
प्रश्नवाचक चिह्न ? एवं विस्मयादिबोधक चिह्न ! के प्रयोग की स्थितियाँ | Question mark? and Exclamation mark in Hindi
प्रश्नवाचक चिह्न
प्रश्नवाचक चिन्ह से हम परिचित हैं। जब भी प्रश्न किया जाता है तो प्रश्नवाचक वाक्य के अंत में इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए इस चिह्न (?) का प्रयोग करते हैं।
प्रश्नवाचक चिह्न के प्रयोग की स्थितियाँ–
प्रश्नवाचक चिह्न का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में होता है-
1. जहाँ वाक्य में प्रश्नवाचक शब्दों जैसे कब, कहाँ, कैसे, क्यों, क्या का प्रयोग करते हुए प्रश्न पूछा जाता है।
जैसे– आप कहाँ जा रहे हैं ?
2. व्यंग्यात्मक भाव प्रकट करने के लिए भी सामान्य कथन के बाद प्रश्नवाचक चिह्न का प्रयोग होता है।
जैसे– आप जैसा धर्मात्मा पैदा ही नहीं हुआ ?
3. कभी-कभी सामान्य वाक्य में प्रश्न, संदेह या अनुमान परिवर्तन के लिए भी प्रश्नवाचक चिह्न का प्रयोग करते हैं।
जैसे– मैं झूठ बोल रहा हूँ ?
इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें।
1. समास के प्रकार, समास और संधि में अन्तर
2. संधि - स्वर संधि के प्रकार - दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण और अयादि
3. वाक्य – अर्थ की दृष्टि से वाक्य के प्रकार
4. योजक चिह्न- योजक चिह्न का प्रयोग कहाँ-कहाँ, कब और कैसे होता है?
5. वाक्य रचना में पद क्रम संबंधित नियम
6. कर्त्ता क्रिया की अन्विति संबंधी वाक्यगत अशुद्धियाँ
7. विराम चिन्हों का महत्व
विस्मयादिबोधक चिह्न
विस्मयादिबोधक चिन्ह प्रसन्नता, आश्चर्य, घृणा आदि के भावों स्पष्ट करने में सहायक होते हैं।
विस्मयादिबोधक चिह्न के प्रयोग की स्थितियाँ–
1. विस्मयादिबोधक चिह्न का प्रयोग प्रायः आश्चर्य, घृणा, प्रसन्नता आदि मनोभावों को प्रकट करने वाले
विस्मयवाचक शब्दों के बाद करते हैं।
जैसे– (i) अरे! तुम जा रहे हो।
(ii) वाह! कितना सुंदर दृश्य है।
2. संबोधन में भी संबोधन शब्द के बाद यह चिह्न आता है।
जैसे– मित्रों! मुझे बहुत प्रसन्नता है कि... ।
निम्नलिखित वाक्यों में विराम चिह्नों का प्रयोग देखिये–
अ. क्षमा मैं करूँ! अरे! आप क्या कह रहे हैं।
ब. नहीं-नहीं ! बाबूजी, मुझे यह कहने का अधिकार नहीं, मैं हूँ अभागा। हाय रे ! भाग्य।
हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. 'ज' का अर्थ, द्विज का अर्थ
2. भिज्ञ और अभिज्ञ में अन्तर
3. किन्तु और परन्तु में अन्तर
4. आरंभ और प्रारंभ में अन्तर
5. सन्सार, सन्मेलन जैसे शब्द शुद्ध नहीं हैं क्यों
6. उपमेय, उपमान, साधारण धर्म, वाचक शब्द क्या है.
7. 'र' के विभिन्न रूप- रकार, ऋकार, रेफ
8. सर्वनाम और उसके प्रकार
आशा है, उपरोक्त जानकारी परीक्षार्थियों / विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक एवं परीक्षापयोगी होगी।
धन्यवाद।
RF Temre
infosrf.com
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com
other resources Click for related information
(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)
Watch related information below
(संबंधित जानकारी नीचे देखें।)
Comments