'छत्रपति शिवाजी' चित्रकथा || पाठ का सारांश एवं सम्पूर्ण पाठ || कक्षा 5 भाषा भारती पाठ 8 प्रश्नोत्तर || Chitrakatha 'Chhatrpati Shivaji
पाठ का सारांश
शिवाजी का जन्म महाराष्ट्र में स्थित शिवनेरी दुर्ग में सन 1627 में हुआ था। उनकी माता का नाम जीजाबाई और पिता का नाम शाहजी भोंसले था। बचपन में साहस, वीरता और देश-प्रेंम से भरी अपनी पौराणिक एवं ऐतिहासिक गाथाएँ अपनी माता से सुनी थी। उन्होंने शस्त्र शिक्षा दादा कोंडदेव से प्राप्त की। युवावस्था में वे किसी के सामने नहीं झुके। उन्होंने मावली योद्धाओं को संगठित कर स्वराज्य स्थापना प्रारंभ करते हुए तोरण दुर्ग को जीत लिया। इसी तरह से छापामार युद्ध प्रणाली का प्रयोग कर चाकण, इन्द्रपुर, बारामती, कोडावत और पुरंदर के किले जीत लिए। कोड़ाना दुर्ग पर विजय प्राप्त करते हुए उनके विश्वस्त सहयोगी तानाजी मालसुरे के वीरगति प्राप्त होने पर उन्होंने कोड़ाना दुर्ग का नाम सिंहडढ़ रखा।
शिवाजी का चरित्र उज्जवल था। उन्होंने कल्याण के सूबेदार की पुत्रवधू की तुलना अपनी माँ से करते हुए सम्मान पूर्वक उन्हें कल्याण भिजवा दिया था। उन्होंने अफजल खाँ, शाइस्ता खाँ जैसे मुगल सेना नायकों को धूल चटा दी थी। औरंगजेब के द्वारा छल कपट से उन्हें कैद कर लिया था, किंतु बड़ी अक्ल-मंदी के साथ वे अपने पुत्र के साथ बाहर भी निकल गए थे। उन्होंने मुगलों से अपने किले वापस लिए।
सन 1674 में माताजी जीजाबाई की इच्छा अनुसार उनका विधि पूर्वक राज्याभिषेक किया गया। छत्रपति शिवाजी ने अपने राज्य का विस्तार किया। वे भारत के महान नायकों में से एक हैं। सन 1680 छत्रपति शिवाजी का निधन हो गया।
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1. पाठ 1 'पुष्प की अभिलाषा' कविता का भावार्थ
2. पाठ 1 'पुष्प की अभिलाषा' अभ्यास (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण
3. पाठ 2 'बुद्धि का फल' कक्षा पाँचवी
4. पाठ 3 पं. ईश्वरचन्द्र विद्यासागर अभ्यास कार्य (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण
5. पाठ 4 'हम भी सीखें' कविता का भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर
सम्पूर्ण पाठ
सन् 1627 महाराष्ट्र स्थित शिवनेरी दुर्ग में एक बालक ने जन्म लिया। बालक की माँ का नाम जीजाबाई और पिता का नाम शाहजी भोसले था। शिवनेरी में दुर्ग की अधिष्ठात्री देवी शिवाई का प्रसिद्ध मंदिर था।
संवाद -
माता जीजा बाई – मैं इसका नाम देवी शिवाई के नाम पर शिवा रखूँगी।
सेविका – ये है भी तो उन्हीं का आशीर्वाद।
माता जीजाबाई ने शिवा को बचपन से ही महाभारत और रामायण के साथ-साथ पौराणिक तथा ऐतिहासिक कथाएँ सुनाईं। महान वीरों की कहानियाँ सुनाकर उन्होंने शिवा में साहस, वीरता और देश प्रेंम के गुण कूट-कूट कर भर दिए।
