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Blog ( लेख )

  • BY:RF Temre (797)
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  • 1077

जर्मनी (यूरोप) की भौगोलिक एवं राजनीतिक विशेषताएँ | Geographical And Political Features Of Germany (Europe)

जर्मनी यूरोप महाद्वीप के महत्वपूर्ण देशों में से एक है। इसके उत्तर-पश्चिम में उत्तर सागर स्थित है। जर्मनी के उत्तर-पूर्व में बाल्टिक सागर स्थित है।

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  • BY:RF Temre (789)
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  • 1027

फ्रांस (यूरोप) की भौगोलिक एवं राजनीतिक विशेषताएँ | Geographical And Political Features Of France (Europe)

फ्रांस क्षेत्रफल की दृष्टि से यूरोप महाद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा देश है। यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश रूस है।

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  • BY:RF Temre (754)
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  • 1032

यूनाइटेड किंगडम की भौगोलिक विशेषताएँ | Geographical Features Of The United Kingdom

यूनाइटेड किंगडम यूरोप महाद्वीप का महत्वपूर्ण देश है। यह उत्तरी अटलांटिक महासागर के पूर्वी हिस्से में द्वीप समूह के रूप में स्थित है।

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  • BY:RF Temre (710)
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  • 964

भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर यूरोप महाद्वीप का वर्गीकरण | Classification of the continent of Europe on the basis of geographical conditions

यूरोप महाद्वीप को भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों में वर्गीकृत किया जा सकता है।

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  • BY:RF Temre (690)
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  • 1116

यूरोप महाद्वीप- भौगोलिक परिचय || Europe Continent- Geographical Introduction

यूरोप महाद्वीप क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व का छठा सबसे बड़ा महाद्वीप है। इसे 'प्रायद्वीपों का प्रायद्वीप' के नाम से जाना जाता है।

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  • BY:RF Temre (671)
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  • 1012

दक्षिण अमेरिका महाद्वीप से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य | Important facts about the continent of South America

दक्षिण अमेरिका में लोगों की तीन प्रजातियाँ निवास करती हैं। ये निम्नलिखित हैं- 1. अमेरिकन इंडियन 2. अश्वेत 3. यूरोपियन।

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  • BY:RF Temre (670)
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  • 957

दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के महत्वपूर्ण देश- ब्राजील, अर्जेंटीना, चिली, उरूग्वे, इक्वाडोर, पेरू | Important countries of South America continent- Brazil, Argentina, Chile, Uruguay, Ecuador, Peru

दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के महत्वपूर्ण देशों में ब्राजील, अर्जेंटीना, चिली, उरूग्वे, इक्वाडोर, पेरू आदि हैं।

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  • BY:RF Temre (669)
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  • 1165

दक्षिण अमेरिका के महत्वपूर्ण देश एवं उनकी राजधानियाँ | Important Countries of South America and Their Capitals

दक्षिण अमेरिका के महत्वपूर्ण देश एवं उनकी राजधानियों में अर्जेंटीना इसकी राजधानी ब्यूनस आयर्स है।

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  • BY:RF Temre (668)
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  • 1041

दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में मुख्य रूप से लौह अयस्क, बॉक्साइट, मैंगनीज, तांबा, टिन, नाइट्रेट, चांदी आदि महत्वपूर्ण संसाधनों के भंडार उपलब्ध हैं।

दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में मुख्य रूप से लौह अयस्क, बॉक्साइट, मैंगनीज, तांबा, टिन, नाइट्रेट, चांदी आदि महत्वपूर्ण संसाधनों के भंडार उपलब्ध हैं।

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  • BY:RF Temre (667)
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  • 1053

दक्षिण अमेरिका की महत्वपूर्ण झीलें, मरुस्थल एवं उच्चभूमि | Important Lakes, Deserts and Highlands of South America

दक्षिण अमेरिका की महत्वपूर्ण झीलें, मरुस्थल एवं उच्चभूमि में टिटिकाका झील, अटाकामा मरुस्थल, बोलीविया उच्चभूमि आदि प्रमुख हैं।

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  • BY:RF Temre (666)
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  • 1054

दक्षिण अमेरिका के प्राकृतिक संसाधन एवं कृषि | Natural Resources and Agriculture of South America

प्राकृतिक संसाधन- दक्षिण अमेरिका के वनों में पाये जाने वाले महत्वपूर्ण वृक्ष कार्नोबा, सिनकोना, महोगनी, वाल्सा, चिकिल आदि हैं।

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  • BY:RF Temre (665)
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  • 1090

दक्षिण अमेरिका की महत्वपूर्ण नदियाँ- अमेज़न, ओरिनोको, पराना आदि | Important Rivers of South America- Amazon, Orinoco, Parana

दक्षिण अमेरिका के मैदानी क्षेत्रों में विभिन्न नदियाँ प्रवाहित होती हैं। ये नदियाँ दक्षिण अमेरिका के लिए उपहार स्वरूप हैं।

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  • BY:RF Temre (664)
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  • 1036

दक्षिण अमेरिका महाद्वीप- पश्चिमी तटीय मैदान, पश्चिमी पर्वतीय क्षेत्र, मध्यवर्ती मैदान, पूर्वी उच्चभूमि | South America Continent

दक्षिण अमेरिका महाद्वीप का अधिकांश भाग पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में अवस्थित है। यह मध्य और उत्तर अमेरिका से पनामा नहर के द्वारा अलग होता है।

