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कक्षा– 8वीं, माह– फरवरी वर्कशीट मूल्यांकन, विषय– हिंदी ~ हल करने हेतु महत्वपूर्ण संकेत।
Class - 8th, Month - February Worksheet evaluation, topic - Hindi ~ Important hints to solve.

कौशल आधारित लिखित प्रश्न
खंड- 'अ'

प्रश्न 1 :- कुण्डलियाँ छंद की विशेषता बताइए। 'गिरधर की कुण्डलियाँ' पाठ से एक पद लिखिए।

संकेत :- विद्यार्थीगण इस प्रश्न के उत्तर में हिंदी पाठ्यपुस्तक भाषा भारती के पृष्ठ क्रमांक 91 एवं 92 पर कुण्डलियाँ छंद के बारे में जानकारी दी गई है साथ ही कुण्डलियाँ का उदाहरण भी दिया गया है। जैसे:-

उत्तर :- कुण्डलियाँ :– दोहा और रोला से मिलकर कुण्डलियाँ छंद बनता है। इसमें दोहा का अंतिम चरण, रोला का प्रथम चरण होता है तथा कुण्डलियाँ जिस शब्द से प्रारंभ होती है उसी शब्द से समाप्त होती है। दोहा के विषम चरणों में 13 – 13 तथा सम चरणों में 11 – 11 मात्राएँ होती हैं तथा रोला में 11 – 13 पर यति देकर 24 मात्राएँ होती हैं।

उदाहरण :–
दौलत पाय न कीजिए, सपनेहुँ अभिमान।
चंचल जल दिन चारिको, ठाउँ न रहत निदान।
ठाउँ न रहत निदान, जियत जग में जस लीजै।
मीठे वचन सुनाय, विनय सबहिं सौन कीजै।
कह गिरिधर कविराय, अरे! यह सब घट तौलत।
पाहुन निस दिन चारि, रहत सबहिं के दौलत।

प्रश्न 2 :- निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

दिया है शांति का संदेश ही हमने सदा जग को,
अहिंसा का दिया उपदेश भी हमने सदा जग को,
न इसका अर्थ हम पुरुषत्व का बलिदान कर देंगे।
न इसका अर्थ हम नारीत्व का अपमान सह लेंगे।
रहे इंसान चुप कैसे कि चरणाघात सहकर जब,
उमड़ उठती धरा पर धूल जो लाचार सोई है।

संकेत :- इस प्रश्न का उत्तर हिंदी पाठ्यपुस्तक भाषा भारती के पृष्ठ क्रमांक 109 से लेकर 110 पर है। जैसे:-

(i) ये पंक्तियाँ भाषा भारती के कक्षा 8 के किस पाठ से ली गई है?

उत्तर:- ये पंक्तियाँ भाषा भारती के कक्षा 8 के पाठ 15 "न यह समझो कि हिंदुस्तान की तलवार सोई है" से ली गई है।

(ii) 'पुरुषत्व' एवं 'नारीत्व' में प्रयोग किए गए 'त्व' प्रत्यय शब्दांश की तरह दो नए शब्द लिखिए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।

उत्तर :– (1) ममत्व – वाक्य में प्रयोग – माँ के ममत्व की कीमत कोई नहीं चुका सकता।

(2) कृतित्व – वाक्य में प्रयोग – स्वामी विवेकानंद का व्यक्तित्व एवं कृतित्व दोनों भारतीयों के लिए गौरवमयी हैं।

(iii) ऊपर्युक्त पद्यांश का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर :– कविता की इन पंक्तियों में कवि रामकुमार चतुर्वेदी 'चंचल' कहते हैं कि हमारे देश भारत ने हमेशा ही इस संसार को शांति का एक संदेश देते हुये अहिंसा का पाठ पढ़ाया है। किंतु इसका यह आशय कतई नहीं है कि हम भारतीय अपने पुरुषार्थ (वीरता) को यूँ ही बलिदान कर देंगे और न ही इसका यह अर्थ है कि हमारे नारी समाज का कोई अपमान करे तो हम चुप बैठकर अपमान सह लेंगे। आगे कवि कहते हैं कि कोई भी इंसान पैरों की ठोकरें खाकर कैसे चुप रह सकता है। अन्ततः इस धरती पर पड़ी हुई लाचार धूल भी उमड़ पड़ती है।

प्रश्न 3 :– हमारे देश में प्रचलित विभिन्न संवत्सरों की सूची बनाइए और विक्रम संवत के अनुसार महीनों के नाम लिखिए।

संकेत :– विद्यार्थीगण इस प्रश्न का उत्तर हिंदी पाठ्यपुस्तक भाषा भारती के पृष्ठ क्रमांक 117 के अंतिम पेराग्राफ से महिनों और पृष्ठ 124 पर दिए गए बॉक्स से संवत्सरों की सूची लिख सकते हैं। जैसे:–