संवाद -
माता जीजा बाई – श्री राम ने राक्षसों का वधकर ऋषि-मुनियों की रक्षा की।
शिवाजी (बचपन में) – माँ मैं भी बड़ा होकर दुष्टों का नाश करूंगा।
शाहजी प्राय: बीजापुर दरबार में रहा करते थे। उनकी जागीर पूना और सूया की देखभाल उनके विश्वस्त सहयोगी दादा कोंड देव करते थे। उन्होंने शिवाजी को युद्ध कला और अस्त्र-शस्त्र चलाने की शिक्षा दी।
संवाद -
दादा कोंड देव – शिवा पैंतरा बदलो और वार बचाओ।
शिवाजी – हाँ दादो जी, अब मेरा हाथ भी देखो।
युवा होने पर शाह जी शिवा को बीजापुर दरबार में ले गए। उन्होंने शिवा से बादशाह मुहम्मद शाह आलम को दरबारी ढंग से प्रणाम (कोर्निश) करने को कहा। शिवाजी मन ही मन कुछ सोचते हुए चुपचाप खड़े रहे।
संवाद -
शाह जी – शिवा, बादशाह हुजूर को कोर्निश करो।
शिवाजी - इस आतताई बादशाह ने प्रजा पर अत्याचार किए हैं। मैं इसके सामने नहीं झुकूँगा।
शाह जी ने शिवाजी के स्वाभिमान को भाँप कर उन्हें पूना भेज दिया। शिवाजी ने वीर मावली योद्धाओं को संगठित कर अपनी स्वराज्य स्थापित करने की इच्छा को साकार करना आरम्भ किया। उन्होंने तोरण दुर्ग पर आक्रमण कर उसे जीत लिया।
संवाद -
युद्ध में आकृमण की गूँज – आक्रमण करो!
जय भवानी!
जय भवानी ! जय स्वराज्य !
वीर शिवाजी ने सर्वप्रथम छापामार युद्ध प्रणाली का उपयोग किया। उन्होंने शीघ्र ही चाकण इन्द्रपुर, बारामती, कोड़ावत और पुरन्दर के किले जीत लिए। उन्होंने प्रतापगढ़ और राजगढ़ दुर्ग बनवाए कोड़ाना दुर्ग पर विजय मिली किन्तु.......
संवाद -
सेवक – महाराज, युद्ध में तानाजी मालसुरे वीर गति को प्राप्त हुए।
शिवाजी – ओह। गढ़ आला सिंह गेला। आज से कोड़ाना का नाम सिंहगढ़ होगा।
(गढ़ आला सिंह गेला अर्थात् किला तो जीत लिया पर सिंह तानाजी को खो दिया )
शिवाजी के एक सहयोगी आनाजी सोनदेव ने कल्याण के सूबेदार को पराजित कर उसकी पुत्रवधु को शिवाजी के सामने उपस्थित किया।
संवाद -
आनाजी सोनदेव – महाराज, इसे स्वीकार कर आप हमारी माता-बहनों पर हुए अत्याचार का बदला लें।
शिवाजी – सोनदेव, क्या तुम अपनी संस्कृति को भूल गए हो? पराई स्त्री हमारे लिए माता-बहिन के समान ही है।
शिवाजी ने सूबेदार की पुत्रवधू की तुलना अपनी माँ से करते हुए उसे सम्मान पूर्वक कल्याण भिजवा दिया। शिवाजी के उज्ज्वल चरित्र की प्रशंसा चारों ओर फैल गई।
संवाद -
शिवाजी – ओ हाँ, यदि मेरी माँ भी आपके समान होती तो मैं भी कितना सुन्दर होता।
सभासद– धन्य है।
सभासद– धन्य है। धन्य है।
शिवाजी के बढ़ते हुए प्रभुत्व को देखकर बीजापुर दरबार ने अफजल खाँ नामक सेनापति को उन्हें परास्त करने को भेजा। शिवाजी की वीरता से भयभीत अफजल खाँ ने उनसे सन्धि का प्रस्ताव किया किन्तु उसके मन में चोर था।
