पाठ - 2 भोजन के घटक, एटग्रेड अभ्यास पुस्तिका के प्रश्न || विषय - विज्ञान कक्षा-6 || Components of food
अति लघुउत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. भोजन के मुख्य पोषक तत्व कौन-कौन से है? उनके नाम लिखिए।
उत्तर - भोजन के मुख्य पोषक तत्व कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन तथा खनिज लवण हैं।
प्रश्न -2. प्रोटीन हमारे शरीर के लिए क्यों आवश्यक है? प्रोटीन के पादप स्रोत तथा जन्तु स्रोत के नाम लिखिए।
उत्तर - प्रोटीन हमारे शरीर की वृद्धि एवं स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है।
प्रोटीन के पादप स्रोत - चना, मूंग, तुअर दाल, राजमा, सोयाबीन, मटर आदि।
जन्तु स्रोत - मांस, मछली, अण्डे, दूध पनीर आदि।
प्रश्न 3. आहारी रेशे (रुक्षांश) के मुख्य स्रोत कौन-कौन से हैं इसका क्या कार्य है?
उत्तर - आहारी रेशे अर्थात रूक्षांश के मुख्य स्रोत पादप उत्पाद जैसे- खाद्यान्न, दाल, आलू, ताजे फल और सब्जियाँ हैं।
आहारी रेशे (रुक्षांश) के मुख्य कार्य - रूक्षांश शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व न होते हुए भी भोजन के आवश्यक अवयव होते हैं जो कि भोजन का आयतन बढ़ा देते हैं और बिना पचे भोजन को बाहर निकालने में सहायता करते हैं।
प्रश्न 4. किसी कागज पर तेल की बूँद गिर जाने पर धब्बा क्यों बन जाता है? इस धब्बे से होकर आने वाला प्रकाश कैसा दिखाई देता है?
उत्तर - किसी कागज पर तेल की कुछ बूँदे गिर जाने पर धब्बा बन जाता है। इसका कारण तेल में वसा की उपस्थिति है।
इस धब्बे से होकर आने वाला प्रकाश धुँधला दिखाई देता है।
लघुउत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 5. कार्बोहाइड्रेट के प्रमुख स्रोतों को चित्र बनाकर उनके नाम लिखिए।
उत्तर - कार्बोहाइड्रेट के प्रमुख स्रोतों के नाम - चावल, गेहूँ, बाजरा, मक्का, आम, तरबूज, पपीता, आलू, शकरकंद, गन्ना आदि।
प्रश्न 6. विटामिन 'C' के प्रमुख स्रोतों को चित्र सहित बताइए।
उत्तर - विटामिन 'C' के प्रमुख स्रोतों के नाम - टमाटर, आँवला, नीबू, संतरा, अमरूद, मिर्च आदि।
प्रश्न 7. अभावजन्य रोग किन्हें कहते हैं?
उत्तर - शरीर में किसी पोषक तत्व की लम्बी अवधि (समय) तक के लिए कमी अर्थात अभाव होने से शरीर किसी रोग या विकृति का शिकार हो जाता है जिसे अभावजन्य रोग कहते हैं।
उदाहरण के लिए कोई व्यक्ति अपने भोजन में प्रोटीन नहीं ले रहा है तो उसे चेहरे में सूजन, बालों का रंग उड़ना, त्वचा की बीमारी, वृद्धि का अवरूद्ध होना जैसे रोगों से ग्रसित हो सकता है।
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प्रश्न 8. संतुलित आहार हमारे शरीर के लिए क्यों आवश्यक है?
उत्तर - संतुलित आहार हमारे शरीर में अभावजन्य रोगों की रोकथाम के लिए आवश्यक है। संतुलित आहार लेने से शरीर को सभी पोषक तत्व की प्राप्ति होती है जिससे शरीर की वृद्धि और विकास सुनिश्चित होता है। मनुष्य तंदुरुस्त रहता है और उसकी कार्य क्षमता में वृद्धि होती है। इसलिए हमें प्रति दिवस अपने भोजन में सभी तरह के पोषक तत्वों से युक्त भोज्य सामग्री को शामिल करना चाहिए।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 9. विटामिन और खनिज लवणों के अभाव के कारण होने वाले प्रमुख रोग कौन-कौन से हैं? इनके प्रमुख लक्षण भी बताइए।
उत्तर - विटामिन और खनिज लवणों के अभाव के कारण होने वाले प्रमुख रोग रतौंधी (क्षीण दृष्टि), बेरी-बेरी, स्कर्वी, रिकेट्स, अस्थि और दन्त क्षय, घेंघा रोग और अल्प-रक्तता जैसे रोग होते हैं।
(1) रतौंधी (क्षीण दृष्टि) एवं क्षीणता - इस रोग के लक्षण में कमजोर दृष्टि का होना, रात के अंधेरे में कम दिखाई देना या पूरी तरह दिखाई न देना हैं। यह रोग विटामिन 'ए' की कमी के कारण होता है।
(2) बेरी-बेरी - इस रोग के होने पर मांसपेशियाँ दुर्बल हो जाती है एवं ऊर्जा की कमी के कारण काम करने में व्यक्ति असमर्थ होता है। यह रोग विटामिन 'बी' की कमी के कारण होता है।
(3) स्कर्वी - इस रोग में मसूड़ों से खून निकलता है और यदि कहीं घाव हो जाए तो उसे भरने में अधिक समय लगता है। यह रोग विटामिन 'सी' की कमी के कारण होता है।
(4) रिकेट्स - इस रोग के होने पर हड्डियाँ एकदम मुलायम होकर मुड़ जाती हैं। यह रोग विटामिन 'डी' की कमी के कारण होता है।
(5) अस्थि और दन्त क्षय - यह स्थिति कैल्शियम तत्व की कमी के कारण होती है इसमें हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और दाँत कमजोर होकर हिलने लगते हैं।
(6) घेंघा (गॉयटर) रोग - यह रोग आयोडीन तत्व की कमी के कारण होता है। इसमें गर्दन की ग्रंथि फूल जाती है। आयोडीन की कमी से बच्चों में मानसिक विकलांगता होती है।
(7) रक्त अल्पता - रक्त अल्पता लौह तत्व की कमी के कारण होती है। इस स्थिति में व्यक्ति को काफी थकान और कमजोरी महसूस होती है।
प्रश्न 10. खाद्य पदार्थों में प्रोटीन का परीक्षण किस प्रकार किया जाता है? समझाइए।
उत्तर - किसी खाद्य पदार्थ में प्रोटीन तत्व है या नहीं इस बात का परीक्षण करने के लिए उस खाद्य पदार्थ की थोड़ी मात्रा लेते हैं। यदि वह खाद्य पदार्थ ठोस है तो पहले उसका पेस्ट या चूर्ण बनाते हैं। फिर खाद्य पदार्थ की थोड़ी मात्रा को पीसकर या मसल कर उसके चूर्ण को परखनली में डालकर जल की दस बूँदें डालकर उसे अच्छी तरह हिलाते हैं।
अब ड्रॉपर की सहायता से अब परखनली में दो बूँद कॉपर सल्फेट विलियन तथा दस बूँदें कास्टिक सोडा का विलियन डालते हैं और इसे अच्छी तरह हिला कर कुछ मिनट के लिए परखनली को रख देते हैं।
इसके पश्चात हम देखते हैं की परखनली का पदार्थ बैंगनी रंग का हो जाता है। बैंगनी रंग खाद्य पदार्थ में प्रोटीन की उपस्थिति को दर्शाता है।
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