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Blog ( लेख )

  • BY:RF Temre (1299)
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  • 3084

अनुतान क्या है? अनुतान के उदाहरण एवं प्रकार || हिन्दी भाषा में इसकी महत्ता || Hindi Bhasha and Anutan

अनुतान के प्रयोग से शब्दों या वाक्यों के भिन्न-भिन्न अर्थों की अनुभूति होती है। भाषा में अनुतान क्या होता है? अनुतान के उदाहरण, प्रकार एवं इसकी महत्ता की जानकारी पढ़े।

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  • BY:RF Temre (1260)
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  • 1108

'अ' और 'आ' वर्णों से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य एवं इनकी विशेषताएँ

अ और आ दोनों स्वर वर्णों का उच्चारण स्थान कण्ठ है अर्थात ये दोनों वर्ण कण्ठ्य वर्ण हैं। इनकी विस्तार पूर्वक जानकारी नीचे दी गई है।

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  • BY:RF Temre (1218)
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  • 1026

आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी (परिचय) : बौद्धकालीन भारत में विश्वविद्यालय― तक्षशिला, नालंदा, श्री धन्यकटक, ओदंतपुरी विक्रमशिला

आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित निबंध : बौद्धकालीन भारत में विश्वविद्यालय― तक्षशिला, नालंदा, श्री धन्यकटक, ओदंतपुरी विक्रमशिला।

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  • BY:RF Temre (1155)
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  • 2143

आधुनिक काल (सन् 1843 स अब तक) भारतेंदु युग, द्विवेदी युग, छायावादी युग, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता

हिन्दी साहित्य का इतिहास - आधुनिक काल (सन् 1843 स अब तक) भारतेंदु युग, द्विवेदी युग, छायावादी युग, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता का युग।

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  • BY:RF Temre (1066)
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  • 1179

भक्ति काल (सन् 1318 से 1643 ई. तक) || हिन्दी पद्य साहित्य का इतिहास || Hindi Padya Sahitya - Bhakti Kal

भक्ति काव्य धारा - [१] निर्गुण-भक्ति काव्य-धारा। (अ) ज्ञानाश्रयी निर्गुण भक्ति काव्य-धारा। (ब) प्रेंमाश्रयी निर्गुण-भक्ति काव्य-धारा। [२] सगुण भक्ति काव्य-धारा (अ) कृष्ण भक्ति धारा (ब) राम भक्ति धारा।

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  • BY:RF Temre (1065)
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  • 1318

हिन्दी कविता का विकास - हिन्दी साहित्य के इतिहास का काल विभाजन || आदिकाल / वीरगाथा काल / चारण काल / रासोकाल

हिन्दी साहित्य का आधुनिक युग से पूर्व का इतिहास प्रमुख रूपेण पद्म साहित्य का ही इतिहास है।

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  • BY:RF Temre (1063)
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  • 3321

गद्य साहित्य की प्रकीर्ण (गौण) विधाएँ - जीवनी, आत्मकथा, यात्रावृत्त, संस्मरण, गद्य काव्य, रेखाचित्र, रिपोर्ताज, डायरी, भेंटवार्ता, पत्र साहित्य

गद्य की प्रकीर्ण विधाओं में जीवनी, आत्मकथा, यात्रावृत्त, संस्मरण, रेखाचित्र, रिपोर्ताज, डायरी, भेंटवार्ता, पत्र साहित्य आदि मुख्य हैं।

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  • BY:RF Temre (1060)
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  • 1676

निबंध का अर्थ, परिभाषाएँ एवं वर्गीकरण || निबंध का विकासक्रम || Nibandh vidha

निबंध गद्य लेखन को एक उत्कृष्ट विधा है। आचार्य शुक्ल के अनुसार - "यदि गद्य कवियों की कसौटी है तो निबंध गद्य की कसौटी है।"

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  • BY:RF Temre (1055)
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  • 1418

कहानी - गद्य विधा || कहानी के तत्व एवं विशेषताएँ || कहानी कथन की रीतियाँ एवं इसका विकासक्रम || Hindi Kahani Vidha

