कर्मचारियों हेतु गृह भाड़ा भत्ता - पात्रता, अपात्रता एवं दरें || House Rent Allowance for Employees (Madhya Pradesh)
[A] गृह भाड़ा भत्ते की पात्रता
(क) गृह भाड़ा भते की पात्रता केवल उन्हीं कर्मचारियों को है, जो उसी नगर (शहर) अथवा कस्बे में रहते हैं, जहाँ उनका कार्यालय स्थित है। (उसी नगर से आशय नगर निगम या नगरपालिका की सीमा में)
(ख) गृह भाड़ा भत्ता उन्हीं को देय है जो ऐसे नगर अथवा कस्बे में किराये का मकान लेकर रह रहे हैं अथवा वे स्वयं के मकान में या अपनी पत्नी के या अपने बच्चों के या पिता या माता के मकान में रहते हों।
(ग) स्थाई या अस्थाई दोनों प्रकार के कर्मचारियों को मकान किराया भत्ता देय है।
(घ) यह मकान किराया भत्ता उन्हें देय नहीं है जिन्हें निःशुल्क आवास उपलब्ध कराया गया है या निःशुल्क आवास के बदले मकान किराया भत्ता प्राप्त होता है, अथवा जो शासन द्वारा आवंटित मकानों में निवास करते हैं।
(ङ) गृह भाड़ा भत्ता शासन द्वारा समय-समय पर घोषित दरों पर मिलता है।
(च) इसको प्राप्त करने के लिये सबूत के तौर पर किराये की रसीद प्रस्तुत करना आवश्यक नहीं।
(छ) प्रथम बार मंजूर कराने के लिये प्रपत्र 'अ' में एक घोषणा पत्र कार्यालय में देना पड़ता है। जो अपने स्वयं के मकान में रहते हैं उन्हें प्रपत्र 'ख' पर घोषणा पत्र देना पड़ता है।
(ज) इस भत्ते को मंजूर करने के लिए कार्यालय प्रमुख सक्षम है।
(झ) शासकीय सेवक यदि शासन द्वारा आवंटित मकान स्वेच्छा से इंकार कर स्वयं के मकान में रहे अथवा शासकीय सेवक यदि आवंटित सरकारी आवास को खाली कर स्वयं के मकान में रहने चला जाए तो भी गृह भाडा भते का वह हकदार होगा। स्वयं के मकान के बजाय किराये के आवास में रहना चाहे तो रह सकता है, उसे भी मकान किराया भत्ता की पात्रता होगी। किन्तु यह सुविधा उन्हें उपलब्ध नहीं होगी जिन्हें नियमानुसार निःशुल्क आवास की पात्रता है और उन्हें ऐसा आवास उपलब्ध काया गया है। यदि शासन उन्हें ऐसा आवास उपलब्ध नहीं करा पाता है तो ही उन्हें गृह भाड़ा भत्ते की पात्रता होगी। (ञ) इसी प्रकार यदि किसी कर्मचारी को सरकारी आवास ear-marked है (किराया रहित अथवा किराया सहित) और वह उसे आवंटित किया जाता है तो वह उसे अनिवार्यतः लेना होगा अन्यथा उसे किसी प्रकार के गृह भाड़ा भत्ते की पात्रता नहीं होगी। (क) ऐसे सभी शासकीय सेवक जिन्हें बाजार दर पर आकस्मिकता निधि से वेतन प्राप्त होता है। वेतन में सम्मिलित है, मूल वेतन, विशेष वेतन तथा व्यक्तिगत कोई हो।
दिनांक 1-11-2011 से देय संशोधित दर से गृह भाड़ा भता के लिए पे बैंड में वेतन ग्रेड पे के योग पर गृह भत्ता प्राप्त होगा। (क) असाधारण अवकाश को छोड़कर, सभी प्रकार के अवकाश काल के दौरान मकान किराया भत्ता आहरित किया जा सकता है। (क) निलंबन काल में इसका नियमन मूल नियम 19 (1) (b) के अनुसार किया जायगा। नव नियुक्त या सेवा से हटने वाले कर्मचारियों के मामले में उन व्यक्तियों के मामले में जहाँ कोई किसी माह के दौरान नियुक्त किया गया है, सेवा से निकाल दिया गया है या जिस त्याग-पत्र दे दिया है, तो गृह भाड़ा भते की पात्रता उतने दिनों के लिए ही होगी जितने दिन उसने क किया है। स्थानान्तरण के मामले में व्यक्ति जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरण पर है, उपस्थिति दिनांक से या पद का भार त्यागने के दिनांक तक पात्रतानुसार भत्ते के पात्र होंगे। यदि कोई किसी माह में यदि भिन्न दरों से वेतन प्राप्त करता है तो भत्ते की पात्रता वेतन के दर पर आधारित होगी अर्थात् जिस से जितने दिन का वेतन लिया उस वेतन की दर पर भत्ता मिलेगा। (क) यदि परिवार के एक है अधिक सदस्य (उदाहरणार्थ पति, पत्नी, पुत्र, साली