संवाद -
गुप्तचर– अफजल खाँ ने आपको छल या बल जैसे भी बने समाप्त करने का षडयंत्र रचा है।
शिवाजी – ठीक है गुप्तचर तुम जाओ। मै आत्म रक्षा का उपाय करके ही उससे भेंट करूंगा।
जावली के निकट शिवाजी और अफजल खाँ की भेंट हुई। अफजल खाँ ने धोखे से शिवाजी की पीठ पर कटार से वार किया। कवच के कारण शिवाजी बच गए पर उन्होंने अपने हाथ में पहने बघनखे से अफजल खाँ की छाती चीर दी।
संवाद -
शिवाजी - ले अपनी करनी का फल चख।
अफजल खाँ – आह! मैं मरा।
शिवाजी ने अफजल खाँ की सेना के दाँत खट्टे कर दिए। कुछ समय बाद मुगल सेनापति शाइस्ता खाँ ने पूना पर अधिकार कर लिया। अचानक शिवाजी ने पूना पर आक्रमण कर शाइस्ता खाँ को घेर लिया।
संवाद -
शिवाजी – कायर भागता कहाँ है ? मेरी भवानी की धार तो देखता जा।
शाइस्ता खाँ की पराजय से चिड़कर मुगल बादशाह औरंगज़ेब ने राजपूत राजा जयसिंह को शिवाजी पर आक्रमण के लिए भेजा। राजा जयसिंह ने शिवाजी के कई किले छीन लिए साथ ही सन्धि का प्रस्ताव किया।
संवाद -
राजा जयसिंह – शिवाजी इस समय बादशाह से संधि कर लेना ही उचित है।
शिवाजी – ठीक है राजाजी में सम्मान पूर्वक सन्धि करने के लिए सहमत हूँ।
शिवाजी राजा जयसिंह पर विश्वास कर आगरा आए। बादशाह औरंगजेब ने उनको अपमानित करने के लिए तीन हजारी मनसबदारों की पंक्ति में खड़ा रखा।
संवाद -
शिवाजी – यह मेरा अपमान और सन्धि का उल्लंघन है। मैं जा रहा हूँ।
औरंगजेब – यह बगावत है। शिवाजी को कैद किया जाए।
औरंगजेब ने वीर शिवाजी और पुत्र शम्भाजी को बन्दी बनाकर कड़े पहरे में रखा गया। शिवाजी ने बीमार होने का बहाना किया। उन्होंने दान देने के लिए मिठाइयाँ और फल बँटवाना आरम्भ कर दिया। एक दिन.........
संवाद -
सेवक - महाराज, आप शम्भाजी के साथ इन टोकरो में छिपकर निकल जाइए।
शिवाजी - तुम मेरे पलंग पर चादर ओड़कर सो जाओ। बाद में तुम निकल आना।
प्रतिदिन मिठाई और फलों के टोकरे देखकर पहरेदार असावधान हो गए। शिवाजी और शम्माजी चुप-चाप टोकरों में बैठकर छूमन्तर हो गए।
संवाद -
पहरेदार – जाने दो भाई, होंगी वहीं मिठाईयाँ और फल। हमारा तो जी भर गया इन्हें देखते और खाते हुए।
मुक्त होकर शिवाजी राजगढ़ के किले में पहुँचे। धीरे-धीरे उन्होंने मुगलों द्वारा छीने अपने किले वापिस ले लिए। सन् 1674 में माता जीजाबाई की इच्छानुसार उनका विधिपूर्वक राज्याभिषेक किया गया। उन्होंने छत्रपति की उपाधि धारण की।
संवाद -
राज्याभिषेक – छत्रपति शिवाजी की जय हो।
जय हो। जय हो।
छत्रपति शिवाजी ने अपने राज्य का विस्तार किया। जल सेना बनाई। उनकी सेना में सभी जातियों और धर्मों के सैनिक थे। जनता उनका समर्थन और आदर करती थी। समर्थ गुरु रामदास का भी उन्हें पूरा आशीर्वाद था। एक दिन की बात है...............