मानव स्वभावतः अपने भाव दूसरों के समक्ष प्रस्तुत करना चाहता है। उसकी प्रवृत्ति ने कहानी को जन्म दिया होगा। दूसरा पक्ष यह है कि मनुष्य स्वभावतः जिज्ञासु होता है। वह अधिकाधिक जानना चाहता है।

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  • BY:RF Temre (1049)
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  • 4924

उपन्यास का अर्थ एवं परिभाषा - उपन्यास के तत्व एवं प्रकार, उपन्यास का इतिहास एवं प्रमुख उपन्यासकार || Hindi Novels

उपन्यस्येत इति उपन्यास:" उपन्यास शब्द का अर्थ है सामने रखना "उपन्यास प्रसादनम्" उपन्यास का अर्थ है किसी वस्तु को इस प्रकार से संजोकर रखना जिससे दूसरे उसे देखकर प्रसन्न हों।

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  • BY:RF Temre (1046)
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  • 1815

एकांकी विधा - एकांकी के प्रकार || नाटक व कहानी से भिन्नता || प्रमुख एकांकीकार तथा उनकी प्रमुख कृतियाँ (Ekanki vidha)

नाटक और एकांकी के तत्व समान हैं, एकांकी में एक ही अंक, एक घटना, एक कार्य और एक ही समस्या होती है, फिर भी इसे नाटक का लघु रूप नहीं कहा जा सकता है। यह एक स्वतन्त्र विधा है।

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  • BY:RF Temre (1030)
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  • 1372

नाटक (गद्य विधा) - नाटक के तत्व || नाटक के विकास युग - भारतेंदु, प्रसाद, प्रसादोत्तर युगीन नाटक

नाटक गद्य विधा एवं इसके तत्व - कथावस्तु, चरित्र-चित्रण, शैली, कथोपकथन, अभिनेयता, गीतात्मकता। नाटक के विकास युग - भारतेंदु, प्रसाद, प्रसादोत्तर युगीन नाटक।

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  • BY:RF Temre (1029)
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  • 1190

'आलोचना' गद्य विधा क्या है - हिन्दी गद्य विधा का विकास || Aalochna - Hindi gadya vidha ka vikas

आलोचना' शब्द का शाब्दिक अर्थ है "किसी वस्तु को भली प्रकार से देखना।" किसी साहित्यिक रचना को अच्छी तरह परीक्षण कर उसके गुण-दोषों को प्रकट करना हो आलोचना करना या समीक्षा करना कहलाता है।

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  • BY:RF Temre (1028)
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  • 3439

हिन्दी गद्य की प्रमुख एवं गौण (प्रकीर्ण) विधाएँ || Hindi Sahitya ki pramukh and goud vidhaye

हिन्दी के गद्य साहित्य की विधाओं को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है। एक वर्ग "प्रमुख" विधाओं एवं दूसरा "गौण" (प्रकीर्ण) विधाओं का है।

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  • BY:RF Temre (1027)
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  • 1832

हिन्दी गद्य साहित्य का विकास - भारतेन्दु युग, द्विवेदी युग, छायावादी युग एवं छायावादोत्तर युग || Hindi Gadya Sahitya ka vikash

हिन्दी गद्य साहित्य के विकास क्रम को चार युगों में बाँटा जा सकता है - भारतेन्दु युग, द्विवेदी युग, छायावादी युग एवं छायावादोत्तर युग।

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  • BY:RF Temre (1019)
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  • 1502

रकार (र) हिन्दी वर्णमाला के कौनसे वर्णों के साथ प्रयुक्त होता है || रकार (Rakar) के भिन्न-भिन्न स्वरूप

जब किसी शब्द में 'र' वर्ण के पूर्व कोई आधा वर्ण प्रयुक्त होता है तब 'र' का स्वरूप बदलकर उसी आधे वर्ण नीचे तिरछी रेखा (क्र) के रूप में प्रयुक्त होता है।

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  • BY:RF Temre (997)
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  • 5796