इत्यादि) शासकीय सेवक हैं तथा एक ही मकान में रहते हैं चाहे वह किराये पर लिया गया हो या स्वयं का हो, गृह भाड़ा भत्ता उनमें से केवल एक ही देय होगा। यदि मकान किराये पर लिया गया है तो भत्ता उसी को मिलेगा जिसने मकान को पर लिया है, तथा स्वयं के मकान के बारे में भवन के स्वामी को। यदि मकान को परिवार के सदस्य के द्वारा किराये पर लिया गया है जो शासकीय सेवक नहीं है तो किसी को भत्ते को पात्रता 1 होगी। यदि भवन का स्वामी परिवार का ऐसा सदस्य है जो शासकीय सेवा में नहीं है तो किराया कि भी शासकीय सेवक के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। (ख) जहाँ परिवार के एक से अधिक सदस्य जो कि सभी शासकीय सेवक है उस मकान एक साथ रहते हैं जिसे सभी ने मिलकर अधिगृहीत किया है, गृह भाड़ा भत्ता किसी एक के द्वारा लिया जायेगा। (ग) एक ही परिवार के सदस्य जो एक साथ एक ही मकान में रहते हैं, उनमें से कोई एक शासकीय सेवक हो तथा दूसरा कोई शासकीय संस्था/संघ/निगम/मंडल/बैंक कर्मचारी है तो उनमें से किसी एक को हो भत्ते की पात्रता होगी। (क) पुनर्नियुक्त पेंशनभोगी के मामले में जिसे वेतन के साथ-साथ पेंशन आहरित करने की अनुमति दे दी गई है. इस भते का पात्र होगा। ऐसे सभी मामलों में भत्ते की गणना निम्नानुसार रीति से की जावेगी -
(अ) भते की गणना वेतन + पेंशन पर की जायगी। (ख) कोई शासकीय सेवक जो किसी विदेशी सरकार (बर्मा, सीलोन, पाकिस्तान) से राज्य सरकार से प्राप्त वेतन के अलावा पेंशन प्राप्त कर रहा है, वह राज्य सरकार से केवल वेतन के आधार पर भत्ता प्रप्त करेगा। जिनका वेतन स्थापना वेतन देयकों पर आहरित होता है, कार्यालय प्रमुख (दोनों के लिए चाहे राजपत्रित हों या अराजपत्रित)। जो किराये के मकान में रह रहे हैं, वे प्रपत्र "अ" पर तथा जो स्वयं के मकान में रह रहे हैं वे प्रपत्र- "ब" में एक घोषणा पत्र प्रस्तुत करें। यह भत्ता प्रत्येक माह वेतन के साथ दिया जाता है। वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ-11-12/ 2010/नियम/चार, दिनांक 1 सितम्बर, 2012 के अनुसार दिनांक 1-11-2011 से निम्नानुसार दरों पर गृह भाड़ा भत्ता स्वीकृत किया गया है - (अ) 7 लाख से अधिक आबादी वाले नगरों में निवासरत कर्मचारियों/अधिकारियों हेतु - 10 प्रतिशत (अ) 5 लाख से अधिक - भोपाल, इन्दौर, जबलपुर एवं ग्वालियर। गृह भाड़े की गणना के लिए वेतन से तात्पर्य पुनरीक्षित वेतनमान, 2009 में पे बैण्ड में निर्धारित वेतन तथा ग्रेड पे का योग से है। यह आदेश यू.जी.सी. तथा ए.आई.सी.टी.ई. वेतनमानों में वेतन आहरित करने वाले तथा कार्यपालिक तथा आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारियों की सेवा के सदस्यों पर भी लागू होंगे। (क) जिन्हें शासकीय आवास गृह आवंटित किया गया है अथवा जो किराया रहित शासकीय आवास गृहों में रहते हों अथवा जिन्हें आवास गृह के बदले कोई भत्ता प्राप्त होता हो। टीप -
(क) शहरों की जनसंख्या का आधार वर्ष 2001 की जनसंख्या होगा। चिकित्सकों को निजी प्रेक्टिस के बदले मिलने वाला अव्यवसायिक भत्ता गृह भाड़ा भत्ता की गणना के लिए हिसाब में लिया जाएगा। मप्र शासन, वित्त विधान के ज्ञापन क्रमांक एफ 4-1/2007/नियम/चार, दिनांक 19-2-2007 के द्वारा लिए गये निर्णयानुसार मप्र शासन के दिल्ली एवं मुम्बई स्थित कार्यालयों में पदस्थ कर्मचारियों को दिनांक 1 जनवरी 2007 से मूल वेतन का 30 प्रतिशत की दर से गृह भाड़ा भत्ता देय होगा। महत्वपूर्ण - मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों के गृह भाड़ा भत्ता की दरों के संबंध में सही एवं अंतिम जानकारी के लिए शासन की गाइडलाइन एवं दिशा निर्देशों को ही मान्य करें। इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें। इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें। इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें।[B] किन्हें पात्रता नहीं