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  • BY:RF Temre (654)
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  • 1100

दक्षिण अमेरिका की प्रमुख खाड़ियाँ, प्रायद्वीप एवं जलसंधियाँ | Major Gulfs, Peninsulas and Straits of South America

दक्षिण अमेरिका की प्रमुख खाड़ियाँ, प्रायद्वीप एवं जलसंधियाँ में ड्रेक पैसेज, मैगलन जलसंधि, वाल्देस प्रायद्वीप, ताइताव प्रायद्वीप आदि प्रमुख हैं।

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  • BY:RF Temre (635)
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  • 1002

उत्तर अमेरिका एवं कैरेबियन द्वीप समूह के प्रमुख देश एवं उनकी राजधानियाँ | Major Countries and Capitals of North America and the Caribbean Islands

उत्तर अमेरिका एवं कैरेबियन द्वीप समूह के प्रमुख देश एवं उनकी राजधानियाँ यहाँ दी गई हैं।

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  • BY:RF Temre (619)
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  • 1029

कैरीबियन द्वीप समूह- ग्रेटर एंटीलीज एवं लेजर एंटीलीज | Caribbean Islands - Greater Antilles and Lesser Antilles

कैरेबियन द्वीप समूह अटलांटिक महासागर में स्थित है। यह मेक्सिको के पूर्व में और दक्षिण अमेरिका के उत्तर में स्थित है।

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  • BY:RF Temre (617)
  • 0
  • 1027

कनाडा की भौतिक विशेषताएँ, जलवायु एवं वनस्पति | Canada's Physical Features, Climate and Plants

उत्तर अमेरिका में कनाडा क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा देश है। इसके अलावा यह क्षेत्रफल की दृष्टि से रूस के पश्चात् विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है।

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  • BY:RF Temre (615)
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  • 1050

संयुक्त राज्य अमेरिका की वनस्पति, जलवायु, नगरीकरण, परिवहन एवं भौतिक व आर्थिक विशेषताएँ | Plants, climate, urbanization, transportation and physical and economic characteristics of the United States

संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थापना 4 जुलाई 1776 ईस्वी में हुई थी। यहाँ की कुल जनसंख्या लगभग 326,625,791 है।

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  • BY:RF Temre (575)
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  • 1400

हिमालय पर्वत की उत्पत्ति- भू-सन्नति एवं विवर्तनिकी का सिद्धांत | Origin of Himalaya Mountains, Theory of Geo-convection and Tectonics

हिमालय पर्वत एक जटिल पर्वत तंत्र है। हिमालय उत्पत्ति के प्रमुख सिद्धांत निम्नलिखित हैं- 1. भू-सन्नति का सिद्धांत 2. प्लेट विवर्तनिकी

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  • BY:RF Temre (552)
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  • 1048

उत्तर अमेरिका महाद्वीप की जलवायु | Climate of the Continent of North America

उत्तरी अमेरिका महाद्वीप में प्रायः वर्षा ग्रीष्म ऋतु में होती है। महाद्वीप के उत्तरी भाग के पश्चिमी तट पर पछुआ पवनों का प्रभाव रहता है।

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  • BY:RF Temre (549)
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  • 1199

उत्तर अमेरिका महाद्वीप की प्रमुख झीलें | Major Lakes of North America Continent

उत्तर अमेरिका महाद्वीप की प्रमुख झीलों में सुपीरियर झील, मिशिगन झील, ओंटेरियो झील, ईरी झील, ग्रेट साल्ट लेक, ह्यूरान झील आदि सम्मिलित हैं।

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  • BY:RF Temre (547)
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  • 1397

उत्तर अमेरिका महाद्वीप की प्रमुख जलसंधियाँ | Major Straits of North America Continent

उत्तर अमेरिका महाद्वीप की प्रमुख जलसंधियों में पनामा नहर, बेरिंग जलसंधि, जुआन डी फ्यूका जल संधि, मोना पैसेज आदि प्रमुख हैं।

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  • BY:RF Temre (545)
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  • 1083

उत्तर अमेरिका महाद्वीप की प्रमुख नदियाँ | Major Rivers of North America Continent

उत्तर अमेरिका महाद्वीप की प्रमुख नदियों में रियो ग्रांडे नदी, कोलोरैडो नदी, सेंट लॉरेंस नदी, मिसिसिपी नदी, फ्रेज़र नदी, कोलंबिया नदी आदि हैं।

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  • BY:RF Temre (543)
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  • 1074

उत्तर अमेरिका महाद्वीप की स्थलाकृतियाँ (भौतिक विशेषताएँ) | Topographies (Physical Features) of the Continent of North America

उत्तर अमेरिका महाद्वीप की स्थलाकृतियाँ (भौतिक विशेषताएँ) में पश्चिमी कॉर्डिलेरा या पर्वत श्रेणी, मध्यवर्ती विशाल मैदान, अपलेसियन पर्वतीय क्षेत्र तथा पूर्वी उच्च भूमि कनाडियन शील्ड का अध्ययन करेंगे।

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  • BY:RF Temre (541)
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  • 982

अफ्रीका महाद्वीप- नैरोबी, बाब-अल-मंदेब जलसंधि, डरबन, फ़ूटा जालौन पठार, कोको त्रिभुज, साहेल क्षेत्र | Africa Continent

