An effort to spread Information about acadamics

Blog / Content Details

विषयवस्तु विवरण



प्रथमः पाठः 'लोकहितम् मम करणीयम्' का हिंदी अनुवाद एवं शब्दार्थ || Class 8th Sanskrit exercise.

संस्कृते गीतपरम्परा अति समृद्धा प्राचीना च जनैःमनसिदृढ सङ्कल्पं कृत्वा कथमाचरणीयमिणत्यस्मिमन् गीते वर्णितम्, गीतेSस्मिन् जनेषु परोपकारभावनोत्पादनं दरीदृश्यते।
हिन्दी अनुवाद— संस्कृत में गीत की परंपरा समृद्ध और प्राचीन रही है। जनसमुदाय को मन से दृढ़ संकल्पित करके किस प्रकार का आचरण करना चाहिए, ऐसा इस गीत में वर्णित है। इस गीत में जनसमूह में परोपकार की भावना पैदा करना भली प्रकार से दर्शित है।

श्लोकों का हिन्दी अनुवाद

मनसा सततं स्मरणीयम्, वचसा सततं वदनीयम्।
लोकहितं मम करणीयम्, लोकहितं मम करणीयम् ।।1।।

अनुवाद- मुझे पूर्ण मनोयोग से सदैव स्मरण करना चाहिए, मुझे वाणी से सदैव बोलना चाहिए, मुझे जगत कल्याण करना चाहिए, मुझे लोकहित करना चाहिए।
इस पद में अर्थ निहित है कि मुझे मन तथा वाणी से जगत कल्याण करना चाहिए।

न भोगभवने रमणीयम्, न च सुखशयने शयनीयम्।
अहर्निशं जागरणीयम्, लोकहितं मम करणीयम् ।।2।।

अनुवाद- मुझे एश्वर्ययुक्त भवन घर में नहीं रहना चाहिए और न ही आरामदायक बिस्तर पर सोना चाहिए। मुझे तो दिन-रात जागृत रहना चाहिए इस तरह से मुझे जगत का कल्याण करना चाहिए।
इस पद में आशय है कि मुझे भोगविलास युक्त भवन और आरामप्रदायक बिस्तर में न सोकर दिन रात सजग रहते हुए मेहनत से इस संसार का कल्याण करना चाहिए।

न जातु दुःखं गणनीयम्, न च निजसौख्यं मननीयम्।
कार्यक्षेत्रे त्वरणीयम्, लोकहितं मम करणीयम् ।।3।।

अनुवाद- मुझे कभी भी अपने दुःखों की गणना नहीं करना चाहिए और न ही अपने सुख का चिंतन मनन करना चाहिए। अपने कार्यक्षेत्र के कार्यों को करने में शीघ्रता करनी चाहिए तथा मुझे जगत कल्याण करना चाहिए।
इस पद में आशय है कि मुझे अपने सुख-दुख की गिनती न करते हुए अपने कार्य क्षेत्र में सभी कार्य शीघ्रता से करते हुए लोकहित करना चाहिए।

दुःखसागरे तरणीयम्, कष्टपर्वते चरणीयम्।
विपत्ति-विपिने भ्रमणीयम्, लोकहितं मम करणीयम् ।।4।।

अनुवाद- मुझे दुःख रूपी सागर में तैरना चाहिए, कष्ट रूपी पर्वत पर चढ़ना चाहिए, कठिनाई रूपी वन में भ्रमण करना चाहिए और मुझे इस जगत का कल्याण करना चाहिए।
इस पद में आशय है कि हमें दुख कष्ट और विपत्तियों का सामना करते हुए जगत कल्याण करना चाहिए।

गहनारण्ये घनान्धकारे, बन्धुजना ये स्थिता गह्वरे।
तत्र मया सञ्चरणीयम्, लोकहितं मम करणीयम् ।।5।।

अनुवाद- हमारे जो बंधुजन घने अंधकारयुक्त जंगलों की गुफाओं में रहते हैं, वहाँ मुझे जाना चाहिए और मुझे इस जगत का कल्याण करना चाहिए।
इस पद में कहा गया है कि हमारे भाई बंधु जो कठिन परिस्थितियों में रहते हैं जो उन तक पहुँच कर उनका उद्धार करते हुए मुझे इस जगत का कल्याण करना चाहिए।

वन्दना के श्लोक 8 वीं संस्कृत के इस 👇 प्रकरण को भी पढ़िए।।
वन्दना श्लोकों का हिन्दी अनुवाद (कक्षा 8 वीं) संस्कृत

शब्दार्थ-

मनसा = मन से मनोयोग से।
वचसा = वाणी से।
वदनीयम् = बोलना चाहिए।
करणीयम् = करना चाहिए।
अहर्निशं = दिन रात।
जातु = कदाचित कभी।
त्वरणीयम् = शीघ्रता करनी चाहिए।
दुःखसागरे = दुख रूपी सागर में।
तरणीयम् = तैरना चाहिए।
कष्टपर्वते = कष्ट रूपी पर्वत पर।
चरणीयम् = चढ़ना चाहिए।
विपत्ति-विपिने = मुसीबतों से भरे वन में।
गहनारण्ये = गहन वन में।
गह्वरे = गुफा में।
सञ्चरणीयम् = जाना चाहिए।

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com

Watch video for related information
(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)

Watch related information below
(संबंधित जानकारी नीचे देखें।)



  • Share on :

Comments

Leave a reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

संस्कृत मॉडल प्रश्नपत्र (ब्लूप्रिंट आधारित) वार्षिक परीक्षा 2024 कक्षा 8 | Blueprint Based Sanskrit Solved Model Question Paper

इस भाग में वार्षिक परीक्षा की तैयारी हेतु कक्षा 8 वीं विषय संस्कृत का हल सहित मॉडल प्रश्न पत्र यहाँ प्रस्तुत किया गया है।

Read more

संस्कृत कक्षा- 8th वार्षिक परीक्षा वर्ष 2024 | महत्वपूर्ण वैकल्पिक प्रश्न | Objective Qurstions for Annual Exam 2024

इस लेख में संस्कृत कक्षा- 8th की वार्षिक परीक्षा वर्ष 2024 हेतु 26 महत्वपूर्ण वैकल्पिक प्रश्न यहां दिए गए हैं।

Read more

षोडशः पाठ: - कवित्वं कालिदासस्य | हिन्दी अनुवाद, प्रश्नोत्तर व व्याकरण | कक्षा 8 विषय संस्कृत | Kavitvam Kalidasasya

इस पाठ में कक्षा 8 विषय संस्कृत के षोडशः पाठ: - कवित्वं कालिदासस्य (Kavitvam Kalidasasya) का हिन्दी अनुवाद, प्रश्नोत्तर व व्याकरण के बारे में जानकारी दी गई है।

Read more

Follow us

Catagories

subscribe