An effort to spread Information about acadamics

Blog / Content Details

विषयवस्तु विवरण



वाक्य – अर्थ की दृष्टि से वाक्य के प्रकार | Type of sentences in hindi

वाक्य किसे कहते हैं?

सार्थक शब्दों का ऐसा समूह जो व्यवस्थित हो तथा पूरा आशय प्रकट करता हो, वाक्य कहलाता है।
उदाहरण– 1. राम विद्यालय जा रहा है।
2. आप की मातृभाषा क्या है?
वाक्यों के प्रकार के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और रेखांकित वाक्य पर गौर करें।

शुभम के बड़े भाई अशोक राजनगर में रहते हैं। शुभम् उनसे मिलने राजनगर गया। अचानक शुभम् को देखकर अशोक ने कहा- अरे ! शुभम् तुम ! शुभम् ने बताया कि आपसे मिलने का मन हुआ तो चला आया। अशोक ने पूछा- क्या तुम आज ही वापस जाओगे? शुभम ने उत्तर दिया- मैं आज नहीं जाऊँगा। अशोक ने कहा ठीक है। शायद आज मैं देर से लौटू। तुम बाजार चले जाओ लो ये पैसे, माया के लिए एक अच्छा सूट खरीद लेना। अशोक ने शुभम के साथ भोजन किया और अपने काम पर चला गया। शुभम् बाजार गया। उसने एक छोर से दूसरे छोर तक बाजार का चक्कर लगाया किन्तु उसे कपड़ों को कोई अच्छी दुकान दिखाई नहीं दी। आखिरकार एक कोने में उसे कपड़े की एक दुकान नजर आई। उसने वहाँ से माया के लिए एक सूट खरीदा और लौट आया। शाम को अशोक ने बताया कि कल उसकी छुट्टी रहेगी। शुभम् ने उसे अपना लाया हुआ सूट दिखाया। अशोक ने कहा- मैं चाहता हूँ कि मैं भी कल तुम्हारे साथ ही घर चलूँ। मेरे साथ ढेर सारा सामान है। अगर तुम मेरे साथ रहोगे तो मुझे सुविधा होगी। शुभम् ने कहा- कल हम साथ ही घर चलेंगे।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. व्याकरण क्या है
2. वर्ण क्या हैं वर्णोंकी संख्या
3. वर्ण और अक्षर में अन्तर
4. स्वर के प्रकार
5. व्यंजनों के प्रकार-अयोगवाह एवं द्विगुण व्यंजन
6. व्यंजनों का वर्गीकरण
7. अंग्रेजी वर्णमाला की सूक्ष्म जानकारी

आपने यह गद्यांश पढ़ा। इस गद्यांश में कई परस्पर सम्बद्ध सार्थक शब्द समूह हैं।
जैसे– शुभम् के बड़े भाई अशोक राजनगर में रहते हैं।
यह शब्द समूह सार्थक है, व्याकरण के नियमों के अनुरूप व्यवस्थित है तथा पूरा आशय प्रकट कर रहा है। अतः यह एक वाक्य है।

अब रेखांकित वाक्यों को देखें।
रेखांकित वाक्य अर्थ की दृष्टि से एक दूसरे से भिन्न हैं। सामान्यतः वाक्य भेद दो दृष्टियों से किया जाता है -
1. अर्थ की दृष्टि से
2. रचना की दृष्टि से

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. 'ज' का अर्थ, द्विज का अर्थ
2. भिज्ञ और अभिज्ञ में अन्तर
3. किन्तु और परन्तु में अन्तर
4. आरंभ और प्रारंभ में अन्तर
5. सन्सार, सन्मेलन जैसे शब्द शुद्ध नहीं हैं क्यों
6. उपमेय, उपमान, साधारण धर्म, वाचक शब्द क्या है.
7. 'र' के विभिन्न रूप- रकार, ऋकार, रेफ
8. सर्वनाम और उसके प्रकार

अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद–

अर्थ के आधार पर वाक्यों के निम्नलिखित आठ भेद होते हैं।
(अ) विधानवाचक वाक्य– जिन वाक्यों से किसी क्रिया के करने या होने की सामान्य सूचना मिलती है, उन्हें विधानवाचक वाक्य कहते हैं। किसी के अस्तित्व का बोध भी इस प्रकार के वाक्यों से होता है।
ऊपर के गद्यांश में वाक्य का उदाहरण –
अशोक राजनगर में रहता है।

(ब) निषेधवाचक वाक्य– जिन वाक्यों से किसी कार्य के निषेध (न होने) का बोध होता हो, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। इन्हें नकारात्मक वाक्य भी कहते हैं।
ऊपर के गद्यांश में वाक्य का उदाहरण –
मैं आज नहीं जाऊंगा।

(स) प्रश्नवाचक वाक्य– जिन वाक्यों में प्रश्न किया जाए अर्थात् किसी से कोई बात पूछी जाए, उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं।
ऊपर के गद्यांश में वाक्य का उदाहरण –
क्या तुम आज ही वापस जाओगे?

(द) विस्मयादिवाचक वाक्य– जिन वाक्यों से आश्चर्य (विस्मय), हर्ष, शोक, घृणा आदि के भाव व्यक्त हों, उन्हें विस्मयादिवाचक वाक्य कहते हैं।
ऊपर के गद्यांश में वाक्य का उदाहरण –
अरे! शुभम् तुम!!

इन प्रकरणों 👇 को भी पढ़ें।
1. हिंदी गद्य साहित्य की विधाएँ
2. हिंदी गद्य साहित्य की गौण (लघु) विधाएँ
3. हिन्दी साहित्य का इतिहास चार काल
4. काव्य के प्रकार
5. कवि परिचय हिन्दी साहित्य
6. हिन्दी के लेखकोंका परिचय
7. हिंदी भाषा के उपन्यास सम्राट - मुंशी प्रेमचंद

(ई) आज्ञावाचक वाक्य– जिन वाक्यों से आज्ञा या अनुमति देने का बोध हो, उन्हें आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं।
ऊपर के गद्यांश में वाक्य का उदाहरण –
तुम बाजार चले जाओ।

(फ) इच्छावाचक वाक्य– वक्ता की इच्छा, आशा या आशीर्वाद को व्यक्त करने वाले वाक्य इच्छावाचक वाक्य कहलाते हैं।
ऊपर के गद्यांश में वाक्य का उदाहरण –
मैं चाहता कि मैं भी कल तुम्हारे साथ ही घर चलूँ।

(ग) संदेहवाचक वाक्य– जिन वाक्यों में कार्य के होने में सन्देह अथवा संभावना का बोध हो, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।
ऊपर के गद्यांश में वाक्य का उदाहरण –
शायद मैं आज देर से लौटूँ।

(ह) संकेतवाचक वाक्य– जिन वाक्यों से एक क्रिया के दूसरी क्रिया पर निर्भर होने का बोध हो, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। इन्हें हेतुवाचक वाक्य भी कहते हैं। इनसे कारण, शर्त आदि का बोध होता है।
ऊपर के गद्यांश में वाक्य का उदाहरण –
अगर तुम मेरे साथ रहोगे तो मुझे सुविधा होगी।

