
प्रोजेक्ट कार्य कक्षा 5 विषय गणित वार्षिक परीक्षा 2023 || Project work Maths Class 5th
क्र./रा.शि.के / मूल्यांकन / परीक्षा / 2022-23/6704 भोपाल, दिनांक: 30-11-22 के अनुसार कक्षा 5 व 8 की वार्षिक परीक्षा सत्र 2022-23 हेतु पाठ्यक्रम आंतरिक मूल्यांकन के लिए प्रोजेक्ट का निर्धारण परिशिष्ट 'अ' में किया गया है।
परिशिष्ट 'अ' में कक्षा पांचवी विषय गणित हेतु सुझावातमक प्रोजेक्ट कार्यों की सूची दी गई है जो इस प्रकार है-
1. एक बड़े क्षेत्र को छोटे कागज पर दिखाएँ, हर हिस्से को एक निश्चित अनुपात में कम करें, जैसे- अपने आस-पास या गाँव का नक्शा बनाएँ, जिसमें सभी तरफ के रास्तों को दिखाएँ, इनमें देखें कौन-सी सड़कें आपस में सबसे बड़ा कोण बनाती हैं, इसमें यह भी देखें कौन-सी सड़कें आपस में समकोण बनाती है।
2. अपने शाला प्रांगण या घर के प्रांगण में बैठकर यह देखें कि सामने की सड़क पर कौन-कौन सी गाड़ियाँ निकल रही हैं। किन्हीं एक घंटे की अवधि में निकलने वाली गाड़ियों की एक तालिका बनाएँ और उसे टैली चिन्ह से प्रदर्शित करें। देखें कि सड़क पर सबसे अधिक कौन-सी गाड़ी निकलती है और इन गाड़ियों के निकलने का कारण क्या है, उसे अपनी रिपोर्ट में अंकित करें।
3.किसी गिलास में कुछ पानी लेकर उसके ऊपरी स्तर पर शून्य का निशान लगाएँ। अब इस गिलास में पाँच छोटे-छोटे कंचे डालें, देखें पानी का स्तर कितना बढ़ा है, उसे स्केल से सेन्टीमीटर में नोट करें। अब देखें कि पाँच कंचों का आयतन कितना होता है। उसको अपने प्रोजेक्ट रिपोर्ट में लिखें।
4. बच्चे परिवेश में गणित तथा 5वीं की पाठ्यपुस्तकों में या घरों में लगे चित्रों को देखें और यह पता लगाएँ कि उनमें सममिति है, जरूरत पड़ें तो 6 रेखाएँ खींचकर 1/6 घुमाव का पता लगा सकते हैं, जो आकृति 1/6 घुमाव पर पहले जैसी दिखती है, उसको अपने प्रोजेक्ट रिपोर्ट में लिखें।
5. शिक्षक बच्चों को बोलें कि बच्चे किन्हीं दो भारतीय गणितज्ञों के नाम, जन्मतिथि का संग्रह करें और उनके द्वारा गणित में योगदान का संक्षिप्त विवरण लिखें।
प्रायोजना क्रमांक - 1
1. एक बड़े क्षेत्र को छोटे कागज पर दिखाएँ, हर हिस्से को एक निश्चित अनुपात में कम करें, जैसे- अपने आस-पास या गाँव का नक्शा बनाएँ, जिसमें सभी तरफ के रास्तों को दिखाएँ, इनमें देखें कौन-सी सड़कें आपस में सबसे बड़ा कोण बनाती हैं, इसमें यह भी देखें कौन-सी सड़कें आपस में समकोण बनाती है। हमने अपने ग्राम मेहरा पिपरिया की सड़क का नक्शा तैयार किया है जिसमें अवलोकन करने पर हम पाते हैं कि- 1. सबसे बड़ा कोण नहर के पास की मोड पर बनता है यहाॅं पुलिया बनी हुई है। यहाॅं अधिक कोण बनता है। 2. अपने शाला प्रांगण या घर के प्रांगण में बैठकर यह देखें कि सामने की सड़क पर कौन-कौन सी गाड़ियाँ निकल रही हैं। किन्हीं एक घंटे की अवधि में निकलने वाली गाड़ियों की एक तालिका बनाएँ और उसे टैली चिन्ह से प्रदर्शित करें। देखें कि सड़क पर सबसे अधिक कौन-सी गाड़ी निकलती है और इन गाड़ियों के निकलने का कारण क्या है, उसे अपनी रिपोर्ट में अंकित करें। 24 + 12 + 18 + 15 + 28 + 6 = 103 कुल संख्या 3. किसी गिलास में कुछ पानी लेकर उसके ऊपरी स्तर पर शून्य का निशान लगाएँ। अब इस गिलास में पाँच छोटे-छोटे कंचे डालें, देखें पानी का स्तर कितना बढ़ा है, उसे स्केल से सेन्टीमीटर में नोट करें। अब देखें कि पाँच कंचों का आयतन कितना होता है। उसको अपने प्रोजेक्ट रिपोर्ट में लिखें। हमने गिलास में पानी लेकर 0 अंकित कर दिया। इसके बाद 5 कंचे डाला। कंचे डालने के बाद हमने स्केल की सहायता से मापकर देखा।