अफ्रीका महाद्वीप में नैरोबी, बाब-अल-मंदेब जलसंधि, डरबन, फ़ूटा जालौन पठार, कोको त्रिभुज, साहेल क्षेत्र की जानकारी।

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  • BY:RF Temre (537)
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  • 1186

अफ्रीका महाद्वीप के प्रमुख मरुस्थल | Major Deserts of the Continent of Africa

अफ्रीका महाद्वीप के प्रमुख मरुस्थलों में सहारा मरुस्थल,कालाहारी मरुस्थल, नूबियन मरुस्थल, नामीब मरुस्थल, लीबिया मरूभूमि, पूर्वी मरूभूमि, सम्मिलित हैं।

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  • BY:RF Temre (535)
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  • 999

अफ्रीका महाद्वीप से संलग्न सागर, महासागर एवं खाड़ियाँ | Seas, Oceans and Gulfs attached to the Continent of Africa

अफ्रीका महाद्वीप से संलग्न सागर, महासागर एवं खाड़ियाँ में लाल सागर, भूमध्य सागर, अटलांटिक महासागर (अंध महासागर), हिंद महासागर, वाल्विस की खाड़ीआदि सम्मिलित हैं।

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  • BY:RF Temre (523)
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  • 1138

अफ्रीका महाद्वीप के पर्वत एवं पठार | Mountains and Plateaus of the Continent of Africa

अफ्रीका महाद्वीप के पर्वत एवं पठारों में माउंट किलिमंजारो, एटलस पर्वत,माउंट केन्या, इथियोपिया की उच्च भूमि आदि का वर्णन किया गया है।

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  • BY:RF Temre (514)
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  • 1052

एशिया महाद्वीप के महत्वपूर्ण देश | Important Countries of the Continent of Asia

एशिया महाद्वीप के महत्वपूर्ण देशों का विवरण यहाँ दिया गया है। नेपाल, भूटान, म्यांमार, चीन,, अफगानिस्तान, बांग्लादेश आदि का वर्णन किया गया है।

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  • BY:RF Temre (497)
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  • 1174

एशिया महाद्वीप की जलवायु, वनस्पति, प्राकृतिक संसाधन तथा कृषि | Climate, Vegetation, Natural Resources and Agriculture of the Continent of Asia

एशिया के भारत के 'मॉसिनराम' में विश्व में सबसे अधिक वर्षा होती है। यहाँ पर वर्षा दक्षिण-पश्चिम मानसूनी पवनों के कारण होती है।

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  • BY:RF Temre (490)
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  • 1072

एशिया महाद्वीप के प्रमुख मरुस्थल तथा मैदान | Major deserts and plains of the continent of Asia

एशिया महाद्वीप में गोबी मरुस्थल, तकला मकान मरुस्थल, रूब-अल-खाली मरुस्थल, मंचूरिया का मैदान, तुरान का मैदान, प्रमुख है।

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  • BY:RF Temre (489)
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  • 1448

एशिया महाद्वीप की प्रमुख जलसंधियाँ | Major Straits of Asia continent

एशिया महादीप की प्रमुख जलसंधियों में– बेरिंग जलसंधि, तत्तर जलसंधि, सुगारू जलसंधि, ला-पैरोज जलसंधि (सोया जलसंधि), ताइवान जलसंधि, सुशिमा जलसंधि आदि हैं।

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  • BY:RF Temre (485)
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  • 1424

एशिया महाद्वीप की प्रमुख नदियाँ | Major rivers of the continent of Asia

एशिया महाद्वीप की प्रमुख नदियों में ब्रह्मपुत्र, गंगा, ह्वांगहो (Yellow River), जार्डन, चावो-फ्राया, आमू-दरिया, इरावदी, सालवीन, यांग्त्सीक्यांग, मेकांग, लीना, टिगरिस आदि हैं।

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  • BY:RF Temre (481)
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  • 1093

एशिया महाद्वीप का विस्तार एवं संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य | Expansion of the Asia continent and related important facts

एशिया क्षेत्रफल और जनसंख्या की दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 44,579,000 वर्ग किलोमीटर है।

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  • BY:RF Temre (480)
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  • 998

गुप्त शासक श्रीगुप्त, घटोत्कच और चंद्रगुप्त प्रथम | Gupta rulers Shrigupta, Ghatotkach and Chandragupta

श्रीगुप्त- श्रीगुप्त ने भारतवर्ष में गुप्त वंश की स्थापना की थी। इन्होंने अपने शासनकाल में 'महाराज' की उपाधि धारण की थी।

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  • BY:RF Temre (459)
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  • 1048

भारत के उद्योग- स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले व बाद में | India's Industries - Before and After Independence

भारत का औद्योगिक विकास दो खंडों में वर्गीकृत है– 1. स्वतंत्रता से पूर्व भारत में उद्योगों का विकास। 2. स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत में उद्योगों का विकास।

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  • BY:RF Temre (437)
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  • 1013

Transport in India | भारत में परिवहन

वह व्यवस्था या विधि जिसके अंतर्गत किसी व्यक्ति वस्तु या संदेश को एक स्थान से दूसरे स्थान पहुँचाया जाता है, 'परिवहन' कहलाता है।

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  • BY:RF Temre (377)
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  • 1016

