्षमताओं को प्राप्त कर आगे की कक्षाओं में गणित विषय में रुचि लेकर इस विषय में अध्ययन को बरकरार रख सकेंगे।

बच्चों में तार्किक चिन्तन हेतु शिक्षक को निम्न उपाय करना चाहिए—

(1) विविध गणितीय गतिविधियों का समावेश― शिक्षक को अपने अध्यापन में विविध प्रकार की गतिविधियों का समावेश करना चाहिए जिसमें बच्चों को सोच विचार करने की जरूरत पड़ती हो।
संख्या पद्धति के अन्तर्गत जोड़ना, घटाना, गुणा, भाग आदि की गतिविधियाँ साथ विविध अध्यायों में आकर्षक गतिविधियाँ करवाई जाये ताकि बच्चे में तार्किक सोच का विकास हो।

(2) कौशल एवं अनुप्रयोग से संबंधित प्रश्न― कौशलात्मक एवं अनुप्रयोग से संबंधित प्रश्नों को बनाकर बालकों के सामने रखा जाये व उनसे पूछा जाये ताकि बच्चे अपनी समझ के द्वारा उनका उत्तर दे सकें एवं इसी तरह के अन्य प्रश्न बना सके।

(3) चित्रों, पहेलियाँ, माथापच्ची― चित्रों, पहेलियों, माथापच्ची आदि के माध्यम से बच्चों की तर्क शक्ति का उचित विकास किया जा सकता है साथ में चीजें बच्चों को आकर्षित भी करती है।

(4) समस्या का समाधान के प्रश्न― मिलकर समस्या का समाधान ढूंढने हेतु बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि बच्चे अपनी-अपनी समझ एवं तर्क के माध्यम से हल ढूँढ सके एवं सभी बच्चों को इसका लाभ मिल सके।

(5) शाब्दिक प्रश्नों का प्रयोग― शाब्दिक प्रश्नों को बच्चों के सामने रखे व उन्हें सोच-समझकर जवाब ढूँढने को कहा जाये बच्चे शिक्षक द्वारा पढाये गये नियमों के माध्यम से तर्क लगाकर प्रश्नों को हल कर लेते हैं।

(6) वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्नों का प्रयोग― तार्किक चिन्तन हेतु वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्नों का प्रयोग बच्चों में सबसे उपयुक्त या उचित कौनसा है की समझ विकसित करने में विशेष रूप से सहायक होते हैं।

(7)शिक्षक की प्रतिभा― तर्क शक्ति के विकास हेतु शिक्षक में प्रतिभा होना चाहिए।

(8) नई स्थितियों को उत्पन्न करना― विभिन्न नई स्थितियों को उत्पन्न कर उन्हें नई दिशा में चिन्तन एवं तर्क हेतु प्रोत्साहित करना शिक्षक का ध्येय होना चाहिए ताकि छात्र उसके अनुरूप अभिव्यक्ति कर सके।

(9) नवीन समस्याएँ उत्पन्न करना― शिक्षक नवीन समस्याओं को छात्रों के समक्ष उत्पन्न करे ताकि अपनी तार्किक शक्ति के माध्यम से बालक समस्या का समाधान ढूँढ सकें।

(10) खोजी प्रवृत्ति को प्रोत्साहन देना― बालकों में तर्क शक्ति के विकास हेतु नवीन खोजों हेतु प्रोत्साहन देना चाहिए ताकि वे अपनी तर्क शक्ति का प्रयोग कर सकें। उन्हें गणित प्रद‌र्शनी या संग्रह आदि दिखाकर इस ओर अग्रसर किया जा सकता है।

(11) वाद-विवाद, लेख या संरचनात्मक क्रियाकलापों का आयोजन― शाला में बच्चों के लिए वाद-विवाद, लेख या संरचनात्मक क्रियाकलापों का आयोजन किया जाना चाहिए ताकि छात्रों में कल्पनाशक्ति, तार्किक शक्ति एवं मौलिकता का विकास हो सके। सृजनात्मक गतिविधियों का आयोजन होना चाहिए।

तार्किक सोच एवं चिन्तन हेतु विद्यार्थी के आवश्यक गुण—

(1) जिज्ञासा व उत्सुकता।
(2) कठिन समस्याओं को हल करने में सुझबस का प्रयोग करने की क्षमता।
(3) बालक की बुद्धिलब्धि एवं उसकी प्रवीण्यता।
(4) बालक की कल्पनाशक्ति व चिन्तन शक्ति की अधिकता।
(5) बालक का गंभीर, चिन्तनशील होना।
(6) मानसिक व शारीरिक रूप से सक्रीय होना।
(7) एक ही वस्तु को विभिन्न रूपों में देखने की क्षमता।
(8) बहुत से विचारों को एक ही समाज में केन्द्रित करने की योग्यता।
(9) तार्किक चिन्तन हेतु बालकों में सृजनात्मकता का होना अति आवश्यक है।

बालकों को गणित अध्यापन के उद्देश्य—

(1) ज्ञानात्मक उद्देश्य—छात्र गणित संबंधी पद, अवधारणाएँ, संकेत, परिभाषाएँ, सिद्धांतों, सूत्रों आदि का ज्ञान प्राप्त कर सकें।

(2) सही समझ एवं बोध संबंधी उद्देश्य— छात्र गणित संबंधी पद, अवधारणाएँ, संकेत, परिभाषाएँ, सिद्धांतों आदि में वर्जित बातों की सही समझ विकसित कर सके।अर्थात इनका ज्ञान अर्जित कर लेने पर वे उपयुक्त उदाहरण दे सकें, तुलना कर सके, वर्गीकरण, गणना, व्याख्या आदि कर सकें ताकि उनके द्वारा अर्जित ज्ञान स्थायी बन सके।

(3) अनुप्रयोग उद्देश्य— छात्र गणित का ज्ञान एवं सही समझ अर्जित करके उसका उपयोग नवीन परिस्थितियों में कर सकें ज्ञान एवं बोध का उपयोग अज्ञात परिस्थितियों में कर सकें अर्थात वे आंकड़ों में सम्बंध स्थापित कर सकें, उनकी आवश्यकता, आवश्यकता एवं पर्याप्तता ज्ञात कर सकें, विश्लेषण व सामान्यीकरण कर सके व उचित निष्कर्ष ढूँढ सके इसके अलावा अन्य प्राप्य उद्देश्य भी हैं।

(4) कौशल संबंधी

(5) गणित के प्रति रुचि उत्पन्न करने संबंधी।

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1. गणित शिक्षण से चिंतन एवं तर्कशक्ति का विकास करना
2. गणित अध्यापन के प्रमुख उद्देश्य, चिंतन शक्ति का विकास

शिक्षक चयन परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों को यहाँ👇 से डाउनलोड करें।
1. संविदा शाला वर्ग 3 का 2005 प्रश्न पत्र डाउनलोड करें
2. संविदा शाला वर्ग 2 का 2005 का प्रश्न पत्र डाउनलोड करें

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I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com

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