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पाठ - 3 श्रवण कुमार पाठ का सारांश एवं सम्पूर्ण पाठ || अभ्यास बोध प्रश्न एवं भाषा अध्ययन

पाठ का सारांश

अयोध्या राज्य में श्रवण कुमार नाम का एक बालक अपने अंधे माता-पिता के साथ रहता था। एक दिन श्रवण के माता पिता ने तीर्थ यात्रा करने की इच्छा प्रकट की। श्रवण कुमार दीन था और वह किसी वाहन से अपने माता-पिता को यात्रा नहीं करा सकता था और उस जमाने में आज की तरह यातायात के साधन भी नहीं थे। श्रवण कुमार ने उपाय सोचा और एक बहँगी (काँवर) की तैयार की जिसमें अपने अंधे माता पिता को बिठाकर सारे तीर्थों की यात्रा कराया। अयोध्या नगरी की ओर लौटते समय एक नदी के किनारे पर माता-पिता को प्यास लगने पर पानी लेने गया। वहीं झुरमुट में बैठे राजा दशरथ ने जानवर की आवाज समझ कर शब्द-वेधी बाण चला दिया जिससे श्रवण कुमार घायल हो गये। जब दशरथ ने देखा कि एक निरअपराध बालक घायल हुआ है तो उन्हें पश्चाताप हुआ। श्रवण कुमार ने अपने प्यासे माता-पिता को पानी पिला देने को कहा और वे स्वर्ग सिधार गए। श्रवण कुमार के कहने पर राजा दशरथ उनके अंधे माता पिता को पानी लाने के लिए गए किंतु दुख से व्याकुल श्रवण कुमार के माता पिता ने राजा दशरथ को श्राप दे दिया कि जिस तरह से आज हम पुत्र वियोग में मर रहे हैं उसी तरह से एक दिन तुम भी पुत्र वियोग में ही मरोगे और बाद में भगवान श्री राम के वन जाने पर दशरथ को पुत्र वियोग में प्राण त्यागने पड़े थे। श्रवण कुमार मातृ-पितृ भक्त होने के कारण उसके कीर्ति आज भी अमर है।

इन👇 पाठों को भी पढ़े।
1. पाठ 1 'प्रार्थना - "वह शक्ति हमें दो दयानिधे" प्रसंग संदर्भ सहित व्याख्या एवं बोध प्रश्न
2. पाठ 2 'मैं हूँ नीम' पाठ का सारांश एवं अभ्यास

सम्पूर्ण पाठ

श्रवण कुमार अयोध्या राज्य का रहने वाला था। उसके पिता का नाम शान्तनु तथा माता का नाम भाग्यवती था। दोनों वृद्ध और नेत्रहीन थे। श्रवण कुमार उनका इकलौता पुत्र था। वह अपने माता-पिता की खूब सेवा करता था। वह प्रतिदिन रात्रि में उन्हें सुलाकर ही स्वयं सोता। एक बार उनके माता-पिता ने तीर्थ-यात्रा करने की इच्छा व्यक्त की।

श्रवण के सामने यह समस्या थी कि वह उन्हें यात्रा कैसे कराए ? उस समय आजकल की तरह आवागमन की सुविधा नहीं थी। उसने एक उपाय सोचा। उसने एक बहँगी (काँवर) बनाई। बहँगी के एक पलड़े में पिता को तथा दूसरे में माता को बैठा कर वह तीर्थ यात्रा के लिए चल पड़ा।

अनेक तीर्थों का भ्रमण करते हुए उसने अपने नेत्रहीन माता-पिता को पवित्र नदियों में स्नान कराया। श्रवण कुमार तीर्थ यात्रा पूरी कर अयोध्या लौट ही रहा था, तभी घटना घटी। श्रवण कुमार अपने माता-पिता के लिए पीने का पानी लेने नदी पर गया वहाँ अयोध्या के राजा दशरथ सरयू नदी के किनारे पेड़ों के झुरमुट में छिप कर खड़े थे। उन्हें पानी में डब-डब की आवाज सुनाई दी। उन्होंने इसे किसी जानवर की आवाज समझ कर शब्द-वेधी बाण चलाया। बाण किसी प्राणी को जाकर लगा। उन्हें एक चीख सुनाई दी।

