पाठ - 2 'मैं हूँ नीम' सारांश एवं सम्पूर्ण पाठ, अभ्यास एवं भाषा अध्ययन || कक्षा 3 भाषा भारती || "Mai Hu Neem"
पाठ का सारांश
नीम का पेड़ हर जगह पाया जाता है। नीम की दातुन कड़वी होती है किंतु दाँतों के लिए बहुत लाभकारी होती है। यह पेड़ हमारे जीवन भर काम आता है, इसे काटना नहीं चाहिए। नीम छाया प्रदान करने के साथ साथ शुद्ध हवा भी देता है। इसकी सूखी पत्तियों को अनाज एवं कपड़ों में रखा जाता है जिससे कीड़े नहीं लगते हैं। नीम की पत्तियों को जलाने से मच्छर दूर रहते हैं। नीम के फल को निबौरी कहा जाता है। जिसकी गुठली का तेल निकालकर उससे साबुन एवं अन्य औषधियाँ बनाई जाती हैं। इसके अलावा नीम के विभिन्न भाग जैसे- जड़, छाल, डाली, पत्ती, फूल, फल सभी दवाइयों के काम में आते हैं। यह पेड़ बुखार, फोड़े-फुंसी एवं अन्य रोगों को दूर करने का कार्य करता है। इसलिए इसे बीमारियों को दूर करने वाला पेड़ कहा जाता है।
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पाठ 1 'प्रार्थना - "वह शक्ति हमें दो दयानिधे" प्रसंग संदर्भ सहित व्याख्या एवं बोध प्रश्न
सम्पूर्ण पाठ
मैं नीम का पेड़ हूँ। आपने मूझे जरूर देखा होगा। मैं गाँव से लेकर शहर तक हर जगह मिलता हूँ। यह सच है कि आज भी सुबह-सुबह दातुन के लिए मेरा नाम लिया जाता है। मेरी दातुन कड़वी तो जरूर होती है पर दाँतों के लिए बहुत लाभकारी होती है। इससे दाँत मजबूत होते हैं ओर उनमें कीड़ा भी नहीं लगता।
मेरी पत्तियाँ इतनी घनी होती हैं कि सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुँच पाती। मेरी सघन शीतल छाया में बच्चे खेलते और पशु आराम करते मिल जाते हैं। गाँव में बड़े बूढ़ों की चौपाल मेरे ही नीचे जमती है।
मैं ऐसा पेड़ हूँ जो जीवन भर आपके काम आता हूँ. पर मुझे खेद है कि कुछ लोग मुझे बिना सोचे-समझे निरंतर काटते जा रहे हैं जिससे मेरी संख्या दिन-पर-दिन घटती जा रही है।
मैं चाहता हूँ आप मुझे बहुत करीब से जानें, समझे और मुझे बचाने का प्रयास करें। आप जानते हैं कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुद्ध- हवा बहुत जरूरी है। मैं आपको बताऊँ-मेरी पत्तियों पर जैसे ही सूर्य की किरणें पड़ती हैं ये हवा को शुद्ध कर देती हैं।
आपने अक्सर अम्मा को अनाज रखते समय मेरी सूखी पत्तियाँ डालते देखा होगा। ऐसा करने से अनाज में कीड़े नहीं लगते। इसी प्रकार सन्दूक में गरम कपड़ों के बीच मेरी सूखी पत्तियाँ रख देने से गरम कपड़ों में कीड़ा नहीं लगता। एक बात और बता दूँ कि जब मच्छर आपको परेशान करने लगे तो आप मेरी सूखी पत्तियाँ जला दें। मच्छर तो मच्छर हवा में उड़ने वाले छोटे-छोटे अन्य जीव-जन्तु तक भाग जाएँगे।
मेरे पेड़ पर फूल और फल भी लगते हैं। मेरे फल को निबौरी कहते हैं। मेरे फूल और निबौरी भी बहुत काम की चीजें है। इन्हें खाने से पेट की कई बीमारियाँ दूर हो जाती हैं। निबौरी की गुठली से तेल निकलता है। इस तेल से साबुन बनाते हैं। निबौरी की गुठली का तेल और इस तेल से बना 'साबुन' फोड़े-फुंसियों को ठीक कर देता है। हाँ, तेल बनाने के बाद जो खली बचती है वह खाद के काम आती है। बच्चों को फुंसियाँ बहुत तंग करती हैं। अगर फुंसियों पर मेरी छाल घिस कर लगा दे तो ये फुंसियाँ बिलकुल ठीक हो जाएँगी।