भारत में खनिज उत्पादक राज्य | Major Minerals of India

भारत में बहुतायत मात्रा में खनिज पदार्थों का उत्पादन होता है। ताँबा, लोहा, बॉक्साइट, मैंगनीज, चूना पत्थर जैसे बहुत सारे खनिज पदार्थों के भंडार हैं।

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  • BY:RF Temre (373)
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  • 1550

मिट्टी (मृदा) की संरचना एवं प्रकार | Soil structure and type

पृथ्वी की ऊपरी परत 'मृदा' या 'मिट्टी' कहलाती है। यह धरती पर पौधों की वृद्धि हेतु प्राकृतिक स्रोत के रूप में खनिज लवण, पोषक तत्व तथा जल आदि देती है।

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  • BY:RF competition (334)
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  • 1106

भारत का भूगोल || भारत में कृषि Geography of India || Agriculture in India

सोयाबीन, अरहर, धान, तिल, मूंग, उड़द, लोबिया, रागी, बाजरा, तंबाकू, कपास, मूंगफली आदि। ये वर्षा काल की फसलें कहलाती हैं। Barley, peas, wheat, gram, potato, mustard, flaxseed, lentils, rye etc. These are called winter crops.

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  • BY:RF competition (324)
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  • 1030

भारत में जल संसाधन – धरातलीय जल संसाधन एवं भूमिगत जल संसाधन || Water Resources in India - Surface Water Resources and Ground Water Resources

जल 'ऑक्सीजन' एवं 'हाइड्रोजन' का योगिक है। पृथ्वी के कुल भू-भाग के लगभग 71% भूभाग में जल है। जल वाले भू-भाग के अंतर्गत पृथ्वी के महासागर, सागर, झीलें, ग्लेशियर नदियाँ आदि आते हैं। Water is a valuable asset, because it is a life-long and basic necessity for humans and animals, trees, plants etc. Water is a natural resource. It should be used economically.

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  • BY:RF competition (320)
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  • 1068

सुनामी और ज्वालामुखी || Tsunami and Volcano || विश्व के प्रमुख ज्वालामुखी || World's major volcanoes

सुनामी की सर्वाधिक उत्पत्ति प्रशांत महासागर में होती है। अतः प्रशांत महासागर के तट क्षेत्रों में सुनामी के कारण जनधन के अत्यधिक हानि होती है। 26 दिसंबर सन् 2004 को हिंद महासागर में आए भूकंप की वजह से शक्तिशाली सुनामी उत्पन्न हुई। इस वजह से भारी जन - धन की हानि हुई। इसी प्रकार मार्च 2011 में प्रशांत महासागर के पश्चिम क्षेत्र में शक्तिशाली सुनामी आई थी। इस वजह से जापान में जन-धन की बहुत हानि हुई थी एवं अत्यधिक तबाही मच गई थी।

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  • BY:RF competition (316)
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  • 977

पृथ्वी पर ज्वार-भाटा || Tide on Earth

ज्वार-भाटा सदैव समुद्री सतह पर उत्पन्न होता है। इसकी उत्पत्ति का कारण सूर्य तथा चंद्रमा के आकर्षण बल एवं पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल तथा अपकेंद्रण बल के प्रभाव के कारण होती है। समुद्री जल स्तर के ऊपर उठने को 'ज्वार' कहा जाता है एवं उसके नीचे गिरने को 'भाटा' कहा जाता है।

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  • BY:RF competition (313)
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  • 985

विश्व का भूगोल - भूकंप एवं भूकम्पीय तरंगें || Geography of World - Earthquake and Seismic waves

भूकंप (Earthquake) - पृथ्वी के अंतर्जाल तथा बहिर्जाल बलों की वजह से ऊर्जा निष्कासित होती है। इस प्रक्रिया के कारण तरंगे उत्पन्न होती हैं। ये सभी अलग-अलग दिशाओं में फैलकर पृथ्वी पर कंपन उत्पन्न करती हैं। इसे ही 'भूकंप' की संज्ञा दी जाती है। In practical language, the vibration of the earth due to natural phenomena is called earthquake.

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  • BY:RF competition (312)
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  • 1040

अक्षांश एवं देशान्तर रेखाएँ || Latitude and longitudinal lines

अक्षांश रेखाएँ - पृथ्वी के केंद्र से विषुवत् रेखा को आधार मानकर मापी गई कोणीय दूरी को 'अक्षांश' कहा जाता है। समान अक्षांशों को मिलाने वाली रेखा को 'अक्षांश रेखा' कहा जाता है। यह विषुवत रेखा के समानांतर खींची गई क्षैतिज रेखाएँ होती हैं। प्रति 1 डिग्री की अक्षांशीय दूरी लगभग 111 किलोमीटर होती है। पृथ्वी के प्रत्येक स्थान पर इसका मान एक जैसा नहीं होता। इसकी लंबाई में परिवर्तन होता रहता है।

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  • BY:RF competition (309)
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  • 992

ऋतु परिवर्तन, ग्रहण, सुपरमून और विषुव क्या है | What is the change of seasons, eclipses, supermoons and equinoxes.

