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रासायनिक समीकरण | Chemical Equations- Methods of Writing, Methods of Balancing, Drawbacks, Importance

रासायनिक समीकरण- किसी रासायनिक अभिक्रिया को प्रतीकों व सूत्रों की सहायता से प्रदर्शित करना रासायनिक समीकरण कहलाता है।
रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों को अभिकारक (क्रियाकारक) तथा अभिक्रिया में बने पदार्थों को क्रियाफल (उत्पाद) कहते हैं।
एक संतुलित रासायनिक समीकरण में दोनों ओर तत्वों के परमाणुओं की संख्या समान होती है। रासायनिक समीकरण में अभिकारक को बांयी ओर तथा उत्पाद को दांयी ओर लिखते हैं।
जैसे- A + B (अभिकारक) = C + D (उत्पाद)
H2 + O = H2O

Chemical Equation- Representing a chemical reaction with the help of symbols and formulas is called a chemical equation.
The substances that take part in a chemical reaction are called reactants and the substances formed in the reaction are called products.
In a balanced chemical equation, the number of atoms of the elements is the same on both sides. In a chemical equation, the reactant is written on the left and the product on the right.
E.g. A + B (reactant) = C + D (product)
H2 + O = H2O

रासायनिक समीकरण को लिखने की विधियाँ (नियम)-
किसी रासायनिक समीकरण को लिखने के लिए निम्न नियामों (क्रमों) को अपनाया जाता है-
1. जो अभिक्रिया वास्तव में संभव है, उसे ही लिखना चाहिए।
2. अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों के सूत्र बायीं ओर लिखकर उनके मध्य धन (+) का चिन्ह लगाना चाहिए।
3. अभिक्रिया से बनने वाले पदार्थों के सूत्र दायीं ओर लिखकर उनके मध्य धन का (+) का चिन्ह लगाना चाहिए।
4. अभिकारकों और उत्पादों के बीच बराबर (=) का चिन्ह लगाना चाहिए। इस प्रकार यह ढाँचा समीकरण कहलाता है।
क्रियाकारक = उत्पाद
5. बराबर के चिह्न के दोनों ओर विभिन्न परमाणुओं की संख्या को गिनकर सामान कर लेते हैं। इसके लिए रासायनिक सूत्र को परिवर्तित नहीं करते। इस प्रकार प्राप्त समीकरण को संतुलित समीकरण कहते हैं।
उदाहरण- जिंक (Zn) और तनु HCl की क्रिया से ZnCl2 और हाइड्रोजन बनते हैं।
Zn + HCl = ZnCl2 + H2 (ढाँचा समीकरण)
Zn + 2HCl = ZnCl2 + H2 (संतुलित समीकरण)

Methods (rules) of writing a chemical equation-
The following rules (orders) are adopted to write a chemical equation-
1. Only the reaction which is actually possible should be written.
2. Write the formulas of the substances participating in the reaction on the left and put a plus (+) sign between them.
3. Write the formulas of the substances formed by the reaction on the right and put a plus sign (+) between them.
4. There should be an equal (=) sign between the reactants and the products. Thus this structure is called equation.
activator = product
5. Count the number of different atoms on either side of the equal sign and equalize it. Do not change the chemical formula for this. The equation thus obtained is called balanced equation.
Example- The reaction of zinc (Zn) and dilute HCl gives ZnCl2 and hydrogen.
Zn + HCl = ZnCl2 + H2 (frame equation)
Zn + 2HCl = ZnCl2 + H2 (Balanced Equations)

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रासायनिक समीकरण को संतुलित करने की विधियाँ-
इसके अंतर्गत मुख्य रूप से दो विधियाँ हैं-
1. आंशिक विधि
2. अनुमान विधि

Methods of Balancing a Chemical Equation-
There are mainly two methods under this-
1. Partial Method
2. Estimation Method

अनुमान विधि- इस विधि द्वारा केवल सरल समीकरणों को ही संतुलित किया जाता है। इस विधि में सबसे पहले रासायनिक समीकरण का ढाँचा लिखते हैं, फिर अभिक्रिया में गैसीय पदार्थों को परमाणवीय अवस्था में लिखते हैं। अभिकारक एवं उत्पाद को उचित संख्या से गुणा करके दोनों ओर के परमाणुओं की संख्या को बराबर कर लेते हैं तथा परमाणवीय अवस्था में गैसों को आण्विक अवस्था में बदलने के लिए दोनों ओर 2 से गुणा कर देते हैं।
उदाहरण- पोटेशियम क्लोरेट को गर्म करने पर पोटेशियम क्लोराइड व ऑक्सीजन बनते हैं।
KClO3 =(गर्म) KCl + O (ढाँचा समीकरण)
KClO3 = KCl + 3 O (परमाण्विक समीकरण)
2 KClO3 = 2 KCl + 3 O2 (आण्विक समीकरण)
कॉपर को सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गर्म करने पर कॉपर सल्फेट, सल्फर डाई ऑक्साइड (SO2) व जल (H2O) बनता है।
Cu + H2SO4 =(गर्म) CuSO4 + SO2 + H2O (ढाँचा समीकरण)
Cu + 2 H2SO4 = CuSO4 + SO2 + H2O (परमाण्विक समीकरण)
Cu + 2 H2SO4 = CuSO4 + SO2 + 2 H2O (आण्विक समीकरण)

