इतिहास जानने के स्रोत कौन कौन से हैं | Source of knowing history | class 6th social science
अध्याय-1 इतिहास जानने के स्रोत
आइए सीखें (Let's learn)-
1. इतिहास क्या है (What is history)?
2. इतिहास के विभिन्न स्रोत कौन-कौन से हैं (What are the different sources of history)?
3. इतिहास के स्रोतों के महत्व व उपयोगिता।(Importance and usefulness of sources of history.)
4. ऐतिहासिक धरोहरों के महत्व एवं उनके सुरक्षा में हमारा क्या दायित्व है (What is our responsibility in the importance and protection of historical heritage?)?
‘संस्कृत’ भाषा में इति+ह+आस से मिलकर इतिहास शब्द बना है। जिसका अर्थ होता है जो ऐसा (घटा) था। अर्थात भूतकाल में घटित घटनाओं या उससे संबंधित व्यक्तियों का विवरण इतिहास है।
In the 'Sanskrit' language, the word history is made up of iti+ha+aas. Which means that was so (subtracted). That is, history is a description of events or people related to it in the past.
मानव अपने अतीत के संबंध में जिज्ञासु रहा है।
अपने निवास स्थलों के समीप निर्मित भवनों ,दुर्गो मंदिर और तालाब एवं बावड़ियों आदि पुरातात्विक सामग्री की सहायता से वह अपने प्राचीनता का अनुमान लगाता है। इतिहास के अध्ययन से हमें मानव के क्रमिक विकास की जानकारी मिलती है।
Humans have been curious about their past. With the help of archaeological material such as buildings, durgo temples and ponds and stepwells built near his habitat, he guesses its antiquity. Through the study of history, we get information about the gradual development of human beings.
इतिहासकार प्राचीन काल की जानकारी के लिए कुछ निश्चित साधनों के की मदद लेते हैं। ये साधन उस काल के औजार, जीवाश्म, पात्र, भोजपत्र, आभूषण, इमारतें, अभिलेख, चित्र यात्रियों द्वारा लिखे यात्रा विवरण तथा तत्कालीन साहित्य आदि हैं। इन साधनों को इतिहास जानने के स्रोत कहते हैं। इन स्रोतों को मुख्य रूप से 2 वर्गों में बाँटा जाता है-
Historians seek the help of certain means for the information of ancient times. These tools are tools, fossils, pottery, jewelery, buildings, inscriptions, paintings, travel details written by travelers and erstwhile literature etc. of that period. These tools are called sources of knowing history. These sources are mainly divided into 2 classes-
1. पुरातात्विक स्रोत (Archaeological source)
2. साहित्यिक स्रोत (Literary source)
महत्वपूर्ण तथ्य (Important facts)-
(i) शिलालेख (Inscription)- पत्थरों पर खोदकर लिखी गई बातों को शिलालेख कहते हैं।
Inscriptions written on stones are called inscriptions.
(ii) भोजपत्र (Banquet)- एक विशेष प्रकार के वृक्ष (भुर्ज) की छाल, जिस पर प्राचीन ग्रंथ आदि लिखे जाते थे।
The bark of a special type of tree (bhurj), on which ancient texts etc. were written.
(iii) ताड़पत्र (Palmleaf)- ताड़ वृक्ष के पत्तों पर रंग या स्याही से लिखी गई बातों वाले पत्र को ताड़ पत्र कहते हैं।
A letter with a color or ink written on the leaves of a palm tree is called a palm letter.
(iv) ताम्रपत्र (Copper plate)- ताँबे के पत्तरों पर खोद कर लिखी गई बातों वाले ताँबे के पत्तरों को ताम्रपत्र कहते हैं।
Copper sheets containing the inscriptions written on copper leaves are called copper sheets.
(v) जीवाश्म (Fossils)- प्राचीन जीव-जन्तु, मानव अस्थियाँ जानवरों की हड्डियाँ जो पाषाण के रूप में परिवर्तित होना प्रारंभ हो जाती है।
Ancient fauna, human bones, bones of animals that begin to transform into stone.
