पेंशन से आशय एवं पात्रता ||शासकीय सेवकों को मिलने वाली पेंशन के प्रकार || Meaning of Pension
पेंशन से आशय - वह मासिक धनराशि है जो शासकीय सेवक को उसकी सेवानिवृत्ति / मृत्यु के बाद सेवा में बिताए समय के बदले में शासन के द्वारा दी जाती है। पेंशन अतीत की सेवा के प्रतिफल के रूप में संरक्षित भुगतान है। इसलिए पेंशन भोगी को पेंशनरी स्वत्वों से वंचित नहीं रखा जा सकता है। 10 वर्ष या इससे अधिक की सेवा पूर्ण करने पर ही पेंशन की पात्रता होती है। उससे कम होने पर शासकीय सेवक को केवल उपदान की ही पात्रता होती है। अतः पेंशन के लिये न्यूनतम सेवा 10 एवं अधिकतम सेवा 33 वर्ष तक ही मान्य की जाती है।
अतः निम्नांकित तीन कारण पेंशन की गणना में महत्वपूर्ण होते हैं :
(क) शासकीय सेवक की अर्हतादायी सेवा की अवधि।
(ब) पेंशन हेतु गणना में शामिल की जाने वाली उपलब्धियाँ।
(स) सेवानिवृत्ति दिनांक पर लागू पेंशन गणना का सूत्र।
पेंशन के प्रकार
म.प्र. सिविल सेवा पेंशन नियम 76 में नियम 32 से 38 तक पेंशन के विभिन्न प्रकार है। जिनमें -
(क) अधिवार्षिकी पेंशन।
(ख) निवृत्तमान पेंशन।
(ग) असमर्थता पेंशन।
(घ) क्षतिपूरक पेंशन।
(ङ) अनिवार्य सेवानिवृत्ति पेंशन तथा अनुकम्पा पेंशन।
(च) अंशदायी पेंशन।
(क) अधिवार्षिकी पेंशन - शिक्षकों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए 62 तथा अन्य कर्मचारियों की दशा में 60 वर्ष की सेवा से निवृत्ति पर देय पेंशन अधिवार्षिकी पेंशन होती है।
(ख) सेवानिवृत्तमान पेंशन - यह पेंशन उस समय स्वीकृत की जाती है जब शासकीय सेवक अधिवार्षिकी आयु पूर्ण करने के पूर्व ही एक माह के नोटिस अथवा उसके समतुल्य वेतन भत्ते के समर्पण भुगतान के आधार पर स्वेच्छा से अथवा शासन द्वारा अनिवार्य सेवानिवृत्त हो।
(ग) असमर्थता पेंशन - यदि कोई शासकीय सेवक शारीरिक अथवा मानसिक अशक्तता अथवा शारीरिक से रूग्णता के कारण शासकीय सेवा के लिए अस्थायी रूप से असमर्थ हो तो सक्षम अधिकारी द्वारा प्रदत्त चिकित्सा प्रमाणपत्र के आधार पर असमर्थता पेंशन स्वीकृत की जाती है।
(घ) क्षतिपूरक पेंशन - यदि किसी शासकीय सेवक को पद या स्थापना की समाप्ति के कारण सेवामुक्त कर दिया जाता है तो उसे क्षतिपूरक पेंशन स्वीकृत की जाती है।
(ङ) अनिवार्य सेवानिवृत्ति पेंशन - जब शासकीय सेवक को दण्ड स्वरुप अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाय तो यह पेंशन/उपदान स्वीकृत हो सकता है ऐसी पेंशन 2/3 से कम तथा क्षतिपूरक पेंशन से अधिक नहीं होगी परन्तु यह न्यूनतम पेंशन से भी कम नहीं होगी। शासकीय सेवक को सेवा से हटाने या निकालने पर उसे पेंशन की पात्रता नहीं होती परन्तु सक्षम अधिकारी विशेष प्रकरण में अनुकम्पा भत्ता स्वीकृत कर सकता है। यह क्षतिपूरक पेंशन के 2/3 से अधिक नही व न्यूनतम पेंशन से कम नहीं होगा।
(च) अंशदायी पेंशन - नवीन अंशदायी पेंशन योजना दिनांक 01/01/2005 अथवा इसके बाद नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को परिभाषित अशंदान पेंशन प्रणाली लागू होती है। इस पेंशन योजना से संबंधित लेख को इस लिंक 👉 "न्यू पेंशन स्कीम नियमावली" पर क्लिक करके पढ़ें।
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