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कोयले के प्रकार कितने होते हैं | Energy Resources- Coal

'कोयला' परम्परागत ऊर्जा स्रोत है। इसका उपयोग होने के पश्चात नवीकरण नहीं किया जा सकता। अतः यह एक अनवीकरणीय ऊर्जा का स्रोत भी है। यह मुख्य रूप से वनस्पतियों का कार्बनिक अवशेष है। यह 'हाइड्रोकार्बन' से बना होता है। इसकी प्रकृति ठोस होती है तथा यह संस्तरित शैल के रूप में होता है। कोयला ज्वलनशील खनिज जैव पदार्थों से निर्मित होता है। कोयले के इन जीवाश्मों में कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, सल्फर, फास्फोरस आदि की उपस्थिति होती है। कोयला ऊष्मा तथा शक्ति का प्राथमिक स्रोत है। भारत का सबसे बड़ा तथा महत्वपूर्ण कोयला उत्पादन का क्षेत्र दामोदर घाटी में अवस्थित है। भारत के इस क्षेत्र से संपूर्ण देश का लगभग 35% कोयला प्राप्त किया जाता है।

ब्रह्माण्ड एवं खगोल विज्ञान के इन 👇 प्रकरणों के बारे में भी जानें।
1. ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति
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3. तारों का जन्म एवं मृत्यु
4. सौरमंडल की संरचना
5. सौरमंडल के पिण्ड
6. सौर मंडल के ग्रह एवं उपग्रह की विशेषताएँ

'Coal' is a conventional energy source. It cannot be renewed after use. Hence it is also a non-renewable energy source. It is primarily an organic remnant of flora. It is made up of 'hydrocarbons' . It is solid in nature and is in the form of stratified rock. Coal is made from flammable mineral biomass. These fossils of coal have the presence of carbon, hydrogen, oxygen, sulfur, phosphorus etc. Coal is the primary source of heat and power. India's largest and important area of ​​coal production is located in the Damodar Valley . About 35% of the coal of the entire country is obtained from this region of India.

कोयले के उपयोग (Coal usage) - कोयले को प्रकाश तथा ऊर्जा की प्राप्ति हेतु तथा ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त कोयले का उपयोग जिंक, लौह आदि विभिन्न खनिज पदार्थों के निष्कर्षण के लिए धातुकर्म के कार्य में होता है। कोयले के द्वारा वाटर गैस, कोल गैस, कोक, टार, उर्वरककीटनाशकों एवं विभिन्न प्रकार के वार्निश आदि का उत्पादन किया जाता है। अतः कोयले के इस विशेष महत्व को देखते हुए इसे 'उद्योगों की जननी' के नाम से जाना जाता है।

पृथ्वी की संरचना एवं इस पर होने वाली हलचलों से संबंधित इन 👇 प्रकरणों के बारे में भी जानें।
1. पृथ्वी की संरचना
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4. भूकंप एवं भूकम्पीय तरंगे
5. सुनामी और ज्वालामुखी क्या है
6. पृथ्वी पर ज्वार भाटा
7. ग्रहण, ऋतु परिवर्तन विषुव एवं सुपरमून

Coal is used to obtain light and energy and as fuel. In addition, coal is used for various zinc, iron, etc. minerals For extraction of substances, metallurgical's function occurs. Coal produces water gas, coal gas, coke, tar, fertilizer and pesticides and various types of varnishes etc. Hence, given this special importance of coal, it is known as 'mother of industries'.

NTPC की कोयला आधारित प्रमुख ताप विद्युत परियोजनाएँ निम्नलिखित हैं (Following are the major coal based thermal power projects of NTPC) -
1. दादरी - गौतम बुद्ध नगर (उत्तर प्रदेश)
2. रिहंद - सोनभद्र (उत्तर प्रदेश)
3. ऊँचाहार - रायबरेली (उत्तर प्रदेश)
4. टांडा - अंबेडकर नगर (उत्तर प्रदेश)
5. सीपत - बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
6. तलचर कनिहा - अंगुल (उड़ीसा)
7. बाढ़ - पटना (बिहार)
8. मौदा - नागपुर (महाराष्ट्र)
9. गाडरवारा - मध्य प्रदेश
10. कुदगी - कर्नाटक
11. बरौनी - बिहार
12. दर्लीपाली - उड़ीसा
13. फरक्का - मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल)
14. बदरपुर - दिल्ली
15. रामागुंडम - करीमनगर (तेलंगाना)
16. कोरबा - छत्तीसगढ़
17. विंध्याचल - मध्य प्रदेश
18. सिम्हाद्रि - विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश)
19. तलचर - अंगुल (उड़ीसा)
20. कहलगाँव - भागलपुर (बिहार)
21. बोंगाईगाँव - असम
22. सिंगरौली - सोनभद्र (उत्तर प्रदेश)
23. लारा - छत्तीसगढ़
24. खरगोन - मध्य प्रदेश

विभिन्न संसाधनों से संबंधित इन 👇 प्रकरणों के बारे में भी जानें।
1. भारत में जल संसाधन
2. भारत में जल परियोजनाएँ
3. भारत में खनिज उत्पादक राज्य
4. 6. विश्व की प्रमुख जल संधियाँ