उत्तर :– विभिन्न संवत्सरों की सूची

(1)विक्रम संवत्

(2) ईसवी सन् (संवत्)

(3) शक संवत्

(4) हिजरी संवत्

(5) शालिवाहन संवत्

(6) कलिसंवत्

विक्रम संवत के अनुसार महीनों के नाम –

1. चैत्र

2. वैशाख

3. ज्येष्ठ

4. आषाढ़

5. श्रावण

6. भाद्रपद

7. अश्विन

8. कार्तिक

9. मार्गशीर्ष

10. पौष

11. माघ

12. फाल्गुन

प्रश्न 4:- 'महेश्वर' पाठ के आधार पर नीचे दिए गए बिंदुओं के अनुसार महेश्वर के महत्व के बारे में एक या दो वाक्य लिखिए।

संकेत :– विद्यार्थीगणों को इस प्रश्न का उत्तर हिंदी पाठ्यपुस्तक भाषा भाषा भारती के पृष्ठ क्रमांक- 128 एवं 129 पर उत्तर प्राप्त हो सकता है। जैसे:-

(i) पुरातात्विक महत्व –

उत्तर :– महेश्वर का पुरातात्विक महत्व- प्रागैतिहासिक काल के पूरा अवशेषों से पता चलता है कि उस समय यहाँ के लोग घास फूस की झोपड़ी में या पेड़ों पर बने घरों में रहते थे।

(ii) पौराणिक महत्व –

उत्तर :– पौराणिक कथाओं के अनुसार महेश्वर का प्राचीन नाम माहेश्वरी अथवा महिष्यमती था। इसे सूर्य वंश के राजा मांधाता ने बसाया था।

(iii) ऐतिहासिक महत्व–

उत्तर :– ईसा पूर्व की चौथी सदी से लेकर पहली सदी तक यहाँ भवनों के अवशेष मिले हैं। इन भवनों में ईंटों का प्रयोग किया गया है। उस समय मिट्टी के कलात्मक और सुंदर घड़े बनाए जाते थे।

(iv) धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व–

उत्तर :– धार्मिक महत्व– यहाँ भगवान शंकर का पवित्र शिवलिंग महेश्वर के नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ आने वाले दर्शनार्थी यहां के अखंड दीप में घी डालकर अपने आप को धन्य समझते हैं।
....... यहाँ पर लोग नर्मदा नदी में जय माँ नर्मदे कहकर लोग स्नान करते हैं। यहाँ का वातावरण सदैव भक्तिमय में प्राकृतिक सौंदर्य से सराबोर रहता है।

(v) निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखिए–

(1) प्राचीन काल से संबंधित - प्राचीन

(2) धर्म से संबंधित - धार्मिक

(3) संस्कृति से संबंधित - सांस्कृतिक

(4) इतिहास से संबंधित - ऐतिहासिक

(5) पुराणों से संबंधित - पौराणिक

प्रश्न 5:–'पथ भूल न जाना पथिक कहीं,
पथ में काँटे तो होंगे ही, दुर्वादल सरिता सर होंगे।
सुंदर गिरिवन – वापी होंगे, सुंदर सुंदर निर्झर होंगे।'

इस पद्यांश का भाव अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर :– इस पद्यांश में कवि डॉ शिवमंगल सिंह सुमन कहते हैं कि हे राहगीर तुम अपने मार्ग से कहीं भटक मत जाना। मार्ग (अर्थात अपनी मंजिल) पर जब आगे बढ़ोगे तो निश्चित ही तुम्हें कई स्थानों पर काँटे (अर्थात अड़चनें/बाधाएँ) मिलेंगे ही तो कई स्थानों पर हरी हरी मुलायम घास तो कहीं पर नदियाँ और सुहावने तालाब होंगे। सुंदर-सुंदर पहाड़, जंगल, बावड़ियाँ एवं झरने भी देखने को मिलेंगे।

प्रश्न6:- किन्ही 10 प्रमुख योग आसनों की सूची बनाइए और एक आसन के बारे में विस्तार से लिखिए। (सहायक वाचन– योग खण्ड)

संकेत :- विद्यार्थीगण कक्षा आठवीं की सहायक वाचन पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ क्रमांक 36 से लेकर 59 तक योग आसनों के नाम लिख सकते हैं एवं किसी एक योगासन का विवरण दे सकते हैं। जैसे–

उत्तर :–

1.पद्मासन

2. कर्णपीड़ासन

3. हलासन

4. सर्पासन (भुजंगासन)