राजा दशरथ जब उस स्थान पर पहुँचे तो उन्होंने देखा कि उनके बाण से एक युवक घायल होकर छटपटा रहा है। चोट गहरी थी। यह देखकर राजा को बहुत दुःख हुआ। राजा ने अपने हाथ से उसके शरीर से तीर निकाला और युवक का नाम पूछा युवक ने अपना नाम बताकर कहा कि पास ही उसके माता-पिता बैठे हैं। वे नेत्रहीन हैं। उन्हें प्यास लगी है। कृपया उन्हें जल पिला दें। वे मेरी प्रतीक्षा कर रहे हैं। अपने माता-पिता के इस परम भक्त का नाम श्रवण कुमार था। श्रवणकुमार ने महाराज दशरथ से माता-पिता को पानी पिलाने का अनुरोध किया ओर प्राण त्याग दिए। अपनी भूल पर पछताते हुए राजा दशरथ श्रवण के माता-पिता के पास जल लेकर आए। उन्हें सारी घटना बताकर जल पीने के लिए कहा। राजा दशरथ की बात सुनकर श्रवण के माता पिता पुत्र वियोग से व्याकुल हो उठे। उन्होंने दुखी मन से राजा को श्राप दिया कि जिस प्रकार हम पुत्र वियोग में अपने प्राण त्याग रहे हैं उसी प्रकार तुम भी पुत्र वियोग में अपने प्राण त्यागोगे। इसी श्राप के कारण दशरथ को पुत्र (श्रीराम) के वियोग में अपने प्राण त्यागने पड़े थे। इस घटना को बीते सैकड़ों वर्ष हो गए पर श्रवण कुमार की कीर्ति आज भी अमर है। अपने माता-पिता की सेवा कर श्रवण कुमार ने 'मातृ देवो भव, पितृ देवो भव', 'आचार्य देवोभव' के आदर्श को अपने जीवन में अपनाया । आज भी उनका चरित्र माता-पिता की सच्ची सेवा की प्रेरणा देता है।

महात्मा गाँधी ने अपने बचपन में श्रवणकुमार नाटक देखा था। उनके जीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा था।

कक्षा 5 हिन्दी के इन 👇 पाठों को भी पढ़ें।
1. पाठ 1 'पुष्प की अभिलाषा' कविता का भावार्थ
2. पाठ 1 'पुष्प की अभिलाषा' अभ्यास (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण
3. पाठ 2 'बुद्धि का फल' कक्षा पाँचवी
4. पाठ 3 पं. ईश्वरचन्द्र विद्यासागर अभ्यास कार्य (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण
5. पाठ 4 'हम भी सीखें' कविता का भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर

शब्दार्थ

झुरमुट = पास-पास उगे हुए पेड़ों या झाड़ियों का झुण्ड।
शब्दवेधी बाण = केवल शब्द सुनकर बिना देखे ही लक्ष्य पर मारा जाने वाला बाण।
प्रतीक्षा = इन्तजार।
नेत्रहीन = अन्धा, जो देख नहीं सकता हो।
इकलौता = एकमात्र
आवागमन = आना-जाना
अनुरोध = विनय, प्रार्थना
वियोग = विरह, अभाव
व्याकुल = घबराया हुआ।
कीर्ति = यश, ख्याति, प्रसिद्ध।
प्रेरणा = किसी काम के लिए प्रेरित करना।

कक्षा 5 हिन्दी के इन 👇 पाठों को भी पढ़ें।
1. पाठ 5 ईदगाह अभ्यास
2. पाठ - 6 पन्ना का तत्याग भावार्थ
3. पाठ 6 'पन्ना का त्याग' अभ्यास - प्रश्नोत्तर
4. भाषा अध्ययन (व्याकरण) - शुद्ध शब्द, तुकांत, पर्यायवाची, विलोम, अनेकार्थी शब्द
5. पाठ-7 'दशहरा' पाठ का सारांश, प्रश्नोत्तर (अभ्यास)

