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परीक्षा सामग्री (अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन) LO H-401 व H-402 || कक्षा 5 हिन्दी पाठ 14 मिट्ठू महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर एवं वर्कशीट का हल
टीप - (1) लर्निंग आउटकम आधारित गेप सामग्री (कक्षा - 5) से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर एवं गतिविधियाँ नीचे दी गई हैं।
(2) यहाँ दी गई समस्त जानकारियाँ विद्यार्थियों को समझाने के लिए केवल उदाहरण स्वरूप हैं। विद्यार्थी एवं शिक्षकगण अपने अनुसार विद्यार्थियों का अभ्यास करें एवं करवाएँ।
लर्निंग आउटकम्स H - 401
सुनी रचनाओं की विषय-वस्तु, घटनाओं, चित्रों, पात्रों शीर्षक आदि के बारे में बातचीत करते हैं। प्रश्न पूछते हैं. अपनी राय देते। हैं, अपनी बात के लिए तर्क देते हैं।
लर्निंग आउटकम्स H-402
कहानी, कविता अथवा अन्य सामग्री को अपनी तरह से अपनी भाषा में कहते हुए उसमें अपनी कहानी / बात जोड़ते हैं।
शिक्षक / मेन्टर गतिविधि एवं निर्देश -
1. छात्रों को पाठ्य पुस्तक अथवा पुस्तकालय/ पुस्तक कोना से कहानी कविता या लेख आदि रचनाओं को कक्षा कक्ष में सुनाया जाए।
2. सुनाई गई रचनाओं के संदर्भ में शिक्षक /मेन्टर द्वारा बच्चों को प्रश्न पूछने के अवसर दिए जाएँ।
3. विभिन्न चित्रों शीर्षकों एवं रचनाओं की विषय वस्तु पर छात्रों से चर्चा की जाए।
4. सुनी गई रचनाओं के सन्दर्भ में छात्र अपनी राय अपने तर्क देते हुए अपनी बात को कहने हेतु प्रोत्साहित हों शिक्षक / मेन्टर द्वारा ऐसे अवसर प्रदान किये जाएँ।
पाठ्य सामग्री
पाठ - 14 मिट्ठू (सम्पूर्ण पाठ)
बन्दरों के तमाशे तो तुमने बहुत देखे होंगे। मदारी के इशारों पर बन्दर कैसी-कैसी नकल करता है, उसकी शरारतें भी तुमने देखी होगी। तुमने उसे घरों से कपड़े उठाकर भागते देखा होगा। पर आज हम तुम्हें एक ऐसा हाल सुनाते हैं, जिससे मालूम होगा कि बन्दर लड़कों से दोस्ती भी कर सकता है।
कुछ दिन हुए लखनऊ में एक सरकस कम्पनी आई थी। उसके पास शेर, भालू, चीता और कई तरह के और भी जानवर थे। इनके साथ एक बन्दर मिट्टू भी था। लड़कों के झुण्ड के झुण्ड रोज इन जानवरों को देखने आया करते थे। मिट्टू ही उन्हें सबसे अच्छा लगता। उन्हीं लड़कों में गोपाल भी था। वह रोज आता और मिट्टू के पास घण्टों चुपचाप बैठा रहता। उसे शेर, भालू, चीते आदि से कोई प्रेम न था । वह मिट्ठू के लिए घर से चने, मटर, केले लाता और खिलाता। मिट्टू भी उससे इतना हिल गया था कि बगैर उसके खिलाए कुछ न खाता। इस तरह दोनों में बड़ी दोस्ती हो गई।
एक दिन गोपाल ने सुना कि सरकस कम्पनी वहाँ से दूसरे शहर में जा रही है। यह सुनकर उसे बड़ा रंज हुआ वह रोता हुआ अपनी माँ के पास आया और बोला - "अम्मा मुझे एक अवन्नी दो मैं जाकर मिट्टू को खरीद लाऊँ। वह न जाने कहाँ चला जाएगा फिर मैं उसे कैसे देखूंगा? वह भी मुझे न देखेगा तो रोएगा।"
माँ ने समझाया- "बेटा, बन्दर किसी को प्यार नहीं करता। वह तो बड़ा शैतान होता है। यहाँ आकर सबको काटेगा, मुफ्त में उलाहने सुनने पहेंगे।"
लेकिन लड़के पर माँ के समझाने का कोई असर न हुआ। यह रोने लगा। आखिर माँ ने मजबूर होकर उसे एक अठन्नी दे दी।
अठन्नी पाकर गोपाल मारे खुशी के फूल उठा। उसने अठन्नी को मिट्टी में मलकर खूब चमकाया, फिर मिट्टू को खरीदने चला। लेकिन मिट्टू वहाँ दिखाई न दिया। गोपाल का दिल भर आया मिट्टू कहीं भाग तो नहीं गया? मालिक को दिखाकर गोपाल बोला- 'क्यों साहब, मिट्ठू को मेरे हाथ बेचेंगे?"
