
जानिए आपके जिले की शिक्षा के क्षेत्र में क्या है रैंकिंग || राज्य शिक्षा केन्द्र ने जारी की जिलों की रैंकिंग District Report Card Elementary Education AY 2021-22
राज्य शिक्षा केन्द्र मध्यप्रदेश भोपाल के द्वारा समग्र शिक्षा अभियान, मध्य प्रदेश जिला रिपोर्ट कार्ड प्रारंभिक शिक्षा AY 2021-22 (Samagra Shiksha Abhiyan, Madhya Pradesh District Report Card Elementary Education AY 2021-22) जारी किया गया है।
राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक सम्मानीय श्री धनराजू एस ने एजुकेशन पोर्टल पर कक्षा पहली से आठवीं तक की शासकीय शालाओं के लिए जिलों की रैंकिंग जारी की है। शैक्षणिक सत्र 2021-22 में प्रदर्शन के आधार पर प्रदेश के सभी 52 जिलों की प्रावधिक रैंकिंग जारी की गई है। जारी रैंकिंग में 7 प्रमुख घटकों के लिए शिक्षा विभाग की अपेक्षाओं के अनुरूप अंक निर्धारित किए गए है।
क्रमांक | घटक | निर्धारित |
---|---|---|
1. | नामांकन और ठहराव (Enrolment & Retention) | 21 अंक |
2. | सीखने के परिणाम और गुणवत्ता (Learning Outcome & Quality) | 21 अंक |
3. | शिक्षक व्यावसायिक विकास (Teacher Professional Development) | 10 अंक |
4. | समता (Equity) | 10 अंक |
5. | बुनियादी ढाँचा और सुविधा (Infrastruct are and Facilities) | 13 अंक |
6. | शासन प्रक्रियाओं और वित्तीय प्रबंधन (Governance processes & Financial Management) | 20 अंक |
7. | पढ़ना-लिखना अभियान [Adult Literacy (Padhna Likhne Abhiyan)] | 5 अंक |
RSK द्वारा जारी रैंकिंग में पहला स्थान जिला छिन्दवाड़ा को 77.76 अंकों के साथ ग्रेड 'A' प्राप्त हुआ है।
दूसरे स्थान पर बालाघाट 72.04 अंकों और ग्रेड 'B' पर काबिज हुआ है।
जबकि 71.67 अंकों व ग्रेड 'B' के साथ तीसरा स्थान नीमच को मिला है।
इसी क्रम में सीहोर (SEHOR), नरसिंहपुर (NARSINGHPUR), दमोह (DAMOH), बैतूल (BETUL), शाजापुर (SHAJAPUR), शहडोल (SHAHDOL) और मुरैना (MORENA) को रैंक मिली है।
हमारे सिवनी (SEONI) जिले को 67.61 अंकों के साथ "B" ग्रेड प्राप्त हुआ है।
जारी की गई इस रैंकिंग में अंतिम के तीन स्थानों पर ग्रेड "D" के साथ 50 वें स्थान पर रतलाम, 51 वें स्थान पर गुना और अंतिम 52 वें स्थान अलीराजपुर जिले है।
संचालक सम्माननीय श्री धनराजू द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि प्रारंभिक शिक्षा की तर्ज पर ही कक्षा 9 वीं से 12 वीं के लिए भी सभी जिलों की रैंकिंग जारी की जायेगी। इसके लिए लोक शिक्षण द्वारा ग्रेडिंग पैरामीटर्स विकसित किए जा रहे हैं। इस तरह इन दोनों रैंकिंग के आधार पर शिक्षा विभाग की समेकित रैंकिंग का आकलन भी किया जाएगा।
रैंकिंग के आधार पर प्राथमिकता के अनुसार समसामायिक रूप से परिवर्तन किए जाते रहेंगे। इस तरह समग्र शिक्षा योजना में संचालित कार्यक्रम और गतिविधियों के साथ ही छात्रों के सीखने के प्रतिफल, शिक्षकों की क्षमता संवर्धन, शालाओं में उपलब्ध संसाधन और विभिन्न मूल्यांकनों में शालाओं के प्रदर्शन आदि को ध्यान में रखते हुए प्रदर्शन आधारित रैंकिंग तैयार की गई है।
जिलों की रैंकिंग के 7 प्रमुख घटक - नामांकन और ठहराव घटक में पहली कक्षा में विद्यार्थी का एनरोलमेंट, कक्षा पाँचवीं से छठवीं में विद्यार्थी के प्रवेश का प्रतिशत और विद्यार्थी की शाला छोड़ने की दर को महत्व दिया गया है। सीखने के परिणाम और गुणवत्ता घटक में विद्यार्थियों का विद्यालय, राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण और नेशनल मींस कम मेरिट स्कॉलरशिप में प्रदर्शन के साथ कक्षा पाँचवीं और आठवीं में "A" और "A+" ग्रेड लाने वाले विद्यार्थियों के प्रतिशत को ध्यान में रखा गया है। समता घटक में समाज के कमजोर वर्ग अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों का कक्षा पाँचवीं और आठवीं में प्रदर्शन के साथ दिव्यांग विद्यार्थियों के पहचान और प्रोफाइल अपडेशन, सुविधाएँ और प्रदर्शन को ध्यान में रखा गया है। इसी तरह बुनियादी ढाँचा और सुविधा में शालाओं में रैंप और बिजली की सुविधा, स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार में शालाओं का प्रतिशत और सिविल वर्क के पूर्ण करने को महत्व दिया है। शिक्षक व्यावसायिक विकास घटक में शिक्षकों का NISTHA FLN सर्टिफिकेशन में प्रतिशत और राज्य स्तरीय टीएलएम मेला में शिक्षकों की भागीदारी को ध्यान में रखा गया है। शासन प्रक्रियाओं और वित्तीय प्रबंधन घटक में सीएम हेल्पलाइन कंप्लेंट, सीआरसी और बीआरसी द्वारा विद्यालयों का निरीक्षण, कम नामांकन वाली शालाएँ और वित्तीय कुशलता का मापन किया जायेगा। इसी तरह पढ़ना-लिखना अभियान घटक में अभियान के तहत जिले में वॉलंटियर के रजिस्ट्रेशन और मूल्यांकन में नव साक्षर की सहभागिता का मूल्यांकन किया जायेगा।
शालाओं की रैंकिंग प्रणाली का विकास - मुख्यमंत्री सम्माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान के शासकीय शालाओं की रैंकिंग प्रणाली विकसित करने और सीएम डैशबोर्ड में प्रदर्शित करने के निर्देश पर अमल करते हुए राज्य शिक्षा केंद्र ने प्रावधिक रैंकिंग जारी की हैं। जिलों की रैंकिंग में शाला, विद्यार्थी, शिक्षक और प्रबन्धन कार्य प्रमुख केन्द्र रहे है। सभी जिला कलेक्टर्स से सुधारात्मक सुझाव एवं आपत्तियाँ प्राप्त की जायेंगी। जिलों से प्राप्त सुझावों एवं आपत्तियों के आधार पर आवश्यक संशोधनों के बाद अंतिम रूप से जिलों की रैंकिंग निर्धारित कर सीएम डैशबोर्ड पर प्रदर्शित की जायेगी।
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R. F. Tembhre
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