परीक्षा सामग्री (पाठ्यवस्तु) कक्षा 8 वीं || अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन लर्निंग आउटकम्स H-710 || अलंकार (पाठ-11 वात्सल्य के पद - सूरदास)
अलंकार परिचय
लर्निंग आउटकम्स
H-710 किसी पाठ्य वस्तु की बारीकी से जाँच करते हुए उसमें किसी विशेष बिन्दु को खोजते हैं।
पाठ्य सामग्री
पाठ-11 वात्सल्य के पद - सूरदास
1. मैया मोहि दाऊ बहुत खिझायो।
2. मोसों कहत मोल को लीन्हों। तोहि जसुमति कब जायो।
3. कहा कहाँ एहि रिस के मारे खेलन हौं नहि जात।
4. पुनि पुनि कहत कौन है माता को है तुम्हरो तात।।
5. गोरे नन्द, यशोदा गोरी, तुम कत श्याम शरीर।
6. तारी दै दै हँसत ग्वाल सब सिखे देत बलवीर।।
शिक्षक / मेंटर गतिविधि एवं निर्देश
शिक्षक दिए गए पद को लय और ताल के साथ वाचन करें और किन्हीं 3-4 छात्रों को लय के साथ वाचन कराएँ।
अब - (प्रस्तुत पद में प्रत्येक पंक्ति में क्रमशः क्रमांक अंकित करें।)
○ पद की प्रथम पंक्ति में रेखांकित शब्दों के प्रारंभ में किस वर्ण की आवृत्ति है?
उत्तर - 'म' वर्ण की
○ पद को द्वितीय पंक्ति में किस वर्ण की आवृत्ति है?
उत्तर - 'म' वर्ण की।
○ तृतीय पंक्ति में किस वर्ण की आवृत्ति है?
उत्तर - 'क' वर्ग की
○ चतुर्थ पंक्ति में रेखांकित शब्दों के अंत में किस वर्ण की आवृत्ति है?
उत्तर - माता तात में 'त' वर्ण की।
○ 4 और 6 पंक्ति में दो बार कौन-कौन से शब्द प्रयुक्त हुए हैं?
उत्तर - पुनि-पुनि दै-दै।
इसी प्रकार अन्य वर्ण (पुनरावृत्ति) की पहचान कराएँ।
शिक्षक अब छात्रों का ध्यान आकर्षित करें -
यहाँ प्रस्तुत पद में वर्णों की आवृत्ति से पद की शोभा बढ़ गई इस प्रकार काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्व अलंकार कहलाते हैं। वास्तव में अलंकार कविता के सौन्दर्य को बढ़ाने वाले तत्व है। जिस प्रकार आभूषण पहनने से शरीर की शोभा बढ़ जाती है। उसी प्रकार अलंकार से कविता की शोभा बढ़ जाती है। तभी कहा जाता है "अलकरोति इति अलंकार:" अर्थात् जो शोभा करता है वही अलंकार है।
इसी प्रकार उदाहरण देकर अलंकार के भेद (शब्दालंकार और अर्यालकार ) समझाएँ।
गतिविधि और अभ्यास
शिक्षक/ मेंटर निर्देश
1. शिक्षक छात्रों को प्रदत्त पाठ्य वस्तु को बारीकी से पढ़ने को कहें।
2. अभ्यास प्रश्न श्यामपट पर लिखते जाएँ और इनके वांछित उत्तर प्राप्त करें।
3. शिक्षक कविता या उदाहरण से अपने निर्देशानुसार छात्रों को अलंकार पहचानने के अवसर दें।
4. शिक्षक वर्कशीट प्रश्नों के उत्तर लिखने को दें।
अभ्यास-1
1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए -
(अ) काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्व
अलंकार कहलाते हैं।
(ब) अलंकार का अर्थ शोभा बढ़ाना है।
(स) 'अल करोति इति अलंकारः'
(द) अलंकार के दो प्रकार 1. अर्थालंकार 2. शब्दालंकार
2. 'चारू चन्द्र की चंचल किरणें,
खेल रही थीं जल थल में।'
शब्दों के प्रारंभ पंक्ति में किस वर्ण की आवृत्ति है?
उत्तर - प्रारंभ पंक्ति में 'च' वर्ण की आवृत्ति है।
अभ्यास-2
1. 'काली घटा का घमण्ड घटा।'
(अ) कविता में कौन-सा शब्द दो बार आया है?
