पाठ-2 'कहानी सपेरों की' मुख्य जानकारियाँ एवं अवधारणाएँ || Class 5th Environmental Study || 'Kahani Sapero ki'
कक्षा 5 की पर्यावरण अध्ययन पाठ्य पुस्तक के पाठ 2 'कहानी सपेरों की' पाठ की समस्त अवधारणाएँ और जानकारियाँ क्रमशः यहाँ दी गई है। यदि विद्यार्थी इसका अध्ययन कर लें तो पाठ में दिये गए सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं से अवगत हो सकते हैं।
1. सपेरा किसे कहते हैं? ऐसे लोग जो साँपों को पकड़कर उन्हें हाट-बाजार, चौराहों या घर-घर जाकर बीन बजाकर साँपों को नचाने का अभिनय कराते हैं और पैसा कमाते हैं। घर उन्हें 'सपेरा' कहा जाता है।
2. कालबेलिया - साँपों को पकड़कर पैसा कमाने के लिए बीन की धुन पर उन्हें नचाने का अभिनय करने वाली जाति के लोगों को 'कालबेलिया' कहा जाता है।
3 नाग गुंफन डिजाइन - सौराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में नागों की गुथी हुई आकृतियाँ रंगोली, कढ़ाई, दीवारों आदि पर बनायी जाती हैं जिसे नागगुफन डिजाइन कहते हैं।
4. कालबेलिया नाच - कालबेलिया जाति के लोग अपने नाच में नाग जैसी मुद्राएँ बनाते हैं जिसे 'कालबेलिया नाच' कहते हैं।
5. जहरीले साँप - हमारे देश में केवल चार तरह के साँप जहरीले होते हैं-
(i) नाग
(ii) करैत
(iii) दुबोइया
(iv) अफाई।
6. सीरम (जहर काम करने की दवा) - यह दवा हर चिकित्सा केन्द्र में उपलब्ध होती है जो कि साँप के ही जहर से ही तैयार की जाती है।
7. जानवरों की सुरक्षा हेतु कानून- हमारे देश में जानवरों की सुरक्षा और उनकी स्वतंत्रता के लिए कानून बनाया गया है। जिसके तहत न तो कोई इन्हें पकड़ सकता है। व ही अपने घर पर पालन कर सकता है।
Class 5th पर्यावरण अध्ययन (आस-पास) के पाठों की अवधारणाएँ
सारांश पाठ-1 'कैसे पहिचाना चींटी ने दोस्त को'
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R F Temre
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