5. शलभासन

6. धनुरासन

7. मकरासन

8. शशकासन

9. सुप्त वज्रासन

10. सिहासन

11. गर्भासन

12. मंडूकासन

13. पादहस्तासन

14. गरुड़ासन

15. अर्धमत्स्येंद्रासन

16. शवासन

17. कोणासन

18. त्रिकोणासन

19. वक्रासन

20. वज्रासन

टीप:- उक्त में से किन्ही 10 आसनों के नाम लिखकर किसी एक आसन के बारे में जानकारी लिखी जा सकती है। जैसे-

शलभासन :- इस आसन का नामकरण टिड्डे के कारण हुई है। शलभ का अर्थ है टिड्डा। टिड्डे के बैठने जैसी स्थिति से मिलती हुई आकृति बढ़ने के कारण इसे शलभासन कहते हैं।

विधि :- 1.पेट के बल लेट जाएँ।

2. दोनों हथेलियों को जमीन पर जंगा के नीचे हथेली का तल भाग नीचे रखकर स्थापित करें।

3. गर्दन को बाएँ मोड़े और श्वास भरकर बाएँ पैर को घुटने से सीधा रखते हुए जमीन से उठाएँ। क्षमता अनुसार रुके। श्वास छोड़कर पैर को वापस नीचे लावें।

4. इसी प्रकार गर्दन को बायें मोड़े। श्वास भरकर दाहिने पैर को घुटने से सीधा है रखते हुए जमीन से ऊपर उठाएँ। क्षमता अनुसार रुके। श्वास छोड़ते हुए पैर को वापस लाएँ।

5. पुनः बायें अथवा मध्य में ठुड्डी को जमीन पर लगाते हुए सामने देखें। दोनों पैर एक साथ उठाएँ श्वास छोड़कर वापस आएँ।

6. इसी प्रकार दायें अथवा मध्य में ठुड्डी को जमीन पर लगाते हुए सामने रखें दोनों पैर एक साथ ऊपर उठाएँ श्वास छोड़कर पैर वापस जमीन पर टिका दें।

7. आसन दोनों पैर से तीन तीन बार करें।

8. अधिक अभ्यास होने पर दोनों पैरों को इतना ऊपर उठाएँ कि पेट और पेड़ू सहित भूमि से 90 डिग्री का कोण बनाएँ।

इसके लाभ :– 1. कब्ज दूर होता है।

2. पाचन शक्ति बढ़ती है।

3. नाडियाँ शुद्ध होती हैं।

4. हृदय एवं फेफड़े पुष्ट होते हैं।

5. क्लोम ग्रंथि सक्रिय होने से मधुमेह की बीमारी मिटती है।

6. चेहरा कांतिवान बनता है।

7. नेत्रों को लाभ होता है।

निषेध :- इसमें पुराने कब्ज, वायु विकार एवं अल्सर रोग से पीड़ित व्यक्ति इस आसन का अभ्यास न करें। हर्निया के रोगी के लिए पूर्णत: वर्जित है।

प्रश्न 7:- आपने हिंदी की वर्णमाला पढ़ी होगी, वर्णमाला को स्वयं उतर के देखो व निम्नांकित बिंदुओं के आधार पर उन्हें लिखने का प्रयास करिए–

(i) ऐसे वर्ण जो मूर्धा के आधार पर बोले जाते हैं –

उत्तर:– मूर्धा के आधार पर बोले जाने वाले वर्ण- ऋ, ट, ठ, ड, ढ, ष

(ii) ऐसे वर्ण जो ओठों की सहायता से जाते हैं-

उत्तर :- ओठों की सहायता से बोले जाने वाले वर्ण- उ, ऊ, ओ, औ, त, थ, द, ध, ल, स

(iii) ऐसे वर्ण जो दाँत और ओठों की सहायता से बोले जाते हैं-

उत्तर:- दाँत और ओठों की सहायता से बोले जाने वाले वर्ण- फ, ब, व

(iv) ऐसे वर्ण जो तालु की सहायता से बोले जाते हैं-

उत्तर- तालु की सहायता से बोले जाने वाले वर्ण- इ, ई, च, छ, ज, झ, य, श

(v) ऐसे वर्ण जो कंठ से बोले जाते हैं–

उत्तर:– कंठ से बोले जाने वाले वर्ण- अ, आ, क, ख, ग, घ, ह

प्रोजेक्ट कार्य
खण्ड 'ब'

प्रश्न 8 :- आप अपने परिवार के सदस्यों या घर के बड़े बुजुर्ग से बातचीत करें और निम्न बिंदुओं पर जानकारी को लिखिए–

संकेत :- नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर परिवार के सदस्य या बुजुर्गों से बातचीत करके पूर्ण करें। यहाँ पर प्रत्येक प्रश्न के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया गया है।

(1) कोरोना महामारी में लॉकडाउन लगने की सूचना आपको सबसे पहले किस माध्यम से मिली?

