शाला विकास योजना (SDP) डाउनलोड करें | Download School Development Plan
शाला विकास योजना (SDP)
○ शाला विकास योजना शाला स्तर पर ही रखी जावेगी।
○ इस योजना के मुख्यबिन्दु जिनका समाधान वरिष्ठ कार्यालय द्वारा संबंधित है उन बिन्दुओं को जनशिक्षा विकास योजना प्रपत्र-2 में मरकर भेजा जाना है।
(प्रत्येक वर्ष वार्षिक कार्य योजना निर्माण में शाला विकास योजना को अद्यतन किया जाना होता है।)
वर्ष 2024-25 से वर्ष 2027-28
शाला का विजन ― ---------------------
शाला का नाम ― ---------------------
शाला का प्रकार (कक्षा 1-5) / (कक्षा 6-8) / (कक्षा 1-8)/EPES
शाला का डायस कोड ― ---------------------
जनशिक्षा केन्द्र ― ---------------------
विकासखण्ड ― ---------------------
जिला ― ---------------------
शाला भवन का फोटो ग्राफ ― यहाँ चस्पा करेंगे।
सचिव
शाला प्रबंध समिति
शाला ― ----------
विकासखण्ड ― -----
अध्यक्ष
शाला प्रबंध समिति
प्राथमिक / माध्यमिक शाला / विकासखण्ड ― -------
जिला ― ---------------------
शाला विकास योजना निर्माण एवं प्रक्रिया
○ शाला विकास योजना तैयार करने के लिये UDISE में बच्चों एवं शिक्षक की जानकारी के साथ अन्य जानकारियों का भी उपयोग करें। आवश्यकतानुसार UDISE की जानकारी संलग्न करें।
○ शाला में बच्चों के नामांकन एवं रिजल्ट की जानकारी के लिए UDISE के प्रपत्र का उपयोग करें।
○ सबसे पहले ग्राम की प्रोफाइल तैयार करने, जिसमें गाव में उपलब्ध मानवीय एवं भौतिक संसाधन, मूल्य व्यवसाय त्यौहार मेले, गौरव पूर्ण अतीत (इतिहास) आदि की जानकारी तैयार की जाए।
○ शाला सिद्धि के आयाम के अनुरूप शाला विकास योजना में उपयोग करें।
○ विद्यालय में उपलब्ध संसाधनों तथा आवश्यकताओं की स्थिति दशर्शाने में लिए स्कूल प्रोफाइल बनाए।
○पालकों व स्थानीय समुदाय को अवगत करायें कि आपके पास क्या क्या संसाधन है शाला को अच्छा बनाने के कौन कौन से संसाधन और चाहिए ? वांछित संसाधनों की सूची बनाए। ○ यह भी विचार करें कि कौन से संसाधन समुदाय से प्राप्त हो सकते हैं। कौन व्यक्ति इसकी जिम्मेदारी लेगा यह भी तय करें। ○ विद्यालय से जुड़े सभी पक्षों की योजना सबको मिलाकर बनानी होगी व उस पर अमल करना होगा। ○ बनाई गई कार्य योजना के लिए बच्चों, शिक्षकों व पालकों की पृथक-पृथक टीम बनानी होगी। ○ कार्य का वितरण इस प्रकार करना होगा कि हर व्यक्ति को पता हो कि उसे कौन सा कार्य कब करना है, किसके सहयोग से करना है। ○ शाला विकास योजना तैयार करने के पूर्व बच्चों एस.एम.सी. व साथी शिक्षकों से पृथक-पृथक चर्चा कर शाला की वर्तमान स्थिति एवं चाही गई स्थिति का निर्धारण कर कर प्रक्रिया, उत्तरदायित्व एवं समयावधि तय करनी होगी। ○ आयाम एवं मानक ― शाला के सुधार हेतु कार्य क्षेत्र को 07 आयामों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक आयाम एक बड़ा कार्य क्षेत्र है, इसलिए प्रत्येक आयाम को छोटे-छोटे उपक्षेत्रों में बांटा गया है। इन उपक्षेत्रों को मानक कहा गया है। मानकों की कुल संख्या 46 है। हर आयाम में मानकों की संख्या अलग-अलग है। विस्तृत विवरण हेतु शाला सिद्ध निर्देशिका का अवलोकन करें। नोट ― नीचे दी गई हरी बटन Click here to download पर क्लिक कर शाला विकास योजना के समस्त पृष्ठों को डाउनलोड कर सकते हैं। I hope the above information will be useful and important.
Download the above referenced information
क्रमश ----------------
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com
(उपरोक्त सन्दर्भित जानकारी को डाउनलोड करें।)
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