मालिक रोज उसे मिट्टू से खेलते और खिलाते देखता था। हँसकर बोला- "अबकी बार आऊँगा तो मिट्टू को तुम्हें दे दूँगा।"
गोपाल निराश होकर चला आया और मिट्टू को इधर-उधर ढूँढने लगा। वह उसे ढूँढने में इतना मग्न था कि उसे किसी बात की खबर न थी। उसे बिल्कुल न मालूम हुआ कि वह चीते के कटघरे के पास आ गया था। चीता भीतर चुपचाप लेटा था। गोपाल को कठघरे के पास देखकर उसने पंजा बाहर निकाला और उसे पकड़ने की कोशिश करने लगा। गोपाल तो दूसरी तरफ ताक रहा था। उसे क्या खबर थी कि चीते का तेज पंजा उसके हाथ के पास पहुँच गया है। वह इतना करीब था कि चीता उसका हाथ पकड़कर खींच ले कि मिट्टू न मालूम कहाँ से आकर उसके पंजे पर कूद पड़ा और पंजे को दाँतों से काटने लगा। चीते ने दूसरा पंजा निकाला और उसे ऐसा घायल कर दिया कि वह वहीं पर गिर पड़ा और जोर-जोर से चीखने लगा।
मिट्ठू की यह हालत देखकर गोपाल भी रोने लगा। दोनों का रोना सुनकर लोग दौड़े, उन्होंने देखा कि मिट्टू बेहोश पड़ा है और गोपाल रो रहा है। मिट्टू का घाव तुरन्त धोया गया और मरहम लगवाया गया। थोड़ी देर में उसे होश आ गया। वह गोपाल की ओर प्यार से देखने लगा, जैसे कह रहा हो कि अब क्यों रोते हो? मैं तो अच्छा हो गया।
कई दिन मिट्टू की मरहम पट्टी होती रही और आखिर वह बिल्कुल अच्छा हो गया। गोपाल अब रोज आता और उसे रोटियाँ खिलाता।
आखिर कम्पनी के चलने का दिन आया। गोपाल बहुत रंजीदा था। वह मिट्टू के कठघरे के पास खड़ा आँसू भरी आँखों से देख रहा था कि मालिक ने आकर कहा- "अगर तुम मिट्ठू को पा जाओ तो क्या करोगे?"
गोपाल ने कहा- "मैं उसे अपने साथ ले जाऊँगा, उसके साथ-साथ खेलूँगा, उसे अपनी थाली में खिलाऊँगा, और क्या !
मालिक ने कहा- "अच्छी बात है, मैं तुमसे अठन्नी लिये बिना ही इसे तुम्हें देता हूँ।"
गोपाल को जैसे कोई खजाना मिल गया। उसने मिट्टू को गोद में उठा लिया, पर मिट्ठू नीचे कूद पड़ा और उसके पीछे-पीछे चलने लगा। दोनों खेलते-कूदते घर पहुँच गए।
टीप - (1) शिक्षक / मेन्टर कहानी सुनाने के बाद बच्चों से कुछ प्रश्न करेंगे।
(2) यहाँ दिए गए प्रश्नों के उत्तर उदाहरण स्वरूप दिये गए हैं। विद्यार्थी एवं शिक्षक अपने अनुसार उत्तर दे सकते हैं।
प्रश्न 1. इस कहानी में आए पात्रों के नाम बताइए।
उत्तर - कहानी में आए पात्रों के नाम मिट्ठू बन्दर, गोपाल, गोपाल की माँ, चीता और सरकस कम्पनी का मालिक हैं।
प्रश्न 2. आपने मदारी द्वारा दिखाये कौन-कौन से खेल देखें हैं?