(vi) पुरातत्ववेत्ता (Archaeologist)- वह व्यक्ति जो पुरानी वस्तुओं, स्थलों की खोज करते हैं और उनके बारे में सही तथ्यों का पता लगाते हैं उन्हें पुरातत्ववेत्ता कहते हैं।
The person who discovers old objects, sites and discovers the true facts about them is called an archaeologist.
अधिकांश शिलालेख संस्कृत, प्राकृत, पाली एवं तमिल भाषा में हैं तथा ब्राह्मी लिपि में लिखे गए हैं। इसीलिए इन्हें सभी लोगों के लिए पढ़ना कठिन होता है लेकिन कुछ लिपीशास्त्री और पुरातत्ववेत्ता इन्हें पढ़ लेते हैं।
Most of the inscriptions are in Sanskrit, Prakrit, Pali and Tamil languages and written in Brahmi script. This is why it is difficult for everyone to read, but some lipologists and archaeologists can read them.
मानव को जब लिपि का ज्ञान नहीं था तब उस समय वे चित्रों के माध्यम से अपनी बातें शिलाओं पर चित्रित करते थे। इन चित्रों को ‘शैलचित्र’ कहते हैं। मध्यप्रदेश में भोपाल के पास भीमबेटका के शैल चित्र इस बात के जीवंत प्रमाण हैं। शैलचित्र भारत के विभिन्न भागों में मिलते हैं। भीमबेटका विश्व का सबसे बड़ा शैलचित्र स्थल है। इसे की खोज पद्मश्री डॉ.वि.श्री. वाकणकर के द्वारा की गई थी। इसे इस स्थल को विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित किया गया है।
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When humans did not know the script, at that time they used to portray their words on the rocks through pictures. These pictures are called 'rock paintings'. Bhimbetka 's rock paintings near Bhopal in Madhya Pradesh are living proofs of this fact. Shell paintings are found in different parts of India. Bhimbetka is the largest rock painting site in the world. The discovery of it was done by Padmashree Dr. V. Shri Vakankar. This site has been included in the World Heritage List.
क्या आप जानते हैं कि भारत के लगभग तीन- चौथाई शैल चित्र मध्य प्रदेश के विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों में पाए गए हैं।
Do you know that about three-fourth of the rock paintings of India have been found in the Vindhyachal and Satpura hills of Madhya Pradesh.
भवन तथा अन्य स्रोत मानव के गणितीय ज्ञान व स्थापत्य कला के विकास की कहानी से परिचय कराते हैं।
Buildings and other sources introduce the story of human development of mathematical knowledge and architecture.
साहित्यिक स्रोत तत्कालीन समय के विभिन्न बातों पर प्रकाश डालते हैं। प्राचीन समय के ग्रंथ जैसे वेद, पुराण, रामायण, महाभारत, संगम साहित्य और त्रिपिटक आदि उस समय के समाज, नगरों, रीति-रिवाजों, संस्कृति के बारे में प्रकाश डालते हैं।
Literary sources throw light on various things of the time. Ancient texts like Vedas, Puranas, Ramayana, Mahabharata, Sangam literature and Tripitaka etc. throw light on the society, cities, customs, culture of that time.
प्राचीन काल के भवन, महल, मंदिर, मस्जिद, चर्च, किले, बावड़ी आदि हमें उस समय की कला संस्कृति, समृद्धि, धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक स्थिति की जानकारी देते हैं।
Buildings, palaces, temples, mosques, churches, forts, stepwells etc. of ancient times give us information about the art culture, prosperity, religious, social, political status of that time.
यूनानी यात्री मेगस्थनीज, चीनी यात्री ह्वेनसांग, फाह्यान तथा इत्सिंग और अन्य देशों के यात्रियों ने हमारे देश की यात्रा की तथा उनके द्वारा लिखे गए यात्रा-विवरण से हमें उस समय की सामाजिक राजनैतिक आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी मिलती है।
Greek Travelers Megasthenes, Chinese Travelers Hieun Tsang, Fahyan and Etshing and other countries. The travelers traveled to our country and the travelogue written by them gives us information about the socio-political economic situation of that time.