ऋतु परिवर्तन, ग्रहण, सुपरमून और विषुव क्या है ? पृथ्वी का सूर्य के चक्कर लगाने में Earth अलग-अलग स्थितियों में आती है।

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  • BY:RF competition (307)
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पृथ्वी की गतियाँ || Motions of the Earth

घूर्णन गति (Rotational speed)- इस गति में पृथ्वी अपने अक्ष के सापेक्ष पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर घूमती है। इसके अंतर्गत पृथ्वी लट्टू की भांति घूर्णन करती है। इससे 'परिभ्रमण' या 'दैनिक' गति भी कहा जाता है। Our Earth rotates from west to east at a speed of approximately 1,670 km per hour. Earth completes its rotation in 23 hours, 56 minutes and 4 seconds . For this reason, there are days and nights on the earth. Throughout the year, the days and nights are equal on the equator, because the angular inclination of the equator is always 0 ° relative to the Sun.

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  • BY:RF competition (303)
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  • 1029

सौरमंडल के पिण्ड || Bodies of the solar system || उपग्रह Satellite || धूमकेतु या पुच्छल तारे || Comet or tail stars || क्षूद्र ग्रह Planetary planet || उल्का पिंड Meteorite

उपग्रह (Satellite) - ये ऐसे अकाशीय पिंड होते हैं, जो अपने ग्रह की परिक्रमा करने के साथ-साथ सूर्य की परिक्रमा भी करते हैं। प्रकृति द्वारा निर्मित उपग्रह 'प्राकृतिक उपग्रह' कहलाते हैं। इनमें अपनी स्वयं की चमक या प्रकाश नहीं होता है। यह भी ग्रहों की भांति सूर्य या तारों के प्रकाश से ही प्रकाशित होते हैं। हमारे सौरमंडल में सबसे अधिक उपग्रह वाला ग्रह बृहस्पति है। बुध एवं शुक्र ऐसे ग्रह हैं, जिनका कोई भी उपग्रह नहीं है। हमारी पृथ्वी का भी एक प्राकृतिक उपग्रह 'चंद्रमा' है।

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  • BY:RF competition (279)
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  • 990

विश्व का भूगोल : सौरमंडल की संंरचना || World Geography : The Structure of the Solar System

सूर्य, पृथ्वी के समान ग्रहों, विभिन्न उपग्रहों एवं अन्य खगोलीय पिंडों का परिवार 'सौरमंडल' कहलाता है। सौरमंडल का प्रमुख सदस्य 'सूर्य' एक 'तारा' है। इसके चारों और आठ ग्रह चक्कर लगाते हैं। ये ग्रह क्रमशः बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण तथा वरुण हैं। ये ग्रह परवलयाकार मार्ग में सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं। सौरमंडल की संपूर्ण ऊर्जा का स्रोत सूर्य है।

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  • BY:RF competition (277)
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  • 1069

भौगोलिक जानकारी : तारों का जन्म एवं मृत्यु || Geographical information: Birth and death of stars

ब्रह्मांड में उपस्थित गैसों एवं धूल के कणों अथवा बादलों में गुरुत्वाकर्षण होता है। इस कारण से आकाशगंगा के केंद्र में नाभिकीय संलयन प्रारंभ हो जाता है। इससे हाइड्रोजन, हीलियम में परिवर्तित होने की वजह से नवीन तारे निर्मित होते हैं। इन्हीं बादलों को 'स्टेलर नर्सरी' कहते हैं। आकाशगंगा में हाइड्रोजन का बादल बहुत बड़ा होता है। इससे गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से गैसीय पिंड सिकुड़ने लगता है। यह तारे के जन्म का प्रारंभिक रूप होता है। इसे 'आदि तारा' कहा जाता है।

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  • BY:RF competition (268)
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  • 1016

विश्व का भूगोल : ब्रह्मांड की उत्तपत्ति Geography of World : The Origin of the Universe

ब्रह्मांड की उत्पत्ति के संदर्भ में चार सिद्धांत प्रचलित हैं। इन सिद्धांतों में से एक 'बिग बैंग सिद्धांत' सर्वाधिक प्रचलित है एवं इसकी सबसे अधिक मान्यता है। इसे 'विस्तारित ब्रह्मांड परिकल्पना' के नाम से भी जाना जाता है। 'जॉर्ज लेमैत्रे' नामक विद्वान ने इस सिद्धांत को प्रतिपादित किया था। बाद में सन् 1967 ई. में 'रॉबर्ट वेगनर' ने इस सिद्धांत की व्याख्या की थी। विस्तारित ब्रह्मांड की परिकल्पना की पुष्टि 'डॉप्लर प्रभाव' से हो सकती है।

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  • BY:RF competition (257)
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  • 1070

भारत का भूगोल : मृदा– सामान्य परिचय
(Geography of India : Soil– General Introduction)

मृदा से तात्पर्य पृथ्वी की ऊपरी परत से है, जिसे सामान्य भाषा में 'मिट्टी' कहा जाता है। मृदा हमारे लिए बहुत आवश्यक है। यह पौधों की वृद्धि हेतु प्राकृतिक स्रोत के रूप में पौधों को जल, खनिज लवण एवं अन्य पोषक तत्व प्रदान करती है। मृदा पृथ्वी की ऊपरी परत है, जो कि खनिज कणों और जीवाश्म का मिश्रण है। यह लाखों वर्षों में निर्मित हुई है। सामान्य रूप से मिट्टी की कई परतें होती हैं।

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भारत का भूगोल : मृदा– सामान्य परिचय
(Geography of India : Soil– General Introduction)