अर्थ की दृष्टि से वाक्य में परिवर्तन–

आप पढ़ चुके हैं कि अर्थ की दृष्टि से वाक्य आठ प्रकार के होते हैं। इनमें से विधानवाचक वाक्य को मूल आधार माना जाता है। अन्य वाक्य भेदों में विधानवाचक वाक्य का मूलभाव ही विभिन्न रूपों में परिलक्षित होता है। किसी भी विधानवाचक वाक्य को सभी प्रकार के भावार्थों में प्रयुक्त किया जा सकता है।
जैसे– उपरोक्त अनुच्छेद का विधानवाचक वाक्य–
"अशोक राजनगर में रहता है।" को लेते हैं– इस वाक्य को सभी प्रकार के वाक्यों में निम्नानुसार परिवर्तित किया जा सकता है।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. लिपियों की जानकारी
2. शब्द क्या है
3. लोकोक्तियाँ और मुहावरे
4. रस के प्रकार और इसके अंग
5. छंद के प्रकार– मात्रिक छंद, वर्णिक छंद
6. विराम चिह्न और उनके उपयोग
7. अलंकार और इसके प्रकार

1. विधानवाचक वाक्य - अशोक राजनगर में रहता है।
2. विस्मयादिवाचक वाक्य - अरे! अशोक राजनगर में रहता है।
3. प्रश्नवाचक वाक्य - क्या अशोक राजनगर में रहता है?
4. निषेधवाचक वाक्य - अशोक राजनगर में नहीं रहता है।
5. संदेहवाचक वाक्य - शायद अशोक राजनगर में रहता है।
6. आज्ञावाचक वाक्य - अशोक! तुम राजनगर में रहो।
7. इच्छावाचक वाक्य- काश, अशोक राजनगर में रहता!।
8. संकेतवाचक वाक्य - यदि अशोक राजनगर में रहना चाहता है तो रह सकता है।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. शब्द क्या है- तत्सम एवं तद्भव शब्द
2. देशज, विदेशी एवं संकर शब्द
3. रूढ़, योगरूढ़ एवं यौगिकशब्द
4. लाक्षणिक एवं व्यंग्यार्थक शब्द
5. एकार्थक शब्द किसे कहते हैं ? इनकी सूची
6. अनेकार्थी शब्द क्या होते हैं उनकी सूची
7. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द (समग्र शब्द) क्या है उदाहरण
8. पर्यायवाची शब्द सूक्ष्म अन्तर एवं सूची
9. शब्द– तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी, रुढ़, यौगिक, योगरूढ़, अनेकार्थी, शब्द समूह के लिए एक शब्द
10. हिन्दी शब्द- पूर्ण पुनरुक्त शब्द, अपूर्ण पुनरुक्त शब्द, प्रतिध्वन्यात्मक शब्द, भिन्नार्थक शब्द

आशा है, उपरोक्त जानकारी परीक्षार्थियों / विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक एवं परीक्षापयोगी होगी।
धन्यवाद।
RF Temre
infosrf.com

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com

other resources Click for related information

Watch video for related information
(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)

Watch related information below
(संबंधित जानकारी नीचे देखें।)



  • Share on :

Comments

Leave a reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

अनुतान क्या है? अनुतान के उदाहरण एवं प्रकार || हिन्दी भाषा में इसकी महत्ता || Hindi Bhasha and Anutan

अनुतान के प्रयोग से शब्दों या वाक्यों के भिन्न-भिन्न अर्थों की अनुभूति होती है। भाषा में अनुतान क्या होता है? अनुतान के उदाहरण, प्रकार एवं इसकी महत्ता की जानकारी पढ़े।

Read more



'अ' और 'आ' वर्णों से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य एवं इनकी विशेषताएँ

अ और आ दोनों स्वर वर्णों का उच्चारण स्थान कण्ठ है अर्थात ये दोनों वर्ण कण्ठ्य वर्ण हैं। इनकी विस्तार पूर्वक जानकारी नीचे दी गई है।

Read more

आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी (परिचय) : बौद्धकालीन भारत में विश्वविद्यालय― तक्षशिला, नालंदा, श्री धन्यकटक, ओदंतपुरी विक्रमशिला

आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित निबंध : बौद्धकालीन भारत में विश्वविद्यालय― तक्षशिला, नालंदा, श्री धन्यकटक, ओदंतपुरी विक्रमशिला।

Read more

Follow us

Catagories

subscribe