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Download - शासकीय कर्मचारियों हेतु अवकाश के प्रकार एवं उनके नियम

Type of Holidays For Government Employees and Its Rules.

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साथियों, शासकीय कर्मचारियों को सेवा के दरमियान आवश्यकता अनुसार अवकाश प्रदान किए जाते हैं। अवकाश लेना शासकीय सेवक का अधिकार नहीं है किंतु कर्मचारी को आवश्यकतानुसार अवकाश समय-समय पर स्वीकृत किए जाते हैं, जिनसे कर्मचारी अपने जीवन से संबंधित अनिवार्य एवं आवश्यक कार्यों का निष्पादन कर पाते हैं। यहाँ पर अवकाश के संदर्भ में जानकारी प्रदान की गई है। साथ ही अवकाश की नियमावली का पीडीएफ भी दिया गया है। जिसे आप नीचे डाउनलोडेबल मटेरियल पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं।

आइए जानते हैं अवकाशों के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारी-

शासकीय कर्मचारियों को मिलने वाले अवकाश:-

(1) आकस्मिक अवकाश

(2) प्रतिकर अवकाश

(3) अर्जित अवकाश

(4) निजी कार्य पर अवकाश

(5)चिकित्सा अवकाश

(6) मातृत्व अवकाश

(7)असाधारण अवकाश

(8) हॉस्पिटल अवकाश

(9) अध्ययन अवकाश

(10) विशेष विकलांगता अवकाश

(11 लघुकृत अवकाश

अवकाश के संबंध में कुछ मूलभूत नियम निम्नानुसार है-

(A) अवकाश की प्राप्ति:-

अवकाश केवल ड्यूटी देकर ही उपार्जित किया जाता है। इस नियम के लिए बाह्य सेवा में व्यतीत की कई अवधि को ड्यूटी माना जाता है, यदि ऐसी अवधि के लिए अवकाश वेतन के लिए अंशदान का भुगतान कर दिया गया है।

(B) विशेष विकलांगता अवकाश :-

विशेष विकलांगता अवकाश के अतिरिक्त मूल नियमों के अंतर्गत देय अन्य अवकाश शासन के अधीनस्थ उन प्राधिकारियों द्वारा प्रदान किया जा सकता है, जिन्हें शासन ने नियम या आदेश द्वारा निर्दिष्ट किया हो। विशेष विकलांगता अवकाश शासन द्वारा स्वीकृत किया जा सकता है।

(C) अराजपत्रित सरकारी सेवकों को विशेष विकलांगता अवकाश के अतिरिक्त मूल नियमों के अंतर्गत अनुमन्य कोई भी अन्य अवकाश नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा अथवा वित्तीय नियम संग्रह खंड 2 के भाग 4 (विवरण पत्रक 4 के क्रम संख्या 5, 8 तथा 9) में उल्लेखित किसी अन्य निम्नतर सक्षम प्राधिकारी (कार्यालयाध्यक्ष) द्वारा प्रति निहित अधिकार सीमा के अधीन रहते हुए प्रदान किया जा सकता है।

(D) राजपत्रित अधिकारियों को अवकाश देने के लिए साधारणतया शासन की स्वीकृति की आवश्यकता है किंतु वित्तीय नियम संग्रह खंड -2 के भाग 4 (विवरण पत्र संख्या 6, 7, 8 व 9) में उल्लेखित है किसी अन्य निम्नतर सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रतिनिहित अधिकार सीमा के अधीन अथवा किसी ऐसे निम्नतर अधिकारी द्वारा जिसे इसके लिए अधिकार प्रतिनिहित किया गया हो, प्रदान किया जा सकता है।

(E) 60 दिन तक का अवकाश सभी विभागाध्यक्ष द्वारा अपने अधीनस्थों राजपत्रित अधिकारियों को स्वीकृत किया जा सकता है बशर्ते की प्रतिस्थानी की आवश्यकता ना हो।

(F) विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ राजपत्रित अधिकारियों को प्राधिकृत चिकित्सक द्वारा प्रदत्त प्रमाण पत्र के आधार पर 3 माह तक की अवधि तक का चिकित्सा प्रमाण पत्र अवकाश प्रदान कर सकते हैं।

(G) प्रसूति अवकाश संबंधित विभागाध्यक्ष द्वारा अथवा किसी ऐसे निम्नतर अधिकारी द्वारा जिसे इसके लिए अधिकार प्रतिनिहित किया गया हो, प्रदान किया जा सकता है।

■ क्या कर्मचारियों को अवकाश का अधिकार है?

