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पाठ 9 बिरसा मुण्डा (हिन्दी कक्षा 8) अभ्यास (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण) | Path 9 Birsa Munda Exercise


पाठ 9 बिरसा मुण्डा (हिन्दी कक्षा 8) अभ्यास (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण) | Path 9 Birsa Munda Exercise

उप शीर्षक:
इस भाग में कक्षा 8 की हिन्दी के पाठ 10 'बिरसा मुण्डा' के अभ्यास (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण) को हल कराया गया है।

शब्दार्थ–
युवावस्था = जवानी
निष्कासन = निकलने से, अलग कर देने से, हटा देने से
पीड़ित = दु:खी
जुट गए = लग गए
उपचार = इलाज
एकत्र = इकट्ठे
विश्वास = भरोसा
सिद्धि = सफलता
चौपट हो रहा था = नष्ट हो रहा था, समाप्त हो रहा था
उत्तरोत्तर = अधिक से अधिक
आर्थिक स्थिति = धन संबंधी दशा
दयनीय = सोचनीय, दीन
मालिक = स्वामी
व्यवस्था = इंतजाम, प्रबंध
परंपरागत = पहले से चला आने वाला
ढंग = तरीका
नष्ट करके = समाप्त करके
लाद दिए = थोप दिए गए
वनवासी = जंगलों में रहने वाले
विवशतावश = विवश होकर, लाचारी के कारण
दमन के कारण = कुचले जाने से
असहाय = किसी भी प्रकार की सहायता से रहित
स्थिति = दशा में
विरुद्ध = खिलाफ
तीव्र = तेज
प्रारंभ = शुरू
शोषण = मजदूरी करने के बाद मजदूरी का ना देना
मानवता = मनुष्यता
स्वतंत्रता-संग्राम = आजादी की लड़ाई के लिए
सेनानियों में = लड़ाकाओ में
जनमत = लोगों की राय
भावनाएँ = इच्छाएँ
व्यापक = बड़े क्षेत्र में फैसला हुआ
उभरने लगी = प्रगट रूप में दिखाने लगी
गतिविधियों का = क्रियाकलापों का
केंद्र-बिंदु = प्रमुख केंद्र
विदेशी राज का जुवा = दूसरे देश का नियम कानून
कंधों से उतारने के लिए = का पालन न करने के लिए
कृत संकल्प = पक्की प्रतिज्ञा किए हुए
आरोप = दोष
मुक्त = छोड़ दिया
जीवनयापन = जीवन व्यतीत करें
साम्राज्यवाद = अपने राज्य स्थापित करने की नीति
शंखनाद = ऊँची आवाज में विरोध किया।

कक्षा 8 हिन्दी के इन 👇 गद्य पाठों को भी पढ़ें।
1. पाठ 2 'आत्मविश्वास' अभ्यास (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण)
2. मध्य प्रदेश की संगीत विरासत पाठ के प्रश्नोत्तर एवं भाषा अध्ययन
3. पाठ 8 अपराजिता हिन्दी (भाषा भारती) प्रश्नोत्तर एवं भाषाअध्ययन
4. पाठ–5 'श्री मुफ़्तानन्द जी से मिलिए' अभ्यास (प्रश्नोत्तर एवं भाषा अध्ययन)
5. पाठ 7 'भेड़ाघाट' हिन्दी कक्षा 8 अभ्यास (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण)
6. पाठ 8 'गणितज्ञ ज्योतिषी आर्यभट्ट' हिन्दी कक्षा 8 अभ्यास (प्रश्नोत्तर और व्याकरण)

बोध प्रश्न

प्रश्न 1 निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजकर लिखिए–
उत्तर– जीवन- वृत्त = जीवनी या जीवन परिचय
जागृति = चेतना
उद्धारक = उद्धार करने वाला तारने वाला
चौपट होना = बरबाद हो जाना
कारागार = कैदखाना, जेल
पथ = मार्ग, रास्ता
मुग्ध = मोहित हो जाना
प्रारंभिक = शुरू की
बियावान = निर्जन
धूमिल = धूल में लिपट जाना, धुल-धूसरित हो जाना
पीड़ादायी = कष्ट देने वाली
उपासना = पूजा
तत्कालीन = उस समय की
शोषण = काम करने पर मजबूरी ना दिया जाना
उपचार = इलाज
दासता = गुलामी
नाद = स्वर
सामान्य = साधारण
सदी = शताब्दी
कथन = कहावत, कहना
बर्बरता = निर्दयता, क्रुरता ।