उत्तर :– कोरोना महामारी में लॉकडाउन लगने की सूचना हमें सबसे पहले दूरदर्शन से मिली।

(2) लॉकडाउन से क्या आशय है? लॉकडाउन लगने की सूचना प्राप्त होने पर आपके परिवार को कौन-कौन से समस्याओं का सामना करना पड़ा?

उत्तर :– लॉकडाउन से आशय है कि हमें अपने घरों पर ही रहना है, मार्केट या अन्य सार्वजनिक स्थलों पर जाने से बचना है। साथ ही पूर्णतः सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करना है।
..... निश्चित ही लॉक डाउन की लगने पर परिवार को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा।

1. दुकान से सामग्री क्रय करने में असुविधा हुई।

2. दवाइयाँ समय पर नहीं मिली।

3. सब्जी- भाजी और खाने पीने के सामान प्राप्त करने में काफी असुविधा हुई।

4. हम बच्चों का स्कूल जाना बंद था अतः पढ़ाई लिखाई का भी काफी नुकसान हुआ।

(3)लॉकडाउन में आपके परिवार में सबसे बड़ी समस्या क्या हुई और उसका समाधान कैसे हुआ? पता कर लिखिए।

उत्तर:- लॉकडाउन में हमारे परिवार में सबसे बड़ी समस्या राशन प्राप्त करने में हुई। इस समस्या से निपटने के लिए हमने अपने पड़ौसी से कुछ दिनों के लिए राशन उधार लिया।

(4) लॉकडाउन के दौरान और उनके बाद में आपकी दिनचर्या में क्या अंतर आया? लिखिए।

उत्तर:- लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद हमारी दिनचर्या में काफी अंतर आया। लॉकडाउन में हम पूरे दिन घर पर ही रहते थे। घर के सदस्य घर पर रहकर टीवी या अन्य मनोरंजन के साधन देखा करते थे। कभी-कभी घर पर रहने की वजह से आपस में दो दो बातें भी हो जाया करती थी। काम ना करने की वजह से भोजन भी देरी से करते थे।
लॉकडाउन के पश्चात परिवार के सदस्य अपने अपने कामों में जाने लगे। आमदनी भी बढ़ गई और परिवार सुख से रहने लगा। लॉकडाउन के पश्चात हमारे सारे कार्य समय पर होने लगे जैसे- कि भोजन करना, खेलने जाना इत्यादि।

(5) कोरोना महामारी में भी आपने कौनसा नया कौशल सीखा?

उत्तर:- कोरोनावायरस के दरम्यान हमने यह सीखा कि घर में आपसी समन्वय से कैसे रहा जाता है। एक दूसरे का हाथ कैसे बटा सकते हैं। साथ ही छोटे भाई बहनों की पढ़ाई में मदद करना। इन सबके अलावा हमने घर पर रहकर चित्रकारी करना सीखा।

प्रश्न 9:- शब्द पहेली को उसके नीचे दिए गए निर्देशों के अनुसार भरिए –

बाएँ से दाएँ

1. माँगने वाला

4. नदी

6. युद्ध में वीरता दिखाने वाला

8. युद्ध

10. पिता के पिता

12. एक कड़वी पत्ती वाला औषधीय पेड़

14. लहू खून

15. नया नवीन

17. घर गृह

18. नमस्कार प्रणाम

ऊपर से नीचे

2. पग पैर

3. दाना सबसे छोटा हिस्सा

4. संगीत के सात सुरों का नाम

5. सरोवर

7. वीर शब्द सेनानी भाववाचक संज्ञा

8. रात रजनी

13. माला का दाना

16. जंगल।

उत्तर - बाएँ से दाएँ–

1. याचक

4. सरिता

6. रणवीर

8. रण

10. पितामह

12. नीम

14. रक्त

15. नव

17. मकान

18. नमन

ऊपर से नीचे -

2. चरण

3. कण

4. सरगम

5. तालाब

7. वीरता

8. निशा

13. मनका

16. वन

टीप :- 1. ऊपर से नीचे में क्रमांक 8 में दिए गए शब्द के लिए खंड नहीं है।

2. वर्ग पहेली का चित्र नीचे दिया गया है।

RF competition
INFOSRF.COM

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com


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(संबंधित जानकारी नीचे देखें।)



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Comments

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    vishal meena

    Posted on February 16, 2021 08:02AM

    9301403169

    Reply
  • img

    Rudra pandey

    Posted on February 18, 2021 06:02AM

    Hii

    Reply

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