लो जल्दी-जल्दी में मैं यह बताना भूल ही गया कि जब कभी बुखार आ जाए, मेरी जड़ को पानी में उबालकर पी लेने से बुखार सिर पर पैर रख कर भागेगा।
देखा आपने! मेरे सभी अंग- जड़, तना, शाखा, पत्ती, फूल किसी न किसी काम में लाए जाते हैं। अब तो आप जान गए, मैं बीमारियों को भगाने वाला पेड़ हूँ। क्या गाँव, क्या शहर-सब जगह लोग मुझे लगाते हैं और मेरी ठंडी छाया में बैठकर सुखी होते हैं।
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5. पाठ 4 'हम भी सीखें' कविता का भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर
शब्दार्थ
सघन = घना
खेद = दुःख
प्रयास = प्रयत्न, कोशिश
अक्सर = प्रायः अधिकतर
चौपाल = पंचायत की जगह, चौरा
गुठली = बीज
शीतल = ठंडा
निरंतर = लगातार
शुद्ध = स्वच्छ, साफ, निर्मल
तंग = परेशान
लाभकारी = फायदेमन्द
अभ्यास
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए–
क. नीम की सूखी पत्तियाँ गरम कपड़ों के बीच क्यों रखते हैं?
उत्तर– नीम की सूखी पत्तियों को गर्म कपड़ों के बीच इसलिए रखा जाता है ताकि उनमें किसी तरह के कीड़े न लगे।
ख. नीम की दातुन करने से क्या लाभ है?
उत्तर– नीम की दातुन से दाँत साफ होते हैं। साथ ही दातों में किसी तरह का रोग एवं कीड़े नहीं लगते हैं।
ग. नीम के तेल से क्या-क्या बनाया जाता है?
उत्तर– नीम के तेल से साबुन एवं औषधियाँ बनाई जाती हैं।
घ. नीम की जड़ को पानी में उबालकर पीने से क्या लाभ होता है?
उत्तर– नीम की जड़ को पानी में उबालकर पीने से बुखार उतर जाता है।
ङ . नीम की सूखी पत्तियाँ क्यों जलाते हैं?
उत्तर– नीम की सूखी पत्तियाँ जलाने से मच्छर और हवा में उड़ने वाले अन्य कीड़े-मकोड़े भाग जाते हैं।
च. नीम को बीमारियाँ भगाने वाला पेड़ क्यों कहते हैं?
उत्तर– नीम को बीमारियाँ भगाने वाला पेड़ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसकी पत्तियाँ, डालियाँ, जड़, छाल, फल सभी अवधि के रूप में प्रयोग किए जाते हैं।
2. नीचे लिखे वाक्यों के सामने सही (√) या गलत (x) का चिह्न लगाइए–
क. नीम के फल से साबुन बनता है। (×)
ख. नीम की सूखी पत्तियाँ जलाने से मच्छर भाग जाते हैं। (√)
ग. अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुद्ध हवा जरूरी नहीं है। (×)
घ. नीम की छाल पानी में घिस कर लगाने से फुंसियाँ ठीक हो जाती हैं। (√)
3. खाली स्थान भरिए–
अ. निबौरी की गुठली से तेल निकलता है।
आ. अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुद्ध हवा जरूरी है।
इ. मेरी सूखी पत्तियाँ रखने से गरम कपड़ों में कीड़ा नहीं लगता।
ई. मेरी पत्तियाँ इतनी घनी होती है कि सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुँच पाती।
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4. भाषा अध्ययन (व्याकरण) - शुद्ध शब्द, तुकांत, पर्यायवाची, विलोम, अनेकार्थी शब्द
5. पाठ-7 'दशहरा' पाठ का सारांश, प्रश्नोत्तर (अभ्यास)
6. भाषा अध्ययन (व्याकरण) - शुद्ध शब्द, संयुक्ताक्षर, प्रश्नवाचक एवं संदेहवाचक वाक्य, प्रत्यय जोड़कर संज्ञा से विशेषण बनाना
7. योग्यता विस्तार - दशहरा एवं दीपावली पर्व की जानकारी, रामचरितमानस राम का चरित्र, राम प्रसाद 'बिस्मिल'
भाषा अध्ययन
1. पढ़िए, समझिए और लिखिए–
नाली – नालियाँ