संवाद -
शिवाजी – गुरुदेव यह स्वराज्य आपको समर्पित हो।
गुरु रामदास – वीर शिवा, संत को राज्य की क्या आवश्यकता? मेरी ओर से तुम्ही संचालन करो।
वीर शिवाजी ने पुर्तगालियों से वसीन का किला और अंग्रेजों से कर्नाटक को जीता। उन्होंने बादशाह औरंगजेब को नाकों चने चबवा दिए। किन्तु मृत्यु पर किसका वश है। सन् 1680 में छत्रपति शिवाजी का निधन हो गया।
संवाद -
दरबार का दृश्य– शिवाजी छत्रपति
अमर रहे!
अमर रहे!
अमर रहे!
कक्षा 5 हिन्दी के इन 👇 पाठों को भी पढ़ें।
1. पाठ 5 ईदगाह अभ्यास
2. पाठ - 6 पन्ना का तत्याग भावार्थ
3. पाठ 6 'पन्ना का त्याग' अभ्यास - प्रश्नोत्तर
4. भाषा अध्ययन (व्याकरण) - शुद्ध शब्द, तुकांत, पर्यायवाची, विलोम, अनेकार्थी शब्द
5. पाठ-7 'दशहरा' पाठ का सारांश, प्रश्नोत्तर (अभ्यास)
6. भाषा अध्ययन (व्याकरण) - शुद्ध शब्द, संयुक्ताक्षर, प्रश्नवाचक एवं संदेहवाचक वाक्य, प्रत्यय जोड़कर संज्ञा से विशेषण बनाना
7. योग्यता विस्तार - दशहरा एवं दीपावली पर्व की जानकारी, रामचरितमानस राम का चरित्र, राम प्रसाद 'बिस्मिल'
अभ्यास
बोध प्रश्न
1. निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजकर लिखिए–
अधिष्ठात्री = प्रमुख देवी
प्रौढ़ावस्था = 30 से 50 वर्ष तक की आयु।
प्रभुत्व = सत्ता, अधिकार
उज्जवल = उजला, पवित्र।
पौराणिक = पुराणों में वर्णित।
विश्वस्त = भरोसेमंद।
उल्लंघन = नियम के विरूद्ध कार्य।
षडयंत्र = ऐसे कार्य जो किसी को हानि पहुँचाने के उद्देश्य से गोपनीय ढंग से से किये जायें।
ऐतिहासिक = प्राचीन काल का, इतिहास से संबंधित।
परास्त = हराना, परेशान।
बगावत = नियमों के विरुद्ध किये जाने वाले कार्य।
मनसबदार = एक छोटे भूखण्ड का स्वामी जो राजा या सम्राट के अधीन होते थे।
इनके बारे में जानें –
पुर्तगाली – पुर्तगाल देश के निवासी।
छापामार युद्ध प्रणाली – अचानक आक्रमण करके शत्रु को हानि पहुँचाना, छद्मयुद्ध।
बादशाह औरंगजेब – शिवाजी के समकालीन मुगल शासक।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए–
(क) शिवाजी का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर – शिवाजी का जन्म सन् 1627 में महाराष्ट्र स्थित शिवनेरी दुर्ग में हुआ था।
(ख) शिवाजी को युद्धकला की शिक्षा किसने दी थी?
उत्तर – शिवाजी को युद्धकला की शिक्षा दादा कोंडदेव दी थी।
(ग) शिवाजी की माँ का क्या नाम था?
उत्तर – शिवाजी की माँ का नाम जीजाबाई था।
(घ) शिवाजी ने किस युद्ध प्रणाली का उपयोग किया था?