सरकारी पत्र क्या होते हैं? || सरकारी पत्रों के प्रकार इनकी विशेषताएँ || पत्र के अंश एवं इसका प्रारूप

पत्र लेखन हिन्दी एक महत्वपूर्ण विधा है। पत्र कई तरह की होते हैं जिनमें सरकारी पत्र का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

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  • BY:RF Temre (995)
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  • 1101

अनुस्वार (बिन्दी) युक्त एकल वर्ण गं, चं, डं, दं, पं, इं, हं आदि का सही उच्चारण || Anuswar Yukt Varn ke Uchcharan

अनुस्वार युक्त एकल (एक अकेले) वर्ण का उच्चारण (वर्तनी) नहीं कर सकते हैं क्योंकि अनुस्वार (बिन्दु) का प्रयोग पंचम वर्ण के स्थान पर किया जाता है।

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  • BY:RF Temre (990)
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  • 1006

पाठ 1 पुष्प की अभिलाषा - पाठ के अनछुए बिन्दु || प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु जानकारियाँ || Information of Hindi for Competitive Exams

कक्षा 5 की भाषा-भारती के पाठ 1 'पुष्प की अभिलाषा' के अनछुए बिंदुओं को यहाँ स्पष्ट किया गया है जोकि प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है।

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  • BY:RF Temre (965)
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  • 2969

संयुक्त व्यन्जन किसे कहते हैं || संयुक्त व्यन्जनों की पहचान || संयुक्त व्यन्जनों से युक्त शब्दों की सूची || Sanyukt Vyanjan

हिन्दी वर्णमाला के वे वर्ण जिनमें दो व्यन्जन वर्णों का उच्चारण एक साथ किया जाता है अर्थात दो व्यन्जन वर्ण पास-पास में प्रयुक्त होते हैं, जिनके मध्य कोई स्वर वर्ण या ध्वनि का प्रयोग नहीं होता है तो ऐसे वर्णों को संयुक्त व्यन्जन वर्ण कहते हैं।

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  • BY:RF competition (953)
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  • 3757

"वन्दे मातरम्" राष्ट्रीय गीत का हिन्दी अनुवाद || Hindi translation of "Vande Mataram" national song

"वन्दे मातरम्" राष्ट्रीय गीत की प्रारंभिक पंक्तियाँ जो कि विद्यालयों में प्रातः कालीनया सायं कालीन प्रार्थना सभा में गाई जाती है का हिन्दी अनुवाद पढ़ें।

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  • BY:RF Temre (952)
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  • 6913

T.C. की द्वितीय प्रति प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र कैसे लिखें || How to write Application for Transfer Certificate

टीसी गुम हो जाने पर उसकी द्वितीय प्रति प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र प्राचार्य या संस्था प्रमुख को कैसे लिखा जाता है?

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  • BY:RF Temre (937)
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  • 1204

कार्यालयों में फाइलिंग (नस्तीकरण) - Meaning of filing || फाइलिंग के प्रकार, उपयोगिता एवं आवश्यकता

कार्यालयों में फाइलिंग जिसे हिंदी में नस्तीकरण कहा जाता है। यहाँ इसके प्रकार, उपयोगिता एवं आवश्यकता के जानें।

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  • BY:RF Temre (936)
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  • 1742

स्थानांतरण प्रमाण-पत्र (TC) हेतु आवेदन पत्र कैसे लिखें? || How to write application for Transfer Certificate (TC)?

स्थानांतरण प्रमाण पत्र (TC) के लिए संस्था/विद्यालय प्रमुख को आवेदन पत्र लिखा जाता है। आवेदन का एक निर्धारित प्रारूप होता है। यहाँ निर्धारित प्रारूप को देखें।

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  • BY:RF Temre (889)
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  • 1108

अलग-अलग कारणों को लेकर विद्यार्थियों द्वारा लिखे जाने वाले अवकाश हेतु आवेदन पत्र || Application for Leave

अलग-अलग कारणों को लेकर विद्यार्थियों द्वारा लिखे जाने वाले अवकाश हेतु आवेदन पत्र (Application for Leave) इस प्रकार हैं।

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  • BY:RF Temre (874)
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  • 1043

हिन्दी की क्रियाओं के अन्त में 'ना' क्यों जुड़ा होता है? मूल धातु एवं यौगिक धातु || Why is 'na' attached to the end of Hindi verbs?