मृदा से तात्पर्य पृथ्वी की ऊपरी परत से है, जिसे सामान्य भाषा में 'मिट्टी' कहा जाता है। मृदा हमारे लिए बहुत आवश्यक है। यह पौधों की वृद्धि हेतु प्राकृतिक स्रोत के रूप में पौधों को जल, खनिज लवण एवं अन्य पोषक तत्व प्रदान करती है। मृदा पृथ्वी की ऊपरी परत है, जो कि खनिज कणों और जीवाश्म का मिश्रण है। यह लाखों वर्षों में निर्मित हुई है। सामान्य रूप से मिट्टी की कई परतें होती हैं।

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भारत का भूगोल : भारत की जलवायु का वर्गीकरण
(Geography of India : Classification of India's Climate)

भारत की जलवायु 'मानसूनी' है। जलवायु की दशाओं में समरूपता जलवायु के कारकों के संयुक्त प्रभाव से उत्पन्न होती हैं। वर्षा और तापमान जलवायु के दो महत्वपूर्ण कारक है। इन्हें जलवायु वर्गीकरण की पद्धतियों में निर्णायक कहा जाता है। जलवायु वर्गीकरण की कई पद्धतियाँ हैं। इन पद्धतियों में से 'कोपेन' का जलवायु वर्गीकरण प्रमुख है। इन्होंने जलवायु वर्गीकरण के लिए वर्षा और तापमान को मुख्य आधार बनाया था।

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भारत का भूगोल : भारत की जलवायु भारतीय मानसून
Geography of India: Climate of India Indian Monsoon

भारत की जलवायु 'मानसूनी' है। मानसून शब्द की उत्पत्ति 'मौसिम' शब्द से हुई है, जोकि 'अरबी भाषा' का शब्द है। मौसिम का अर्थ है 'पवनों की दिशा का ऋतुवत (मौसम के अनुरूप) प्रत्यावर्तन'। भारत में अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी से चलने वाली हवाओं की दिशा ऋतु परिवर्तन के साथ परिवर्तित हो जाती हैं। इसी वजह से भारतीय जलवायु को 'मानसूनी जलवायु' कहा जाता है। The climate of India is 'monsoon' . The word monsoon is derived from the word 'mausim' , which is the word for 'Arabic language' . Mausim means 'the seasonal (alternating season) alternation of wind direction' . In India, the direction of the winds from the Arabian Sea and the Bay of Bengal changes with the change of seasons. For this reason, the Indian climate is called 'monsoon climate' . Read more

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भारत का भूगोल : भारत की प्रमुख झीलें
Geography of India : Major Lakes of India

चारों ओर से स्थलखंडों से गिरा जल का स्थिर भाग 'झील' कहलाता है। भारत में प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों प्रकार की झीलें हैं। मानव निर्मित झील में बहुउद्देशीय परियोजनाओं के अंतर्गत निर्मित जलाशयों को सम्मिलित किया जाता है।

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भारत का भूगोल : प्रायद्वीपीय भारत की नदियों का अपवाह तंत्र
Geography of India: Drainage system of rivers of peninsular India.

प्रायद्वीपीय भारत का पश्चिमी घाट एक प्रमुख 'जल विभाजक' है। यह घाट अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियों को विभाजित करता है। भारत के प्रायद्वीपीय पठार का सामान्य ढाल पूर्व तथा दक्षिण पूर्व की ओर है। अतः प्रायद्वीपीय भारत की अधिकांश नदियाँ पश्चिमी घाट से निकलती हैं तथा अंत में बंगाल की खाड़ी में गिरती है। ये नदियाँ डेल्टा भी बनाती है। प्रायद्वीपीय भारत की दो नदियाँ अपवाद हैं। ये हैं: नर्मदा और ताप्ती। यह दोनों बंगाल की खाड़ी में ना गिरकर अरब सागर में विसर्जित हो जाती हैं। इसका कारण यह है कि ये दोनों नदियाँ 'भ्रंश घाटी' से होकर बहती है तथा 'डेल्टा' के स्थान पर 'ज्वारनदमुख' का निर्माण करती हैं। नर्मदा और ताप्ती नदी घाटियों को 'पुरानी रिफ्ट घाटी' कहा जाता है। प्रायद्वीपीय भारत की द्रोणियाँ आकार में छोटी हैं। हिमालय के अपवाह तंत्र की अपेक्षा प्रायद्वीप का अपवाह तंत्र अधिक पुराना है। दक्षिण भारत में नदियाँ मुख्यतः वृक्ष आकार के अपवाह तंत्र का निर्माण करती है।

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भारत का भूगोल : हिमालय की प्रमुख नदियों से संबंधित परियोजनाएँ। Geography of India: Projects related to major rivers of Himalayas.

1. भाखड़ा - नांगल परियोजना : यह परियोजना 'सतलुज' नदी पर चलाई गई है। इससे संबंधित राज्य राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश है।

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भारत का भूगोल : गंगा नदी का अपवाह तंत्र
Geography of India : Drainage System of Gangetic River

अलकनंदा नदी और भागीरथी नदी देवप्रयाग में मिलने के पश्चात संयुक्त रुप से 'गंगा नदी' कही जाती है। अलकनंदा नदी का उद्गम सतोपथ हिमानी से हुआ है तथा भागीरथी नदी का उद्गम 'गोमुख' के निकट 'गंगोत्री हिमनद' से हुआ है। गंगा की प्रमुख सहायक नदियाँ - कोसी, गंडक, बाघमती, महानंदा, घाघरा, गोमती रामगंगा, यमुना, सोन, कर्मनाशा, टोंस हैं। अलकनंदा की सहायक नदियाँ पिंडार, रुद्रप्रयाग, धौली गंगा, विष्णु गंगा हैं। गंगा नदी के तट पर 'बद्रीनाथ' का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है।