अभ्यास
बोध प्रश्न

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए–
(क) राजा दशरथ ने श्रवणकुमार को क्या समझकर बाण मारा था?
उत्तर – राजा दशरथ ने श्रवणकुमार को कोई जानवर समझकर बाण मारा था।

(ख) राजा दशरथ क्यों पछताए?
उत्तर – राजा दशरथ के हाथों एक निर्दोष बालक की हत्या हो जाने के कारण पछताए।

(ग) बाण लगने के बाद श्रवण कुमार ने राजा दशरथ से क्या कहा?
उत्तर – बाण लगने के बाद श्रवण कुमार ने राजा दशरथ से उसके अंधे माता पिता को पानी पिलाने के लिए कहा।

(घ) श्रवण कुमार के माता-पिता ने राजा को क्या श्राप दिया?
उत्तर – श्रवण कुमार के माता-पिता ने राजा को पुत्र वियोग में ही तड़पकर मरने का श्राप दिया।

(ङ) श्रवणकुमार का नाम आज भी आदर से क्यों लिया जाता है?
उत्तर – श्रवण कुमार का नाम आज भी आदर के साथ माता पिता की सेवा करने के कारण लिया जाता है।

(च) श्रवणकुमार ने माता-पिता को तीर्थ यात्रा कराने के लिए क्या उपाय किया?
उत्तर – श्रवण कुमार ने माता-पिता को तीर्थ यात्रा कराने के लिए एक बहँगी (काँवर) तैयार करने का उपाय सोचा।

2. दिए गए शब्दों से खाली स्थान भरिए–
(क) राजा दशरथ झुरमुट में खड़े थे। (खड़ा / खड़े)
(ख) बाण से घायल बालक छटपटा रहा था। (रहा/रहे)
(ग) पास ही श्रवण के माता-पिता बैठे हैं। (बैठा/बैठे)
(घ) दोनों वृद्ध नेत्रहीन थे। (थे / था)।
(ड) माता -पिता पुत्र वियोग में व्याकुल हो उठे।(उठा / उठे)

3. सही विकल्प चुनिए–
(क) श्रवण कुमार रहने वाले थे-
(1) मथुरा के
(2) अयोध्या के
(3) उज्जैन के
(4) चित्रकूट के
उत्तर – (2) अयोध्या के
(ख) श्रवण कुमार के माता-पिता का नाम था-
(1) दशरथ-कौशल्या
(2) शान्तनु-भाग्यवती
(3) वासुदेव देवकी
(4) अर्जुन-सुभद्रा
उत्तर – (2) शान्तनु-भाग्यवती
(ग) श्रवण कुमार अपने माता-पिता को तीर्थ यात्रा कराने ले गए-
(1) बैलगाड़ी से
(2) बहॅगी (कॉवर) से
(3) जहाज से
(4) कार से
उत्तर – (2) बहॅगी (कॉवर) से

कक्षा 5 हिन्दी के इन 👇 पाठों को भी पढ़ें।
1. भाषा अध्ययन (व्याकरण) - शुद्ध शब्द, संयुक्ताक्षर, प्रश्नवाचक एवं संदेहवाचक वाक्य, प्रत्यय जोड़कर संज्ञा से विशेषण बनाना
2. योग्यता विस्तार - दशहरा एवं दीपावली पर्व की जानकारी, रामचरितमानस राम का चरित्र, राम प्रसाद 'बिस्मिल'
3. 'छत्रपति शिवाजी' (चित्रकथा) पाठ का सारांश एवं सम्पूर्ण पाठ कक्षा 5 भाषा भारती पाठ 8 प्रश्नोत्तर
4. भाव वाचक संज्ञा | भाषा अध्ययन (व्याकरण) योग्यता विस्तार | पाठ 8 छत्रपति शिवाजी | कक्षा 5 भाषा भारती
5. पाठ 9 रम्मो और कल्लो - पाठ का सारांश एवं सम्पूर्ण पाठ, अभ्यास- बोध प्रश्न
6. पाठ 9 'रम्मो और कल्लो' भाषा भारती कक्षा- 5 भाषा अध्ययन (व्याकरण), अकर्मक एवं सकर्मक क्रिया
7. पाठ 10 'नीति के दोहे' संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या एवं अभ्यास