प्रश्न 2 दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर लिखिए–
(क) बिरसा मुण्डा का संबंध निम्नलिखित में से वर्तमान में किस राज्य से था।
(1) झारखण्ड
(2) बिहार
(3) छत्तीसगढ़।
(ख) मुण्डा समाज के आराध्य देव 'सिंग' का अर्थ है–
(1) सिंह
(2) सींग
(3) सूर्य।
उत्तर–(1) झारखण्ड
(2) सूर्य।

प्रश्न 3 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए–
(क) बिरसा मुण्डा को लूथरन मिशन स्कूल क्यों छोड़ना पड़ा ?
उत्तर– बिरसा मुण्डा को लूथरन मिशन स्कूल भी छोड़ना पड़ा था क्योंकि वहाँ उन्हें दासता का अनुभव हो रहा था। उन्होंने ऐसे दृश्य देखे जिसमें मुण्डा लोगों का शोषण किया जा रहा था। इससे उन्हें बहुत कष्ट हुआ और बिरसा ने अंग्रेजी के कारनामों पर टीका-टिप्पणी करना शुरू कर दिया।
(ख) बिरसा रोगियों का उपचार कैसे करते थे ?
उत्तर– बिरसा रोगियों का उपचार जड़ी-बूटियों से करते थे।
(ग) मुण्डा जनजाति के लोग बिरसा को क्यों मानते थे ?
उत्तर– बिरसा ने गाँववासियों और आसपास के लोग जो उनके पास आये, उनका जड़ी-बूटियों से इलाज किया। उन्हें स्वस्थ रहने के उपाय बताए। इस तरह वे उपदेशक भी बन गए। उन्हें लोग अवतारी पुरुष मानने लगे और उनका आदर भाव बढ़ता गया।
(घ) अंग्रेजों ने बिरसा का दाह-संस्कार सार्वजनिक रूप से क्यों नहीं किया?
उत्तर– स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी के रूप में बिरसा को अंग्रेजों ने पकड़ लिया। वे स्वतंत्रता की ज्योति लोगों में जगा चुके थे। बंदी बनाए जाने से पूर्व बिरसा बीमार चल रहे थे। अदालत में पेश करने पर उनकी दशा बिगड़ गयी। उन्हें खून की उल्टियाँ होने लगी। बिरसा जो मुण्डा समाज का उद्धारक था, सदा के लिए सो गया। इसीलिए उपद्रव के भय से अंग्रेजों ने बिरसा का दाह-संस्कार सार्वजनिक रूप से नहीं किया।
(ड) बिरसा मुण्डा ने किस उद्देश्य से अपना आंदोलन प्रारंभ किया ?
उत्तर– बिरसा मुण्डा ने मुण्डाओं को अंग्रेजों के अत्याचारों से तथा शोषण से मुक्ति दिलाने और भारत को आजाद कराने के उद्देश्य से अपना आंदोलन प्रारंभ किया।

कक्षा 8 हिन्दी के इन 👇 पद्य पाठों को भी पढ़े।
1. पाठ 1 वर दे ! कविता का भावार्थ
2. पाठ 1 वर दे ! अभ्यास (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण)
3. उपमा अलंकार एवं उसके अंग
4. पाठ 6 'भक्ति के पद पदों का भावार्थ एवं अभ्यास

प्रश्न 4 खाली स्थान भरिए-
(क) बिरसा मुण्डा के कारण ओझा लोगों का काम चौपट हो रहा था।
(ख) मुण्डा लोगों के प्रमुख अस्त्र-शस्त्र भाले और तीर-कमान थे।
(ग) पुरस्कार के लालच में कुछ लोगों ने बिरसा को पकड़वा दिया।