उत्तर - कविता में 'घटा' शब्द दो बार आया है।
(ब) 'कनक- कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय'
पंक्ति में कौन-सा शब्द दो बार प्रयुक्त हुआ है?
उत्तर - उक्त पंक्ति में 'कनक' शब्द दो बार प्रयुक्त हुआ है।
2. "रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरे मोती, मानस चून।।"
दोहे में रेखांकित शब्द का अर्थ मोती, मानस और चून के लिए क्रमशः किस अर्थ में प्रयोग
हुआ है?
उत्तर - मोती के लिए - चमक
मानस के लिए - इज्ज़त (प्रतिष्ठा)
चून के लिए - जल
3. 'पीपर पात सरिस मन डोला' का क्या अर्थ है?
उत्तर - पीपल के पत्ते के समान मन हिलने-डुलने लगा।
शिक्षक/मेंटर निर्देश शिक्षक छात्रों से चर्चा करते हुए कि में कहे -
1. जहाँ एक शब्द दो या दो से अधिक बार आए और उनके भिल-भिन्न अर्थ हो वहाँ यमक अलंकार होता है जैसे ऊपर के प्रश्न क्रमांक 4 का 'अ' और 'ब'।
2. जहाँ एक ही शब्द का प्रकरण के अनुसार भिन्न-भिन्न अर्थ निकले वहाँ श्लेस अलंकार होता है। श्लेस का अर्थ है 'चिपका हुआ'। यहाँ शब्द में अर्थ छिपे रहते हैं जैसा कि प्रश्न क्रमांक 2
3. दो वस्तुओं में भिन्नता रहते हुए भी अनेक रूप गुण आदि में समानता बताई जाए तब उपमा अलंकार होता है। जैसा कि प्रश्न क्रमाक 3
अभ्यास-3
बड़े बड़ाई न करें, बड़े न बोले बोल। करता था सो क्यों किया, अब करि क्यों पछिताय। इन दोहों को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए - (2) कौन अपना मूल्य स्वयं कभी नहीं बताता है? (3) रहीम जी के दाहे में किन वर्णों की आवृति दो या दो से अधिक बार हुई है? (4) 'कबीर' के अनुसार बबूल का पेड़ बोने से क्या खाने को नहीं मिल सकता है - (5) कोई व्यक्ति कब पछताता है? (1) दिए गए कबीर के दोहे की प्रथम पंक्ति में किस वर्ण की आवृत्ति है? (2) कबीर के दोहे की दूसरी पंक्ति में किस वर्ण की आवृत्ति है? (3) कविता में शब्दों के प्रारंभ या अंत में एक ही वर्ण की आवृत्ति का क्या प्रभाव पड़ता है? (4) इन दोहों में कौन-सा अलंकार है? (5) अनुप्रास अलंकार की परिभाषा लिखिए - 1. कविता की बारीकी से हर बात को स्पष्ट करें। मेरे मटमैले अंगना में, (1) कविता में कवि ने किस पक्षी का वर्णन किया है? (2) कवि ने गौरैया की आँखों की तुलना किससे की है? (3) उसके पंखों की तुलना किससे की है? (4) हम तुलना किसी से किसी की क्यों करते हैं? (5) तुलना करने वाले अलंकार को क्या कहते हैं? (6) इस कविता में पुनरुक्ति वाले शब्द छाँटिए - (7) इस कविता में जहाँ तुलना के लिए सी-से शब्द आए हैं, उन अशों को लिखिए? एटग्रेड अभ्यासिका कक्षा 8 हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, विज्ञान, सा. विज्ञान के पाठों को पढ़ें। अर्द्धवार्षिक परीक्षा सामग्री कक्षा 5 हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, पर्यावरण को पढ़ें। कक्षा 8 हिन्दी के इन 👇 पाठों को भी पढ़ें।
हीरा मुख से कब कहै, लाख टका मेरा मोल।
रहीम
बोया पेड़ बबूल का, आम कहाँ से खाय।
कबीर
(1) बड़े लोग कौन सा काम नहीं करते हैं?