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भारत का भूगोल : सिंधु नदी का अपवाह तंत्र
Geography of India : Drainage System of Indus River

सिंधु नदी: का उद्गम कैलाश पर्वत में वह 'बोखर चू' के पास एक हिमनद से हुआ है। इस नदी को तिब्बत में 'शेर मुख' या 'सिंगी खंबान' के नाम से जाना जाता है। सिंधु नदी उद्गम के बाद लद्दाख तथा जास्कर श्रेणियों के मध्य से प्रवाहित होकर 'दमचोक' के पास से भारत में प्रवेश करती है। यह लद्दाख तथा गिलगित से प्रवाहित होने के दौरान गार्ज का निर्माण करती है। इसके बाद यह दर्दिस्तान में चिल्लड़ के निकट पाकिस्तान में प्रवेश करती है। सिंधु नदी की लंबाई 28,80 किलोमीटर है। इसमें से भारत में सिंधु की कुल लंबाई 11,14 किलोमीटर है। सिंधु नदी की अनेक सहायक नदियाँ हैं। उदाहरण - गिलगित, श्योक, काबुल, शिगार, पंचनद, जास्कर इत्यादि। पंचनद के अंतर्गत पाँच नदियाँ आती हैं ये नदियाँ हैं - झेलम, चिनाब, रावी, व्यास, सतलुज। इसकी अन्य सहायक नदियाँ - कुर्रम, तोची, गोमल, संगर और विबोआ है। ये सभी नदियाँ सुलेमान पर्वत से निकलती है। पंचनद नदियाँ आपस में मिलकर पाकिस्तान में 'मीथनकोट' के पास सिंधु नदी से मिलती हैं। सिंधु नदी का मुहाना अरब सागर में है। यह नदी भारत में केवल लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र से प्रवाहित होती है। इस नदी के दाएँ तट पर भारत का लेह स्थित है। सिंधु नदी जल समझौते के अनुसार भारत विसर्जन क्षमता का केवल 20% भाग ही उपयोग कर सकता है। यह समझौता विभाजन के पश्चात सन् 1960 में हुआ था।

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भारत का भूगोल : भारत के तटीय मैदान
Geography of India : Coastal Plains of India

भारत के तटीय मैदान का विस्तार प्रायद्वीपीय पर्वत श्रेणी तथा समुद्र तट के बीच में हुआ है। इन मैदानों का निर्माण 'सागर की तरंगों' द्वारा अपरदन तथा निक्षेपण और पठारी नदियों द्वारा लाए गए अवसादो के जमाव के कारण हुआ है। ये तटीय मैदान पूर्वी एवं पश्चिमी दोनों घाटों की और फैले हुए हैं।

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भारत का भूगोल ~ प्रायद्वीपीय पठार (Geography of india ~ Peninsular Plateau)

भारतीय प्रायद्वीपीय पठार की आकृति 'अनियमित त्रिभुजाकार' है। इस पठार का विस्तार उत्तर-पश्चिम में अरावली पर्वत श्रेणी तथा दिल्ली, पूर्व में राजमहल की पहाड़ियों, पश्चिम की ओर गिर पहाड़ियों, दक्षिण दिशा में इलायची (कार्डमम) पहाड़ियों तथा पूर्वोत्तर में शिलांग तथा कार्बी-ऐंगलोंग के पठार तक है। इस पठार की ऊंचाई 6,00 से 9,00 मीटर है। यह प्रायद्वीपीय पठार 'गोंडवाना लैंड' के टूटकर उत्तर दिशा की ओर प्रवाहित होने के कारण बना था। यह प्राचीनतम भूभाग 'पैंजिया' का ही एक हिस्सा है। यह पुराने क्रिस्टलीय, आग्नेय एवं रूपांतरित शैलों से बना हुआ है। प्रायद्वीपीय पठार की ऊंचाई पश्चिम से पूर्व की ओर कम होती जाती है। इस वजह से प्रायद्वीपीय पठार की अधिकांश नदियों का प्रवाह पूर्व की ओर ही है। प्रायद्वीपीय पठार का ढाल उत्तर से पूर्व दिशा की ओर है। यह सोन, चंबल और दामोदर नदियों के प्रवाह से स्पष्ट हो जाता है। दक्षिणी भाग में पठार का ढाल पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर है, जोकि कृष्णा, महानदी, गोदावरी और कावेरी नदियों के प्रवाह से स्पष्ट हो जाता है। प्रायद्वीपीय नदियों में 2 नदियों के अपवाह हैं। ये नदियाँ हैं- नर्मदा एवं ताप्ती। इनके बहने की दिशा पूर्व से पश्चिम की ओर है। तथा ये अंत में अरब सागर में गिरती हैं। ऐसा 'भ्रंश घाटी' से होकर बहने के कारण है। प्रायद्वीपीय पठार अनेक पठारों से मिलकर बना हुआ है, अतः इसे 'पठारों का पठार' भी कहते हैं। इसे हम चार भागों में वर्गीकृत कर सकते हैं :

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भारत का भूगोल : भारतीय मरूस्थल Geography of India: Indian Desert