प्रश्न 5 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए–
(क) प्रस्तुत पाठ से हमें आज से सौ वर्ष पूर्व के आदिवासियों के जीवन की क्या जानकारी मिलती है ?
उत्तर– आज से सौ वर्ष पूर्व के आदिवासियों ने भी भारत की आजादी के लिए अंग्रेजी शासन के विरुद्ध अपनी आवाज उठाई और इनमें आजादी की भावनाओं को स्वर देने का काम बिरसा मुण्डा ने किया। मुण्डा भारत की प्रमुख जनजाति है जो राँची और उसके आस-पास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में निवास करती है। मुण्डा जाति बहुत ही सरल जीवन बिताने वाली जाति है। वहाँ अपने जीवनयापन के लिए पूर्णतः प्रकृति पर निर्भर करती है।
मुण्डा समाज 'सिंग' और 'बोंगा' की उपासना करते हैं। 'सिंग' का अर्थ सूर्य होता है। तथा 'बोंगा' मुण्डा समाज की देवी है। अन्य जनजातियों की भाँति मुण्डा समाज में भी काफी जागृति आ गई है। विदेशी दसता की जंजीरों से मुक्त होने के लिए तत्कालीन उरांव, मुण्डा और खड़िया जनजातियों के बिरसा मुण्डा के नेतृत्व में अंग्रेजों के विरुद्ध हथियार उठा लिए थे।
मुण्डा जाति के लोग निर्भर और अशिक्षित थे। उनकी शिक्षा के लिए कुछ मिशनरी विद्यालय थे। जहाँ उन्हें ईसाई धर्म में दीक्षित करने की कोशिश होती थी। वे ओझाओं के झाड़-फूँक में विश्वास करते थे। उन्हें अपनी जमीन से बेदखल कर दिया गया था। पंच-पंचायतें समाप्त कर दी गई थी। इस तरह वे भूख और दमन के कारण असहाय थे।

(ख) बिरसा मुण्डा के आंदोलन के क्या कारण थे ?
उत्तर– बिरसा मुण्डा के आन्दोलन के निम्नलिखित कारण थे–
(1) मुण्डा जाति को उनकी जमीन से बेदखल कर दिया गया था।
(2) उनके पंच-पंचायत समाप्त कर दिये गये ।
(3) उनकी जमीन व जमीदार और दलाल थोप दिए गये।
(4) मुण्डा जाति के लोगों के जंगलों पर अंग्रेजी शासन ने दलालों और लोगों को मालिक बना दिया। वे मालिक से नौकर हो गए।
(5) उन्हें बेगार में घसीटा जाता। उनका शोषण होता था।
(6) आर्थिक तंगी का मामला बिरसा मुण्डा के आंदोलन का सबसे बड़ा कारण था। उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय थी।

(ग) "भारतीय इतिहास का एक सत्य यह भी है कि भारत जब भी विदेशियों से पराजित हुआ, तो देशद्रोहियों के कारण," प्रस्तुत पाठ के संदर्भ में इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर– बिरसा मुण्डा ने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध तीव्र आन्दोलन शुरू कर दिया। उनका यह आन्दोलन अन्याय और शोषण के विरुद्ध था। यह आन्दोलन मानवता की रक्षा के लिए था। उन दिनों प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानियों में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, नाना साहेब, कुँवर सिंह आदि की वीरता की कहानियाँ लोगों के मुँह पर थी।
जनमत अंग्रेज शासकों के विरुद्ध था। सामाजिक आन्दोलन ने राजनैतिक रूप धारण कर लिया था। बिरसा मुण्डा ने इस आन्दोलन को आगे बढ़ाया। मुण्डा और दूसरी जनजातियाँ भाले और तीर कमान लेकर चारकाड़ गाँव में एकत्र हो गये। बीरसा की क्रांतिकारी गतिविधियों से डिप्ति कमिश्नर और जिला पुलिस अधीक्षक बहुत परेशान हो गये। बिरसा को ब्रिटिश शासन के विरुद्ध दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। राँची जेल में डाल दिया गया। सजा पूरी होने के बाद सामाजिक जागरण को स्वतंत्रता-संग्राम का नाम दे दिया गया। बिरसा ने बैठकें शुरू कि जिसकी सूचना शासन को लग गई और इनके विरुद्ध वारंट कट गया। इन्हें पकड़ने के लिए इनाम घोषित हुए। इनाम के लालच में किसी ने सोते हुए बिरसा को पकड़वा दिया। इन सभी घटनाओं से सिद्ध होता है कि भारत की पराजय का मुख्य कारण यहाँ के देशद्रोही ही रहे हैं।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. व्याकरण क्या है
2. वर्ण क्या हैं वर्णोंकी संख्या
3. वर्ण और अक्षर में अन्तर
4. स्वर के प्रकार
5. व्यंजनों के प्रकार-अयोगवाह एवं द्विगुण व्यंजन
6. व्यंजनों का वर्गीकरण
7. अंग्रेजी वर्णमाला की सूक्ष्म जानकारी