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समय के प्रवाह के साथ-साथ व्यापार वाणिज्य ने अपनी जगह बनाई। व्यापारी एक स्थान से दूसरे स्थान पर गए, आपसी मेल-मिलाप हुआ। लेन-देन बढा। संस्कृति के परिवर्तन का क्रम शुरू हुआ। भाषा एवं लिपि एक स्थान से दूसरे स्थान पर गई तथा विभिन्न भाषाओं के मिश्रण से नए भाषाओं में जन्म लिया। जीवन के क्षेत्रों में परिवर्तन शुरू होकर जीवन मूल्यों में परिवर्तन को दौर शुरू हुआ।
Trade commerce took its place along with the flow of time. Traders went from one place to another, mutual reconciliation. Transaction increased. The order of change of culture began. Language and script went from one place to another and a mixture of different languages took birth in new languages. Changes in the values of life started in the sphere of change in the areas of life.
हमें अपने देश की प्राचीन धरोहरों की रक्षा करना चाहिए क्योंकि उन्हीं के आधार पर हमें अपने अतीत की जानकारी मिलती है। प्राचीन धरोहरें राष्ट्र की गौरवशाली संस्कृति की परिचायक होती है।
We should protect the ancient heritage of our country because on the basis of that we get information about our past. Ancient heritage is a reflection of the glorious culture of the nation.
अभ्यास प्रश्न (Exercise)
Q. 1 नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए (Answer the following questions)-
(A) इतिहास जानने के मुख्य स्रोत कौन-कौन से हैं (What are the main sources of history)?
Answer- इतिहास जानने के मुख्य स्रोत- पत्थरों के औजार, जीवाश्म, मिट्टी के बर्तन, शिलालेख, सिक्के, मुहरें, मंदिर, मस्जिद, दुर्ग, भवन, भोजपत्र, ताड़पत्र, ताम्रपत्र, पुरातत्व तथा यात्रियों के वृत्तांत आदि हैं।
The main sources of history - stone tools, fossils, pottery, inscriptions, coins, seals, temples, mosques, fortifications, buildings, banquets, palm leaves, copper plates, archeology and travelogues etc. are
(B) शैल चित्र क्या है? व मध्यप्रदेश में वह कहाँ मिलते हैं (What is a rock image? And where do they meet in Madhya Pradesh)?
Answer- आदिमानव के द्वारा अपने भावों को व्यक्त करने के लिए शिलाओं अर्थात पत्थरों (शैल) पर बनाए गए चित्रों को शैलचित्र कहा जाता है। बहुत पहले लोग जब लिखना- पढ़ना नहीं जानते थे तब वे अपनी बातें चित्र बनाकर कहते थे। आदिमानव काल में चित्र गुफाओं में बनाए जाते थे। इसीलिए इस काल के चित्रों को शैल चित्र कहते हैं।
मध्यप्रदेश के भोपाल (म.प्र. की राजधानी) के पास भीमबेटका में शैल चित्र मिलते हैं। यह विश्व का सबसे बड़ा शैल चित्र स्थल है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों में पाए जाते हैं।
Shailachitra is said to be made by rocks on the rocks (rock) to express their expressions. Long ago, when people did not know how to read and write, then they used to say their pictures by drawing. In the early human era, paintings were made in caves. That's why the paintings of this period are called rock paintings.
Rock paintings are found in Bhimbetka near Bhopal (capital of Madhya Pradesh) of Madhya Pradesh. It is the largest rock painting site in the world. Also found in the hills of Vindhyachal and Satpura in Madhya Pradesh.
(C) भोजपत्र किसे कहते हैं (What is a banquet called)?