उत्तर - बड़े लोग स्वयं की प्रशंसा करने काम नहीं करते हैं।
उत्तर - हीरा अपना मूल्य स्वयं कभी नहीं बताता है।
उत्तर - रहीम जी के दाहे में 'ब' एवं 'म' वर्णों की आवृति दो या दो से अधिक बार हुई है।
उत्तर - 'कबीर' के अनुसार बबूल का पेड़ बोने से आम खाने को नहीं मिल सकता है।
उत्तर - कोई व्यक्ति गलत कार्य करने के पश्चात पछताता है।अभ्यास-4
उत्तर - दिए गए कबीर के दोहे की प्रथम पंक्ति में 'क' वर्ण की आवृत्ति है।
उत्तर - कबीर के दोहे की दूसरी पंक्ति में 'ब' वर्ण की आवृत्ति है।
उत्तर - कविता में शब्दों के प्रारंभ या अंत में एक ही वर्ण की आवृत्ति से कविता की शोभा बढ़ जाती है।
उत्तर - इन दोहों में अनुप्रास अलंकार है।
उत्तर - जब किसी काव्य या कविता की पंक्तियों में एक ही वर्ण की बार-बार आवृत्ति होती है, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।मूल्यांकन- 1
गतिविधि और अभ्यास
शिक्षक/ मेंटर निर्देश
2. अलंकार को छात्रों से परिभाषित कराएँ।
3. अलंकार के भेद समझाएँ।
4. छात्रों से उनके उदाहरण खोजने को कहें।
5. कक्षा में छात्रों के बीच अनुप्रास यमक श्लेष अलंकार की चर्चा कराएँ।
6. उनकी इस विषय की समझ को बार-बार के अभ्यास से विकसित करें।
7. शिक्षक चर्चा के बीच केवल सहायक के रूप में रहें। मुख्य कार्य छात्रों को ही करने दें।
फुदक रही गौरैया।
कच्ची मिट्टी की दीवारें,
घासपात का छाजन।
मैंने अपना नीड़ बनाया,
तिनके तिनके चुन-चुन।
यहाँ कहाँ से तू आ बैठी,
हरियाली की रानी।
जी करता है तुझे चूम लूँ,
ले लूँ मधुर बलैया।
मेरे मटमैले अंगना में,
फुदक रही गौरैया।
नीलम की-सी नीली आँखें,
सोने से सुन्दर पर
अंग-अंग में बिजली सी भर,
फुदक रही तू फर फर।
फूली नहीं समाती तू तो,
मुझे देख हैरानी।
आजा तुझको बहन बना लूँ,
और बनूँ मैं भैया।
उत्तर - कविता में कवि ने गौरैया का वर्णन किया है।
उत्तर - कवि ने गौरैया की आँखों की तुलना नीलम रत्न से की है।
उत्तर - उसके पंखों की तुलना सोने से की है।
उत्तर - हम किसी की तुलना किसी से समानता या अंतर बताने के लिए करते हैं।
उत्तर - तुलना करने वाले अलंकार को उपमा कहते हैं।
जैसे- चुन-चुन
उत्तर - अंग-अंग, फर-फर।
जैसे- अंग-अंग में बिजली-सी
उतर - नीलम की सी, सोने से।
संस्कृत - प्रथमः पाठः-लोकहितं मम करणीयम् 'ऐटग्रेड' अभ्यास पुस्तिका से महत्वपूर्ण प्रश्न
अर्द्धवार्षिक परीक्षा सामग्री विषय हिन्दी कक्षा 5
1. पाठ 2 'आत्मविश्वास' अभ्यास (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण)
2. मध्य प्रदेश की संगीत विरासत पाठ के प्रश्नोत्तर एवं भाषा अध्ययन
3. पाठ 8 अपराजिता हिन्दी (भाषा भारती) प्रश्नोत्तर एवं भाषाअध्ययन
4. पाठ–5 'श्री मुफ़्तानन्द जी से मिलिए' अभ्यास (प्रश्नोत्तर एवं भाषा अध्ययन)
5. पाठ 7 'भेड़ाघाट' हिन्दी कक्षा 8 अभ्यास (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण)
6. पाठ 8 'गणितज्ञ ज्योतिषी आर्यभट्ट' हिन्दी कक्षा 8 अभ्यास (प्रश्नोत्तर और व्याकरण)
7. पाठ 10 बिरसा मुण्डा अभ्यास एवं व्याकरण
8. पाठ 11 प्राण जाए पर पेड़ न जाए अभ्यास (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण)
9. पाठ 12 याचक एवं दाता अभ्यास (बोध प्रश्न एवं व्याकरण)
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com
other resources Click for related information
(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)
Comments