उत्तर – शिवाजी ने छापामार युद्ध प्रणाली का उपयोग किया था।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए–
(क) महान वीरों की कहानियाँ सुनाकर माता ने शिवाजी में किन गुणों को विकसित किया?
उत्तर – माता ने महान वीरों की कहानियाँ सुनाकर शिवाजी में साहस, वीरता और देश प्रेंम के गुणों को विकसित किया।
(ख) कोड़ाना दुर्ग का नाम सिंहगढ़ क्यों रखा गया?
उत्तर – कोड़ाना दुर्ग पर अधिकार करने हेतु तानाजी मालसुरे के वीरता पूर्वक लड़ते हुए वीरगति के प्राप्त करने पर उनकी याद में कोड़ाना दुर्ग का नाम सिंहगढ़ रखा गया।
(ग) औरंगजेब के पहरे से शिवाजी कैसे बाहर निकले?
उत्तर – शिवाजी ने औरंगजेब के पहरे से बाहर निकलने के लिए बीमार होने का बहाना किया। फिर उन्होंने दान देने के लिए मिठाइयाँ और फल बँटवाना आरम्भ कर दिया। एक दिन मौका पाकर फलों के टोकरों में बैठकर कैदखाने से बाहर निकल गए।
(घ) किस घटना से शिवाजी के उज्ज्वल चरित्र का पता लगता है?
उत्तर – आनाजी सोनदेव ने कल्याण के सूबेदार को पराजित कर उसकी पुत्रवधु को शिवाजी के सामने उपस्थित किया। अपनी संस्कृति के अनुसार स्त्री का सम्मान करते हुए शिवाजी ने पुत्रवधू की तुलना अपनी माँ से करते हुए उसे सम्मान पूर्वक कल्याण भिजवा दिया। इससे शिवाजी के उज्ज्वल चरित्र पता लगता है।
(ङ) शिवाजी ने किन-किन सेनानायकों को परास्त किया था?
उत्तर – शिवाजी ने कल्याण के सूबेदार, अफजल खाँ, शाइस्ता खाँ जैसे सेनानायकों को परास्त किया था।
4. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए–
(क) शिवाजी ने सर्वप्रथम छापामार युद्ध प्रणाली का उपयोग किया।
(ख) शिवाजी की तलवार का नाम भवानी था।
(ग) कोड़ाना दुर्ग की लड़ाई में तानाजी वीरगति को प्राप्त हुए।
(घ) शिवाजी ने सूबेदार की पुत्रवधू की तुलना अपनी माँ से की थी।
(ङ) राज्याभिषेक के बाद उन्होंने छत्रपति की उपाधि धारण की।
5. पाठ के आधार पर सही जोड़ी बनाइए–
स्तम्भ'अ' –– स्तम्भ 'ब' –– सही जोड़ी
माताजी – शम्भाजी –– जीजाबाई
गुरुजी – शाहजी भोंसले – समर्थ रामदासजी
छत्रपति – जीजाबाई –– शिवाजी
पिताजी – समर्थ रामदासजी – शाहजी भोंसले
पुत्र –– शिवाजी –––शम्भाजी
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भाव वाचक संज्ञा | भाषा अध्ययन (व्याकरण) योग्यता विस्तार | पाठ 8 छत्रपति शिवाजी | कक्षा 5 भाषा भारती
इन गणित के प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें।
1. संख्याओं के प्रकार- प्राकृत, पूर्ण, पूर्णांक, परिमेय
2. भिन्न की समझ
3. विमा या आयाम क्या है? द्विविमीय या द्विआयामी एवं त्रिविमीय या त्रिआयामी वस्तुओं की अवधारणा
4. शून्य का गुणा, शून्यान्त संख्याओं का गुणा, गुण्य, गुणक एवं गुणनफल
5. भाग संक्रिया- भाग के घटक- भाज्य भाजक भागफल और शेष
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