कक्षा 6 हिन्दी "विविध प्रश्नमाला– 1" के समस्त प्रश्नों के सटीक उत्तर (पाठ 1, 2, 3, 4, 5 व 6 पर आधारित) || Vividh prashnamala 1 6th Hindi
वैकल्पिक प्रश्न
प्रश्न 1. निम्नलिखित विकल्पों में से सही चुनकर लिखिए—(क) चीनी दार्शनिक थे—
(i) लुकमान
(ii) कन्फ्यूशस
(iii) शास्त्री जी
(iv) न्यूटन।
उत्तर—(ii) कन्फ्यूशस (ख) महानगरों में गगन चूमते खड़े हैं―
(i) पहाड़
(ii) वृक्ष
(iii) भवन
(iv) खम्बे
उत्तर—(iii) भवन (ग) उज्जयिनी के सम्राट का नाम था—
(i) कालिदास
(ii) विक्रमादित्य
(iv) राजा भोज
(iii) शिवाजी
उत्तर—(ii) विक्रमादित्य (घ) सफलता शब्द में 'ता' है—
(i) उपसर्ग
(ii) प्रत्यय
(iii) क्रिया
(iv) सर्वनाम
उत्तर—(ii) प्रत्यय (ङ) 'सूर्य' का पर्यायवाची शब्द है—
(i) मयंक
(ii) भास्कर
(iii) इन्दु
(iv) रज।
उत्तर—(ii) भास्कर प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए—
(क) महाभारत युद्ध वाणी के प्रयोग का ही परिणाम था।
(ख) बाबा भारती अपने घोड़े को सुल्तान कहकर पुकारते थे।
(ग) धन के कोष भरने के बाद भी मनुष्य को संतोष नहीं है।
(घ) 'विशेष' शब्द में वि उपसर्ग है।
(ङ) 'मीठी बोली' शब्द में मीठी विशेषण है। प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए—
(क) स्वतन्त्रता संग्राम में शत्रु की दशा कैसी थी?
उत्तर— स्वतन्त्रता संग्राम में माँ भारती के वीर सपूतों को साहस व पराक्रम को देखकर शत्रु काँपने लगते हैं।
(ख) अपना घोड़ा वापस पाकर बाबा भारती ने क्या कहा?
उत्तर— अपना घोड़ा वापस पाकर बाबा भारती ने सन्तोष की साँस ली और बोले कि अब कोई गरीबों की सहायता से मुँह नहीं मोड़ेगा
(ग) जन-सेवा का भाव क्यों समाप्त हो रहा है?
उत्तर— जन सेवा का भाव इसलिए समाप्त हो रहा है, क्योंकि जो शिक्षा दी जा रही है वह संस्कारविहीन है जिससे लोगों में चिन्तन की गहराई और विस्तृतता नहीं है।
(घ) संज्ञानन्द की पत्नी का नाम क्या था?
उत्तर— संज्ञानन्द की पत्नी का नाम क्रियादेवी था।
(ङ) खाई कुएँ से कवि का क्या आशय है?
उत्तर— खाई कुएँ से आशय है श्रेष्ठ वीरों के मार्ग में सब ओर कठिनाई और बाधाएँ होती हैं।
(च) पतित-पावनी किसे कहा गया है?
उत्तर—पतित-पावनी शब्द 'गंगा माता' के लिए कहा गया है। प्रश्न 4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में दीजिए—
(क) शास्त्रीजी ने अपनी पत्नी को कौन-कौन सी पंक्तियाँ सुनायीं और क्यों?