पानी के आयतन में 1.5 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई। 4. बच्चे परिवेश में गणित तथा 5 वीं की पाठ्यपुस्तकों में या घरों में लगे चित्रों को देखें और यह पता लगाएँ कि उनमें सममिति है, जरूरत पड़ें तो 6 रेखाएँ खींचकर 1/6 घुमाव का पता लगा सकते हैं, जो आकृति 1/6 घुमाव पर पहले जैसी दिखती है, उसको अपने प्रोजेक्ट रिपोर्ट में लिखें। 1. हमारे परिवेश में मटका, दरवाजा, खिड़की, कुर्सी, बल्ब, गिलास, चम्मच पत्ती आदि वस्तुओं में सममिति देखने को मिलती है। 5. शिक्षक बच्चों को बोलें कि बच्चे किन्हीं दो भारतीय गणितज्ञों के नाम, जन्मतिथि का संग्रह करें और उनके द्वारा गणित में योगदान का संक्षिप्त विवरण लिखें। आर्यभट्ट - आर्यभट्ट सबसे पहले 'पाई' (π) का मान निश्चित किया और उन्होंने सबसे पहले 'साइन' (SINE) के 'कोष्टक' दिए। गणित के जटिल प्रश्नों को सरलता से हल करने के लिए उन्होंने ही समीकरणों का आविष्कार किया, जो पूरे विश्व में प्रख्यात हुआ। एक के बाद एक ग्यारह शून्य जैसी संख्याओं को बोलने के लिए उन्होंने नई पद्धति का आविष्कार किया। श्रीनिवास रामानुजन - श्रीनिवास रामानुजन को गणित के क्षेत्र के जीनियस में से एक माना जाता है। उनका जन्म 22 दिसम्बर, 1887 को भारत के तमिलनाडु के एक छोटे से गाँव में हुआ था। उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है। हाईस्कूल में वे सभी विषयों में बहुत अच्छा करते थे। 1990 में उन्होंने ज्यामिति और अंकगणित श्रृंखला में अपने गणित पर काम करना शुरू किया। हालाँकि उनके पास गणित में कोई आधिकारिक प्रशिक्षण नहीं था, फिर भी वे उन समस्याओं को हल करने में सक्षम थे, जिन्हें अघुलनशील माना जाता था। उन्होंने अपना पहला पेपर 1911 में प्रकाशित किया। जनवरी 1913 में रामानुजन ने इंग्लैण्ड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में एक अंग्रेजी गणितज्ञ, जीएच हार्डी के साथ एक डाक बातचीत शुरू की और उनकी पुस्तक ऑर्डर्स ऑफ इन्फिनिटी की एक प्रति देखने के बाद एक पत्र लिखा। उन्होंने रामानुजन के काम को असाधारण पाया और 1914 में कैम्ब्रिज जाने के लिए उनके लिए व्यवस्था की। रामानुजन के कार्यों का विश्लेषण करने के बाद हार्डी ने कहा, 19वीं सदी के ब्रिटिश गणितज्ञ विलियम रॉक्स ने की अनंत श्रृंखला के मान की गणना करने की कोशिश की। 1873 में उन्होंने 7.7 दशमलव स्थानों तक के मान की गणना की। 1914 में रामानुजन के मॉड्यूलर समीकरण और सन्निकटन प्रकाशित किए, जिसमें न केवल एक, बल्कि 17 अलग-अलग श्रृंखलाएँ थीं, जो श्रृंखला के कुछ ही शब्दों की गणना करने के बाद बहुत तेजी से अभिसरित होंगी। गणित के क्षेत्र में भारत की क्या देन है?