Answer- भोजपत्र एक विशेष प्रकार के वृक्ष (जिसे भुर्ज कहते हैं) की छाल जिस पर प्राचीन काल में ग्रंथों को लिखा जाता था को भोजपत्र कहा जाता है।
Bhojpatra The bark of a special type of tree (called bhurj) on which texts were written in ancient times is called Bhojpatra.
(D) इतिहास का अध्ययन क्यों आवश्यक है (Why study history is necessary)?
Answer- इतिहास से हमें पुरानी बातों की जानकारी मिलती है। पहले लोगों का जीवन कैसा था तथा वे किस प्रकार रहते थे, उन्होंने आग जलाना कैसे सीखा, पहिए की खोज कब हुई? ये सभी बातें हम इतिहास से ही जान सकते हैं। इतिहास को पढ़ने से हमें अपनी सभ्यता व संस्कृति की जानकारी मिलती है। इतिहास हमें राजा-महाराजा से लेकर जन-सामान्य तक की जानकारी देता है। इतिहास से अनेक बातें सीखकर ही हम लगातार अपने जीवन में सुधार कर उन्नति कर सकते हैं।
History gives us information about old things. How was the life of the people before and how did they live, how did they learn to light a fire, when was the wheel discovered? We can know all these things only from history. By reading history, we get information about our civilization and culture. History gives us information from the King-Maharaja to the general public. Only by learning many things from history, we can continuously improve our life and make progress.
(E) ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा हमें क्यों करनी चाहिए (Why we should protect historical heritage)?
Answer- ऐतिहासिक धरोहरें जिससे हमें अपने अतीत, अपनी सभ्यता और संस्कृति की जानकारी मिलती है, इसीलिए हमें इसकी सुरक्षा करनी चाहिए।
Historical heritage through which we get information about our past, our civilization and culture, that's why we should protect it.
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Q. 2 रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill in the blanks)-
(A) ह्वेनसांग और फाह्यान चीनी यात्री थे। (Hiuen Tsang and Fahyan were Chinese travelers.)
(B) भीमबेटका की खोज ने डॉ. वि. श्री वाकणकर की थी। (Bhimbetka's discovery led to Dr. V. Shri Wakankar.)
(C) पुरानी वस्तुओं या स्थलों की खोज करने व उनके बारे में सही तथ्यों का पता लगाने वाले को पुरातत्ववेत्ताकहते हैं। (The discovery of old objects or sites and finding the right facts about them is called Archaeologist.)
Q. 3 सही विकल्प चुनकर लिखिए (Write down the correct option)-
(A) ताम्रपत्र लिखे जाते हैं (Copper plates are written)-
(i) पत्थरों पर (On the stones)
(ii) तांबे के पत्तरों पर (On copper plates)
(iii) वृक्ष के छाल पर (On tree bark)
Ans.- (ii) तांबे के पत्तरों पर (On copper plates)
(B) शिलालेख कहा जाता है (The inscription is called)-
(i) पत्थरों पर खोदकर लिखी जानकारी (Digging information on stones)
(ii) किताबों में लिखी जानकारी (Information written in books)
(iii) भोजपत्र पर लिखी जानकारी (Information written on banquet)
Ans.-(i) पत्थरों पर खोदकर लिखी जानकारी (Digging information on stones)
(C) स्थापत्य कला से हमें ज्ञान होता है (We learn from architecture)-
(i) भवनों का (Of buildings)
(ii) चित्रों का (Of pictures)
(iii) औजारों का (Of tools)
Ans.- (i) भवनों का (Of buildings)
विद्यार्थियों इस तरह से सामाजिक विज्ञान खंड से इतिहास जानने के स्रोत और अभ्यास के प्रश्न हल कराए गए हैं आशा है यह पाठ आपको काफी उपयोगी लगा होगा।
In this way, the students have learned the source and practice questions to learn history from social science section. Hope this lesson will be very useful to you.
Thanks
RF Temre
Infosrf.com
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com
(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)
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Shailee yadav
Posted on September 01, 2021 06:09AM
Itihaas janne ke strot