An effort to spread Information about acadamics

Blog / Content Details

विषयवस्तु विवरण



"वैष्णव जन तो तेने कहीये" भजन का हिंदी अनुवाद || Hindi translation of the hymn "Vaishnav Jan To Tene Kahiye"

महात्मा गाँधी के द्वारा गाए जाने वाला प्रसिद्ध भजन - "वैष्णव जन तो तेने कहिये" जोकि गुजरात प्रान्त के प्रसिद्ध संत कवि नरसी मेहता (1414-1478) के द्वारा रचित है। यह भजन गाँधी जी के आश्रम में प्रार्थना के समय गाया जाता था। यहाँ पर इस भजन के साथ साथ इसका हिन्दी अनुवाद (अर्थ) भी दिया गया है।

भजन एवं हिन्दी अर्थ

(1) वैष्णव जन तो तेने कहीये,
जे पीड़ पराई जाणे रे।
पर दुःखे उपकार करे तोये,
मन अभिमाण न आणे रे।

हिन्दी अर्थ - सच्चा वैष्णव (हरि को प्रिय) व्यक्ति उसी को कहना चाहिए, जो दूसरों के दुख-दर्द (पीड़ा) को समझता हो। दूसरे के दु:ख को देखकर जब व्यक्ति उसकी भलाई (उपकार) करे, तो वह अपने मन में किसी प्रकार का अभिमान न आने दे कि उसने अमुक का भला कर दिया।
प्रायः यह देखने को आता है कि जब कोई किसी दूसरे की थोड़ी बहुत भी भलाई करता है तो वह गर्व के साथ दूसरों के सामने प्रकट करता है। अतः यहाँ कहा गया है कि ईश्वर को प्रिय व्यक्ति वही है जो दूसरों का उपकार तो करें किन्तु उसके मन में थोड़ा सा भी घमंड न आये।

(2) सकल लोकमां सहुने वंदे,
निंदा न करें कनी रे।
वाच काछ मन-निश्छल राखे,
धन-धन जननी तेरी रे।

हिन्दी अर्थ - जो व्यक्ति इस संसार में सभी का मान-सम्मान करे और वह किसी की भी बुराई (निन्दा) न करे। जो व्यक्ति अपने मन, कर्म और वचन (वाणी) को निश्छल (सदैव शुद्ध) रखता हो तो ऐसे व्यक्ति की माता निश्चित ही धन्य है।

समदृष्टी ने तृष्णा त्यागी,
परस्त्री जेने मात रे।
जिह्वा थकी असत्य न बोले,
परधन तव झाले हाथ रे।

हिन्दी अर्थ - जो व्यक्ति सभी को समान दृष्टि से देखता हो। जो सांसारिक मोह-माया की भूख (तृष्णा) से मुक्त हो। जो व्यक्ति पराई नारी (स्त्री) को अपनी माँ की तरह समझता हो और जिसकी जीभ (वाणी) कभी भी असत्य वचन न बोले। जो दूसरों की धन-दौलत को पाने की इच्छा न करे।

मोह माया व्यापे नहि जेने,
दृढ वैराग्य जेना मनमां रे,
रामनामशुं ताळी लागी,
सकल तीरथ तेना तनमां रे।

हिन्दी अर्थ - जिसे मोह-माया (वैभव/एश्वर्य) ग्रसित न कर सके। जिसके मन में दृढ़ वैराग्य के भाव हों। जो हर पल मन में राम के नाम का जाप करता हो, उसके शरीर में सारे तीर्थ विद्यमान होते हैं।

वणलोभी ने कपट रहित छे,
काम क्रोध निवार्या रे,
भणे नरसैयो तेनुं दरसन करतां,
कुळ एकोतर तार्या रे।

हिन्दी अर्थ - जिसने लालच (लोभ), छल-कपट, काम (वासना) और क्रोध पर विजय प्राप्त कर ली हो। ऐसे वैष्णव (ईश्वर को प्रिय) के दर्शन मात्र से ही, अपने कुल की इकहत्तर पीढ़ियाँ तर जाती हैं अर्थात उनकी रक्षा होती है।

- नरसी मेहता

इस 👇 बारे में भी जानें।
1. हरितालिका तीजा व्रत कथा
2. गणेश जी की आरती १. जय गणेश जय गणेश देवा। २. गणपति सेवा मंगल मेवा

इस 👇 बारे में भी जानें।
1. हिन्दू विधि एवं दर्शन क्या है? इसका स्वरूप
2. नित्य स्मरणीय संस्कृत के मन्त्र

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com

  • Share on :

Comments

Leave a reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

"वैष्णव जन तो तेने कहीये" भजन का हिंदी अनुवाद || Hindi translation of the hymn "Vaishnav Jan To Tene Kahiye"

महात्मा गाँधी के द्वारा गाए जाने वाला प्रसिद्ध भजन - "वैष्णव जन तो तेने कहिये" जोकि गुजरात प्रान्त के प्रसिद्ध संत कवि नरसी मेहता (1414-1478) के द्वारा रचित है।

Read more

Follow us

Catagories

subscribe