उत्तर - हमने मदारी के द्वारा दिखाए गए बंदर का खेल और भालू का खेल देखे हैं।
प्रश्न 3. सरकस में कौन-कौन से जानवर आए थे?
उत्तर - सरकस में बन्दर, शेर, भालू, चीता आदि जानवर आए थे।
प्रश्न 4. आपने कभी किसी जानवर से मित्रता की है या किसी जानवर को पाला है? यदि हाँ तो आपने उसका क्या नाम रखा बताइए।
उत्तर - हमने अपने घर में गाय, बकरी, कुत्ता और तोता पाला है। गाय का नाम 'भूरी', बकरी का नाम 'टीटो', कुत्ते का नाम 'मोती'और तोते का नाम 'प्यारे', हैं।
(टीप - विद्यार्थी अपने घर में पाले गए जानवरों के नाम दे सकते हैं।)
प्रश्न 5. मिठ्दू कहानी में आप बन्दर के और क्या-क्या नाम रखते?
उत्तर - मिट्ठू कहानी में बंदर का नाम चीकू, किट्टू, भोलू या झमकू नाम रखते।
प्रश्न 6. आप गोपाल की जगह होत तो मिट्टू को क्या- क्या खिलाते?
उत्तर - यदि हम गोपाल की जगह होते तो मिट्ठू को आम, केला और रोटी खिलाते।
प्रश्न 7. अपने मन पसन्द जानवर के विषय में तीन से पाँच वाक्य बोलिए एवं लिखिए।
उत्तर - मेरा मनपसंद पशु गाय है।
1. गाय बहुत सीधी-सादी होती है।
2. गाय हमें दूध देती है।
3. गाय को सभी लोग गौ माता कहते हैं।
4. गाय बछड़े देती है।
5. गाय का रंग काला, सफेद, भूरा, चितकबरा होता है।
प्रश्न 8. मिठ्ठू कहानी का कोई और शीर्षक अपनी समझ के आधार पर बताइए।
उत्तर - मिट्ठू कहानी के और भी शीर्षक हो सकते हैं। जैसे - (1) मित्रता (या दोस्ती) (2) रक्षक (3) सर्कस का बंदर आदि।
नीचे दिए गए चित्र को दिखाते हुए शिक्षक / मेन्टर द्वारा बच्चों से निम्नलिखित प्रश्न किए जाएँ -
प्रश्न 1. दिखाए गए चित्र में कुल कितने पात्र (व्यक्ति) हैं?
उत्तर - दिखाए गए चित्र में कुल चार पात्र (व्यक्ति) हैं।
प्रश्न 2. चित्र देखकर इसमें हो रही घटनाओं को अनुमान लगाकर बताइए।
उत्तर - चित्र को देखने से लगता है कि किसी साहूकार के पास कोई गरीब अपने जवाहरात (जेवरात) गिरवी रखने आया है। यहाँ सेठ गिरवी रखने वाले के सामान की पूछताछ कर खाता बही में लेखन कर रहा है।
प्रश्न 3. चित्र का अवलोकन करके कोई कविता या कहानी बनाकर सुनाइए और लिखिए -
उत्तर -
एक सेठ का बड़ा धनवान।
जिसका गरीब करते गुणगान।
सामान वह गिरवी रख लेता था।
ब्याज में वह रूपया देता था।
मेरा है यह अनुमान।
वह बना इसी तरह से धनवान।।
प्रश्न 4. मटके में क्या रखा होगा? अनुमान लगाकर बताइए -
उत्तर - मटके में कोई कीमती आभूषण रखें हुए होंगे।
प्रश्न 5. कुर्सी पर बैठे व्यक्ति और खड़े व्यक्ति के बीच में क्या वार्तालाप हो रहा होगा? लिखिए -
उत्तर - कुर्सी पर बैठे व्यक्ति और खड़े व्यक्ति के बीच आपस में लेनदेन के संबंध में वार्तालाप हो रहा होगा।
प्रश्न 6. चित्र में दिखाई गई महिला क्या सोच रही है? बताइए -
