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P1 के चार, P2 के तीन और P3 के दो मुख्य कार्य || PO1 ke four, PO2 ke three and PO3 ke two main works.

(A) प्रथम मतदान अधिकारी के कार्य

(1) निर्वाचक नामावली को चिन्हित प्रति का प्रभारी― प्रथम मतदान अधिकारी निर्वाचक नामावली को चिन्हित प्रति का प्रभारी होगा और निर्वाचक की पहचान के लिए उत्तरदायी होगा।

(2) निर्वाचक की पहचान की पहचान करना― प्रत्येक चुनाव में आयोग मतदाताओं के पहचान संबंधी आदेश जारी करता है। मतदान केन्द्र में प्रवेश करने पर निर्वाचक सीधे प्रथम मतदान अधिकारी के पास जायेगा, जो निर्वाचक की पहचान के बारे में आश्वस्त होगा। मतदाता EPIC या आयोग के निर्देशानुसार अन्य पहचान संबंधी दस्तावेज (document) प्रस्तुत करेगा और PO1 मतदाता की पहचान को लेकर आश्वस्त होगा।

(3) निर्वाचक के बॉक्स में तिरछी रेखा खींचना― मतदाता (निर्वाचक) की पहचान के बाद जब किसी निर्वाचक को मतदान केन्द्र पर वोट डालने की अनुमति दी जाती है, तो फोटो निर्वाचक नामावली की चिन्हित प्रति में निर्वाचक से संबंधित विवरण वाले बॉक्स के पार तिरछी लाल स्याही से एक रेखा खींची जायेगी। इसके अलावा पुरूष और महिला मतदाताओं की संख्या के आसान सत्यापन और गणना के लिए महिला मतदाता के संबंध में मतदाताओं की क्रम संख्या को पूर्णांकित (गोला लगाना) किया जावेगा और तीसरे लिंङ्ग के मामले में मतदाता कम संख्या के पास सितारा (Star) अंकित किया जाएगा।

(4) सांख्यिकी प्रारूप भरना― इसके अतिरिक्त सांख्यिकी प्रारूप भरना भी प्रथम मतदान अधिकारी का कर्तव्य है।

(B) द्वितीय मतदान अधिकारी के कार्य

(1) अमिट स्याही का प्रभारी― द्वितीय मतदान अधिकारी अमिट स्याही का प्रभारी होगा प्रथम मतदान अधिकारी द्वारा मतदाता की पहचान होने के पश्चात् द्वितीय मतदान अधिकारी निर्वाचक के बाँये हाथ की तर्जनी का यह देखने के लिए निरीक्षण करेगा कि इस पर अमिट स्याही का कोई चिन्ह या संकेत तो नहीं है और अमिट स्याही को मतदाता के बाये हाथ की तर्जनी पर दी गई स्टिक के माध्यम से तर्जनी के प्रथम जोड़ से नाखून के अन्त तक एक रेखा में लगाया जाएगा।

(2) मतदाताओं के रजिस्टर (फार्म 17A) का भी प्रभारी― द्वितीय मतदान अधिकारी फार्म 17A में मतदाताओं के रजिस्टर का भी प्रभारी होगा। वह उस रजिस्टर में उन निर्वाचकों का उचित लेखा रखने का भी उत्तरदायी होगा जिनकी पहचान की जा चुकी है और जो मतदान केन्द्र पर मत डालते हैं। वह उस रजिस्टर पर प्रत्येक निर्वाचक के उसे मत डालने की अनुमति देने से पूर्व मतदाता की ऊँगली पर लगी अमिट स्याही सूख जाये इसके लिए अमिट स्याही लगाने के बाद हस्ताक्षर या अँगूठे का निशान लिया जायेगा।

(3) मतदाता स्लिप जारी करना― मतदान अधिकारी 2 प्रत्येक मतदाता को अध्याय 4 में वर्णित प्रक्रिया के अनुसार मतदाता रजिस्टर में मतदाता की प्रविष्टि कर मतदाता स्लिप जारी करेगा।

मतदाता का रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने से इन्कार करने पर