Approximation Method- By this method only simple equations are balanced. In this method first write the structure of the chemical equation, then write the gaseous substances in the reaction in the atomic state. By multiplying the reactant and product by the appropriate number, the number of atoms on both sides is equal and to convert the gases in the atomic state to the molecular state, multiply by 2 on both sides.
Example- On heating potassium chlorate, potassium chloride and oxygen are formed.
KClO3 =(hot) KCl + O (frame equation)
KClO3 = KCl + 3 O (atomic equation)
2 KClO3 = 2 KCl + 3 O2 (Molecular Equation)
Copper sulphate, sulfur dioxide (SO2) and water (H2O) are formed when copper is heated with concentrated sulfuric acid.
Cu + H2SO4 =(hot) CuSO4 + SO2 + H2O (framework equation)
Cu + 2 H2SO4 = CuSO4 + SO2 + H2O (Atomic Equation)
Cu + 2 H2SO4 = CuSO4 + SO2 + 2 H2O (Molecular Equation)

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आंशिक विधि- इस विधि द्वारा जटिल समीकरणों को संतुलित किया जाता है, इसमें जटिल समीकरण को आंशिक समीकरण के रूप में लिखते हैं। आंशिक समीकरणों को संतुलित कर लेते हैं। यदि आंशिक समीकरण संतुलित नहीं है तो इसे किसी पूर्णांक संख्या से गुणा कर देते हैं। इसके बाद इन आंशिक समीकरणों को इस प्रकार जोड़ते हैं कि माध्यमिक उत्पाद जो अंतिम क्रिया में प्राप्त नहीं होते हैं, कट जाएँ या विलुप्त हो जाएँ।
उदाहरण- कास्टिक सोडा पर ठंडे क्लोरीन जल की क्रिया से NaCl व सोडियम हाइपोक्लोराइड (NaOCl) एवं जल बनता है।
Cl2 + H2O = HCl + HOCl
NaOH + HCl = NaCl + H2O
NaOH + HOCl = NaOCl + H2O
अभीष्ट समीकरण-
Cl2 + 2 NaOH = NaCl + NaOCl + H2O

Partial Method- Complex equations are balanced by this method, in which the complex equation is written as a partial equation. Let us balance the partial equations. If the partial equation is not balanced, multiply it by an integer number. Then add these partial equations in such a way that the secondary products which are not obtained in the final reaction are cut off or lost.
Example- The action of cold chlorine water on caustic soda to form NaCl and sodium hypochloride (NaOCl) and water.
Cl2 + H2O = HCl + HOCl
NaOH + HCl = NaCl + H2O
NaOH + HOCl = NaOCl + H2O
Required Equation-
Cl2 + 2 NaOH = NaCl + NaOCl + H2O

रासायनिक समीकरण की कमियाँ-
1. रासायनिक समीकरण में अभिकारकों एवं उत्पादों की भौतिक अवस्था जैसे ठोस, द्रव, गैस का ज्ञान नहीं होता।
2. अभिक्रिया की दर रासायनिक समीकरण देखकर ज्ञात नहीं होती है।
3. इसके द्वारा यह पता नहीं चलता कि कोई गैस निकलती है या अवक्षेप बनता है।
4. इससे अभिक्रिया की क्रिया विधि का ज्ञान नहीं होता।
5. इससे यह पता नहीं चलता है कि अभिक्रिया उत्क्रमणीय है या अनुत्क्रमणीय।
6. इससे अभिक्रिया के पूर्ण होने में कितना समय लगेगा इसका भी ज्ञान नहीं होता।
7. अभिक्रिया किन स्थितियों में होती है, इसका भी ज्ञान नहीं होता।

Disadvantages of Chemical Equation-
1. In a chemical equation, there is no knowledge of the physical state of the reactants and products like solid, liquid, gas.
2. The rate of a reaction is not known by looking at the chemical equation.
3. By this it is not known whether any gas is released or a precipitate is formed.
4. This does not give knowledge of the mechanism of the reaction.
5. It does not tell whether the reaction is reversible or irreversible.
6. It does not even know how long it will take for the reaction to be completed.
7. Under what conditions the reaction takes place, it is also not known.

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रासायनिक समीकरण के महत्व या लाभ-
रासायनिक समीकरण से हमें निम्न जानकारियाँ प्राप्त होती हैं-
1. द्रव्य के संरक्षण का नियम की पुष्टि होती है।
2. पदार्थों के समतुल्य मात्राएँ ज्ञात होती हैं।
3. अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों और उनसे बनने वाले पदार्थों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
4. अभिक्रिया में भाग लेने वाले और बनने वाले तत्व या यौगिक के अणुओं की संख्या ज्ञात हो जाती है।
5. यदि परमाणु भार ज्ञात हो तो यह पता चल जाता है कि किसी अभिकारक के कितने भार से उत्पाद के कितने भार प्राप्त होंगे।
6. कभी-कभी तत्व की संयोजकता भी प्राप्त हो जाती है।
7. यदि अभिकारक और उत्पाद दोनों गैसीय हो तो उनका स्थानीय संबंध (गैलूसेक का नियम) ज्ञात हो जाता है।

Importance or Benefits of Chemical Equation-
We get the following information from chemical equation-
1. The law of conservation of matter is confirmed.
2. Equivalent quantities of substances are known.
3. Information is obtained about the substances participating in the reaction and the substances formed from them.
4. The number of molecules of the element or compound that takes part in the reaction and is formed is known.
5. If the atomic mass is known, then it is known that how many weights of a reactant will give how many weights of the product.
6. Sometimes the valency of the element is also attained.
7. If both reactant and product are gaseous, then their local relation (Gallusec's law) is known.

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आशा है, उपरोक्त जानकारी परीक्षार्थियों / विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक एवं परीक्षापयोगी होगी।
धन्यवाद।
RF Temre
infosrf.com

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com


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