(ख) समस्त अस्थाई सेवक जिनका वेतन चालू बाजार दर पर निर्धारित होता है।
(ग) जिन्हें शासकीय आवास इयर-मार्कड है, किन्तु वे उसमें नहीं रहते हैं।
(घ) ऐसे सभी शासकीय सेवक जो अनुसूचित क्षेत्रों में पदस्थ हैं, तथा वहाँ स्वीकृत दरों पर भाड़ा भत्ता प्राप्त कर रहे हैं।
(ङ) यह भत्ता उन्हें देय नहीं होगा, जिन्हें भाड़ा मुक्त आवास की सुविधा उपलब्ध की है अथवा ऐसी सुविधा के बदले मकान किराया भत्ता दिया जाता है (जैसे पुलिस विभाग में)।
(च) अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी।[C] वेतन से आशय
[D] अवकाश काल में भत्ते की पात्रता
(ख) अवकाश काल में यह अवकाश वेतन की दर पर आधारित होगा।[E] निलंबन काल में भत्ते की पात्रता
(ख) यदि सक्षम अधिकारी के द्वारा लोक हित में किसी शासकीय सेवक का मुख्यालय निर अवधि में बदल दिया जाता है तो नये मुख्यालय पर वहाँ की दर से देय होगा, बशर्ते वह वांछित पत्र प्रस्तुत करे।[F] नव नियुक्त या सेवा से हटने पर
[G] स्थानान्तरण की स्थिति में
[H] एक ही माह में भिन्न दर पर वेतन होने पर भत्ते की गणना
[I] परिवार में एक से अधिक सदस्य होने की स्थिति में
[J] पुनर्नियुक्त पेंशनभोगी के मामले में
(ब) इस गणना के प्रयोजनार्थ पेंशन संराशिकरण के पूर्व की पेंशन ली जायगी। यदि पुनर्नियुक्ति की शर्तों के मुताबिक पेंशन के किसी अंश को स्थगित किया गया है तो वह कम होगा।[K] स्वीकृति हेतु सक्षम प्राधिकारी
[L] स्वीकृति की प्रक्रिया
[M] भुगतान की विधि
[वित्त विभाग क्रमांक E.B. 11/1/87/ R-II / IV, दिनांक 15 जून, 1987][N] गृह भाड़ा भत्ते की संशोधित दरें
(ब) 3 लाख से 7 लाख तक की आबादी वाले नगरों में निवासरत कर्मचारियों/अधिकारियों हेतु - 7 प्रतिशत
(स) 50,000 से अधिक परन्तु 3 लाख से कम आबादी वाले नगरों में निवासरत कर्मचारियों/अधिकारियों हेतु - 5 प्रतिशत
(द) 50,000 से कम आबादी वाले नगरों में निवासरत कर्मचारियों/अधिकारियों हेतु - 3 प्रतिशतआबादी के अनुसार नगरों का वर्गीकरण
(ब) 2 लाख से 5 लाख - उज्जैन, सागर, देवास, सतना एवं रतलाम।
(स) 50,000 से अधिक - बुरहानपुर, मुडवारा-कटनी, सिंगरोली, रीवा, खण्डवा, भिण्ड, मुरैना, शिवपुरी, गुना, विदिशा, छिन्दवाड़ा, मन्दसौर, दमोह, नीमच, छतरपुर, होशंगाबाद, नागदा, सारणी, इटारसी, सिहोर, सिवनी, खरगोन, महू बैतूल दतिया, शहडोल, धार, बालाघाट, टीकमगढ़, पीथमपुर, जबलपुर, कैट, जावरा, बासोदा, हरदा, अशोकनगर डबरा, श्योपुरकलां, बीना एवं शाजापुर।
(द) 50,000 से कम - सभी नगर / स्थान।बढ़े हुए गृह भाड़ा भत्ते की पात्रता इन्हें नहीं होगी
(ख) अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी।
(ग) संविदा अथवा तदर्थ अथवा दैनिक वेतन के आधार पर नियुक्त कर्मचारी।
(ख) गृह भाड़ा भत्ते की पात्रता एवं मंजूरी की प्रक्रिया मूल आदेश दिनांक 16-4-1987 तथा 15-6-1987 में उल्लेखित शर्तों के अनुसार होगी।
[वित्त विभाग क्र. एफ 11-12/2010/नियम/चार, दिनांक 9-11-2012 तथा दिनांक 1-11-2011 से लागू][O] दिल्ली एवं मुम्बई में पदस्थ कर्मचारियों को गृह भाड़ा भत्ता
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1. नियुक्ति में प्राथमिकता एवं आयु सीमा में छूट
2. विद्यालयों में शिक्षक छात्र अनुपात
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com
(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)
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