उत्तर - चित्र में खड़ी महिला सोच रही होगी कि गिरवी में लाए गए सामान में कौन-कौन से जेवर होंगे। वह उन्हे देखने की सोच रही होगी।
पाठ्य सामग्री
कहानी
एक समय की बात है कंचनपुर नामक नगर में एक व्यक्ति अपने परिवार के साथ सुख पूर्वक निवास करता था। उस व्यक्ति का नाम मदन सिंह था। एक दिन वह अपने परिवार के साथ दूसरे नगर में किसी कार्यक्रम में शामिल होने जा रहा था। गर्मी के दिन थे। सूर्य अपनी तीखी चमक के साथ चमक रहा था। मदन की बेटी को बहुत तेज प्यास लग रही थी, उसने कहा पिताजी मुझे पानी पीना है। मदन सिंह ने सभी को छायादार वृक्ष के नीचे बैठाया और पानी की तलाश में चल पड़ा।
उपर्युक्त अधूरी कहानी सुनाकर शिक्षक बच्चों से कहानी को अपने अनुमान लगाकर कहानी को आगे बढ़ाते हुए सुनाइए और लिखिए -
पानी की तलाश करते हुए मदन सिंह काफी दूर निकल गया। फिर उसे एक तालाब दिखाई दिया। तालाब का पानी स्वच्छ था। तालाब में कई तरह की रंगीन मछलियाँ तैर रही थी जो मदन सिंह के मन को लुभा रही थी। सबसे पहले तो मदन सिंह ने मनभर पानी पिया। इसके पश्चात बॉटल में पानी भरकर लौट गया, जहां उसका परिवार पेड़ के नीचे बैठा था। सभी ने उस स्वच्छ पानी को पीया तो सबका मन तृप्त हो गया। मदन सिंह तालाब की रंग बिरंगी मछलियों के बारे में सबको बताया। उसकी बेटी का मन उन मछलियों को देखने के लिए मचल उठा। फिर परिवार के सभी लोग उसी तालाब के किनारे आए और तालाब में तैरती हुई उन रंग बिरंगी मछलियों को देखते रहे। अंत में शाम होते होते वे अपने गंतव्य पर पहुँच गए।
वर्कशीट - 1
प्रश्न 1. चित्र में क्या-क्या दिखाई दे रहा है?
उत्तर - चित्र में बच्चे, उगता हुआ सूरज, गाय उड़ते हुए पक्षी, पेड़, फूल, तालाब, घास आदि दिखाई दे रहे हैं।
प्रश्न 2. चित्र में बच्चे क्या कर रहे है?
उत्तर - चित्र में बच्चे प्रार्थना कर रहे हैं।
प्रश्न 3. आप जब प्रार्थना करते हैं, तब कैसा महसूस करते हैं?
उत्तर - जब हम प्रार्थना करते हैं तो हमें शांति का अनुभव होता है और ऐसा लगता है जैसे भगवान हमारे समीप खड़े हों।
प्रश्न 4. प्रकृति हमें क्या-क्या देती है?
उत्तर - प्रकृति हमें जीवन जीने के लिए अनाज, फल-फूल, श्वास लेने के लिए वायु, पीने के लिए जल, रहने के लिए भूमि एवं सूर्य का प्रकाश देती है।
प्रश्न 5. खिले हुए फूल क्या संदेश देते हैं?
उत्तर - खिले हुए फूल सदैव हँसते रहने अर्थात प्रसन्न रहने का संदेश देते हैं।
प्रश्न 6. पक्षियों के उड़ने में क्या भाव है?
उत्तर - पक्षियों की उड़ने में सवेरे होने पर अपने अपने कार्य पर जाना एवं उन्नति की ओर अग्रसर होना का भाव है।
प्रश्न 7. सूरज नहीं निकले तो क्या होगा?
