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विजयी विश्व तिरंगा प्यारा प्रश्न उत्तर | vijayi vishwa tiranga pyara exercise

प्रमुख शब्दार्थ
स्वतंत्रता- स्वाधीनता, आजादी।
मातृभूमि- जन्मभूमि।
सुधा- अमृत।
भीषण- भयानक, डरावना।
रण- युद्ध।
सरसाना- संचार होना।
लखकर- देखकर।
अविचल- स्थिर।
बलि-बलि जाना- न्यौछावर होना।
प्रण- प्रतिज्ञा।

इस 👇 कविता के अर्थ को भी जानें।
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा का अर्थ

अभ्यास

प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(क) सदा शक्ति बरसाने वाला।
(ख) प्रेम सुधा सरसाने वाला।
(ग) स्वतंत्रता के भीषण रण में।
(घ) मिट जाए भय संकट सारा।
(ङ) तब होवे प्रणपूर्ण हमारा।

प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

(क) कवि के अनुसार हमारा ध्येय क्या है?

उत्तर- कवि के अनुसार हमारा ध्येय स्वतंत्रता प्राप्त करना है।

(ख) झंडे को ऊँचा रखने से क्या तात्पर्य है?

उत्तर- झंडा ऊँचा रखने का तात्पर्य है कि हमारे देश का मान सम्मान और गौरव ऊँचा रहे।

इस 👇 कविता के अर्थ को भी जानें।
वर दे ! कविता (सरस्वती वन्दना) का अर्थ

(ग) कवि ने झंडे को ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा’ क्यों कहा?

उत्तर- कवि ने झंडे को विजयी विश्व तिरंगा प्यारा इसलिए कहा है क्योंकि इस तिरंगे झंडे के तले हम विश्व विजय कर सकते हैं या यह हमारा तिरंगा झंडा विश्वविजय करने वाला है।

(घ) कवि वीरों को क्यों बुला रहा है?

उत्तर- कवि वीरों को देश की रक्षा करने के लिए बुला रहा है।

(ङ) तिरंगे को देखकर वीरों के मन में कौन से भाव जागृत होते हैं?

उत्तर- तिरंगे झंडे को देखकर वीरों के मन में जोश भर अपने देश की रक्षा के लिए बलिदान हो जाने के भाव जागृत हो जाते हैं।

(च) स्वतंत्रता संग्राम में शत्रु की दशा कैसी है?

उत्तर- स्वतंत्रता संग्राम में शत्रु की दशा भयांकित है।

इस 👇 कविता के अर्थ को भी जानें।
'मत ठहरो तुमको चलना ही चलना है।'

प्रश्न 3. निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए–

(क) मातृभूमि का तन-मन सारा।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।

अर्थ- मातृभूमि के लिए तन तथा मन के समान प्यारा यह तिरंगा सदा दुनिया में सबसे ऊँचाई पर शान से लहराता रहे।

(ख) स्वतंत्रता के भीषण रण में,
लखकर जोश बढ़े क्षण-क्षण में।

अर्थ- स्वतंत्रता संग्राम की भयंकर लड़ाई में, वीरों के अंदर इस तिरंगे को देख-देख कर प्रति-पल जोश पैदा होता है।

(ग) इस झंडे के नीचे निर्भय,
रहे स्वतंत्र यह अविचल निश्चय,

अर्थ- इस झंडे के नीचे रहते हुए निर्भय होकर हम स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अपने लक्ष्य पर डटे रहे।

(घ) इसकी शान ने जाने पाए,
चाहे जान भले ही चले जाए।

अर्थ- भारत की शान एवं गौरव के प्रतीक इस तिरंगे की प्रतिष्ठा में थोड़ी भी कमी नहीं आनी चाहिए, भले ही रक्षा के लिए हमें प्राणों का बलिदान करना पड़े।

इस पाठ 👇 के व्याकरण के बारे में भी जानें।
प्रायोजनाकार्य- विजयी विश्व तिऱंगा प्यारा

इस कविता का पूरा भावार्थ जानने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को अवश्य देखें।

RF Temre
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I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
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(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)

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Comments

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    Chirag

    Posted on July 21, 2021 12:07AM

    Goog google

    Reply
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    Nilesh Chouhan

    Posted on October 26, 2021 08:10AM

    कवि के अनुसार हमारा ध्येय क्या हे

    Reply

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