पाठ 4 "गिलहरी का घर" कविता का संदर्भ प्रसंग सहित भावार्थ, सारांश एवं अभ्यास [प्रश्नोत्तर, भाषा अध्ययन (व्याकरण)](3rd Class)
पाठ 4 "गिलहरी का घर"
एक गिलहरी एक पेड़ पर
बना रही है अपना घर,
देख –भालकर उसने पाया
खाली है उसका कोटर।
कभी इधर से, कभी उधर से
कुदक- फुदक, घर-घर जाती,
चिथड़ा- -गुदड़ा सुतली तागा
ले जाती, जो कुछ पाती।
ले जाती वह मुँह में दाबे
कोटर रख-रख आती,
देख बड़ा सामान इकट्ठा
किलक-किलककर वह गाती।
चिथड़े-गुदड़े, सुतली धागे
सबको अंदर फैलाकर,
काट-कुतरकर एक बराबर
एक बनाएगी बिस्तर।
फिर जब बच्चे होंगे
उस पर उन्हें सुलाएगी,
और उन्हीं के साथ लेटकर
लोरी उन्हें सुनाएगी।
हरिवंश राय बच्चन
कविता का सारांश
दी गई कविता 'गिलहरी का घर' में गिलहरी के द्वारा अपना घर बनाने का वर्णन किया गया है।गिलहरी एक पेड़ के कोटर (खोखला भाग) में अपना घर बना रही है। वह देखती है कि उसका घर तो खाली है। फिर वह इधर-उधर से चिथड़े-गुदड़े, सुतली, धागे इत्यादि वस्तुओं को अपने मुँह में दबा दबाकर अपने घर (कोटर) में ला रही है। वह खुश होकर किलकारी मारते हुए इन सब वस्तुओं को कुतर-कुतरकर सबको एक बराबर करके अपना बिस्तर बनायेगी और जब फिर उसके बच्चे पैदा होंगे, तो वह अपने बच्चों को उस पर लिटाकर लोरियाँ सुनायेगी।
शब्दार्थ
कोटर = पेड़ का खोखला हिस्सा।
कुदक = कूद- कूद कर।
फुदक = इधर-उधर उछलकर।
चिथड़ा = कपड़े का फटा-पुराना टुकड़ा।
कुतरना = दाँतो से किसी चीज को काटना।
लोरी = छोटे बच्चों को सुलाने के लिये गाया जाने वाला गीत।
पदों के अर्थ
एक गिलहरी एक पेड़ पर,
बना रही है अपना घर,
देखभाल कर उसने पाया,
खाली है उसका कोटर।
सन्दर्भ - यह प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक 'भाषा-भारती' के पाठ 4 'गिलहरी का घर' नामक पाठ से ली गई है। इस कविता के रचनाकार हरिवंश राय बच्चन हैं।
प्रसंग - इन पंक्तियों में कवि ने गिलहरी द्वारा पेड़ की कोटर में अपना घर (घोंसला) बनाये जाने का वर्णन किया है।
भावार्थ - एक पेड़ पर एक गिलहरी अपना घर (घोंसला) बना रही है। उसने अपने घर को देखा कि वह तो एकदम खाली है।
कभी इधर से, कभी उधर से,
कुदक-फुदक, घर-घर जाती,
चिथड़ा-गुदड़ा, सुतली, तागा,
ले जाती, जो कुछ पाती।
सन्दर्भ व प्रसंग - पूर्वानुसार
भावार्थ - जब गिलहरी ने देखा कि उसका घर तो खाली पड़ा है तब लिए निकली, तो उसने अपने कोटर में इधर-उधर से फुदक- फुदक कर चिथड़े, गुदड़े, सुतली, धागे आदि जो भी उसे मिल जाते, उन्हें लाकर उसमें जमा कर रही है।
ले जाती वह मुँह में दाबे
कोटर रख-रख आती,
देख बड़ा सामान इकट्ठा
किलक-किलककर वह गाती।
सन्दर्भ व प्रसंग - पूर्वानुसार।
भावार्थ - गिलहरी अपने मुँह में दबाकर उस सामग्री को ले जाकर अपने कोटर में धीरे-धीरे इकट्ठा कर रही है। इस तरह वह खुश होकर किलकारी मारते हुए गाती फिर रही है।
चिथड़े-गुदड़े, सुतली धागे
सबको अंदर फैलाकर,
काट-कुतरकर एक बराबर
एक बनाएगी बिस्तर।
सन्दर्भ व प्रसंग - पूर्वानुसार
भावार्थ - गिलहरी चिथड़े, गुदड़े, सुतली, धागे आदि को अपने कोटर (घोंसले/घर) में अन्दर फैलाकर तथा उसे काट-काटकर एवं कुतर-कुतरकर एक बराबर फैलाकर सोने के लिए अपना बिस्तर बनायेगी।
फिर जब बच्चे होंगे
उस पर उन्हें सुलाएगी,
और उन्हीं के साथ लेटकर
लोरी उन्हें सुनाएगी।
हरिवंश राय बच्चन
सन्दर्भ व प्रसंग - पूर्वानुसार।
भावार्थ - गिलहरी अपने कोटर में बिस्तर बनाकर उसे बिछा रही है। जब उसके बच्चे पैदा होंगे तब वह अपने बच्चों को सुलायेगी और उन्हीं के साथ स्वयं लेटकर उन्हें लोरियाँ सुनायेगी।
अभ्यास
बोध प्रश्न
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) गिलहरी अपना घर कहाँ बना रही है?