मरुस्थल ऐसा क्षेत्र होता है, जहाँ वार्षिक वर्षा 25 सेंटीमीटर या उससे भी कम मात्रा में होती है। यह मरुस्थलीय क्षेत्र हमारे 'भारत' में भी स्थित है। यह मरुस्थल भारत में अरावली पर्वतों के उत्तर-पश्चिम तथा पश्चिमी किनारों पर 'बालू के टिब्बों' से ढका हुआ है। इसे हम 'थार का मरुस्थल' के नाम से जानते हैं। यह एक तरंगित मरुस्थलीय मैदान है। थार के मरुस्थल का अधिकांश भाग 'राजस्थान' में स्थित है। इसके अलावा कुछ भाग गुजरात, हरियाणा तथा पंजाब में भी है। विश्व के समस्त मरुस्थलीय क्षेत्र में सर्वाधिक जन घनत्व हमारे थार के मरुस्थल में ही है।

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भारत का भूगोल : उत्तर भारत का विशाल मैदान Geography of India : Great Plain of Northern India

उत्तरी भारत के विशाल मैदान को 'गंगा, ब्रह्मपुत्र नदियों का मैदान' भी कहा जाता है। क्योंकि इस विशाल मैदान का निर्माण मुख्यतः सिंधु, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदी तथा उनकी सहायक नदियों द्वारा लाए गए अवसादो के निक्षेपण के द्वारा हुआ है। यह मैदान पश्चिम दिशा में 'सिंधु नदी' से लेकर पूर्व दिशा में 'ब्रह्मपुत्र नदी' तक विस्तृत है। यह विशाल मैदान समतल है और इसके उच्चावच में अंतर बहुत कम है। यह मैदान पूर्व से पश्चिम तक लगभग 3,200 किलोमीटर लंबा है। इस मैदान की चौड़ाई लगभग 1,50 से 3,00 किलोमीटर है। यह मैदान समुद्र तल से लगभग 50 से 1,50 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह मैदान कृषि कार्य के लिए बहुत उपयुक्त है। क्योंकि यहां की मिट्टी उपजाऊ है तथा यहां पर उपयुक्त जलवायु है एवं पर्याप्त जलापूर्ति होती है।

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भारत का भौगोलिक खण्ड - महान हिमालय
Geographical Segment of India - Great Himalaya

'हिमालय' भारतीय भू-आकृतिक संरचना का एक अभिन्न अंग है। यह उत्तर-पश्चिम में जम्मू-कश्मीर से लेकर पूर्व में अरुणाचल प्रदेश तक फैला हुआ है। इसकी लंबाई लगभग 2,500 किलोमीटर है। इसकी रचना 'टर्टियरी काल' के 'अल्पाइन भूसंचलन' के कारण हुई है। हिमालय पश्चिम में 400 किलोमीटर चौड़ा एवं पूर्व में 160 किलोमीटर चौड़ा है। यह पश्चिम में पूर्व की अपेक्षा अधिक चौड़ा है। इसका प्रमुख कारण अभिसारी सीमांत पर दबाव बल का अधिक होना है। पूर्व में दबाव बल अधिक होने के कारण पूर्व में स्थित पर्वतीय क्षेत्र पश्चिम की अपेक्षा अधिक ऊंचे हैं। इसी कारण 'माउंट एवरेस्ट' तथा 'कंचनजंगा' जैसी ऊंची पर्वत चोटियां पूर्वी हिमालय में स्थित है हिमालय पर्वत श्रेणियां भारत की ओर उत्तल तथा तिब्बत की और अवतल है।

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भारत का भूगोल– सामान्य जानकारी Geography of India - General Information

नामकरण : हमारे देश भारत का नाम दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र 'भरत' के नाम पर रखा गया था। वे ऋग्वैदिक काल के प्रमुख जन थे। उनका उल्लेख वायु पुराण में मिलता है। भारत को 'आर्यावर्त' के नाम से भी जाना जाता है। इसे यह नाम इसीलिए प्राप्त हुआ क्योंकि यह प्राचीन काल में 'आर्यों' का निवास स्थल था। भारत को 'हिंद' या 'हिंदुस्तान' कहकर भी संबोधित किया जाता है। इसे यह नाम मध्यकालीन इतिहास लेखकों (फारसी, अरबी आदि) ने दिया था। यूनानी लेखकों ने भारत को 'इंडिया' कहा है। 'इंडिया' शब्द की उत्पत्ति यूनानी भाषा के शब्द 'इंडोई' से हुई है।

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खगोलीय पिंड- नक्षत्र मण्डल, ध्रुव तारा, ग्रह एवं उपग्रह, ग्रहों की परिक्रमण एवं घूर्णन गति Astronomical Bodies- Constellation, Pole Star, Planets and Sattellite, Rotation of Planets.

खगोलीय पिंड- सूर्य, चंद्रमा तथा वे सभी वस्तुएं जो रात के समय आसमान में चमकते हैं, खगोलीय पिंड कहलाते हैं। कुछ खगोलीय पिंड बड़े आकार वाले तथा गर्म होते हैं। ये गैसों से बने होते हैं। इनके पास अपनी ऊष्मा तथा प्रकाश होता है, जिसे वे बहुत बड़ी मात्रा में उत्सर्जित करते हैं। इन खगोलीय पिण्डों को तारा कहते हैं। तारे टिमटिमाते हैं। सूर्य भी एक तारा है।

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