पृथ्वी के अंदर भू-गर्भ में लाखों-करोड़ों सालों से वनस्पतियाँ एवं जीव-जंतु दबे रहते हैं। इनसे ताप तथा दाब के कारण धीरे-धीरे कोयले का निर्माण होने लगता है। कोयले के इस विकास क्रम के आधार पर इसे मुख्य रूप से चार भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है -

bharat me koyala

Flora and fauna are buried in the womb of the earth for millions of years inside the earth. Due to the heat and pressure from them, coal starts to be produced gradually. Based on this development sequence of coal, it can be classified mainly into four parts-
1. एंथ्रेसाइट कोयला (Anthracite coal)
2. बिटुमिनस कोयला (bituminous coal)
3. लिग्नाइट कोयला (Brown coal)
4. पीट कोयला (Coco peat)

एंथ्रेसाइट कोयला (Anthracite coal)- यह सबसे उच्च श्रेणी का कोयला है। यह विकासक्रम की सर्वोत्तम श्रेणी का कोयला है। इसमें कार्बन की मात्रा लगभग 80 से 95% तक होती है। भारत में यह कोयला मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर के 'रियासी क्षेत्र' में उपलब्ध है।

ऋतुओं एवं जलवायु से संबंधित इन 👇 प्रकरणों के बारे में भी जानें।
1. भारत की प्रमुख ऋतुएँ
2. भारत की जलवायु का वर्गीकरण
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5. संघनन क्या है- संघनन के विभिन्न रूप

It is the highest grade of coal. It is the best-in-class coal in development. It contains about 80 to 95% carbon content. In India, this coal is mainly available in Jammu and Kashmir's Reasi region'.

बिटुमिनस कोयला (bituminous coal) - यह मध्यम श्रेणी का कोयला है। इसमें लगभग 55 से 80% कार्बन की मात्रा होती है। यह गोंडवाना काल का कोयला है। भारत का अधिकांश कोयला बिटुमिनस ही है। यह भारत के कोयले के कुल भंडार का लगभग 80% है। यह गैर-कोकिंग प्रकार का कोयला है। परिणाम स्वरूप भारत को विदेशों से कोकिंग कोयले का आयात करना पड़ता है। यह एंथ्रसाइट कोयले की तुलना में कम कठोर होता है।

भारतीय धरातल से संबंधित इन 👇 प्रकरणों के बारे में भी जानें।
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2. हिमालय भारतीय भू आकृतिक संरचना
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4. भारतीय मरुस्थल
5. भारतीय प्रायद्वीपीय पठार
6. भारत के तटीय मैदान
7. भारत के द्वीप समूह

It is medium grade coal. It contains about 55 to 80% carbon content. It is the coal of Gondwana period. Most of the coal in India is bituminous. It constitutes about 80% of the total coal reserves of India. It is a non-coking type of coal. As a result, India has to import coking coal from abroad. It is less hardy than anthracite coal.

लिग्नाइट कोयला (Brown coal) - यह निम्न गुणवत्ता का कोयला होता है। इसका रंग भूरा होता है। अतः रंग के आधार पर इसे 'भूरा कोयला' की संज्ञा दी गई है। इसमें लगभग 40 से 55% तक कोयले की मात्रा होती है। भारत में इस कोयले का सबसे ज्यादा उत्पादन और भंडारण तमिलनाडु राज्य में होता है। भारत में यह कोयला तमिलनाडु के 'नवेली क्षेत्र' तथा पश्चिमी राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त यह कोयला केरल, जम्मू कश्मीर, गुजरात आदि राज्यों में भी उपलब्ध है।

भारत की प्रमुख नदियों के अपवाह तंत्र से संबंधित इन 👇 प्रकरणों के बारे में भी जानें।
1. सिंधु नदी का अपवाह तंत्र
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5. भारत की प्रमुख झीलें

It is of low quality coal. Its color is brown. Hence it is named 'brown coal' on the basis of color. It contains about 40 to 55% coal content. The largest production and storage of this coal in India is in the State of Tamil Nadu. In India, this coal is found in the 'fledgling region' of Tamil Nadu and some areas of western Rajasthan. Apart from this, coal is also available in Kerala, Jammu Kashmir, Gujarat etc. states.

पीट कोयला (Coco peat) - यह कोयले के विकासक्रम से जुड़ी प्रथम अवस्था है। यह लकड़ी से मिलता जुलता होता है। यह निकृष्ट अथवा कम गुणवत्ता वाला कोयला है। इस में नमी की मात्रा अधिक होती है तथा इसकी ताप क्षमता निम्न होती है। इस कोयले में लगभग 40% कार्बन होता है। इसमें नमी की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसका दहन करने से अत्यधिक मात्रा में अवशेष प्राप्त होते हैं। इस प्रक्रिया से अवशेष के रूप में धुआँ तथा राख शेष बच जाती है।

भौगोलिक जानकारी से संबंधित इन 👇 प्रकरणों के बारे में भी जानें।
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This is the first stage associated with the development of coal. It resembles wood. It is poor or low quality coal. It has high moisture content and low heat capacity. This coal contains about 40% carbon. It has very high moisture content. An excessive amount of residue is obtained by combustion. Smoke and ash remain as residue from this process.

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RF Temre
infosrf.com

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R F Temre
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