उत्तर— शास्त्रीजी ने अपनी पत्नी को निम्नलिखित पंक्तियाँ सुनायी—
"कुदरत को नापसन्द है सख्ती जबान में,
इसलिए तो दी नहीं हड्डी जबान में,
जो बात कहो, साफ हो, सुथरी हो, भली हो।
कड़वी न हो, खट्टी न हो, मिश्री की डली हो।"
इन पंक्तियों को सुनकर उनकी पत्नी का क्रोध सदा के लिए समाप्त हो गया। इसी उद्देश्य से शास्त्रीजी ने उपर्युक्त पंक्तियाँ अपनी पत्नी को सुनायी। (ख) खड्गसिंह ने बाबा भारती का घोड़ा वापिस क्यों कर दिया? समझाइए।
उत्तर— खड्गसिंह ऊपर बाबा भारती के इस कथन का कि "लोगों के सामने इस घटना को प्रकट न करना क्योंकि उन्हें इस घटना का पता लग गया, तो वे किसी गरीब पर विश्वास नहीं करेंगे।" बहुत प्रभाव पड़ा। वह सोचने लगा कि बाबा को के घोड़े के छीन लेने का कोई कष्ट नहीं है, उन्हें तो केवल यही ख्याल रहा कि कहीं लोग गरीबों पर विश्वास करना न छोड़ दें। यह बात खड्गसिंह के कानों में बराबर गूँजती थी। इस बात से प्रभावित होकर कि बाबा भारती कोई सामान्य आदमी नहीं, यह तो निश्चय ही कोई देवता हैं, बाबा भारती के घोड़े को वापिस ह कर दिया। खड्गसिंह का हृदय परिवर्तन हो चुका था। उसकी आँखों में नेकी के आँस भर आए। (ग) अगस्त्य ऋषि का उल्लेख कवि ने क्यों किया है?
उत्तर— कवि ने भारतीय वीरों में अपने निश्चय की दृढ़ता को बनाए रखने और अपने उद्देश्य से न डिगने के लिए अगस्त्य ऋषि का उल्लेख किया है। अगस्त्य ऋषि ने अपने हाथों की अंजलि जैसे छोटे साधन से विशाल समुद्र को पीकर उसके घमण्ड को चूर कर दिया था, अतः पक्के इरादों वाले हे वीरवरो ! तुम भी विपत्तियों पर विजय पाकर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हो। (घ) 'अपना हिन्दुस्तान कहाँ है?' कवि ने यह प्रश्न क्यों किया?
उत्तर— 'अपना हिन्दुस्तान कहाँ है? यह प्रश्न कवि ने उचित ही किया है क्योंकि भूमण्डलीकरण के इस युग में हिन्दुस्तानीपन, अपनी जीवन शैली, अपनी सोच,अपनी शैक्षिक प्रणाली, शिक्षा की विस्तृतता, गम्भीरता इत्यादि सभी समाप्त हो चुकी हैं। पारिवारिकता संघीय सोच वैवाहिक संस्थाएँ सब की सब बदल चुकी हैं। धन के लालच में लोगों के पारिवारिक सम्बन्ध टूट चुके हैं। टेलीफोन पर बातचीत करके ही किसी भी तरह की जानकारी ली जाती है। भारत से वैदिककालीन शिक्षा समाप्त है। मन्त्रों की घोष यन्त्रों की आवाज तले लुप्त हो गयी है। हमारी चिन्तन शैली भी सीमित हो चुकी है। शिक्षा संस्कारविहीन हो चुकी है। हनुमान की योगपरक शक्ति, राम की मर्यादा को भुला दिया है। कवियों और साहित्यकारों को समाज और शासन द्वारा सम्मान प्राप्त नहीं है। देश में तुलसी, सूर, निराला, दिनकर, रहीम और रसखान जैसे जनकवियों का अभाव है। गीतों और कविता में मधुमास की सरसता, श्रेष्ठ, काव्य सृजन की शक्ति का ह्रास हो चुका है। इन सभी बातों को सोचकर कवि ने 'अपना हिन्दुस्तान कहाँ है ?' कहकर उचित समय पर प्रश्न उठाया है। हिन्दुस्तानीयत की रक्षा के सवाल का उत्तर ही भारत राष्ट्र को सुदृढ़ता, सुसम्पन्नता से संयुक्त कर सकता है। प्रश्न 5. निम्नांकित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए—
(क) हो अगस्त्य, क्या कठिन सुखाना, बाधा का दुर्दम सागर।
सम्हल सम्हल कर चलो वीरवर, तलवारों की धारों पर।।
उत्तर— हे वीरवरो! तुम्हें अगस्त्य ऋषि के समान बन जाना चाहिए जिससे बाधाओं के दुर्दमनीय (कठिनाई से वश में किए जाने वाला) सागर को भी वश में करना तुम्हारे लिए बिल्कुल भी कठिन नहीं होगा। अतः हे श्रेष्ठ वीरो! तुम्हें सम्हल कर तलवार की धार पर चलना है (चुनौतीपूर्ण कार्य करना है।) (ख) कविकुल गुरु की सृजन शक्ति का,यह पावन संस्कार कहाँ है?
फूहड़ गीतों में खोया जो, वह मधुरस श्रृंगार कहाँ है?