धातु किसे कहते हैं, हिन्दी की क्रियाओं के अन्त में 'ना' क्यों जुड़ा होता है, मूल धातु एवं यौगिक धातु क्या है?

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  • BY:RF Temre (764)
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  • 1660

'हैं' व 'हें' तथा 'है' व 'हे' के प्रयोग तथा अन्तर || 'हैं' और 'है' में अंतर || 'हैं' एकवचन कर्ता के साथ भी प्रयुक्त होता है

हिन्दी भाषा की वाक्य रचना में क्रिया शब्द के स्थान पर 'हैं' और 'है' का प्रयोग होता है। ये दोनों शब्द मुख्य क्रिया और कभी सहायक क्रिया के रूप में प्रयुक्त होते हैं।

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  • BY:RF Temre (759)
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  • 1262

'पर्याय' और 'वाची' शब्दों का अर्थ || पर्यायवाची और समानार्थी शब्दों में अंतर || Paryayvachi and Samanarthi Shabd

'पर्याय' शब्द का आशय होता है 'वैसा ही' या 'उसी तरह का'। सामान्य अर्थ देखें तो 'पर्याय' शब्द का मायना 'समान अर्थ वाला' होता है।

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  • BY:RF Temre (749)
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  • 1561

अकर्मक और सकर्मक क्रियाएँ || अकर्मक से सकर्मक क्रिया बनाना || Transitive and Intransitive Verb in Hindi

रचना के आधार पर क्रिया के दो भेद हैं– 1. अकर्मक क्रिया 2. सकर्मक क्रिया। जिन क्रियाओं के लिये कर्म की आवश्यकता नहीं होती अकर्मक क्रिया कहलाती है।

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  • BY:RF Temre (705)
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  • 1057

अपठित गद्यांश कैसे होते हैं || अपठित गद्यांश का आदर्श स्वरूप || Apathit Gadyansh kaise hal kare

विद्यार्थियों के हिन्दी ज्ञान को परखने के लिए अपठित गद्यांश दिए जाते हैं। विद्यार्थियों को अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक हल करना चाहिए।

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  • BY:RF Temre (704)
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  • 1034

हिन्दी में सूचना और उस पर आधारित प्रश्न NAS (National achievement Survey) राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे 2021 की तैयारी

किसी भी परीक्षा में हिन्दी भाषा ज्ञान को परखने के लिए अपठित गद्यांश, सूचनाएँ, पोस्टर्स, समय तालिका आदि दी जाती हैं।

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  • BY:RF Temre (677)
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  • 1190

काव्य के भेद- श्रव्य काव्य, दृश्य काव्य, प्रबंध काव्य, मुक्तक काव्य, पाठ्य मुक्तक, गेय मुक्तक, नाटक, एकांकी || kavy ke prakar

काव्य, दृश्य काव्य, प्रबंध काव्य, मुक्तक काव्य, पाठ्य मुक्तक, गेय मुक्तक, नाटक, एकांकी आदि काव्य के प्रकार हैं।

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  • BY:RF Temre (675)
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  • 4216

रस के अंग – स्थायी भाव, विभाव, अनुभाव, संचारी भाव | Ras- Sthai bhav, Vibhav, Anubhav and Sanchari bhav

जब किसी काव्य की पंक्तियों को पढ़कर मन में जो भाव जाग्रत होते हैं जिससे एक प्रकार की अनुभूति होती है तो ये मन के भाव ही रस कहलाते हैं।

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  • BY:RF Temre (659)
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  • 1049

राष्ट्रभाषा जहाँ अन्य भाषा-भाषी राज्यों के बीच सेतु का काम करती है वहीं राजभाषा, राज्य के प्रशासनिक काम-काज को भाषा है।

राष्ट्रभाषा जहाँ अन्य भाषा-भाषी राज्यों के बीच सेतु का काम करती है वहीं राजभाषा, राज्य के प्रशासनिक काम-काज को भाषा है।