किसी अवकाश की मांग का दावा अधिकार के रूप में नहीं है। किसी अवकाश का दावा या मांग अधिकार स्वरूप नहीं किया जा सकता है। अवकाश लेने का दावा ऐसे नहीं किया जा सकता है जैसे कि वह एक अधिकार हो। जब जन-सेवाओं की आवश्यकताएँ ऐसी अपेक्षा करती हो तो किसी भी प्रकार के अवकाश को निरस्त करने या अस्वीकृत करने का अधिकार अवकाश प्रदान करने वाले सक्षम अधिकारी के पास सुरक्षित होता है। इस संबंध में अवकाश स्वीकृत करने वाला अधिकारी किसी अवकाश को जनहित में अस्वीकृत करने के लिए पूर्णतया सक्षम होता है।

■ अवकाश का प्रारंभ एवं समाप्ति:-

अवकाश साधारणतया कार्यभार छोड़ने से प्रारंभ होता है तथा कार्यभार ग्रहण करने की तिथि के पूर्व दिवस को समाप्त होता है। अवकाश के प्रारंभ होने के ठीक पहले एवं अवकाश समाप्ति के तुरंत पश्चात पढ़ने वाले रविवार व अन्य मान्यता प्राप्त अवकाश को अवकाश के साथ उपभोग करने की स्वीकृति अवकाश स्वीकृत करने वाले प्राधिकारी द्वारा दी जा सकती है। अवकाश का प्रारंभ साधारणतः उस दिवस से माना जाता है जिस दिवस को संबंधित कर्मचारी या अधिकारी द्वारा अपने कक्ष या कार्यालय का प्रभार हस्तांतरित कर दिया जाता है। इसी प्रकार अवकाश से लौटने पर प्रभार ग्रहण करने के पूर्व के दिवस को अवकाश समाप्त माना जाता है।

■ जनसेवा के हित में अवकाशाधीन कर्मचारी को ड्यूटी पर वापस बुलाने का अधिकार:-

जनसेवा हिताय जब कभी आवश्यकता पड़े अवकाश स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी के पास अवकाशाधीन शासकीय कर्मचारी को अवकाश का पूर्ण उपयोग किए बिना सेवा पर वापस बुलाने का अधिकार होता है। अवकाश से वापस बुलाए जाने पर यात्रा भत्ता नियम शर्ते पूरा करने पर देय होता है।

■ अवकाश अवधि में लाभप्रद व्यवसाय करने का अधिकार नहीं :-

बिना प्राधिकृत अधिकारी की पूर्व स्वीकृति प्राप्त किए कोई सरकारी सेवक अवकाश काल में कोई भी लाभप्रद व्यवसाय या नौकरी नहीं कर सकता है। नियमतः अवकाश काल में कोई भी राजकीय कर्मचारी अन्य कोई सेवा धनोत्पार्जन के उद्देश्य से नहीं कर सकता, जब तक कि इस संबंध में उसके द्वारा सक्षम अधिकारी से पूर्व स्वीकृति प्राप्त कर ली गई हो।

■अवकाश प्राप्त हो जाने पर अवकाश अवधि समाप्ति से क्या कर्मचारी सेवा पर आ सकता है?

अवकाश स्वीकृत अधिकारी कि पूर्व स्वीकृति के बिना किसी भी कर्मचारी को स्वीकृत अवकाश की समाप्ति के 14 दिन से अधिक समय सेवा पूर्व वापस बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

■ अवकाश उपरान्त सेवा से अनुपस्थिति:-

यदि कोई राजकीय कर्मचारी अवकाश अवधि की समाप्ति के उपरांत भी अनुपस्थित रहता है तो उसे ऐसी अनुपस्थिति की अवधि के लिए कोई अवकाश वेतन देय नहीं होगा एवं उक्त अवधि अर्द्ध औसत वेतन पर अवकाश के रूप में रेखांकित की जाएगी। जब तक कि सक्षम अधिकारी द्वारा अवकाश अवधि बढ़ा दी गई हो। यदि बाद में वह अनुपस्थिति की अवधि का चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है तो इस अवधि को चिकित्सा प्रमाण पत्र पर देय अवकाश से घटा दिया जाएगा। किंतु कोई अवकाश वेतन भुगतान नहीं किया जाएगा।