गणित के क्षेत्र में भारत के आर्यभट्ट ने अक्षरों और संख्याओं के गुणों को दर्शाने के लिए अक्षरों का उपयोग करके स्थान मूल्य प्रणाली पर काम किया। उन्होंने नौ ग्रहों की स्थिति की खोज की और कहा कि ये ग्रह सूर्य के चारों और घूमते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एक वर्ष में दिनों की सही संख्या 365 हैं। इसे सुनें आर्य भट्ट एक महान गणितज्ञ और खगोल विज्ञानी थे। उन्होंने ही शून्य के सिद्धान्त का आविष्कार किया था। आज जिस क्षेत्र को खगोल नाम से जाना जाता है, यहीं पर आर्य भट्ट ने बीजगणित (अलजेबरा), रेखागणित (ज्यामेट्री) और त्रिकोणमिति (ट्रिगोनोमेट्री) के मूल सिद्धान्तों की रचना की थी। इसे सुनें आर्य भट्ट का भरत और विश्व के ज्योतिष सिद्धान्त पर बहुत प्रभाव रहा। है। भारत में सबसे अधिक प्रभाव केरल प्रदेश की ज्योतिष परम्परा पर रहा। आर्य भट्ट भारतीय गणितज्ञों में सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इन्होंने 120 आर्याछंदों में ज्योतिष शास्त्र के सिद्धान्त और उससे संबंधित गणित को सूत्र रूप में अपने आर्यभटीय ग्रंथ में लिखा है। आर्यभट्ट का जन्म 476 ईस्वी को पाटलीपुत्र (वर्तमान पटना, बिहार) में हुआ था। उन्होंने आर्यभटीय किताब की रचना की थी। प्रायोजना कार्य कक्षा पांचवी वार्षिक परीक्षा सत्र 2022-23 वैकल्पिक प्रश्न वार्षिक परीक्षा सत्र 2022-23 वार्षिक परीक्षा सत्र 2022-23 प्रश्न पत्र (हल सहित) I hope the above information will be useful and important.
2. बरघाट कान्हीवाड़ा रोड एवं मेहरा पिपरिया रोड के दोनों ओर समकोण बनता है। इसी तरह बरघाट कान्हीवाड़ा रोड एवं पखारा रोड के दोनों ओर समकोण बनता है।प्रायोजना क्रमांक - 2
पावनी ने एक घण्टे की अवधि में घर की सड़क के किनारे से खड़ी होकर गुजरती गाड़ी को गिना तथा उसने गाड़ी को टैली चिन्ह लगाया। इससे उसे हर तरह की गाड़ी को जल्दी से गिनने में मदद मिली।
पावनी द्वारा एक घण्टे में देखे गए वाहनों की कुल संख्या
सबसे ज्यादा बाइकों की संख्या है, क्योंकि सबसे अधिक लोग बाइक से अपने कार्य को करने अथवा ऑफिस, दुकान जाने वाले लोग थे।प्रायोजना क्रमांक - 3
प्रायोजना क्रमांक - 4
2. घर में लगे चित्रों में से हमने देखा की गमला, दीपक, फूल में सममिति है।
3. इसी तरह गणित की पुस्तक में वृत्त, वर्ग, आयत, त्रिभुज, षटकोण आदि में भी सममिति है।प्रायोजना क्रमांक - 5
वार्षिक परीक्षा हिन्दी विशिष्ट कक्षा 5वीं प्रोजेक्ट कार्य
40 अंग्रेजी जनरल वैकल्पिक प्रश्न
1. वार्षिक परीक्षा सत्र 2021-22 कक्षा 5 वी हिन्दी विशिष्ट का प्रश्न पत्र (हल सहित)
2. मॉडल प्रश्न पत्र वार्षिक परीक्षा- 2023 विषय हिन्दी विशिष्ठ कक्षा पांचवी
3. मॉडल प्रश्न पत्र वार्षिक परीक्षा- 2023 विषय गणित कक्षा पांचवी
4. [1] English मॉडल प्रश्न पत्र वार्षिक परीक्षा- 2023 कक्षा 5th
5. [2] English मॉडल प्रश्न पत्र वार्षिक परीक्षा- 2023 कक्षा 5th
6. पर्यावरण मॉडल प्रश्न पत्र वार्षिक परीक्षा- 2023 कक्षा 5th
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com
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