यदि कोई मतदाता रजिस्टर पर अपने हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान लगाने से इन्कार करता है तो उसे मतदान करने की अनुमति नहीं दी जायेगी और मतदाता रजिस्टर के टिप्पणी कॉलम में मतदान करने से इंकार की प्रविष्टि की जायेगी ऐसी प्रविष्टि के नीचे पीठासीन अधिकारी को हस्ताक्षर करना होगा। हाँलाकि यदि किसी मतदाता ने अपने मतदाता सूची नम्बर को फार्म 17A में मतदाताओं के रजिस्टर के कॉलम 2 में विधिवत दर्ज किया है और नियम 49 L के उपनियम (1) के तहत आवश्यक रूप से उस पर अपना हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान लगाया है, वोट न देने का निर्णय लेता है तो इस आशय की एक टिप्पणी- मतदान करने से इनकार कर दिया अथवा मतदान किये बिना चला गया, उक्त प्रविष्टि फार्म 17A में आपके द्वारा की जायेगी और इस प्रकार की टिप्पणी के खिलाफ निर्वाचक के हस्ताक्षर या अँगूठे का निशान प्राप्त किया जायेगा। ऐसे मामले में मतदाता रजिस्टर (फॉर्म 17A) के कॉलम 1 में निर्वाचक या किसी भी आगामी निर्वाचक की कम संख्या में कोई बदलाव करना आवश्यक नहीं होगा।

(C) तृतीय मतदान अधिकारी

(1) कंट्रोल यूनिट का प्रभारी― तृतीय मतदान अधिकारी मतदान मशीन की कंट्रोल यूनिट का प्रभारी होगा। वह उसी मेज पर बैठेगा, जहाँ द्वितीय मतदान अधिकारी बैठता है। तृतीय मतदान अधिकारी, मतदाता को मतदान कक्ष में जाने की अनुमति द्वितीय मतदान अधिकारी द्वारा जारी मतदान स्लिप के आधार पर और उस स्लिप में उल्लेखित क्रम संख्या के अनुसार देगा।

(2) अमिट स्याही का निशान चेक करना― कंट्रोल युनिट प्रभारी अधिकारी, कंट्रोल यूनिट के बैलेट बटन के दबाने के पहले यह सुनिश्चित करेगा कि मतदाता की ऊंगली का निशान सूख चुका है। यह अध्याय 4 में विस्तृत रूप से यथावर्णित कन्ट्रोल यूनिट के उपर्युक्त बैलेट बटन को दबाकर मतदान कक्ष में रखी मतदान यूनिट ( यूनिटों) को चालू करेगा। मतदाता को मतदान कक्ष में जाने की अनुमति देने के पूर्व वह यह भी जाँच करेगा कि मतदाता की बाँयी तर्जनी पर अमिट स्याही का अमिट चिन्ह है। (यदि अमिट स्याही का निशान मिट गया हो तो बाँयी तर्जनी पर फिर से अमिट स्याही लगायें।

जानकारी का स्रोत― निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान अधिकारियों के प्रशिक्षण हेतु जारी पीपीटी एवं अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज।

निर्वाचन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी की लिंक्स👇
1. निर्वाचन संबंधित शब्दसंक्षेप उनके पूर्ण नाम एवं हिन्दी में अर्थ
2. डाक मतपत्र क्या है? डाक मतपत्र के लिए आवेदन प्रक्रिया
3. मतदान सामग्री जिन पर विशेष ध्यान देना चाहिए
4. मॉक पोल के चरण या सही क्रम
5. VVPAT पेपर पर्ची पर त्रुटिपूर्ण मुद्रण (प्रिंट) की दशा के में शिकायत
6. निर्वाचन संबंधित विशेष परिस्थितियाँ एवं उनका समाधान कैसे करें?
7. विधानसभा निर्वाचन 2023 में हुए बदलाव की जानकारी
8. मतदाताओं के सवाल और हमारे यथोचित जवाब।
9. पीठासीन अधिकारी के कार्य

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com

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