अवकाश उपरान्त जानबूझकर सेवा से अनुपस्थिति दुर्व्यवहार की श्रेणी में आता है और यह एक दण्डनीय अपराध भी है।

■ अलग अलग अवकाशों को क्रमशः स्वीकृति:-

किसी भी प्रकार के अवकाश को दूसरे प्रकार के अवकाश के साथ अथवा क्रम में स्वीकृत किया जा सकता है।

■ अवकाश वेतन :-

अर्जित अवकाश अथवा चिकित्सा प्रमाण पत्र पर अवकाश पर जाने से ठीक पूर्व आहरित वेतन की दरों पर अवकाश वेतन अनुमन्य होता है। अवकाश अवधि में देय प्रतिकर भत्तों के भुगतान के संबंध में मूल नियम - 93 तथा सहायक नियम 147, 149, 150 तथा 152 की व्यवस्था दी गई है। जो विशेष वेतन तथा प्रतिकर भत्ते किसी कार्य विशेष को करने के कारण देय होते हैं, उन्हें अवकाश अवधि में देने का कोई औचित्य नहीं है। परंतु जो विशेष वेतन तथा भत्ते व्यक्ति की योग्यता के आधार पर देय होते हैं (स्नातकोत्तर भक्ता, परिवार कल्याण भत्ता, वैयक्तिक योग्यता भत्ता) अवकाश वेतन के साथ दिए जाने चाहिए। विशेष वेतन तथा अन्य भत्तों का भुगतान अवकाश के अधिकतम 120 दिन की सीमा तक अनुमन्य होगा।

■ अवकाश के प्रकारों में परिवर्तन का अधिकार:-

अवकाश प्रदान करने वाले प्राधिकारी को अवकाश के प्रकार में परिवर्तन करने का अधिकार नहीं है।

■ अवकाश किन्हें प्रदान नहीं किया जा सकता?

(1) सरकारी सेवक को निलंबन की अवधि में अवकाश प्रदान नहीं किया जा सकता।

(2) सरकारी सेवक जिसे दुराचरण अथवा असामान्य अक्षमता के कारण सेवा से निकाला हटाया जाना अपेक्षित हो को अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाना चाहिए। यदि उस अवकाश के प्रभाव स्वरूप निकाले या हटाए जाने की स्थिति स्थगित हो जाती हो या जिसको आचरण के कारण उसी समय या निकट भविष्य में उसके विरुद्ध विभागीय जांच का विषय बनने वाला हो, अवकाश प्रदान नहीं किया जाता।

■ अवकाश प्रदान करने की स्थितियाँ:-

अवकाश प्रार्थना पत्र पर निर्णय करते समय सक्षम अधिकारी द्वारा निम्न बातों को ध्यान रखा जाता है।

(1) कर्मचारी जिसके बिना उस समय सरलता से कार्य चलाया जा सकता है।

(2) अन्य कर्मचारी के अवकाश की अवकाश पर होने की स्थिति।

(3) कर्मचारी के पिछली बार लिए गए अवकाश से वापस आने के पश्चात सेवा की अवधि।

(4) किसी आवेदक को पूर्व में स्वीकृत अवकाश के अनिवार्य रूप से वापस तो नहीं बुलाया गया।

(5) आवेदक को पूर्व में जनहित में अवकाश अस्वीकृत तो नहीं किया गया।

साथियों अवकाश के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई है यदि आप विस्तृत जानकारी चाहते हैं तो इस हेतु नीचे दिए गए डाउनलोडेबल मटेरियल पर क्लिक करके अवकाश नियमावली को डाउनलोड कर सकते हैं।
धन्यवाद।

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उपरोक्त जानकारी से संबंधित pdf नीचे स्क्रॉल कर देख सकते हैं। यदि आप डाउनलोड करना चाहें हैं तो Download pdf के हरे बटन पर क्लिक कर डाउनलोड कर सकते हैं।👇

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आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope the above information will be useful and important. )
Thank you.
R. F. Tembhre
(Teacher)
infosrf.com

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