भाषा अध्ययन

1. नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित शब्दों के सही अर्थ चुनकर लिखिए–
जैसे–
1. श्रवण कुमार की कीर्ति आज भी अमर है।
2 . हमें ज्ञान की बातें श्रवण करना चाहिए।
इन वाक्यों में श्रवण शब्द के दो अर्थ-
अ. श्रवण - व्यक्ति का नाम
ब. श्रवण - सुनना
1. हमें रात में जल्दी सोना चाहिए।
2. आजकल सोना बहुत महँगा है।
अ. सोना - नींद लेना
ब. सोना - स्वर्ण
1. दीपक जल उठे।
2. आँखों में जल भर आया।
अ. जल - प्रज्वलित होना।
ब. जल - पानी, आँसू
1. आज जाना जरूरी है, मगर मैं नहीं जा सकता।
2. मैंने तालाब में मगर देखा।
अ. मगर - किंतु, लेकिन
ब. मगर - एक जानवर का नाम
1. हिमालय उत्तर दिशा में है।
2. कक्षा में बच्चों ने पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दिये।
अ. उत्तर – एक दिशा
ब. उत्तर – जवाब
यह भी जानिए–
एक से अधिक अर्थ वाले शब्दों को अनेकार्थी शब्द कहते हैं।

2. निम्नलिखित शब्दों का उच्चारण कीजिए और लिखिए-
दशरथ
शब्द-वेधी
तीर्थ यात्रा
प्रतीक्षा
नेत्रहीन
परमभक्त
श्रवणकुमार
श्राप
विद्यार्थी गण उक्त शब्दों का सही सही उच्चारण करके अभ्यासिका में लिखें।

3. 'डब-डब' नदी से बर्तन में पानी भरते समय ये आवाज आई। नीचे लिखे वाक्यों को ध्यान से पढ़िए आपस में चर्चा कीजिए और लिखिए-
(क) बहते पानी की आवाज जैसे – कल-कल, झर-झर
(ख) तेज हवा चलने की आवाज जैसे – सर-सर
(ग) तेज वर्षा गिरने की आवाज जैसे – टप-टप

4. पाठ में से संज्ञा शब्द चुनकर लिखिए-
व्यक्तियों के नाम - श्रवण कुमार, शान्तनु, भाग्यवती, दशरथ, श्री राम
वस्तुओं के नाम - काँवर, बहँगी, लोटा, बाण, तीर
स्थानों के नाम - अयोध्या, तीर्थ
'मातृदेवो भव, पितृ देवो भव, आचार्य देवो भव' के आदर्श पर आधारित

कक्षा 2 के इन पाठों 👇 को भी पढ़ें।
1. 'प्रार्थना' एवं "अपने बारे में बताओ" - भाषा भारती कक्षा 2
2. पाठ 1 प्रातःकाल भाषा भारती (हिन्दी) कक्षा 2

योग्यता विस्तार

'मातृदेवो भव, पितृ देवो भव, आचार्य देवो भव' के आदर्श पर आधारित कहानी, कविता पुस्तकालय से खोजकर पढ़िए व कक्षा में सुनाइए।
राजा दशरथ के पुत्रों के नाम पता कीजिए।
राजा दशरथ के चार पुत्रों के नाम श्री राम, लक्ष्मण, भरत एवं शत्रुघ्न थे।
शब्द अन्त्याक्षरी खेलिए-
जैसे- राजा, जामुन, नदी, दीपक, कमल, लड़की आदि।

इन 👇 मजेदार पाठों को भी पढ़िये।
1. जिसने सूरज चाँद बनाया भावार्थ एवं अभ्यास
2. पाठ-19 दिन निकला 'बड़े सबेरे मुरगा बोला'
3. पुरानी कविता- पाठ 26 अम्मा (हमारे विद्यार्थी जीवन की याद)
4. कक्षा 1 गणित Chapter 1 TLM से 'अंदर-बाहर' की अवधारणा
5. Lesson 1 Let's Sing Class 1st English Reader

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com

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