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  • BY:RF Temre (653)
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  • 1103

पुनरुक्त शब्दों को चार श्रेणियाँ || Punrukt shabd ki 4 prakar

पुनरुक्त शब्दों को चार श्रेणियों में रखा जा सकता है– 1. पूर्ण पुनरुक्त शब्द 2. अपूर्ण पुनरुक्त 3. प्रति ध्वन्यात्मक पुनरुक्त शब्द 4. भिन्नात्मक पुनरुक्त शब्द।

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  • BY:RF Temre (607)
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  • 2117

पुनरुक्त शब्द एवं इसके प्रकार | पुनरुक्त और द्विरुक्ति शब्दों में अन्तर | Punrukt shabd ke prakar

किसी शब्द की एकसाथ दो बार आवृत्ति होती है तो ऐसे शब्द को पुनरुक्त शब्द कहते हैं।उदाहरण– धीरे-धीरे।

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  • BY:RF Temre (604)
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  • 1310

लोकोक्ति और मुहावरे में अंतर | भाषा में इनकी उपयोगिता | Lokokti and Muhavara (proverbs and idioms)

लोकोक्ति पूर्ण होती है जबकि मुहावरा वाक्यांश होता है। लोकोक्ति पूर्ण स्वतंत्र होती है, जबकि मुहावरा पूर्ण स्वतंत्र नहीं होता।

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  • BY:RF Temre (602)
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  • 3330

संस्कृत शब्दावली (दैनिक जीवन में प्रयुक्त शब्द) | Sanskrit Vocabulary (Words Used in Daily Life)

दैनिक जीवन में प्रयुक्त शब्द संस्कृत शब्दावली का ज्ञान आवश्यक है क्योंकि संस्कृत हमारी देव भाषा है। आइए संस्कृत शब्दों को जानते हैं।

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  • BY:RF Temre (601)
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  • 1224

प्रश्नवाचक चिह्न ? एवं विस्मयादिबोधक चिह्न ! के प्रयोग की स्थितियाँ | Question mark? and Exclamation mark in Hindi

प्रश्नवाचक चिन्ह से हम परिचित हैं। विस्मयादिबोधक चिन्ह प्रसन्नता, आश्चर्य, घृणा आदि के भावों स्पष्ट करने में सहायक होते हैं।

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  • BY:RF Temre (599)
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  • 1177

कर्त्ता क्रिया की अन्विति संबंधी वाक्यगत अशुद्धियाँ | Karta Kriya sambandhi Anviti sambandhi Asuddhiyan in Hindi

जब वाक्य में कर्ता और क्रिया की उचित अन्विति अर्थात परस्पर मेल या संबद्धता नहीं होती है तो वाक्य का सार्थक अर्थ ग्रहण करने में काफी कठिनाई होती है।

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  • BY:RF Temre (596)
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  • 1658

वाक्य – अर्थ की दृष्टि से वाक्य के प्रकार | Type of sentences in hindi

सामान्यतः वाक्य भेद दो दृष्टियों से किया जाता है - 1. अर्थ की दृष्टि से 2. रचना की दृष्टि से। अर्थ की दृष्टि से वाक्य के 8 प्रकार हैं।

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  • BY:RF Temre (512)
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  • 1365

पत्र के प्रकार, पत्र लेखन से संबंधित महत्वपूर्ण बिन्दु | Hindi letter writing- type of letter

पत्र लेखन अनेक प्रकार से होता है, जिसमें, आदेशात्मक, निवेदनात्मक, सूचनात्मक, विवरणात्मक, व्यावसायिक आदि पत्र होते हैं।

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  • BY:RF Temre (511)
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  • 2188

अलंकार और अलंकार के भेद- शब्दालंकार, अर्थालंकार, उभयालंकार | Alankar ke prakar

अलंकार का सामान्य अर्थ है, 'आभूषण' या 'गहना'। अलंकार और अलंकार के भेद- अलंकार के तीन प्रकार- शब्दालंकार, अर्थालंकार, उभयालंकार हैं।