उत्तर - गिलहरी अपना घर पेड़ के कोटर (खोखला भाग) में बना रही है।
(ख) घरों से गिलहरी क्या-क्या ला रही है?
उत्तर - घरों से गिलहरी चिथड़े, गुदड़े, सुतली, धागे आदि ला रही है।
(ग) गिलहरी क्यों गा रही है ?
उत्तर - अपने कोटर में अपने द्वारा इकट्ठे किये गए सामान देखकर गिलहरी गा रही है।
प्रश्न 2. सोचिए और लिखिए-
गिलहरी के अलावा कौन-कौन से जीव-जन्तु कुदक-फुदक करते हैं ? उनके नाम लिखिए।
उत्तर- कुदक-फुदक करने वाले जन्तु - गौरैया, मेंढक, चिड़िया, बन्दर, खरगोश आदि।
प्रश्न 3. कविता की पंक्तियों से समान ध्वनि वाले शब्द लिखिए।
पर - घर
इधर - उधर
जाती - पाती
सुलाएगी - सुनाएगी।
प्रश्न 4. कविता की पंक्ति पूरी कीजिए -
क. एक गिलहरी एक पेड़ पर
बना रही है अपना घर।
ख. काट कुतरकर एक बराबर
एक बनाएगी बिस्तर।
भाषा अध्ययन
1. निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
(i) कुदक-फुदक - गिलहरी कभी इधर से और कभी उधर से कुदक-फुदक कर घरों में जाती है।
(ii) चिथड़ा-गुदड़ा - गिलहरी को चिथड़ा-गुदड़ा, आदि जो भी मिल जाता है वह उसे ले आती है।
(iii) देख-भाल - गिलहरी ने बहुत देख-भाल के बाद एक पेड़ में खाली कोटर पाया।
2. चित्र देखकर दो-दो वाक्य लिखिए-
इस चित्र में
(i) एक शेर अपनी गुफा में बैठा है।
(ii) शेर जंगल का राजा होता है।
इस चित्र में
(i) एक चूहा अपने बिल से निकल रहा है।
(ii) चूहे कपड़े काट-कुतर देते हैं।
3. सही शब्द चुनकर लिखिए -
शब्द समूह ----------- सही शब्द
सुतली/सूतली ------- सुतली
सुनायेगी/सूनायेगी ---- सुनायेगी
गीलहारी/गिलहरी ---- गिलहरी
बिस्तर / बीस्तर ------ बिस्तर
फूदक/फुदक -------- फुदक
चीथड़ा / चिथड़ा ------ चिथड़ा
4. नीचे लिखे वाक्यों को पढ़िए और कहानी के कम में लिखिए।
(क) वह अपने बच्चों को उस घर में सुलाएगी।
(ख) उनसे वह अपना घर बना रही है।
(ग) गिलहरी चिथड़े-गुदड़े और सुतली लाई।
सही क्रम
(ख) उनसे वह अपना घर बना रही है।
(ग) गिलहरी चिथड़े-गुदड़े और सुतली लाई।
(क) वह अपने बच्चों को उस घर में सुलाएगी।
योग्यता विस्तार
1. दी गई कविता को याद कीजिए और बाल सभा में सुनाइए।
काली-काली धारी वाली
पेड़ों पर चढ़ जाने वाली,
चिक-चिक चिक-चिक गाने वाली,
सबका मन ललचाने वाली।
आँगन में आ गई गिलहरी,
बच्चों को भा गई गिलहरी,
कुतर- कुत्तर कर मीठे-मीठे
सारे फल खा गई गिलहरी।
टीप - उक्त कविता को विद्यार्थी का कंठस्थ याद कर लें फिर बाल-सभा में सुनाएँ।
2. यदि आपको अपना घर बनाना हो तो आप क्या-क्या सामान लाओगे, चर्चा कीजिए।
टीप - हम अपना घर बनाने के लिए मिट्टी, लकड़ी, खपरैल, बांस, दरवाजा, खिड़की या ईंट, सीमेंट, लोहा आदि लायेंगे।
3. चिड़िया, मोर और खरगोश जैसे नटवर जीवों से संबंधित कविताएँ संकलित कीजिए।
टीप - विद्यार्थियों को चिड़िया, मोर और खरगोश जैसे जीवों से संबंधित कविताएँ जमा कर कक्षा में दिखाना चाहिए।
सुवाक्य - "अपने सुख को विस्तृत कर लो, जग को सुखी बनाओ।"
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1. पाठ 1 'प्रार्थना - "वह शक्ति हमें दो दयानिधे" प्रसंग संदर्भ सहित व्याख्या एवं बोध प्रश्न
2. पाठ 2 'मैं हूँ नीम' पाठ का सारांश एवं अभ्यास
3. पाठ - 3 श्रवण कुमार - पाठ का सारांश एवं सम्पूर्ण पाठ, अभ्यास- बोध प्रश्न एवं भाषा अध्ययन
4. पाठ 1 प्रार्थना महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
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(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)
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