उत्तर - यदि सूरज नहीं निकले तो धरती पर अंधेरा छा जाएगा जिससे धीरे-धीरे समस्त पेड़-पौधे मर जाएंगे। पेड़ पौधों के अभाव में सभी जीव जंतु भी मर जाएंगे।
प्रश्न 8. नदी के स्थान पर स्वयं को रखते हुए अपनी भावनाएँ लिखिए।
उत्तर - यदि हम नदी हों तो सदैव अपने जल को आगे की ओर ही बहाकर ले जाएंगे। अपने जल को सदैव स्वच्छ रखने का प्रयास करेंगे। जल में किसी व्यक्ति को कूड़ा कचरा नहीं डालने देंगे। मछली जैसे जलचर प्राणियों को प्रेंम के साथ अपने अंदर रखेंगे।
शिक्षक / मेन्टर के लिए निर्देश -
1. कविता को हाव भाव के साथ पढ़ाते हुए भावार्थ स्पष्ट करेगें।
2. कविता में प्रयुक्त चित्रों के कार्ड एंव शब्द कार्ड देकर उसके बारे में बच्चों के विचार जानेंगे।
3. प्रकृति से मानवीय गुणों की समझ विकसित करने हेतु परिवेश से उदाहरण देगें।
वर्कशीट - 2
फूलों से नित हँसना सीखो,
भौरों से नित गाना।
तरु की झुकी डालियों से,
नित सीखो शीश झुकाना
सीख हवा के झोंकों से लो,
कोमल भाव बहाना।
दूध और पानी से सीखो,
मिलना और मिलाना।
प्रश्न 1. कविता का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए -
भावार्थ - फूल जिस तरह से खिले हुए हँसते दिखाई देते हैं, उसी तरह से हमें भी हँसना सीखना चाहिए। भँवरे जिस तरह से गुनगुनाते हैं, उसी तरह हमें भी गाना सीखना चाहिए। पेड़ो की डालियाँ सदैव झुकी रहती है उसी तरह हमें भी दूसरों के सामने से झुकाना सीखना चाहिए।
हवा के शीतल झोंकों की तरह सदैव दूसरों से कोमल व्यवहार करना सीखना चाहिए। इसी तरह दूध और पानी जैसे कि एक दूसरे में मिल जाते हैं, उसी तरह से हमें एक दूसरे से मिलना-जुलना सीखना चाहिए।
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए -
1. कोमल - हमें दूसरों से सदैव कोमल व्यवहार करना चाहिए।
2. हँसना - हँसना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।
3. झुकना - हमें बड़ों के समक्ष हमेशा झुकना चाहिए।
मूल्यांकन- 1
अभ्यास-1
कविता
यह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे,
मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे।
देसी यदि मुझे तुम दो पैसे वाली,
किसी तरह नीची हो जाती यह कदंब की डाली।।
तुम्हें नहीं कुछ कहता, पर मैं चुपके-चुपके आता।
उस नीची डाली से अम्माँ, ऊँचे पर चढ़ जाता।।
प्रश्न 1. जब आपको कोई उपहार देता है तब आपको कैसा लगता है? आपको अभी तक मिले कोई दो उपहारों के नाम लिखिए।
उत्तर - जब कोई हमें उपहार देता है तो बहुत प्रसन्नता होती है। हमारी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता। अभी तक हमें जो उपहार मिले हैं वह इस प्रकार हैं -
1. शर्ट पैंट
2. बैडमिंटन
3. साइकिल
4. खिलौना कार।
प्रश्न 2. कृष्ण (कन्हैया) का रुप रखने के लिए बालक क्या-क्या चाह रहा है?
उत्तर - कृष्ण (कन्हैया) का रूप रखने के लिए बालक चाहता है कि -
1. कदम्ब का पेड़ यमुना के तट पर हो।
2. कदम्ब की डाली नीचे आ जाए।
3. माँ यदि बालक के लिए बांसुरी खरीद दे।
प्रश्न 3. आप अपनी माँ के विषय में पाँच वाक्य लिखिए -
उत्तर - 1. मेरी माँ मुझसे बहुत प्यार करती है।
2. माँ प्रतिदिन मेरे लिए मेरे मन के मुताबिक भोजन बनाती है।
3. मेरी माँ घर का सारा काम करती है।
4. वह प्रतिदिन सवेरे हमें जगा देती है।
5. मेरी माँ होमवर्क करवाने में मेरी सहायता करती है।
प्रश्न 4. अपने अनुभव लिखें।
(1) "किसी पेड़ पर चढ़ने का अनुभव"