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  • BY:RF Temre (510)
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  • 1523

हिन्दी में विराम चिन्हों का प्रयोग इसके महत्व एवं प्रकार | punctuation mark and it's uses

विराम का मूल अर्थ - रुकना, ठहराव, आराम की स्थिति है। हिन्दी में विराम चिन्हों का प्रयोग इसके महत्व एवं प्रकार को जानेंगे।

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  • BY:RF Temre (509)
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  • 2204

छंद और इसकी मात्राएँ | छंद के प्रकार - मात्रिक छंद, वर्णिक छंद और अतुकांत (मुक्त) छंद

काव्यशास्त्र के नियमानुसार जिस काव्य में मात्रा, वर्ण संख्या, गण, यति, गति, लय तथा तुक आदि नियमों का विचार करके शब्द योजना की जाती है, उसे 'छंद' कहते हैं।

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  • BY:RF Temre (508)
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  • 1868

रस किसे कहते हैं, रस के प्रकार और इसके अंग | Ras kya hai- ras ke prakar aur iske ang

रस के प्रकार 10 हैं। कार्य या साहित्य को पढ़ने, सुनने या देखने से पाठक, श्रोता या दर्शक को जिस आनंद की अनुभूति होती है, उसे 'रस' कहते हैं।

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  • BY:RF Temre (507)
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  • 1998

लेखक परिचय - आचार्य रामचंद्र शुक्ल, उषा प्रियंवदा, उदय शंकर भट्ट, डॉ. रघुवीर सिंह, शरद जोशी, रामनारायण उपाध्याय

हिन्दी साहित्य के कुछ लेखकों यथा - आचार्य रामचंद्र शुक्ल, उषा प्रियंवदा, उदय शंकर भट्ट, डॉ. रघुवीर सिंह, शरद जोशी, रामनारायण उपाध्याय का परिचय यहाँ दिया गया है।

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  • BY:RF Temre (505)
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  • 8143

कवि परिचय - सूरदास, तुलसीदास, केशवदास, मीराबाई, कबीर दास, मैथिलीशरण गुप्त, जयशंकर प्रसाद | Poets of Hindi Poetry

हिन्दी साहित्य के कवि परिचय में - सूरदास, तुलसीदास, केशवदास, मीराबाई, कबीर दास, मैथिलीशरण गुप्त, जयशंकर प्रसाद का परिचय यहाँ दिया गया है।

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  • BY:RF Temre (503)
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  • 2643

काव्य के प्रकार- श्रव्य काव्य, दृश्य काव्य, प्रबंध काव्य, मुक्तक काव्य, महाकाव्य, खंडकाव्य, आख्यानक गीतियाँ

काव्य के प्रकारों में मुख्य दो प्रकार हैं- 1. श्रव्य काव्य 2. दृश्य काव्य। श्रव्य काव्य के दो प्रकार हैं- 1. प्रबंध काव्य, 2. मुक्तक काव्य।

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  • BY:RF Temre (499)
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हिन्दी साहित्य का इतिहास- चार युग- आदिकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल, आधुनिक काल | History of Hindi Literature

हिंदी साहित्य के इतिहास को चार भागों में विभाजित किया गया है- 1. आदिकाल (वीरगाथाकाल) 2. पूर्व मध्यकाल (भक्तिकाल) 3. उत्तर मध्यकाल (रीतिकाल) 4. आधुनिक काल में बाँटा गया है।

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  • BY:RF Temre (495)
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  • 1919

गद्य साहित्य की गौण (लघु) विधाएँ― जीवनी, आत्मकथा, आलोचना, संस्मरण, रेखाचित्र, रिपोर्ताज, यात्रा-साहित्य || secondary genres of prose literature

गद्य साहित्य की गौण विधाओं में जीवनी, आत्मकथा, आलोचना, संस्मरण, रेखाचित्र, रिपोर्ताज, यात्रा-साहित्य, पत्र-साहित्य, साक्षात्कार-साहित्य, गद्य काव्य, डायरी, लघु कथा आदि सम्मिलित हैं।

