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"जिसने सूरज चाँद बनाया" कविता (Class 1 भाषा भारती) || शिक्षकों के लिए अध्यापन हेतु मुख्य बिन्दु एवं कार्ययोजना


"जिसने सूरज चाँद बनाया" कविता (Class 1 भाषा भारती) || शिक्षकों के लिए अध्यापन हेतु मुख्य बिन्दु एवं कार्ययोजना

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"जिसने सूरज चाँद बनाया" एक प्रार्थना कविता है और इस कविता को एक प्रार्थना के रूप में ही विद्यार्थियों को याद करवाया जाना चाहिए।

कक्षा पहली सबसे महत्वपूर्ण कक्षा है क्यों? इसलिए कि बच्चे विद्यालय के दर्शन पहली बार करते हैं। अंग्रेजी में कहावत है "फर्स्ट इंप्रेशन इज द लास्ट इंप्रेशन"। यदि पहली बार ही बच्चों को विद्यालय में खुशनुमा एवं घर की तरह माहौल मिलता है और उन्हें खेल-खेल में सीखने के अवसर प्राप्त होते हैं तो उनका मन विद्यालय में लग जाता है। इसी के साथ वे अपनी पढ़ाई की ओर अग्रसर होते हैं।

बच्चों के लिए शुरुआत के दिवस तो केवल खेलकूद, मेल मिलाप एवं परिचय के लिए होते हैं। किन्तु समय के साथ साथ बच्चों को पाठ्य पुस्तक की विषय वस्तु का भी अध्यापन कराना होता है। कक्षा 1 में केवल तीन विषय (i) भाषा भारती (ii) गणित का जादू एवं (iii) अंग्रेजी रीडर हैं। नीचे 'भाषा भारती' के पाठ 1 'जिसने सूरज चाँद बनाया" के अध्यापन पर जानकारी दी गई है।

1. प्रार्थना वाली कविता - "जिसने सूरज चाँद बनाया" एक प्रार्थना कविता है और इस कविता को एक प्रार्थना के रूप में ही विद्यार्थियों को याद करवाया जाना चाहिए। बच्चों से पाठ प्रारंभ करने से पहले पूजा, प्रार्थना, आरती इत्यादि पर बात करनी चाहिए क्योंकि घरों में अक्सर विद्यार्थी प्रायः इनसे अवगत होते हैं। यदि हम इन पर बात करते हैं तो इस पाठ से विद्यार्थी हार्दिक रूप से जुड़ेंगे साथ ही बच्चों में धार्मिक भावना का भी विकास होगा।

2. कविता का भावार्थ - कविता तुकांत रूप में लिखी होती है जिसमें शब्द आगे पीछे प्रयोग किए जाते हैं। सामान्य वाक्य में शब्दों का एक निश्चित क्रम होता है किंतु कविता में शब्द का क्रम आगे पीछे हो जाता है जिससे बच्चों को कविता का स्पष्ट अर्थ समझ में नहीं आता। अतः कविता का भावार्थ भी बताया जाना चाहिए।
नीचे कविता और उसका भावार्थ दिया गया है-

कविता

जिसने सूरज चाँद बनाया
जिसने तारों को चमकाया।
जिसने फूलों को महकाया
जिसने चिड़ियों को चमकाया।
जिसने सारा जगत बनाया
जिसने रची हमारी काया।
उस ईश्वर को सदा मनाएँ
उसे प्रेंम से शीश झुकाएँ।

भावार्थ - ईश्वर (भगवान) जिसने कि हमारे सूरज और चाँद को बनाया है। इसी तरह रात में चमकने वाले तारों को प्रकाश दिया है अर्थात उनमें चमक डाली है। जिसने फूलों को सुगंधित किया है। जिसने चिड़ियों को चहकना सिखाया है। इस तरह इस पूरे संसार को बनाया है और हमारे शरीर की रचना की है। हम उस ईश्वर की (भगवान की) पूजा करें और उन्हें प्रेंम के साथ नमस्कार करें।

3. सूरज, चाँद, तारों पर चर्चा - कविता का अध्यापन भली-भाँति कराने के पश्चात बच्चों को सामान्य जानकारी देने के लिए या बच्चों के अनुभवों को विस्तार देने के लिए सूरज, चाँद और तारों पर चर्चा करनी चाहिए। जैसे - सूरज कब निकलता है? चंद्रमा कब दिखाई देता है? तारे कब निकलते हैं? सूरज का रंग कैसा दिखाई देता है, लाल या पीला? इसी तरह के प्रश्नों के साथ-साथ बच्चों को पूर्व दिशा का ज्ञान भी कराया जा सकता है कि सूर्योदय पूर्व दिशा से होता है।

4. सूरज, चाँद और तारों के मुखौटों का प्रयोग - टी. एल. एम. का प्रयोग हम कर सकते हैं। यदि सूरज, चाँद और तारों के मुखौटे बना लें और इनके माध्यम से सूर्य का उगना, रात को चंद्रमा और तारों का चमकना इत्यादि दिखाया जा सकता है। ऐसा करने से बच्चों में अभिनय कला सीखने के साथ-साथ वे प्रत्यक्ष ज्ञान भी प्राप्त कर पाएंगे।

5. कविता में आए शब्दों पर चर्चा - "जिसने सूरज चाँद बनाया" कविता में फूल, चिड़िया, जगत, काया आदि शब्द आए हैं इनके ऊपर छोटी-छोटी चर्चा करके बता सकते हैं कि फूल कौन-कौन से हैं? हमारे आस पास कौन कौन सी चिड़िया पाई जाती हैं? काया का क्या अर्थ है? आदि।

6. बच्चों से प्रश्नोत्तरी - बच्चों ने पाठ को कितने बेहतर ढंग से समझा है इस बात की परख के लिए कविता से छोटे-छोटे प्रश्न बनाकर पूछे जा सकते हैं। जैसे - फूलों को किसने महकाया है? हमें किसे मनाना चाहिए? काया का क्या अर्थ है? आदि।

7. चित्र निर्माण - बच्चों की उंगलियों के संचालन एवं ड्राइंग की ओर उनका रुझान करने के लिए सूरज, चाँद, तारे, फूल, चिड़िया आदि के चित्र रनिंग बोर्ड, ग्रीन बोर्ड या स्लेट बनवाए जा सकते हैं।

8. कविता का दोहराव - कोई भी कविता या कहानी केवल एक ही बार में सुना देने या उच्चारण करा देने से विद्यार्थियों को याद नहीं हो पाती है। अतः आगामी दिवसों में भी बीच-बीच में कविता का पुनरावलोकन करते रहना चाहिए ताकि कविता कंठस्थ हो सके।

इन 👇 मजेदार पाठों को भी पढ़िये।
1. जिसने सूरज चाँद बनाया भावार्थ एवं अभ्यास
2. पाठ-19 दिन निकला 'बड़े सबेरे मुरगा बोला'
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4. कक्षा 1 गणित Chapter 1 TLM से 'अंदर-बाहर' की अवधारणा
5. Lesson 1 Let's Sing Class 1st English Reader
6. पाठ 2 'मेरा घर' (कक्षा-1) चित्र के द्वारा परिवार की समझ, छोटे बच्चों के लिए अभ्यास के प्रश्न


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आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope the above information will be useful and important. )
Thank you.
R. F. Tembhre
(Teacher)
infosrf.com

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