एकवचन - बहुवचन
बूटी – बूटियाँ
निबौरी – निबौरियाँ
गुठली – गुठलियाँ
पत्ती – पत्तियाँ
2. नीचे दिए उदाहरण के अनुसार पाठ में आए शब्दों को छाँटकर लिखिए–
सुबह-सुबह, छोटे-छोटे, जल्दी-जल्दी
पुनरुक्त शब्द– ऊपर दिए गए शब्द जो कि एक साथ दो बार आए हैं। ऐसे शब्दों को पुनरुक्त शब्द कहा जाता है।
3. पढ़िए, समझिए और लिखिए–
रात – सुबह ––– रात – दिन
धूप – कडवी ––– धूप – छाया
अशुद्ध – सूखी –– अशुद्ध – शुद्ध
गीली – गरम ––– गीली – सूखी
मीठी – शुद्ध ––– मीठी – कडवी
ठंडी – छाया ––– ठंडी – गरम
शाम – दिन ––– शाम – सुबह
यह भी जानिए- विलोम शब्द– बहुत से शब्द ऐसे होते हैं, जो विपरीत अर्थ को प्रकट करते हैं उन्हें विलोम शब्द कहते हैं।
4. निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
गाव - गाँव
दात – दाँत
साबून – साबुन
कडवी – कड़वी
बीमारिया – बिमारियाँ
पेड – पेड़
मचछर – मच्छर
सुर्य – सूर्य
नीबौरी – निबौरी
फुंसिया – फुंसियाँ
5. चित्र में देखिए और लिखिए–
पशु-पक्षियों/ व्यक्तियों के नाम
चिड़िया
राजू
मनु
माँ
कुत्ता
लड़के
विद्यार्थी
औरत
डाकिया (पोष्ट-मेन)
गाय
बैल
वस्तुओं के नाम
जूता
हवाई जहाज
स्कूटर
आटो-रिक्शा
बस
ट्रक
वैन
अमरुद
सेव
केला
भटा
आम
अंगूर
तरबूज
मूली
शलजम
भिण्डी
टमाटर
चीकू
मटर
गोभी
स्थान के नाम
रतनपुर
पशु चिकित्सालय
पाठशाला
डाकघर
कुआँ
घर
यह भी जानिए- संज्ञा– "किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम को संज्ञा कहते हैं।"
योग्यता विस्तार
1. कक्षा में अभिनय कीजिए–
मैं हूँ नीम
मैं हूँ अमरूद
मैं हूँ पतंग
मैं हूँ रसगुल्ला
विद्यार्थी कक्षा में या बालसभा के समय उक्त का अभिनय करके दिखा सकते हैं। इसके लिए पर्याप्त तैयारी करने की आवश्यकता होगी।
2. अपने आस-पास पाए जाने वाले फल देने वाले पेड़-पौधें के नाम लिखिए।
हमारे आसपास अमरूद, पपीता, बेर, सीताफल, जामुन, आम, केला, अनार आदि हैं।
3. किन्हीं तीन पेड़-पौधों के नाम बताइए जो दवाई के काम आते हैं।
(i) तुलसी (ii) हल्दी (iii) अर्जुन (कौआ)
चित्र में एक बगीचा है। बगीचे में रंग-बिरंगे फूल खिले हुए हैं। फूलों पर तितलियाँ मंडरा रही हैं। तितलियाँ बहुत ही सुन्दर लग रही हैं। बगीचे में एक बालक और बालिका घूम रहे हैं। वे फूलों और तितलियों को देखकर खुश हो रहे हैं।
सुवाक्य
"पेड़ अपने सिर पर गर्मी सह लेता है लेकिन अपनी छाया द्वारा औरों को गर्मी से बचाता है।"
यदि आप इसी प्रश्न पत्र (11 अप्रैल 2020) के इन प्रकरणों से संबंधित सवालों का अध्ययन करना चाहते हैं तो इन पर क्लिक करें।👇
(i) प्रतिशत (percentage) के सवाल.
(ii) व्यंजकों का सरलीकरण के सवाल.
(iii) लाभ प्रतिशत हानि प्रतिशत के सवाल.
(iv) आयत एवं वर्ग से संबंधित के सवाल.
(v) व्यंजकों का सरलीकरण के सवाल.
(vi) भिन्न आधारित प्रश्न.
(vii) संख्याओं पर आधारित प्रश्न.
(viii) JNVS 2020 HCF एवं LCM, आयतन, समय, ब्याज एवं परिमाप संबंधित सवाल
आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
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(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
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R F Temre
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