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  • BY:RF Temre (494)
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  • 7851

हिंदी गद्य साहित्य की प्रमुख विधाएँ ― निबंध, नाटक, एकांकी, उपन्यास, कहानी | hindi sahitya ki gadya vidhaye ― Essay, Drama, Ekanki, Novel, Story

हिन्दी गद्य की प्रमुख विधाएँ निम्नलिखित हैं― निबंध, नाटक, एकांकी, उपन्यास, कहानी। इस विधा के प्रमुख रचनाकार एवं उनकी रचनाएँ भी वर्णित की गई हैं।

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  • BY:RF Temre (465)
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  • 1079

Essay of Cow - Main steps of essay writing for primary classes | गाय का निबंध - लेखन के प्रमुख चरण

प्राथमिक शाला में अध्ययनरत विद्यार्थियों हेतु निबंध लेखन की जानकारी आवश्यक होती है।गाय का निबंध लिखने के प्रमुख चरण हैं।

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  • BY:RF Temre (382)
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  • 2054

समग्र शब्द- अनेक शब्दों के लिए एक शब्द | Shabd samuh ke liye ek shabd

अनेक शब्दों के स्थान पर यदि एक सार्थक शब्द जिसे समग्र शब्द भी कहते हैं, इसका प्रयोग होता है तो भाषा बहुत ही उत्तम तथा भावपूर्ण हो जाती है।

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  • BY:RF competition (328)
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  • 1834

हिन्दी शब्द ज्ञान— 'अभिज्ञ' एवं 'भिज्ञ' शब्द में अंतर

'अभिज्ञ' एवं 'भिज्ञ' इन दोनों शब्दों का सामान्य अर्थ है— किसी विषय या क्षेत्र का जानकार या ज्ञानी (जानकारी रखने वाला) किंतु इन दोनों शब्दों में सूक्ष्म अंतर है।

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  • BY:RF competition (322)
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  • 1134

हिन्दी शब्द ज्ञान– दुःख, कष्ट, पीड़ा, वेदना, व्यथा, विषाद,संताप, शोक, दर्द,खेद में अन्तर

(1) दुख — प्रतिकूल (विपरीत), हानिकारक (नुकसानदेह) बातों या क्रियाकलापों के कारण उत्पन्न हुई मानसिक अनुभूति को दुख कहा जाता है।

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  • BY:RF competition (318)
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  • 1346

अर्थ के आधार पर -वाचक, लाक्षणिक,वयंग्यार्थक शब्द || Types of words - Hindi Vyakaran

अर्थ के आधार पर शब्दों के प्रकार के दो खण्ड किए जा सकते हैं। 'खंड 1' में साहित्य शास्त्रियों एवं विद्वानों ने तीन भेद किए हैं।

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  • BY:RF competition (302)
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  • 1282

Mitra ko patra || letter to friend || मित्र को पत्र || कोरोना काल में पढ़ाई का विवरण

मित्र को एक पत्र लिखिए जिसमें आपने कोरोना वायरस के दौरान क्या-क्या किया, सम्पूर्ण वर्ष स्कूल गए बगैर भी आपने अपनी पढ़ाई कैसे की।

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  • BY:RF competition (235)
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  • 1112

शब्दों के प्रकार : देशज शब्द, विदेशी शब्द एवं संकर शब्द~ हिन्दी भाषा (व्याकरण)

देशज शब्द – वे शब्द जिनकी बनावट (रचना) का पता नहीं चलता और जो न तो संस्कृत भाषा के हैं और न ही विदेशी भाषाओं से आए हैं। ऐसे शब्द अपने ही देश की उपज हैं अर्थात अपने ही देश में बोलचाल से बने हैं जिन्हें देशज या देशी शब्द कहा जाता है।

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  • BY:RF competition (121)
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Hindi Vyanjan ka vargikaran - vyanjan ke prakar | हिंदी व्यंजनों का वर्गीकरण - व्यंजनों के प्रकार

हिंदी व्यंजनों का वर्गीकरण - व्यंजनों के प्रकार - प्रयत्न के आधार पर – 1.स्पर्श व्यंजन 2. संघर्षी व्यंजन 3. स्पर्श संघर्षी व्यंजन इसी तरह अन्य प्रकार भी हैं।

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  • BY:RF competition (107)
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  • 2462

हिन्दी व्यंजन वर्ण Consonants व्यंजनों के प्रकार- अयोगवाह, द्विगुण आदि क्या हैं?