अपना अनुभव - मैं एक बार कच्चे आम तोड़ने के लिए एक आम के पेड़ पर चढ़ गया जिसमें नीचे बहुत कम शाखाएँ थी। चढ़ने के पश्चात आम तो तोड़ लिया किंतु उतरते समय बहुत कठिनाई हुई। बहुत डर लग रहा था। किंतु धीरे-धीरे करके पेड़ से उतर गया।
(2) "बाँसुरी या कोई अन्य वाद्ययन्त्र बजाने का अनुभव"
अपना अनुभव - मुझे बांसुरी बजाना अच्छा लगता है। बांसुरी लेकर जब मैंने उसमें फूँक मारी तो सिटी की तरह आवाज निकली। फिर बांसुरी में दिए गए छिद्रों पर अंगुली चलाई तो ऊँचे-नीचे स्वर निकले। बांसुरी बजाना अभ्यास से हम सीख सकते हैं।
(3) "साइकिल सीखने का अनुभव"
अपना अनुभव - सबसे पहले हमने साइकिल में कैची-काट चलाना सिखा। कैंची-काट में बाएँ पैर को बाई तरफ से दाएँ पैडल में डालना होता है। फिर बाएँ पैर को बायें पैडल पर रख करके एक हाथ से सीट एवं डंडे को एवं दूसरे हाथ को हैंडल पकड़कर चलाते हैं जिसे कैसी कार्ड कहते हैं। एक दो बार तो हम साइकिल से गिर भी गए। किंतु बाद में हम सीख गए।
एटग्रेड अभ्यासिका कक्षा 5 हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, पर्यावरण के पाठों को पढ़ें।
1. पाठ 1 पुष्प की अभिलाषा (एटग्रेड अभ्यास)
2. पाठ- 3 ईश्वरचन्द्र विद्यासागर || एटग्रेड अभ्यासिका के महत्वपूर्ण प्रश्न
3. पाठ 4 'हम भी सीखें' एटग्रेड प्रश्न
4. पाठ 1 कैसे पहचाना किटी ने दोस्त को (एटग्रेड अभ्यास)
5. Lesson 1 Prayer प्रश्नोत्तर
6. Lesson 2 Face the Problem At grade Questions class 5th
7. पाठ 1 मछली उछली महत्वपूर्ण प्रश्न
8. ऐकिक नियम क्या है?
9. पाठ 5 ईदगाह ऐटग्रेड अभ्यासिका के प्रश्न उत्तर
कक्षा 5 हिन्दी के इन 👇 पाठों को भी पढ़ें।
1. पाठ 1 'पुष्प की अभिलाषा' कविता का भावार्थ
2. पाठ 1 'पुष्प की अभिलाषा' अभ्यास (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण
3. पाठ 2 'बुद्धि का फल' कक्षा पाँचवी
4. पाठ 3 पं. ईश्वरचन्द्र विद्यासागर अभ्यास कार्य (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण
5. पाठ 4 'हम भी सीखें' कविता का भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर
कक्षा 5 हिन्दी के इन 👇 पाठों को भी पढ़ें।
1. पाठ 5 ईदगाह अभ्यास
2. पाठ - 6 पन्ना का तत्याग भावार्थ
3. पाठ 6 'पन्ना का त्याग' अभ्यास - प्रश्नोत्तर
4. भाषा अध्ययन (व्याकरण) - शुद्ध शब्द, तुकांत, पर्यायवाची, विलोम, अनेकार्थी शब्द
5. पाठ-7 'दशहरा' पाठ का सारांश, प्रश्नोत्तर (अभ्यास)
कक्षा 5 हिन्दी के इन 👇 पाठों को भी पढ़ें।
1. भाषा अध्ययन (व्याकरण) - शुद्ध शब्द, संयुक्ताक्षर, प्रश्नवाचक एवं संदेहवाचक वाक्य, प्रत्यय जोड़कर संज्ञा से विशेषण बनाना
2. योग्यता विस्तार - दशहरा एवं दीपावली पर्व की जानकारी, रामचरितमानस राम का चरित्र, राम प्रसाद 'बिस्मिल'
3. 'छत्रपति शिवाजी' (चित्रकथा) पाठ का सारांश एवं सम्पूर्ण पाठ कक्षा 5 भाषा भारती पाठ 8 प्रश्नोत्तर
4. भाव वाचक संज्ञा | भाषा अध्ययन (व्याकरण) योग्यता विस्तार | पाठ 8 छत्रपति शिवाजी | कक्षा 5 भाषा भारती
5. पाठ 9 रम्मो और कल्लो - पाठ का सारांश एवं सम्पूर्ण पाठ, अभ्यास- बोध प्रश्न
6. पाठ 9 'रम्मो और कल्लो' भाषा भारती कक्षा- 5 भाषा अध्ययन (व्याकरण), अकर्मक एवं सकर्मक क्रिया
7. पाठ 10 'नीति के दोहे' संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या एवं अभ्यास
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
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(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)
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