ऊर्जा के प्रमुख स्रोत (संसाधन) | अनवीकरणीय एवं नवीनीकरणीय ऊर्जा स्रोत
पृथ्वी की समस्त ऊर्जा का प्रमुख स्रोत 'सूर्य' है। सूर्य के माध्यम से ही हमारी पृथ्वी ऊर्जा प्राप्त करती है। पृथ्वी पर निवास करने वाले समस्त जीवों के कार्यों तथा क्रियाओं को संपादित करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जीवों की यह ऊर्जा प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से सूर्य से ही प्राप्त होती है। अतः सौर ऊर्जा के माध्यम से ही समस्त जीवधारियों की गतिविधियाँ संचालित होती हैं। किसी देश में ऊर्जा संसाधनों का विकास होने से उस देश का औद्योगिक विकास होता है। उच्च ऊर्जा के उत्पादन तथा उसकी खपत देश में होती है। इससे देश में कुपोषण और अशिक्षा, आर्थिक पिछड़ेपन आदि की समस्याओं से निपटा जा सकता है।
ऊर्जा संसाधन - वे संसाधन जिनका प्रयोग ऊर्जा को उत्पन्न करने हेतु किया जाता है, 'ऊर्जा संसाधन' कहलाते हैं। उदाहरण- पेट्रोलियम, कोयला, प्राकृतिक गैस आदि।
ऊर्जा संसाधनों का विभाजन-
सतत उपलब्धता के आधार पर - इस आधार पर ऊर्जा स्रोतों को दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है -
1. नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत
2. नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत
परंपरागत उपयोग के आधार पर-
इस आधार पर ऊर्जा संसाधनों को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है-
1. परंपरागत ईंधन स्त्रोत
2. गैर-परंपरागत ईंधन स्रोत
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1. भारत में जल संसाधन
2. भारत में जल परियोजनाएँ
3. भारत में खनिज उत्पादक राज्य
4. विश्व की प्रमुख जल संधियाँ
उत्पत्ति के आधार पर- इस आधार पर ऊर्जा संसाधनों को निम्नलिखित भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है-
1. परमाणु ऊर्जा
2. जीवाश्म
3. सौर ऊर्जा
4. हाइड्रो पॉवर
5. जैव ऊर्जा
6. पवन ऊर्जा
7. तरंग ऊर्जा
8. भू-तापीय ऊर्जा
9. समुद्रतापीय ऊर्जा
10. ज्वारीय ऊर्जा
सतत उपलब्धता के आधार पर ऊर्जा संसाधन -
1. नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन- जब किसी ऊर्जा स्रोत का सतत् रूप से अथवा पुनः प्रयोग किया जा सकता है तो वे नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन कहलाते हैं। उदाहरण- पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा आदि।
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1. पृथ्वी की संरचना
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7. ग्रहण, ऋतु परिवर्तन विषुव एवं सुपरमून
परंपरागत उपयोग के आधार पर ऊर्जा संसाधन -
1. परंपरागत ऊर्जा स्रोत- वे संसाधन जिनका प्रयोग मानव पारंपरिक तौर पर प्रारंभ से ही करता चला आ रहा है, परंपरागत ऊर्जा संसाधन कहलाते हैं। उदाहरण- पेट्रोलियम, कोयला, चारकोल, लकड़ी, खनिज तेल, सूखा गोबर, प्राकृतिक गैस आदि।
2. गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत- नवाचारों के माध्यम से कुछ ऐसे ऊर्जा संसाधन विकसित किए जा रहे हैं और उनका प्रयोग हो रहा है, जिनका पारम्परिक रूप से उपयोग नहीं किया गया है, गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोत कहलाते हैं। उदाहरण- पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा, बायोगैस, शैल गैस आदि।
इन 👇 प्रकरणों के बारे में भी जानें।
1. पादपों में पोषण- प्रकाश संश्लेषण
2. जैविक कृषि– कृषि की एक प्रमुख विधि
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आशा है, यह लेख प्रतियोगिता परीक्षाओं की दृष्टि से परीक्षार्थियों के लिए काफी उपयोगी होगा।
धन्यवाद।
RF Temre
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(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
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R F Temre
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