ऐसे वर्ण जो बिना स्वरों की सहायता के उच्चारित नहीं हो सकते, जिनके उच्चारण में वायु मुख से अबाध गति से नहीं निकलती, व्यंजन वर्ण कहलाते हैं।

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  • BY:RF competition (105)
  • 14
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हिन्दी शब्द 'किंतु' और 'परंतु' में अंतर 'Kintu' aur 'Parantu' me antar

'किंतु' एवं 'परंतु' दोनों शब्द समानार्थक हैं। इनका प्रयोग वाक्य में किसी कार्य के पूर्ण होने या न होने का कारण बताने के लिए इन शब्दों के बाद आगे की बात कही जाती है।

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  • BY:RF competition (104)
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'संस्कृत' एवं 'हिन्दी'- 'स्वर के प्रकार' Sanskrit and Hindi-Swar ke Prakar

[अ] उच्चारण स्थान के आधार पर 'स्वरों' के प्रकार- 'संस्कृत' एवं 'हिन्दी' (1) कंठ्य - 'अ', 'आ' (2) तालव्य- 'इ', 'ई' (3) ओष्ठव्य - 'उ', 'ऊ' (4) कंठ-तालव्य- 'ए', 'ऐ' (5) कंठोष्ठय - 'ओ', 'औ' (6) मूर्धन्य- 'ऋ', 'ऋ' (7) दंत्य - 'लृ', 'लृ' [ब] जिह्वा के व्यवहृत भाग के आधार पर स्वरों का वर्गीकरण-

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  • BY:RF competition (100)
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'वर्ण' और 'अक्षर' क्या अलग अलग हैं?Are 'Varna' and 'Akshar' Different?

'वर्ण' बोला जाने वाला छोटा से छोटा टुकड़ा है, किंतु 'अक्षर' समझा जाने वाला छोटे से छोटा टुकड़ा होता है। जैसे कि 'अ', 'आ', 'इ', 'उ' को हम बोल सकते हैं, किंतु इनका छोटा अंश नहीं हो सकता।

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Grammar (व्याकरण) - वर्ण क्या है? वर्णों की संख्या- हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी में। What is Varna? Number of characters- in Hindi Sanskrit and English.

हिंदी ध्वनियों का वर्गीकरण - सामान्यतः उच्चारण स्थान और उच्चारण की रीति की दृष्टि से किया जाता है। इसी तरह संकट एवं अंग्रेजी में भी वर्णों के भेद निम्नानुसार हैं। "स्वयं राजन्ते इति स्वराः।"

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'सन्सार', 'सन्मेलन' जैसे शब्द शुद्ध नहीं हैं क्यों? || अनुस्वार के प्रयोग || use of anusar in hindi

हिन्दी भाषा में कुछ शब्द - जैसे सन्सार, सन्मेलन, अन्श, अन्स,आसंन, सन्मति,जंम/जम्म, समंवय, सामांय, कंया शब्द अशुद्ध है। इन्हें शुद्ध रूप में कैसे लिखें -----

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व्याकरण क्या है? What is GRAMMAR?

व्याक्रियते भाषा अनेन इति व्याकरणम'।अर्थात जिस विद्या से भाषा की व्याख्या अर्थात उसका विश्लेषण होता है, उसे व्याकरण कहते हैं। Grammar refers to the manner of speaking or writing a language.

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आदि और इत्यादि में अंतर aadi and ityadi me antar

आदि और इत्यादि शब्द का प्रयोग, किसी वाक्य में बहुत से संज्ञा शब्दों के एक साथ आने पर करते हैं। किंतु आदि शब्द एवं इत्यादि शब्दों के प्रयोग की स्थितियां अलग-अलग होती है।

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