(घ) बिरसा मुण्डा ने किस उद्देश्य से अपना आन्दोलन प्रारंभ किया ?
उत्तर– बिरसा मुण्डा ने देखा कि मुण्डा और जनजातियों की आर्थिक दशा बहुत ही दयनीय हो चुकी है। इनका मुख्य कारण था कि अंग्रेजों ने उन्हें उनके खेतों से बेदखल कर दिया। वे इन खेतों के मालिक थे। वे फसलें उगाते थे। उनकी ग्राम व्यवस्था थी। पंच-पंचायतें थी। उनका रहन-सहन परंपरागत था। अंग्रेजों ने उन सब को नष्ट करके जमीदार, जागीरदार, जंगल के ठेकेदार और दलाल उन पर लाद दिए। वनवासी अपनी ही जमीन पर मालिक से नौकर हो गये। वे भूख और दमन से स्वयं को असहाय समझने लगे। ऐसी स्थिति में बिरसा मुण्डा ने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध तीव्र आन्दोलन प्रारंभ कर दिया। यह आन्दोलन अन्याय और शोषण के विरुद्ध था, मानवता की रक्षा के लिए था मुण्डा समाज की दबी भावनाएँ उभरकर आ गई। सामाजिक आंदोलन ने राजनैतिक रूप धारण कर लिया था। बिरसा मुण्डा इन गतिविधियों के केंद्र बिंदु थे। उन्होंने ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने का संकल्प ले लिया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने हमें बहुत लूटा है, अब हम इन्हें सहन नहीं करेंगे।

(ड) प्रस्तुत पाठ के आधार पर बिरसा मुण्डा के चरित्र की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर–(1) स्वतंत्रता की भावना– बिरसा अपने बचपन से ही एक होनहार देशभक्त बालक था। उसमें अपने समाज के उत्थान के लिए सब कुछ कर गुजरने की तीव्र इच्छा थी। वह अपने विद्यार्थी जीवन से ही स्वतंत्र प्रकृति का व्यक्ति था। वह ब्रिटिश शासन के विरुद्ध था। उसने लोगों को स्वतंत्रता और अपने जीवन मूल्यों को समझने की बात बतायी। जड़ी-बूटियों के द्वारा बीमारियों का इलाज करना सीखा, इससे उनमें स्वदेशी की भावनाओं की तीव्रता का पता चलता है।
(2) संगठनकर्त्ता– उन्होंने अपने समाज के लोगों को एकत्र किया, उनको संगठित करके अपनी भावना बतायी। उन लोगों में अपने सामान, देश के सम्मान की रक्षा करने की भावना जागृत कर दी।
(3) मातृभूमि की आजादी– देश की आजादी के लिए उन्होंने जीवन भर संघर्ष किया। अंग्रेज सरकार के जुल्मों को सहा।
देश की आजादी का सपना पूरा तो नहीं हो सका, परंतु समाज में आजादी की चेतना जागृत कर दी। स्वतंत्रता संग्राम में उनका नाम अमर रहेगा।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. लिपियों की जानकारी
2. शब्द क्या है
3. रस के प्रकार और इसके अंग
4. छंद के प्रकार– मात्रिक छंद, वर्णिक छंद
5. विराम चिह्न और उनके उपयोग
6. अलंकार और इसके प्रकार

भाषा – अध्ययन

प्रश्न 1 निम्नलिखित शब्दों में मानक हिंदी शब्द लिखिए–
हुक्म, जवान, सजा, इनाम, पेश, तबीयत।
उत्तर– (1) आदेश
(2) युवक
(3) दण्ड
(4) पुरस्कार
(5) प्रस्तुत
(6) स्वास्थ्य।