उत्तर— आज कविकुल गुरु कालिदास की सी काव्य रचना करने की शक्ति पैदा करने के पवित्र संस्कार कहाँ छिप गए हैं। मिठास भरा श्रृंगार रस तो आज के फूहड़ गीतों में खो गया है। मन में उत्साह भर देने वाली कविता की धारा ही कहीं विलुप्त हो गई है। प्रश्न 6. निम्नांकित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए—
(क) वाणी तो सभी को मिली हुई है, परन्तु बोलना किसी-किसी को ही आता है।
आशय (उत्तर)— लेखक का कथन है कि वाणी (जीभ) सभी को प्राप्त है परन्तु उससे बोलना तो किसी-किसी को ही आता है। बहुत कम लोग बोलना जानते है। (ख) बाबाजी भी मनुष्य ही थे। अपनी वस्तु की प्रशंसा दूसरे की के मुख से सुनने के लिए उनका हृदय अधीर हो गया।
आशय (उत्तर)— बाबा भारती भले ही सन्यासी थे लेकिन थे तो मनुष्य ही अपनी चीज की तारीफ सबको अच्छी लगती है खड़क सिंह के मुख से अपने घोड़े की तारीफ सुनने की चाह उनके मन में जाग उठी। (ग) अब संसार की कोई आकांक्षा मुझे इस स्थान से नहीं हटा सकती, क्योंकि यह मेरा प्यारा देश है और यही मेरी मातृभूमि है। बस, मेरी उत्कट इच्छा यही है कि मैं अपनी प्यारी मातृभूमि में ही अपने प्राण विसर्जन करूँ।
आशय (उत्तर)— लेखक का मन अपनी मातृभूमि के प्रेम में रंग गया है। उसके अन्दर किसी भी अन्य वस्तु को याद करने की अब कोई इच्छा नहीं रह गई है, जिसे प्राप्त करने के लिए वह अपनी मातृभूमि का त्याग कर सके। उसे उसकी मातृभूमि मिल गई है। वह उसकी मातृभूमि ही उसका प्यारा मातृदेश है। उसकी यह हार्दिक इच्छा की है कि वह अपने जीवन के शेष समय को यहीं रहकर व्यतीत ब्त करे तथा जिस मातृभूमि ने उसे जन्म दिया, जिसका अन्न-जल खा-पीकर बड़ा हुआ, उसी मातृभूमि की पवित्र गोद में रहकर अपने जीवन की इहलीला समाप्त करे अपनी प्यारी भूमि में जन्म लेकर उसी की गोद में अपने प्राण त्याग करे। प्रश्न 7. 'हार की जीत' कहानी के अनुरूप हृदय परिवर्तन करने वाली कोई कहानी लिखिए।
उत्तर— विद्यार्थीगण स्वयं हार की जीत' कहानी के अनुरूप हृदय परिवर्तन करने वाली कोई कहानी लिखें। प्रश्न 8. निम्नलिखित अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए—
"हिन्दू होते हुए भी शिवा के लिए सभी धर्म पूज्य है। इस्लाम के पवित्र स्थान, उसके पवित्र ग्रन्थ सम्मान की वस्तुएँ हैं। शिवा, हिन्दू और मुसलमान प्रजा में कोई भेद नहीं समझता। वह देश में हिन्दू राज्य नहीं, सच्चे स्वराज्य की स्थापना चाहता है। आतताइयों से सत्ता का अपहरण कर उदारचेताओं के हाथों में अधिकार देना चाहता है। फिर पर-स्त्री ! अरे ! पर-स्त्री तो हर एक के लिए माता के समान है।"
(1) सभी धर्म किसे पूज्य हैं?
उत्तर—(1) शिवा हिन्दू है लेकिन उसके लिए सभी धर्म पूज्य है।
(2) शिवा कैसे राज्य की स्थापना करना चाहता है?
उत्तर— शिवा सच्चे स्वराज्य की स्थापना करना चाहता है।
(3) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
उत्तर—'शिवा की उदारता'।
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मॉडल प्रश्न पत्र कक्षा 6 सत्र 2022-23 (हल सहित)
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6. [1] मॉडल प्रश्नपत्र विषय सामाजिक विज्ञान (हल सहित) कक्षा 6 वार्षिक परीक्षा 2023
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9. मॉडल प्रश्नपत्र विषय संस्कृत (हल सहित) कक्षा 6 वार्षिक परीक्षा 2023
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