प्रश्न 2 निम्नलिखित शब्दों का समास विग्रह करके समास का नाम लिखिए।
जीवनवृत्त, शैशवकाल, शंखनाद, टीका-टिप्पणी, जड़ी-बूटी, बहला-फुसला, गाँववासी।
उत्तर– ...पूर्ण शब्द ... समास विग्रह ... समास का नाम
(1) जीवन वृत्त .. जीवन का वृत्त ... तत्पुरुष समास
(2) शैशवकाल .. शैशव का काल .. तत्पुरुष समास
(3)शंखनाद ... शंख का नाद ... तत्पुरुष समास
(4) टीका-टिप्पणी .. टीका और टिप्पणी .. द्वन्द्व समास
(5) जड़ी-बूटी ....जड़ी और बूटी .. द्वन्द्व समास
(6) बहला-फुसला ... बहला और फुसला ... द्वन्द्व समास
(7) गाँव वासी ... गाँव के वासी ... तत्पुरुष समास।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. शब्द क्या है- तत्सम एवं तद्भव शब्द
2. देशज, विदेशी एवं संकर शब्द
3. रूढ़, योगरूढ़ एवं यौगिकशब्द
4. लाक्षणिक एवं व्यंग्यार्थक शब्द
5. एकार्थक शब्द किसे कहते हैं ? इनकी सूची
6. अनेकार्थी शब्द क्या होते हैं उनकी सूची
7. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द (समग्र शब्द) क्या है उदाहरण
8. पर्यायवाची शब्द सूक्ष्म अन्तर एवं सूची

प्रश्न 3 निम्नलिखित शब्दों का संधि-विच्छेद करके संधि का नाम बतलाइए।
तत्कालीन, उद्धारक, तन्मय, सत्याग्रह, युवावस्था।
उत्तर–
... पूर्ण शब्द ... संधि-विच्छेद ... संधि का नाम
(1) तत्कालीन ... तत् + कालीन ... व्यंजन संधि
(2) उद्धारक .... उत् + धारक .. व्यंजन संधि
(3) तन्मय ... तत् + मय .. व्यंजन संधि
(4) सत्याग्रह ... सत्य + आग्रह ... स्वर संधि
(5) युवावस्था ... युवा + अवस्था .. स्वर संधि।

प्रश्न 4 सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए–
(अ) 'तन्मयता' शब्द में ता प्रत्यय है।
(यता, ता, मयता)
(आ) 'बेबस' शब्द में बे उपसर्ग है।
(बेव,बे, स)
(इ)'दयनीय' शब्द में नीय प्रत्यय है।
(इय, नीय, य)
(ई) 'राजनीतिक' शब्द में इक प्रत्यय है।
(तिक, इक, क)

प्रश्न 5 निम्नलिखित पर्यायवाची शब्दों में से जो शब्द सही पर्यायवाची नहीं है, उन्हें अलग करके लिखिए–
उत्तर–
... शब्द ... पर्यायवाची शब्द ...गलत शब्द
(क) रास्ता .. मार्ग, रथ, पगडंडी,पथ .. रथ
(ख) बच्चा ...बाल, शिशु, काल, बालक .. काल
(ग) पिता .. जनक, पितृ, पितामह, तात .. पितामह
(घ) सूर्य .. रवि, शशि, भानु, दिनकर .. शशि
(ड) जेल .....बंदीगृह, आवास, कारागार, काराग्रह ...आवास

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. 'ज' का अर्थ, द्विज का अर्थ
2. भिज्ञ और अभिज्ञ में अन्तर
3. किन्तु और परन्तु में अन्तर
4. आरंभ और प्रारंभ में अन्तर
5. सन्सार, सन्मेलन जैसे शब्द शुद्ध नहीं हैं क्यों
6. उपमेय, उपमान, साधारण धर्म, वाचक शब्द क्या है.
7. 'र' के विभिन्न रूप- रकार, ऋकार, रेफ
8. सर्वनाम और उसके प्रकार

आशा है, उपरोक्त पाठ विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक एवं परीक्षापयोगी होगी।
धन्यवाद।
RF Temre
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आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
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